Category: चमोली गढ़वाल

  • स्वास्थ्य सचिव ने किया अस्पतालों का निरीक्षण

    स्वास्थ्य सचिव ने किया अस्पतालों का निरीक्षण

    देहरादून । उत्तरकाशी जिले के धराली क्षेत्र में हाल ही में बादल फटने से उत्पन्न आपदा के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने मोर्चा संभाल लिया है। ग्राउंड जीरो पर स्वास्थ्य विभाग की टीमें पहुंच चुकी हैं और घायलों का मौके पर उपचार शुरू कर दिया गया है। जल्द ही अन्य मेडिकल टीमें भी राहत कार्यों में जुट जाएंगी। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि धराली आपदा की चुनौती के बीच स्वास्थ्य विभाग ने त्वरित और ठोस कदम उठाए हैं। अस्पतालों में व्यवस्थाएं चाक-चौबंद की गई हैं, ग्राउंड ज़ीरो पर टीमें सक्रिय हैं, और मानसिक स्वास्थ्य जैसे पहलू को भी गंभीरता से लिया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग हर परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह मुस्तैद है।

    स्वास्थ्य सचिव ने किया अस्पतालों का निरीक्षण
    वहीं स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने देहरादून में दून अस्पताल व कोरोनेशन जिला अस्पताल पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया।  स्वास्थ्य सचिव ने निरीक्षण के दौरान अस्पतालों में आपातकालीन सेवाओं, आईसीयू, जनरल वार्ड, स्टाफ की उपस्थिति और उपकरणों की उपलब्धता की गहन समीक्षा की। उन्होंने अस्पताल प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी स्थिति में मरीजों को चिकित्सा सुविधा में कोई कमी न हो। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश हैं कि एक भी घायल या जरूरतमंद व्यक्ति इलाज से वंचित नहीं रहना चाहिए।

    आईसीयू, जनरल वार्ड और स्टाफ व्यवस्थाओं की परखी स्थिति
    दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में निरीक्षण के बाद स्वास्थ्य सचिव राजकीय जिला चिकित्सालय कोरोनेशन पहुंचे, जहां उन्होंने आईसीयू, जनरल वार्ड, और अन्य अहम इकाइयों की स्थिति परखी। उन्होंने डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ और पैरामेडिकल कर्मियों की पर्याप्त तैनाती सुनिश्चित करने को कहा। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि देहरादून के दोनों प्रमुख अस्पतालों दून मेडिकल कॉलेज और कोरोनेशन अस्पताल में सभी आवश्यक व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं। इन अस्पतालों को आपदा प्रबंधन के दृष्टिकोण से पूरी तरह तैयार रखा गया है। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर राज्यभर में आपात चिकित्सा सेवाओं को सक्रिय कर दिया गया है।

    तीन प्रमुख अस्पतालों में आरक्षित की गई चिकित्सा सुविधा
    आपदा संभावित घायलों और गंभीर मरीजों के इलाज हेतु देहरादून, कोरोनेशन, और एम्स ऋषिकेश में बेड आरक्षित किए गए हैं। आरक्षित चिकित्सा सुविधा इस प्रकार हैः-

    दून मेडिकल कॉलेज, देहरादून

    • 150 जनरल बेड
    • 50  ICU  बेड

    कोरोनेशन जिला अस्पताल, देहरादून

    • 80 जनरल बेड
    • 20  ICU बेड

    एम्स, ऋषिकेश

    • 50 जनरल बेड
    • 20  ICU बेड

    इन अस्पतालों में डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल टीम, दवाओं और उपकरणों की पूर्ण व्यवस्था कर दी गई है।

    तीन मनोचिकित्सकों की तैनाती
    स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में मानसिक तनाव और अवसाद जैसी समस्याएं भी उभर सकती हैं। इसे देखते हुए धराली क्षेत्र में तीन मनोचिकित्सकों की विशेष टीम तैनात की गई है। यह टीम राहत शिविरों में जाकर लोगों की काउंसलिंग करेगी और मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि यह टीम स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर समन्वय से कार्य करेगी।
    108 एंबुलेंस सेवा और सीएमओ टीमें एक्टिव मोड पर
    प्रदेश के सभी जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारी (ब्डव्) और आपदा प्रतिक्रिया टीमें सतर्क मोड में हैं। 108 एम्बुलेंस सेवा को भी 24ग7 एक्टिव रखा गया है, ताकि जरूरत पड़ने पर तत्काल मरीजों को अस्पताल पहुंचाया जा सके।
  • मुख्यमंत्री  ने धराली-हर्षिल में गतिमान राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की

    मुख्यमंत्री ने धराली-हर्षिल में गतिमान राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की

    देहरादून । मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने धराली-हर्षिल में गतिमान राहत एवं बचाव कार्यों की बुधवार देर शाम को स्मार्ट कंट्रोल रूम उत्तरकाशी में समीक्षा की। समीक्षा के दौरान अन्य जनपदों के जिलाधिकारी एवं शासन के उच्च अधिकारी भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े रहे।
    मुख्यमंत्री ने आज हर्षिल एवं धराली क्षेत्र का दौरा किया और प्रभावित परिवारों से मिले। मुख्यमंत्री ने प्रभावित परिवारों को हर सम्भव मदद का आश्वासन  दिया। मुख्यमंत्री ने धराली में बादल फटने से हुए नुकसान का जायजा लेते हुए राहत एवं बचाव कार्यों को तीव्र गति के साथ पूर्ण करने के निर्देश दिए।
    प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण के उपरांत मुख्यमंत्री ने आपदा कंट्रोल रूम पहुंचकर सभी जनपदों की आपदा तैयारियों की स्थिति की भी जानकारी ली और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता पर किए जाए तथा प्रभावितों को भोजन,पेयजल,चिकित्सा सहायता और अन्य आवश्यक सामग्री शीघ्र उपलब्ध कराई जाए। राहत शिविरों में रहने वाले लोगों को साफ-सफाई, शौचालय, स्वास्थ्य सेवाएं और आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित कराई जाए।
    मुख्यमंत्री ने अवरुद्ध सड़क मार्ग को यथाशीघ्र खोलने के निर्देश देते हुए कहा कि राहत सामग्री और बचाव दलों की निर्बाध पहुंच सुनिश्चित की जाए। जहां तक सड़क मार्ग अवरुद्ध हैं,वहां हेलीकॉप्टर के माध्यम से पहुंच बनाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को पर्याप्त दवाइयों और चिकित्सा टीमों की उपलब्धता बनाए रखने के निर्देश दिए। उन्होंने बिजली, पानी और मोबाइल नेटवर्क जैसी आवश्यक सेवाओं को तत्काल बहाल करने के लिए ठोस प्रयास करने के निर्देश दिए।
    *मुख्यमंत्री ने इस आपदा की घड़ी में केंद्र सरकार से मिल रहे सहयोग के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं गृह मंत्री श्री अमित शाह का विशेष रूप से आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा समय पर दी गई सहायता से राहत कार्यों में तेजी लाई जा सकी है।
    बैठक में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा सहित सभी जनपदों के जिलाधिकारी,वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक,बीआरओ, सेना स्वास्थ्य,आपदा प्रबंधन,लोक निर्माण,ऊर्जा,जल संस्थान और संचार विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
  • उत्तरकाशी में जलप्रलय: पल भर में बह गई वर्षों की मेहनत से बनाई संपत्ति

    उत्तरकाशी में जलप्रलय: पल भर में बह गई वर्षों की मेहनत से बनाई संपत्ति

    उत्तरकाशी जिले में आई आपदा ने धराली और हर्षिल दोनों ही क्षेत्रों में भारी नुकसान पहुंचाया है। धराली गांव में खीरगंगा नदी में आए सैलाब से लोगों की वर्षों की मेहनत से बनाई गई संपत्ति पल भर में मलबे के नीचे दब गई, वहीं हर्षिल में तेलगाड में बादल फटने से सेना का कैंप भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है।
    धराली में आई बाढ़ से कई लोगों की पुश्तैनी संपत्तियां तबाह हो गईं। होटल और रेस्टोरेंट चलाने वाले लोगों की वर्षों की मेहनत मलबे में बह गई। कई लोग तो लीज पर होटल और रेस्टोरेंट चलाते थे। इसके अलावा ग्रामीणों के पुश्तैनी सेब के बागान भी कई हेक्टेयर में नष्ट हो गए। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शार्दुल गुसाईं के अनुसार वीडियो के आधार पर धराली में करीब 25 से 30 लोग लापता हैं और लगभग 20 से 25 होटल व दुकानें क्षतिग्रस्त हुई हैं।
    हर्षिल में सेना के कैंप को भारी नुकसान
    धराली के साथ-साथ हर्षिल में भी तेलगाड में बादल फटा है जिससे सेना के कैंप को बहुत नुकसान पहुंचा है। मलबे की चपेट में आने से सेना की चौकियां और कुछ बंकर दब गए हैं। हालांकि जवानों के हताहत होने की अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
    बिजली आपूर्ति ठप
    इस आपदा के कारण मनेरी से आगे की विद्युत लाइन भी क्षतिग्रस्त हो गई है। इसकी वजह से भटवाड़ी, हर्षिल और गंगोत्री क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई है। प्रशासन नुकसान का आकलन कर राहत और बचाव कार्यों में जुटा हुआ है।

  • विनाशकारी तबाही की सामने आई वजह; इसलिए एक नहीं दो बार तेजी से नीचे आया पानी संग मलबा

    विनाशकारी तबाही की सामने आई वजह; इसलिए एक नहीं दो बार तेजी से नीचे आया पानी संग मलबा

    उत्तरकाशी। उत्तरकाशी में जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर धराली गांव के ऊपर खीरगंगा में मंगलवार दोपहर बादल फटने से खीरगंगा नदी में सैलाब आ गया। सैलाब में चार लोगों के मरने की पुष्टि की है। जबकि करीब 70 लोग लापता बताए जा रहे हैं।
    उत्तरकाशी के धराली में खीर गंगा में कई बार जलस्तर बढ़ने के कारण वहां पर बाजार और आसपास के क्षेत्रों में नुकसान हुआ था। वहां पर नदी का जलग्रहण क्षेत्र कम होने और तेज ढाल की वजह से पानी तेजी से नीचे की ओर आता है। इसीलिए मंगलवार को बादल फटने के बाद मलबा और पानी तेजी से धराली बाजार तक पहुंचा, जिससे किसी को संभलने का मौका नहीं मिला।
    धराली में खीर गंगा में यह पहली बार नहीं हुआ कि उसका जलस्तर बढ़ने के कारण आसपास के क्षेत्र को नुकसान हुआ है। इसके बाद भी स्थानीय लोग नहीं चेते और न ही शासन प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम किए गए। हालांकि वर्ष 2023 में खीर गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण वहां पर कई दिनों तक गंगोत्री हाईवे भी बंद रहा था।
    साथ ही दुकानों और होटलों को भी नुकसान हुआ था। उसके बाद वहां पर सुरक्षात्मक कार्य तो हुए लेकिन नदी का स्पैन कम होने के कारण वह विनाशकारी आपदा को नहीं रोक पाया।
    इससे पूर्व वर्ष 2017-18 में भी खीरगंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण होटलों, दुकानों और कई घरों में मलबा घुसा था। उस समय भी आपदा से उभरने में लोगों को करीब एक वर्ष का समय लग गया था। हालांकि उस समय किसी प्रकार की जिंदगी को नुकसान नहीं हुआ था।
    उत्तरकाशी में जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर धराली गांव के ऊपर खीरगंगा में मंगलवार दोपहर बादल फटने से खीरगंगा नदी में सैलाब आ गया। तेजी से आए मलबे और पानी की चपेट में आने से धराली का मुख्य बाजार पूरी तरह तबाह हो गया। साथ ही प्रसिद्ध कल्प केदार मंदिर भी पूरी तरह मलबे में बह गया है।
    जिला प्रशासन ने बताया कि देर शाम तक 130 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका था। चार लोगों के मरने की पुष्टि की है। जबकि करीब 70 लोग लापता बताए जा रहे हैं। साथ ही 30 होटल-दुकान-घर मलबे में बहने के कयास लगाए जा रहे हैं। हर्षिल घाटी में मंगलवार को तीन जगह बादल फटे।
    खीर गंगा में बादल फटने से सबसे ज्यादा तबाही धराली में मची। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मंगलवार दोपहर करीब 1.50 बजे गांव के ऊपर बादल फटा। इसके बाद महज 20 सेकंड के भीतर खीरगंगा नदी का पानी और मलबा मुख्य बाजार की ओर मुड़ गया।


    लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर दौड़ रहे थे, लेकिन इससे पहले कि वह सुरक्षित जगह पर पहुंच पाते सैलाब ने सब कुछ तबाह कर दिया। वहां मौजूद कई होटल, रिसॉर्ट, दुकानें, घर और सेब के बगीचे जमींदोज हो गए। वहां चीख-पुकार मच गई।
    देखते ही देखते पूरा बाजार मलबे के ढेर में तब्दील हो गया। सूचना मिलते ही जिला प्रशासन तुरंत हरकत में आया और एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, सेना और पुलिस की टीमें मौके पर भेजी गई। बचाव दल ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया और होटल में फंसे कई लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।
    प्रदेश सरकार की तरफ से केंद्र सरकार व वायु सेना से रेस्क्यू अभियान के लिए दो एमआई और एक चिनूक मांगा गया है। लगातार बारिश के कारण हेलिकॉप्टरों की उड़ान में बाधा आ रही है। यूकाडा ने भी बचाव कार्यों के लिए दो निजी हेलिकॉप्टर तैयार रखे हैं। मौसम साफ होते ही वायु सेना हेलिकॉप्टर से राहत पहुंचाएगी।
    लोगों का कहना है कि अगर नदी का बहाव सीधे आगे बढ़ता तो गांव की बस्ती को भी भारी नुकसान हो सकता था लेकिन पानी बाजार की ओर मुड़ जाने से सबसे ज्यादा नुकसान व्यावसायिक इमारतों को हुआ है। एक बार पानी के साथ मलबा आया व उसके बाद कुछ देर के लिए रुक गया। कुछ देर बाद दोबारा मलबा आया।
    सीएम धामी ने बताया कि जिला प्रशासन, भारतीय सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ समेत अन्य एजेंसियां राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। प्राथमिकता के आधार पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। स्थिति की लगातार निगरानी की जा रही है। प्रभावितों की हर संभव मदद के निर्देश दिए गए हैं।
    घटना की जानकारी मिलते ही डीएम प्रशांत आर्य और एसपी सरिता डोवाल मौके के लिए रवाना हो गए हैं। प्रशासन ने हर्षिल में राहत शिविर भी स्थापित किए हैं। डीएम ने बताया कि नुकसान का पूरा आकलन मौके पर पहुंचकर किया जाएगा।

    बुधवार को भी बारिश जारी रहेगी। मौसम विज्ञान केंद्र ने उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और ऊधमसिंह नगर जिले के कुछ इलाकों में भारी से भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
    जबकि देहरादून, नैनीताल, चम्पावत और पौड़ी जिले के कुछ हिस्सों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया। इसके अलावा अन्य जिलों में भी तेज दौर की बारिश होने की संभावना है।ॉ

  • मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी द्वारा उत्तरकाशी आपदा नियंत्रण कक्ष से राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा

    मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी द्वारा उत्तरकाशी आपदा नियंत्रण कक्ष से राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा

    देहरादून । उत्तरकाशी जनपद के धराली क्षेत्र में आई भीषण प्राकृतिक आपदा के दृष्टिगत मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी स्थित आपदा नियंत्रण कक्ष से राहत एवं बचाव कार्यों की गहन समीक्षा की।
    मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों एवं सेना के प्रतिनिधियों से स्थिति की वस्तुनिष्ठ जानकारी प्राप्त की और उन्हें राहत कार्यों को तीव्र गति से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए।
    उन्होंने बताया कि क्षेत्र में रेस्क्यू एवं मेडिकल कैंप्स की स्थापना कर दी गई है तथा प्रभावितों के लिए भोजन एवं आवश्यक सामग्री की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।
    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर प्रारम्भ कर दिए गए हैं।
    भारतीय वायुसेना के चिनूक व एमआई-17 हेलीकॉप्टर पूरी तरह से तैयार स्थिति में हैं, ताकि आवश्यकतानुसार शीघ्रतम कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
    प्रदेश सरकार राहत कार्यों को प्राथमिकता देते हुए प्रत्येक प्रभावित नागरिक तक सहायता पहुँचाने हेतु कटिबद्ध है।
  • सरकार के लिए एक-एक व्यक्ति की जान अमूल्य – मुख्यमंत्री

    सरकार के लिए एक-एक व्यक्ति की जान अमूल्य – मुख्यमंत्री

    देहरादून ।अपने आंध्र प्रदेश दौरे को बीच में ही तत्काल निरस्त करते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार शाम को सीधे देहरादून आईटी पार्क स्थित आपदा परिचालन केंद्र पहुंच कर  उत्तरकाशी जनपद के हर्षिल क्षेत्र के धराली गांव में बादल फटने की घटना से से प्रभावित क्षेत्र में चल रहे हैं रेस्क्यू ऑपरेशन का अपडेट लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के लिए एक-एक व्यक्ति की जान अमूल्य है।
    मुख्यमंत्री  ने  जिलाधिकारी उत्तरकाशी सहित सम्बंधित अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर संचालित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने मौके पर राहत एवं बचाव कार्य में जुटी सेना, SDRF, NDRF, जिला प्रशासन एवं अन्य संबंधित टीमों को प्रभावी समन्वय के साथ राहत कार्यों को तत्परता संपादित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने संबंधित सभी वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क किया तथा स्थिति की जानकारी लेते हुए आवश्यक निर्देश दिए।

    मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षा विभाग तथा जिलाधिकारी को प्रभावित क्षेत्र में आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी शैक्षणिक तथा अन्य संस्थान बंद करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने प्रभावित लोगों से संपर्क बनाए रखने के लिए जल्द से जल्द नेटवर्क व्यवस्था को बहाल करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने धराली एवं हर्षिल क्षेत्र में आपदा प्रभावितों तत्काल रेस्क्यू के बाद होटल, होमस्टे आदि में रहने, खाने तथा दवाइयां की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों से हर्षिल क्षेत्र में बन रही झील को जल्द से जल्द खुलवाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।

    मुख्यमंत्री ने प्रभावितों को एयरलिफ्ट करवाने तथा तत्काल भोजन, दवाइयां तथा कपड़े आदि भेजने के लिए वायु सेना के MI 17 का सहयोग लेने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जो लोग बेघर हो गए हैं उनके रहने के लिए अच्छी वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। यदि होटल आदि अधिग्रहित करना पड़े तो उसको तुरंत कर लिया जाए। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आपदा से प्रभावित लोगों को किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े इसका विशेष ध्यान रखा जाए। तत्काल आसपास के क्षेत्र में स्थित होटल तथा स्कूलों में राहत शिविरों की व्यवस्था की जाए। लोगों के लिए खाने-पीने की समुचित व्यवस्था की जाए। बिस्तर कंबल तथा कपड़ों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। खाने के पैकेट एयर ड्रॉप किए जाएं।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर किसी ने अपना परिवार खोया है तो सरकार उसके साथ खड़ी है। सरकार ऐसे सभी लोगों की संरक्षक है और उनके जीवन यापन का पूरा जिम्मा सरकार का है।
    मुख्यमंत्री ने उत्तरकाशी में जिलाधिकारी के रूप में सेवा दे चुके अपर सचिव डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट, श्री अभिषेक रोहिल्ला तथा गौरव कुमार को नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने अपर सचिव विनीत कुमार को नोडल अधिकारी की तत्काल तैनाती करते हुए जो उत्तरकाशी में ही रह कर कैंप करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने गढ़वाल कमिश्नर श्री विनय शंकर पांडे शासन स्तर से धराली  आपदा हेतु नोडल अधिकारी नामित करने की निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने यूपीसीएल के एमडी से बात कर मंगलवार रात को ही बिजली आपूर्ति बहाल करने के निर्देश दिए हैं।

    एसडीआरएफ आइटीबीपी तथा अन्य राहत एजेंसियों ने मिलकर लगभग 130 से अधिक लोगों का रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। उन्होंने संचार व्यवस्था को भी मंगलवार रात्रि ही बहाल करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि पीडब्ल्यूडी/जल संस्थान/ऊर्जा आदि विभाग के अधिकारी वहीं डटे रहें। डॉक्टर्स और दवाई की व्यवस्था की जाए। पोस्टमार्टम आदि की व्यवस्था वहीं मौके पर की जाए। मुख्यमंत्री ने मुआवजा वितरण की प्रक्रिया को जल्द से जल्द शुरू करने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि बुधवार सुबह ही विभिन्न विभागों के सचिवों की टीम भी धराली हर्षिल के लिए रवाना हो जाएगी।

    नेताला में अवरुद्ध मार्ग को रात्रि करीब आठ बजे खोल लिया गया है। मार्ग खुलते ही यहां फंसे जिलाधिकारी उत्तरकाशी और एसपी के साथ ही अन्य राहत और बचाव दल मौके के लिए रवाना हो गए हैं। खाद्य विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग की एक टीम बनाकर भी घटनास्थल के लिए रवाना की जा रही है।

    बैठक में प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, डी जीपी  दीपम सेठ, सचिव शैलेश बगौली,  पंकज पांडे, कमिश्नर गढ़वाल  विनय शंकर पांडे, सहित सभी संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

  • उत्तरकाशी धराली आपदा : मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, त्वरित राहत कार्य जारी

    उत्तरकाशी धराली आपदा : मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, त्वरित राहत कार्य जारी

    देहरादून । उत्तरकाशी जनपद के धराली गांव में सोमवार को बादल फटने से उत्पन्न भीषण आपदा के बाद राज्य सरकार पूरी तरह से सक्रिय हो गई है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने त्वरित चिकित्सकीय सहायता सुनिश्चित करने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री स्वयं राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं और वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार संपर्क में हैं, ताकि समय पर पीड़ितों तक सहायता पहुंच सके।

    विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम रवाना
    स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने आपदा की गंभीरता को देखते हुए विशेषज्ञ चिकित्सकों की एक टीम तत्काल धराली क्षेत्र के लिए रवाना करने के निर्देश दिए हैं। इस टीम में सर्जन, निश्चेतक, फिजीशियन और आर्थोपेडिक सर्जन शामिल हैं। टीम का संचालन गढ़वाल मंडल के निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को सौंपा गया है, जिन्हें इस आपदा में नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।

    अस्पतालों में बेड आरक्षित, चिकित्सकीय अवकाश पर रोक
    स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने आपदा प्रबंधन के तहत राज्य के सभी प्रमुख चिकित्सालयों को निर्देश दिए गए हैं कि गंभीर रूप से घायल मरीजों के इलाज के लिए बेड आरक्षित रखें। साथ ही, सभी चिकित्सा अधिकारियों और कर्मचारियों के अवकाश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है, जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती। यह सुनिश्चित किया गया है कि अस्पतालों में दवाओं, सर्जिकल सामग्री और चिकित्सा उपकरणों की कोई कमी न रहे।

    108 एंबुलेंस सेवा हाई अलर्ट पर
    धराली और आसपास के प्रभावित क्षेत्रों में 108 एंबुलेंस सेवाओं को हाई अलर्ट पर रखा गया है। इन सेवाओं के माध्यम से घायलों को तत्काल प्राथमिक उपचार देना, उन्हें निकटतम अस्पतालों तक पहुंचाना और संवेदी वर्गों की प्राथमिक चिकित्सा सुनिश्चित करना प्रमुख उद्देश्य है। आसपास के जनपदों से भी एंबुलेंस सेवाओं का समन्वय कर आपदा क्षेत्र में भेजा गया है।

    जिला स्तरीय आपात नियंत्रण कक्ष स्थापित
    स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने स्पष्ट किया कि उत्तरकाशी जिले में 24Û7 सक्रिय एक आपात नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है। यह नियंत्रण कक्ष राहत और चिकित्सा कार्यों की निरंतर निगरानी करेगा और आवश्यक समन्वय स्थापित करेगा, ताकि किसी भी प्रकार की बाधा को तत्काल दूर किया जा सके।

    लापरवाही पर होगी सख्त कार्रवाई
    स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने स्पष्ट किया कि यह एक अत्यंत संवेदनशील और मानवीय आपदा है, जिसमें हर अधिकारी और कर्मचारी से संवेदनशीलता और तत्परता अपेक्षित है। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी प्रकार की लापरवाही पाई जाने पर संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।

  • धराली में युद्धस्तर पर चल रहे राहत और बचाव कार्य

    धराली में युद्धस्तर पर चल रहे राहत और बचाव कार्य

    देहरादून । मंगलवार को बादल फटने से उत्तरकाशी के तहसील भटवाड़ी, थाना हर्षिल के अंतर्गत खीर गाढ़ में अपराह्न लगभग 1.50 बजे अत्यधिक जलस्तर बढ़ने से धराली बाजार क्षेत्र में भारी मलबा आने के कारण कई भवनों, होटल एवं दुकानों के क्षतिग्रस्त होने की सूचना पर त्वरित प्रतिक्रिया करते हुए एसडीआरएफ, अग्निशमन विभाग, सेना तथा स्थानीय प्रशासन/पुलिस व अन्य बचाव दलों द्वारा राहत और बचाव कार्य प्रारंभ कर दिए गए हैं। खोज, बचाव एवं राहत कार्यों में सहायता के लिए एस0डी0आर0एफ0/एन0डी0आर0एफ0/आर्मी/आईटीबीपी/ पुलिस के अतिरिक्त बलों को घटनास्थल के लिए रवाना कर दिया गया है। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक भी धराली के लिए रवाना हो गए। उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से घटनास्थल 80 किलोमीटर दूर है। निकटतम चिकित्सालय 05 किमी, जिला चिकित्सालय 88 किमी तथा एम्स देहरादून 246 किमी दूर है।
    इस बीच वायु सहायता के लिए एयरफोर्स से भी सम्पर्क किया गया है। निकटवर्ती राजकीय चिकित्सालयों व एम्स, देहरादून में भी बेड आरक्षित कर दिये गये हैं एवं पर्याप्त संख्या में एम्बुलेंस को क्रियाशील किया गया है। खतरे को देखते हुए स्थानीय निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर भेजे जाने की कार्यवाही की जा रही है।
    प्रभारी मुख्य सचिव श्री आरके सुधांशु ने प्रधानमंत्री कार्यालय तथा गृह मंत्रालय को घटना के संबंध में जानकारी दे दी है। श्री आरके सुधांशु ने बताया कि केंद्र सरकार ने राहत और बचाव कार्यों में हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी गणों के साथ लगातार समन्वय किया जा रहा है।
    राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र देहरादून ;एसईओ सिद्ध को घटना की सूचना मिलते ही जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र ;डीईओ सिद्ध तथा जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करते हुए त्वरित राहत और बचाव कार्य संचालित किए गए। घटना की जानकारी मिलते ही प्रभारी मुख्य सचिव श्री आरके सुधांशु, पुलिस महानिदेशक श्री दीपम सेठ, सचिव गृह श्री शैलेश बगौली, आयुक्त गढ़वाल श्री विनय शंकर पांडे, एडीजी श्री एपी अंशुमान तथा आईजी गढ़वाल श्री राजीव स्वरूप, आईजी एसडीआरएफ श्री अरुण मोहन जोशी के साथ ही अन्य अधिकारियों ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर राहत और बचाव कार्यों की जानकारी ली। सभी अधिकारीगण वर्तमान में एसईओसी में उपस्थित हैं और लगातार राहत और बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे हैं।
    अधिकारी गणों ने धराली के आसपास अस्पतालों, हेलीपैड, राहत शिविरों तथा आर्मी, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की जानकारी लेते हुए आसपास के क्षेत्रों से अतिरिक्त राहत और बचाव दलों को रवाना किया। इस दौरान जिलाधिकारी  उत्तरकाशी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जानकारी ली। बीआरओ तथा लोक निर्माण विभाग को जल्द मार्गों को खुलवाने के निर्देश दिए गए हैं।
    हर्षिल पीएचसी, भटवाड़ी पीएचसी, जिला अस्पताल उत्तरकाशी में घायलों के उपचार के लिए सभी आवश्यक तैयारियां कर ली गई हैं। एम्स ऋषिकेश और दून अस्पताल में भी अतिरिक्त बेड रिजर्व कर दिए गए हैं। एनडीआरएफ के 50 जवान दिल्ली से भेजे गए हैं। 15 जवान देहरादून से रवाना किए गए हैं। एसडीआरएफ के 30 जवान गंगोत्री से रवाना किए गए हैं, जबकि 45 जवान देहरादून से भेजे गए हैं। आईटीबीपी के 30 जवानों को राहत और बचाव कार्यों के लिए भेजा गया है।
    राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से 02 एमआई हेलीकॉप्टर तथा 01 चिनूक हेलीकॉप्टर के लिए वायु सेना को अनुरोध पत्र भेज दिया गया है। यूकाडा के 02 हेलीकॉप्टर भी राहत और बचाव कार्यों के लिए भेजे जाने हेतु तैयार हैं। मौसम अनुकूल होने पर वायु सहायता पहुंचाई जाएगी। सड़कों को खोलने के लिए सभी आवश्यक संसाधन भेजे गए हैं। जहां-जहां भी सड़क मार्ग बाधित हैं, उन्हें जल्द से जल्द खोलने के निर्देश राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से दिए गए हैं।
    मार्ग बाधित होने तथा मौसम खराब होने के कारण राहत और बचाव दलों को घटनास्थल पर पहुंचने में कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मार्गों को खोलने की कार्यवाही गतिमान है। मौसम के अनुकूल होते ही, राहत और बचाव दल हवाई तथा सड़क मार्ग से घटनास्थल पर पहुंच जाएंगे।
    वहीं दूसरी ओर एसडीआरएफ ने घटनास्थल के लिए विक्टिम लोकेशन कैमरा, थर्मल इमेजिंग कैमरा, आरआर शॉ, डायमंड चेन शॉ, कर्बाइड टिप्ड चेन शॉ, चिपिंग हैमर, ड्रोन, पैलिकन लाइट, ड्रैगन लाइट, मेडिकल संसाधन रवाना कर दिए हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से जिलाधिकारी तथा एसएसपी के साथ लगातार संपर्क बना हुआ है।
    अतिवृष्टि/बादल फटना, उत्तरकाशी उत्तराखण्ड में हुई घटना की जानकारी के लिए हेल्पलाइन नम्बर
    1- जिला आपातकालीन परिचालन केन्द्र, उत्तरकाशी में स्थापित हेल्पलाइन नम्बर।
    01374.222722, 7310913129, 7500737269
    टोल फ्री नं0-1077, ई0आर0एस0एस0 टोल फ्री नं0-112
    2-  राज्य आपातकालीन परिचालन केन्द्र,  देहरादून में स्थापित हेल्पलाइन नम्बर 0135.2710334, 2710335, 8218867005, 9058441404
    टॉल फ्री नं0-1070, ई0आर0एस0एस0 टॉल फ्री नं0-112
    घटना में मृतक/घायल के संबंध में उपरोक्त हेल्पलाईन नं0 पर संपर्क किया जा सकता है।
  • पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन

    पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन

    नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने मंगलवार को दिल्ली के आरएमएल अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे। उनका इलाज आरएमएल अस्पताल में चल रहा था। जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का मंगलवार को लंबी बीमारी के बाद 79 वर्ष की आयु में निधन हो गया। आज लगभग 1 बजे नई दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में उनका निधन हो गया, जहां उनका इलाज चल रहा था। मलिक ने अगस्त 2018 से अक्टूबर 2019 तक पूर्ववर्ती जम्मू और कश्मीर राज्य के 10वें और अंतिम राज्यपाल के रूप में कार्य किया और उनके कार्यकाल के दौरान ही 5 अगस्त 2019 को जम्मू और कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किया गया।
    बाद में, वे गोवा चले गए और 18वें राज्यपाल बने और अक्टूबर 2022 तक मेघालय के 21वें राज्यपाल के रूप में भी कार्य किया। राजनेता के रूप में उनका पहला प्रमुख कार्यकाल 1974-77 के दौरान उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य के रूप में रहा। उन्होंने 1980 से 1986 और 1986-89 तक राज्यसभा में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया। वे 1989 से 1991 तक जनता दल के सदस्य के रूप में अलीगढ़ से नौवीं लोकसभा के सदस्य रहे। वे अक्टूबर 2017 से अगस्त 2018 तक बिहार के राज्यपाल रहे। 21 मार्च 2018 को, उन्हें 28 मई 2018 तक ओडिशा के राज्यपाल के रूप में कार्य करने का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया। अगस्त 2018 में, उन्हें जम्मू और कश्मीर राज्य का राज्यपाल नियुक्त किया गया।
    मलिक का जन्म उत्तर प्रदेश के बागपत के हिसावदा गाँव में एक जाट परिवार में हुआ था। उन्होंने मेरठ विश्वविद्यालय से विज्ञान स्नातक और एलएलबी की डिग्री हासिल की। 1968-69 में, मलिक छात्र संघ अध्यक्ष चुने गए, जिससे उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई। मलिक पहली बार किसी सार्वजनिक पद के लिए बागपत से विधान सभा के सदस्य के रूप में चुने गए थे, जब उन्होंने चरण सिंह के भारतीय क्रांति दल के सदस्य के रूप में सफलतापूर्वक चुनाव लड़ा था।

  • फ़िल्म बौल्या काका के पोस्टर का विमोचन किया

    फ़िल्म बौल्या काका के पोस्टर का विमोचन किया

    देहरादून। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में फ़िल्म बौल्या काका के पोस्टर का विमोचन किया। इस फ़िल्म में मुख्य भूमिका में बॉलीवुड अभिनेता हेमंत पाण्डेय नजर आएंगे। फ़िल्म बौल्या काका की शूटिंग राज्य के खूबसूरत और सुदूर गांवों जैसे ग्वालदाम, थराली, तलवाड़ी में की गई है। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने फिल्म की पूरी टीम को फिल्म की सफलता के लिए शुभकामनाएं दी।

    मुख्यमंत्री श्री धामी तथा फ़िल्म की टीम के मध्य राज्य में फ़िल्म निर्माण के अवसर, सम्भावनाओं तथा राज्य सरकार द्वारा फ़िल्म निर्माताओं को दिए जा रहे प्रोत्साहन व इस क्षेत्र में की गई पहल पर चर्चा हुई।

    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार ने उत्तराखंड नई फिल्म नीति लागू की है। सरकार का मुख्य उद्देश्य राज्य में फिल्म निर्माण को प्रोत्साहित करना, युवाओं को रोजगार के अवसर देना और पर्यटन को नई उड़ान देना है। नई नीति के तहत फिल्मों की शूटिंग के लिए आने वाले निर्माताओं को सब्सिडी, टैक्स में छूट और लॉजिस्टिक सहयोग जैसी कई सुविधाएं दी जा रही हैं। यह न केवल फिल्म उद्योग के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहा है, बल्कि राज्य के आर्थिक विकास और ब्रांडिंग का भी सशक्त माध्यम बन रहा है।

    मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखण्ड में  फिल्मों के निर्माण को अधिकाधिक प्रोत्साहित करने हेतु निरंतर प्रयासरत है। सरकार प्रदेश में फ़िल्मों की शूटिंग  व टूरिज्म बढ़ाने पर खास ध्यान दे रही है। राज्य सरकार की तरफ से किये गए प्रभावी प्रयासों के सुखद परिणाम भी आने लगे हैं है। प्रतिवर्ष राज्य में अधिक से अधिक संख्या में फ़िल्मों शूटिंग का नया रिकॉर्ड बन रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड को फिल्ममेकिंग हब बनाने के लिए काम तेजी के साथ जारी है। फिल्म निर्माताओं को अब सरकार की तरफ से राज्य की कम पॉपुलर लोकेशन पर शूटिंग करने के लिए 5 प्रतिशत अतिरिक्त प्रोत्साहन सब्सिडी दी जाती है। उत्तराखंड के स्थानीय कलाकारों को अवसर देने वाली फिल्मों के निर्माताओं को सरकार स्पेशल सब्सिडी दे रही है।
    इस अवसर पर अपर सचिव  बंशीधर तिवारी तथा फ़िल्म बौल्या काका के निर्माता, निर्देशक व कलाकारों सहित पूरी टीम भी उपस्थित थी।