Category: शिक्षा

  • फ़िल्म बौल्या काका के पोस्टर का विमोचन किया

    फ़िल्म बौल्या काका के पोस्टर का विमोचन किया

    देहरादून। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में फ़िल्म बौल्या काका के पोस्टर का विमोचन किया। इस फ़िल्म में मुख्य भूमिका में बॉलीवुड अभिनेता हेमंत पाण्डेय नजर आएंगे। फ़िल्म बौल्या काका की शूटिंग राज्य के खूबसूरत और सुदूर गांवों जैसे ग्वालदाम, थराली, तलवाड़ी में की गई है। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने फिल्म की पूरी टीम को फिल्म की सफलता के लिए शुभकामनाएं दी।

    मुख्यमंत्री श्री धामी तथा फ़िल्म की टीम के मध्य राज्य में फ़िल्म निर्माण के अवसर, सम्भावनाओं तथा राज्य सरकार द्वारा फ़िल्म निर्माताओं को दिए जा रहे प्रोत्साहन व इस क्षेत्र में की गई पहल पर चर्चा हुई।

    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार ने उत्तराखंड नई फिल्म नीति लागू की है। सरकार का मुख्य उद्देश्य राज्य में फिल्म निर्माण को प्रोत्साहित करना, युवाओं को रोजगार के अवसर देना और पर्यटन को नई उड़ान देना है। नई नीति के तहत फिल्मों की शूटिंग के लिए आने वाले निर्माताओं को सब्सिडी, टैक्स में छूट और लॉजिस्टिक सहयोग जैसी कई सुविधाएं दी जा रही हैं। यह न केवल फिल्म उद्योग के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहा है, बल्कि राज्य के आर्थिक विकास और ब्रांडिंग का भी सशक्त माध्यम बन रहा है।

    मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखण्ड में  फिल्मों के निर्माण को अधिकाधिक प्रोत्साहित करने हेतु निरंतर प्रयासरत है। सरकार प्रदेश में फ़िल्मों की शूटिंग  व टूरिज्म बढ़ाने पर खास ध्यान दे रही है। राज्य सरकार की तरफ से किये गए प्रभावी प्रयासों के सुखद परिणाम भी आने लगे हैं है। प्रतिवर्ष राज्य में अधिक से अधिक संख्या में फ़िल्मों शूटिंग का नया रिकॉर्ड बन रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड को फिल्ममेकिंग हब बनाने के लिए काम तेजी के साथ जारी है। फिल्म निर्माताओं को अब सरकार की तरफ से राज्य की कम पॉपुलर लोकेशन पर शूटिंग करने के लिए 5 प्रतिशत अतिरिक्त प्रोत्साहन सब्सिडी दी जाती है। उत्तराखंड के स्थानीय कलाकारों को अवसर देने वाली फिल्मों के निर्माताओं को सरकार स्पेशल सब्सिडी दे रही है।
    इस अवसर पर अपर सचिव  बंशीधर तिवारी तथा फ़िल्म बौल्या काका के निर्माता, निर्देशक व कलाकारों सहित पूरी टीम भी उपस्थित थी।

  • मुख्य सचिव ने राजस्व अभिवृद्धि के सम्बन्ध में महत्त्वपूर्ण विभागों के साथ बैठक ली

    मुख्य सचिव ने राजस्व अभिवृद्धि के सम्बन्ध में महत्त्वपूर्ण विभागों के साथ बैठक ली

    देहरादून। मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने गुरुवार को सचिवालय स्थित अपने सभागार में राजस्व अभिवृद्धि के सम्बन्ध में महत्त्वपूर्ण विभागों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को राजस्व बढ़ाये जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने राजस्व बढ़ाए जाने के लिए नवाचार एवं तकनीक के प्रयोग को बढ़ाए जाने की बात कही।

    मुख्य सचिव ने वन विभाग को राजस्व बढ़ाए जाने के लिए नए श्रोत जोड़े जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जड़ी बूटी वन विभाग के राजस्व का एक बड़ा स्रोत हो सकता है। इसके साथ ही उन्होंने कार्बन क्रेडिट और ईको टूरिज्म को बड़ा श्रोत बनाने की दिशा में काम किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जड़ी बूटी के क्षेत्र में संभावनाओं का परीक्षण कराते हुए अपने सभी डिविजन को लक्ष्य दिया जाए। कहा कि ईको टूरिज्म को प्रोत्साहन दे कर इसे बढ़ावा दिया जाना चाहिए, इस से राजस्व में बढ़ोत्तरी होगी। उन्होंने टिम्बर बिक्री की ऑनलाइन व्यवस्था शुरू किए जाने के निर्देश दिए, साथ ही वन निगम के वर्किंग प्लान में एक हज़ार मीटर से ऊपर के क्षेत्र को  सम्मिलित किए जाने के निर्देश दिए हैं।

    मुख्य सचिव ने वन विभाग को अपने खनन लक्ष्य पुनः निर्धारित करने के भी निर्देश दिए हैं। साथ ही खनन विभाग को लंबित लॉट्स को शीघ्र शुरू किए जाने के निर्देश दिए हैं। कहा कि लंबित पड़े 14 लोट्स को अक्टूबर से पहले शुरू कर लिया जाए। उन्होंने विभाग को नए लॉट्स लगातार चिह्नित किए जाने की भी बात कही। मुख्य सचिव ने पारदर्शिता लाने के लिए सर्विलांस सिस्टम शीघ्र शुरू किए जाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि तकनीक और सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक प्रयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि वन निगम, कुमाऊॅ मण्डल विकास निगम एवं गढ़वाल मण्डल विकास निगम को निर्देश दिये गये कि उनको आवंटित समस्त लॉटस् का शत प्रतिशत संचालन सुनिश्चित किया जाय।

    मुख्य सचिव ने कहा कि स्टेट जीएसटी का सेक्टर वार विश्लेषण कराया जाए, ताकि जीएसटी प्राप्त करने की स्थिति में सुधार किया जा सके। उन्होंने परिवहन विभाग की एएनपीआर प्रणाली का भी प्रभावी उपयोग किया जाये। परिवहन विभाग और वन विभाग को एएनपीआर और सर्विलांस सिस्टम को शीघ्र इंटीग्रेट किए जाने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने स्टेट जीएसटी को इस वर्ष लक्ष्य बढ़ाये जाने के भी निर्देश दिए हैं।

    इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, एल फैनाई, सचिव दिलीप जावलकर,  युगल किशोर पंत, वन विभाग से  कपिल लाल, अपर सचिव डॉ अहमद इकबाल,  हिमांशु खुराना एवं  सोनिका सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

  • मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश पर प्रशासन सख्त

    मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश पर प्रशासन सख्त

    देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग और पुलिस प्रशासन अब गैर-पंजीकृत एवं मानकों से नीचे चल रहे नशा मुक्ति केंद्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की दिशा में एकजुट हो चुके हैं।

    प्रदेश भर में ऐसे कई नशा मुक्ति केंद्र संचालित हो रहे हैं जो न तो निर्धारित मानकों को पूरा करते हैं और न ही पंजीकरण की वैध प्रक्रिया का पालन करते हैं। परिणामस्वरूप इनमें भर्ती मरीजों की देखरेख, मानसिक स्वास्थ्य और पुनर्वास की प्रक्रिया सवालों के घेरे में रही है। अब यह सब नहीं चलेगा। राज्य सरकार की मंशा साफ है या तो मानक पूरे करो, या बंद हो जाओ। इसी क्रम में राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों और स्टेट टास्क फोर्स (एसटीएफ) के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री नवनीत सिंह के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें ऐसे अपंजीकृत और अवैध नशा मुक्ति केंद्रों की पहचान, जांच और बंदी की प्रक्रिया को लेकर विस्तृत रणनीति पर चर्चा हुई।

    सहयोग में एसटीएफ, हर जनपद में होगी निगरानी तेज

    राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण और जनपद स्तरीय निरीक्षण टीमों को अब एसटीएफ की टीमें सक्रिय सहयोग देंगी। आने वाले दिनों में सभी जनपदों में औचक निरीक्षण की गति और सघन की जाएगी।

    मानकहीन केंद्रों को नहीं मिलेगी छूट

    राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि बिना वैध पंजीकरण के चल रहे सभी केंद्रों की पहचान की जाए, ऐसे केंद्रों पर आर्थिक दंड और कानूनी कार्रवाई हो, तत्काल बंद करने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। यह पूरी प्रक्रिया मानसिक स्वास्थ्य देखरेख अधिनियम के तहत संचालित होगी। इस महत्वपूर्ण बैठक में राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से संयुक्त निदेशक डॉ. एस. डी. बर्मन एवं सहायक निदेशक डॉ. पंकज सिंह उपस्थित रहे। सभी संबंधित एजेंसियों के बीच सामंजस्य के साथ कार्रवाई सुनिश्चित करने पर सहमति बनी।

    गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं- डॉ. आर. राजेश कुमार

    स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि राज्य में संचालित सभी नशा मुक्ति केंद्रों की निरंतर निगरानी की जाए। जो भी केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मानकों को पूरा नहीं कर रहे, उन पर त्वरित और सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की मंशा साफ है मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं और पुनर्वास केंद्रों की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी नशा मुक्ति केंद्र “शेल्टर होम” मात्र न बनें, बल्कि पूर्ण पुनर्वास की दिशा में कार्य करें।

    धामी सरकार की प्रतिबद्धता स्पष्ट

    स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश को नशे के चंगुल से बाहर निकालने के लिए प्रशासन, स्वास्थ्य एवं पुलिस विभाग मिलकर आक्रामक रणनीति पर काम कर रहे हैं। सरकार की मंशा स्पष्ट है उत्तराखंड को नशामुक्त बनाना है तो नशा मुक्ति केंद्रों को मानकों के अनुसार सशक्त और जवाबदेह बनाना होगा। यह अभियान केवल निरीक्षण तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसमें जनहित में कठोर प्रशासनिक निर्णय लिए जाएंगे, ताकि नशा मुक्ति की आड़ में चल रही अनियमितताओं पर पूर्ण विराम लगाया जा सके।