कर्मचारियों को पदोन्नति के लिए मिलेगा शिथिलीकरण का लाभ
स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं व पर्यवेक्षकों को मिला जिला परिवर्तन करने का मौका, दिवाली से पहले मांग पूरी

देहरादून। प्रदेश सरकार ने दीपावली से पहले राज्य सेवा के कर्मचारियों को पदोन्नति के लिए सेवा की दोहरी शर्त में शिथिलीकरण नियमावली में छूट दे दी है। वहीं सुपरवाइजर के 50 प्रतिशत पद आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से भरने और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं व पर्यवेक्षकों को पूरे सेवाकाल में एक बार दूसरे जिले में स्थानांतरण की अनुमति भी दे दी है।
सचिवालय में सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में आठ फैसले लिए गए। सचिव शैलेश बगौली ने बताया कि कैबिनेट ने राज्य सेवा के कर्मचारियों की पदोन्नति के लिए अर्हकारी सेवा में शिथिलीकरण की नियमावली में संशोधन को मंजूरी दे दी है। कई विभागों में पदोन्नति के लिए दोहरी शर्त होने से कर्मचारियों को पदोन्नति का लाभ नहीं मिल रहा था। संशोधन के बाद अब एक सेवा से दूसरी सेवा में जाने वाले कर्मचारियों को पदोन्नति में शिथिलीकरण का लाभ मिलेगा।
वहीं, महिला एवं बाल विकास विभाग में अधीनस्थ सुपरवाइजर सेवा नियमावली में संशोधन को भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। सुपरवाइजर के 50 प्रतिशत पदों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की पदोन्नति होगी और 50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से भरे जाएंगे। वर्तमान में सुपरवाइजर के पद पर 40 प्रतिशत आगनबाड़ी कार्यकर्ता व शेष 10 प्रतिशत पर मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की पदोन्नति की जाती है। लेकिन केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश से मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को उच्चीकृत किया जाएगा।
इसके अलावा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग में कार्यरत स्वास्थ्य कार्यकर्ता व पर्यवेक्षक की सेवा नियमावली में संशोधन की कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। अब पांच साल की सेवा के बाद स्वास्थ्य कार्यकर्ता व पर्यवेक्षक को पूरे सेवाकाल में एक जिले से दूसरे जिले में स्थानांतरण का मौका मिलेगा। लेकिन नए स्थान में जाने पर जिला कैडर में सबसे जूनियर होंगे। इसके अलावा खाली पद उपलब्ध होने पर पहाड़ से पहाड़ में और मैदानी जनपदों से पर्वतीय जनपदों में स्थानांतरण किया जा सकेगा। इसके लिए विभाग की ओर से मानक तैयार किए जाएंगे। कैबिनेट ने मुख्यमंत्री की ओर से पूर्व में विचलन के माध्यम से विधानसभा का सत्रावसान किए जाने के संबंध में लिए गए निर्णय को भी स्वीकृति दे दी है।
ये फैसले भी हुए
रायपुर फ्रीज जोन में छोटे निर्माण की अनुमति
विधानसभा परिसर बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने रायपुर व उसके समीप क्षेत्रों में निर्माण व जमीन की खरीद पर रोक लगाने के लिए फ्रीज जोन घोषित किया था। इससे कई लोग आवासीय भवन का निर्माण नहीं कर पा रहे थे। सरकार ने फ्रीज जोन में आंशिक संशोधन कर छोटे घरों व दुकानों के निर्माण की अनुमति दे दी है। इसके मानक आवास विकास विभाग तय करेगा।
नेपाल, भूटान व तिब्बत के लोगों को विवाह पंजीकरण में आधार कार्ड में छूट
कैबिनेट में समान नागरिक संहिता के तहत ऑनलाइन विवाह पंजीकरण में संशोधन को मंजूरी दे दी है। यूसीसी में विवाह पंजीकरण के लिए आधार कार्ड की व्यवस्था है। लेकिन उत्तराखंड में नेपाली, भूटानी व तिब्बती मूल के लोगों से भी शादी होती है। ऐसे में आधार के अलावा अब नेपाल, भूटान के नागरिकों के लिए नेपाली व भूटानी नागरिकता प्रमाणपत्र व 182 दिनों से अधिक के प्रवास के लिए भारत में नेपाली मिशन व रॉयल भूटानी मिशन की ओर से जारी प्रमाणपत्र मान्य होंगे। इसके अलावा तिब्बती मूल के व्यक्तियों के लिए विदेशी पंजीकरण अधिकारी की ओर से जारी वैध पंजीकरण प्रमाणपत्र पंजीकरण के लिए मान्य होगा।
विधानसभा का विशेष सत्र नवंबर में दून में होगा
राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष पर विधानसभा का विशेष सत्र आहूत किया जाएगा। नवंबर के पहले सप्ताह में देहरादून विधानसभा में दो दिन का विशेष सत्र कराने की तैयारी है। कैबिनेट ने सत्र की तिथि तय करने के लिए मुख्यमंत्री धामी को अधिकृत किया।
निगमों को शुद्ध लाभ का 15 प्रतिशत सरकार को देना होगा
सार्वजनिक क्षेत्र के निगमों को अब टैक्स के बाद शुद्ध लाभ की 15 प्रतिशत धनराशि सरकार को देनी होगी। कैबिनेट ने इसकी भी मंजूरी दे दी है। अभी तक निगम कुल संपत्ति के आधार पर सरकार को राजस्व देते थे।
देहरादून स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (एएनएम) व स्वास्थ्य पर्यवेक्षकों की लंबे समय से की जा रही मांग को प्रदेश सरकार ने दीपावली से पहले पूरा कर दिया है। अब पांच साल की संतोषजनक सेवा पूरी करने पर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं व पर्यवेक्षक पूरे सेवाकाल में एक बार जिला परिवर्तन करने का लाभ ले सकेंगे। प्रदेश में 2200 से अधिक एएनएम व पर्यवेक्षक कार्यरत हैं।
स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न चिकित्सा इकाइयों में तैनात एएनएम व स्वास्थ्य पर्यवेक्षक का जिला कैडर होने से जिले से बाहर स्थानांतरण नहीं किया जाता है। इन कर्मचारियों को जिले में पूरी सेवा देनी होती है। प्रदेश सरकार ने एक जिला से दूसरे जिले में पारस्परिक स्थानांतरण में छूट दी है। अब अपनी संपूर्ण सेवा अवधि में एक बार जनपद परिवर्तन का लाभ उठा सकेंगे।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का कहना है कि सरकार ने यह निर्णय इन कर्मचारियों की व्यावहारिक समस्याओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। जिससे सैकड़ों एएनएम और पर्यवेक्षक लाभ मिलेगा। कई एएनएम अपनी गंभीर समस्याओं का हवाला देकर अपना स्थानांतरण दूसरे जनपदों में कराने के लिए आग्रह करते थे, लेकिन सेवा नियमावली में अंतरजनपदीय स्थानांतरण की व्यवस्था न होने से ऐसा संभव नहीं हो पाता था। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की इस समस्या पर कैबिनेट ने फैसला लिया है।
वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग में एएनएम के 2295 स्वीकृत पद हैं, जिनमें से 2083 पदों पर एएनएम कार्यरत हैं। 212 पद खाली हैं। इसी तरह स्वास्थ्य पर्यवेक्षक के 338 पद स्वीकृत हैं, जिनमें 157 पद भरे हैं व 181 पद खाली हैं।




