Category: पर्यटन

  • मौसम की चुनौतियों के बीच ग्राउंड जीरो पर पहुंचे मुख्यमंत्री

    मौसम की चुनौतियों के बीच ग्राउंड जीरो पर पहुंचे मुख्यमंत्री

    देहरादून । मौसम की तमाम चुनौतियों तथा विषम परिस्थितियों की परवाह न करते हुए माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार को धराली में ग्राउंड जीरो पर पहुंचे और प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर, हर संभव सहायता का भरोसा दिलाते हुए, राहत कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने मौके पर राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे कर्मियों से भी भेंट की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राहत सामग्री समयबद्ध तरीके से प्रभावितों तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि राहत कार्यों को गति देने के उद्देश्य से दो हेलीकॉप्टरों के माध्यम से आवश्यक खाद्य और राहत सामग्री धराली क्षेत्र में पहुंचाई गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता प्रत्येक प्रभावित व्यक्ति तक राहत पहुंचाते हुए, सामान्य स्थिति बहाल करना है।

    आपदा ग्रस्त धराली (उत्तरकाशी) में राहत एवं बचाव अभियान में केंद्र के साथ ही राज्य की एजेंसियां भी युद्धस्तर पर जुटी हुई हैं। माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मौसम की चुनौतियों के बावजूद, आपदा ग्रस्त क्षेत्र का दौरा कर पीड़ितों से मुलाकात की है। बुधवार को हेलीकॉप्टर की 07 सार्टी हुईं। सबसे पहली सार्टी में माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ग्राउंड जीरो पर पहुंचे और प्रभावित लोगों से मुलाकात कर उनका हाल जाना। घटना के बाद बुधवार को ग्राउंड जीरो पर पहुंचने वाले पहले व्यक्ति थे। माननीय मुख्यमंत्री के ग्राउंड जीरो पर पहुंचते ही प्रभावितों का दर्द और आंसू छलक उठे। कई लोग माननीय मुख्यमंत्री से लिपटकर रोने लगे। माननीय मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि वे इस कठिन समय में उनके साथ खड़े हैं और राज्य सरकार के स्तर पर राहत व बचाव कार्यों में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

    माननीय मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मुश्किल घड़ी में पूरी राज्य सरकार धराली के लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है। युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य संचालित किए जा रहे हैं। सभी महत्वपूर्ण विभागों के अधिकारियों को 24ग7 मोड पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में शासन वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा राहत और बचाव कार्यों की निगरानी की जा रही है। हर एक व्यक्ति की जान कीमती है और इस दिशा में राज्य सरकार द्वारा कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

    वहीं मा0 प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी बुधवार प्रातः मा0 मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बातचीत कर धराली क्षेत्र में हुई प्राकृतिक आपदा और इसके बाद चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली। माननीय मुख्यमंत्री ने मा0 प्रधानमंत्री को बताया कि राज्य सरकार राहत और बचाव कार्यों में पूरी तत्परता के साथ जुटी हुई है। लगातार हो रही भारी वर्षा के कारण कुछ क्षेत्रों में कठिनाइयां आ रही हैं, लेकिन सभी संबंधित एजेंसियां समन्वय के साथ कार्य कर रही हैं ताकि प्रभावित लोगों को त्वरित सहायता मिल सके। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने केंद्र सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।

    यूकाडा के हेलीकॉप्टर निभा रहे महत्वपूर्ण भूमिका, रेस्क्यू टीमें पहुंची धराली
    देहरादून। इस पूरे रेस्क्यू अभियान में यूकाडा के हेलीकॉप्टर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। मौसम की चुनौतियों के बीच बुधवार को यूकाडा के हेलीकॉप्टरों की कुल 07 सार्टी हुईं। इनमें से पहली सार्टी में माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ग्राउंड जीरो पर पहुंचे। दूसरी सार्टी के जरिये जिलाधिकारी उत्तरकाशी तथा एसपी उत्तरकाशी घटनास्थल पर पहुंचे। वहीं अन्य सार्टी में जिला प्रशासन की टीम, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के कुल 22 लोग ग्राउंड जीरो पर पहुंचे। एनडीआरएफ के 28 जवान भी 02 सेटेलाइट फोन के साथ यूकाडा के हेलीकॉप्टरों के जरिये धराली पहुंच चुके हैं। वहीं यूकाडा के हेलीकॉप्टरों ने सेना के ले. कर्नल समेत 10 जवानों का धराली से रेस्क्यू किया है। सेना के 02 घायलों को हेलीकॉप्टर से हायर सेंटर भेजा गया है, दो अन्य को सड़क मार्ग से एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस से एम्स ऋषिकेश भेजा जा रहा है। शेष अन्य का उपचार मातली तथा जिला चिकित्सालय में किया जा रहा है। साथ ही 03 अन्य नागरिकों का रेस्क्यू किया गया। इन्हें उपचार के लिए जिला चिकित्सालय उत्तरकाशी में भर्ती कराया गया है।

    मार्ग खोलने के लिए युद्धस्तर पर किए जा रहे प्रयास-सुधांशु
    देहरादून। मा0 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र उत्तरकाशी से राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा करते हुए रेस्क्यू अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए। जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र से उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में उपस्थित शासन के वरिष्ठ अधिकारी गणों के साथ राहत और बचाव कार्यों को लेकर विस्तार से चर्चा की तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

    प्रभारी मुख्य सचिव श्री आरके सुधांशु ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी को किए जा रहे रेस्क्यू अभियान के साथ ही मौके पर भेजे जा रहे मानव संसाधन तथा उपकरणों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मार्ग बंद होने के कारण बचाव दल अलग-अलग स्थानों पर फंसे हैं। मार्ग खोलने के लिए बीआरओ तथा लोक निर्माण विभाग द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। मौसम खराब होने की वजह से हवाई रेस्क्यू में बाधा उत्पन्न हो रही है, मौसम साफ होते ही हेली सेवाओं द्वारा बचाव दलों के साथ ही मलबा हटाने के लिए भारी मशीनरी को एयर ड्रॉप किया जाएगा। बुधवार शाम को भी श्री आरके सुधांशु राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचे और जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र से रेस्क्यू अभियान की जानकारी ली। सचिव श्री शैलेश बगौली राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में बुधवार सुबह से ही उपस्थित हैं और राहत और बचाव कार्यों की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
    इस अवसर पर मा0 उपाध्यक्ष, राज्य सलाहकार समिति, आपदा प्रबंधन विभाग श्री विनय कुमार रुहेला, सचिव श्री शैलेश बगोली, डीजीपी श्री दीपम सेठ, जीओसी उत्तराखण्ड सब एरिया मेजर जनरल एमपीएस गिल, एडीजी श्री एपी अंशुमन, प्रमुख सचिव श्री आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, सचिव श्री नितेश कुमार झा, सचिव डॉ. आर राजेश कुमार, सचिव श्री चंद्रेश यादव, श्री सचिन कुर्वे, आईजी फायर श्री मुख्तार मोहसिन, एसीईओ प्रशासन श्री आनंद स्वरूप, एसीईओ क्रियान्वयन डीआईजी श्री राजकुमार नेगी, जेसीईओ मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी आदि मौजूद थे।

    02 लोगों के शव बरामद, 15 के लापता होने की सूचना
    देहरादून। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने बताया कि धराली आपदा में लगभग 15 लोगों के लापता होने की सूचना प्राप्त हुई है। दो लोगों के शव बरामद हुए हैं। मा0 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा-निर्देशन में युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य संचालित किए जा रहे हैं। सड़कों को खोलने के लिए लगातार मौके पर टीमें कार्य कर रही हैं। खराब मौसम के कारण राहत और बचाव कार्य संचालित करने के साथ ही बचाव दलों तथा उपकरणों को आवश्यक स्थानों तक पहुंचाने में मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद धराली में वहां पर मौजूद बचाव दलों द्वारा राहत और बचाव कार्य मंगलवार को ही प्रारंभ कर दिए गए थे।

    राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में बनी रेस्क्यू अभियान की रणनीति
    देहरादून। प्रभारी मुख्य सचिव श्री आरके सुधांशु, सचिव श्री शैलेश बगोली, डीजीपी श्री दीपम सेठ, जीओसी सब एरिया मेजर जनरल एमपीएस गिल, सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन के साथ ही विभिन्न विभागों के सचिव तथा वरिष्ठ अधिकारीगण प्रातः साढ़े आठ बजे राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचे और राहत एवं बचाव कार्यों के संचालन को लेकर रणनीति बनाई। सड़कों को खोलने के लिए बीआरओ तथा लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा करते हुए सभी विकल्पों पर विचार किया गया। खराब मौसम के बीच हेली सेवाओं का उपयोग किस प्रकार किया जाए, किन हेलीपैडो का उपयोग किया जाए, मार्ग बाधित होने के कारण उत्पन्न चुनौतियों के बीच उपकरणों को किस प्रकार ग्राउंड जीरो पर भेजा जाए, विभिन्न स्थानों पर फंसी रेस्क्यू टीमों को किस प्रकार आगे बढ़ाया जाए, इस पर मंथन किया गया। मौसम विभाग से आने वाले दिनों में मौसम की स्थिति को लेकर भी जानकारी ली गई।

    चिनूक पहुंचा जौलीग्रांट, बड़ी संख्या में हेलीकॉप्टर तैयार
    देहरादून। मा0 प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा केंद्र सरकार के स्तर पर हर संभव मदद का आश्वासन दिया गया है। वे लगातार माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से रेस्क्यू अभियान की अपडेट ले रहे हैं। भारत सरकार द्वारा त्वरित गति से वायु सहायता उपलब्ध कराई गई है। 02 चिनूक हेलीकॉप्टर जौलीग्रांट पहुंच चुके हैं। इसमें एनडीआरएफ के 50 जवानों तथा उनके उपकरणों को ग्राउंड जीरो के लिए भेजे जाने की कार्यवाही की जा रही है। एक एमआई 17 खराब मौसम के कारण जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर लैंड नहीं कर पाया और उसे वापस सरसावा बेस लौटना पड़ा। मौसम साफ होते ही एमआई 17 के पुनः लैंडिंग के प्रयास किए जाएंगे। वहीं 115 स्पेशल फोर्सेज के साथ सेना के 05 एएन-32 हेलीकॉप्टर जौलीग्रांट पहुंच चुके हैं।

    युद्धस्तर पर कार्य कर रहे राहत और बचाव दल
    देहरादून। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने बताया कि राहत और बचाव दल युद्धस्तर पर रेस्क्यू अभियान में डटे हैं। मार्ग बंद होने के कारण विभिन्न बचाव दल विभिन्न स्थानों में फंसे हैं। बंद सड़कों को खोलने का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। मार्ग खुलते ही सभी दल ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर रेस्क्यू अभियान प्रारंभ करेंगे। भटवाड़ी में बंद सड़क को खोलने की कार्यवाही गतिमान है। हर्षिल तथा पापड़गाड़ में मार्ग बंद है। उत्तरकाशी तक सड़क खोल दी गई है। गंगनानी तथा लिंचा ब्रिज क्षतिग्रस्त हुए हैं। बैली ब्रिज बनाकर यहां यातायात सुचारू करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

    मानव संसाधनों का विवरण निम्नानुसार है

    • वर्तमान में राजपुताना रायफल्स के 150 जवान तथा घातक बटालियन के 12 जवान ग्राउंड जीरो में मौजूद हैं तथा राहत व बचाव कार्य कर रहे हैं।
    • आईटीबीपी के 100 कार्मिक जिनमें अधिकारी, डाक्टर व जवान शामिल हैं, मौके पर राहत और बचाव कार्यों को संचालित कर रहे हैं।
    • एसडीआरएफ के 06 जवान भी मंगलवार से ही धराली में ग्राउंड जीरो पर मौजूद हैं और  उनके द्वारा राहत और बचाव कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है।
    • सेना के 40 जवान नेलांग से पैदल रवाना की गई है। वहीं 50 जवानों की मेडिकल टीम टेकला तक पहुंच गई है।
    • आईटीबीपी के 130 अतिरिक्त जवान घटनास्थल के लिए रवाना किए गए हैं।
    एसडीआरएफ के 10 जवान सेटेलाइट फोन के साथ भटवाड़ी पहुंच गए हैं। 07 जवान लाटा पहुंच गए हैं। 07 जवान सेटेलाइट फोन के साथ गंगोत्री में मौजूद हैं। उजैली में ढालवाला तथा बटालियन से 20 जवानों को भेजा गया है। 08 जवानों को सहस्त्रधारा हेलीपैड में रिजर्व में रखा गया है। डॉक स्क्वायड की 06 टीमें उजैली पहुंच चुकी हैं।
    एनडीआरएफ के 79 जवान पापड़गाड़ में फंसे हैं, हालांकि 15 को यहां से आगे भेजने में सफलता मिली है। 07 जवान गौचर से उत्तरकाशी रवाना किए गए हैं। 50 तथा 24 सदस्यीय 02 टीमें जौलीग्रांट एयरपोर्ट में स्टैंडबाई में हैं। 15 जवानों को सहस्त्रधारा हेलीपैड में स्टैंडबाई में रखा गया है।
    फायर सर्विस यूनिट गंगोत्री के 04 जवान घटनास्थल पर मौजूद हैं। उत्तरकाशी फायर स्टेशन में अन्य जनपदों से भेजी गई 03 टीमों को एलर्ट मोड पर रखा गया है। एफएसएसओ उत्तरकाशी मार्ग बंद होने के कारण रास्ते में फंसे हैं।
    जिला चिकित्सालय उत्तरकाशी से एक मेडिकल टीम घटनास्थल के लिए रवाना हो गई है। दून मेडिकल कॉलेज से 11 विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम, स्वास्थ्य विभाग के 05 विशेषज्ञों की टीम भी रवाना कर दी गई है। 10 डॉक्टरों की टीम को पोस्टमार्टम के लिए स्टैंडबाई में रखा गया है। मनोचिकित्सकों की टीम भी बनाई गई है, जिसे घटनास्थल के लिए रवाना किया जा रहा है। 25 एम्बुलेंस तैयार हैं। 10 को स्टैंडबाई में रखा गया है। सीएचसी भटवाडी, चिन्यालीसौंड़, जिला चिकित्सालय उत्तरकाशी, जिला चिकित्सालय देहरादून, दून मेडिकल कॉलेज तथा एम्स ऋषिकेश में 65 आईसीयू बैड तथा 270 जनरल बैड आरक्षित किए गए हैं।
    शाम को करीब पांच बजे चार सदस्यीय एक मेडिकल टीम हर्षिल पहुंच गई है, जिसमें सर्जन, गायनेकोलॉजिस्ट, एनेस्थेटिस्ट व एक सीनियर डाक्टर हैं, जो स्थानीय निवासी हैं।
  • फ़िल्म बौल्या काका के पोस्टर का विमोचन किया

    फ़िल्म बौल्या काका के पोस्टर का विमोचन किया

    देहरादून। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में फ़िल्म बौल्या काका के पोस्टर का विमोचन किया। इस फ़िल्म में मुख्य भूमिका में बॉलीवुड अभिनेता हेमंत पाण्डेय नजर आएंगे। फ़िल्म बौल्या काका की शूटिंग राज्य के खूबसूरत और सुदूर गांवों जैसे ग्वालदाम, थराली, तलवाड़ी में की गई है। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने फिल्म की पूरी टीम को फिल्म की सफलता के लिए शुभकामनाएं दी।

    मुख्यमंत्री श्री धामी तथा फ़िल्म की टीम के मध्य राज्य में फ़िल्म निर्माण के अवसर, सम्भावनाओं तथा राज्य सरकार द्वारा फ़िल्म निर्माताओं को दिए जा रहे प्रोत्साहन व इस क्षेत्र में की गई पहल पर चर्चा हुई।

    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार ने उत्तराखंड नई फिल्म नीति लागू की है। सरकार का मुख्य उद्देश्य राज्य में फिल्म निर्माण को प्रोत्साहित करना, युवाओं को रोजगार के अवसर देना और पर्यटन को नई उड़ान देना है। नई नीति के तहत फिल्मों की शूटिंग के लिए आने वाले निर्माताओं को सब्सिडी, टैक्स में छूट और लॉजिस्टिक सहयोग जैसी कई सुविधाएं दी जा रही हैं। यह न केवल फिल्म उद्योग के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहा है, बल्कि राज्य के आर्थिक विकास और ब्रांडिंग का भी सशक्त माध्यम बन रहा है।

    मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखण्ड में  फिल्मों के निर्माण को अधिकाधिक प्रोत्साहित करने हेतु निरंतर प्रयासरत है। सरकार प्रदेश में फ़िल्मों की शूटिंग  व टूरिज्म बढ़ाने पर खास ध्यान दे रही है। राज्य सरकार की तरफ से किये गए प्रभावी प्रयासों के सुखद परिणाम भी आने लगे हैं है। प्रतिवर्ष राज्य में अधिक से अधिक संख्या में फ़िल्मों शूटिंग का नया रिकॉर्ड बन रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड को फिल्ममेकिंग हब बनाने के लिए काम तेजी के साथ जारी है। फिल्म निर्माताओं को अब सरकार की तरफ से राज्य की कम पॉपुलर लोकेशन पर शूटिंग करने के लिए 5 प्रतिशत अतिरिक्त प्रोत्साहन सब्सिडी दी जाती है। उत्तराखंड के स्थानीय कलाकारों को अवसर देने वाली फिल्मों के निर्माताओं को सरकार स्पेशल सब्सिडी दे रही है।
    इस अवसर पर अपर सचिव  बंशीधर तिवारी तथा फ़िल्म बौल्या काका के निर्माता, निर्देशक व कलाकारों सहित पूरी टीम भी उपस्थित थी।

  • मुख्यमंत्री धामी ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए

    मुख्यमंत्री धामी ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए

    देहरादून। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को वर्चुअल माध्यम से जुड़े सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में लगातार हो रही वर्षा के दृष्टिगत वे अपनी पूरी टीम के साथ लगातार ग्राउंड ज़ीरो पर रहें।
    अतिवृष्टि के कारण सड़कों के बाधित होने की स्थिति में उन्हें शीघ्र सुचारु किया जाए। पेयजल और विद्युत की लाइनें क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में यथाशीघ्र व्यवस्थाएं सुचारु की जाएं। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि ग्रामीण संपर्क मार्ग बाधित होने की स्थिति में लोगों के आवागमन की वैकल्पिक व्यवस्था शीघ्र सुनिश्चित की जाए। जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए सभी तैयारियां पूर्व से की जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्षा के कारण फसलों को हुई क्षति का शीघ्र आकलन किया जाए।

    मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जिन लोगों ने गलत तरीके से राशन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर कार्ड, आयुष्मान कार्ड और अन्य दस्तावेज प्राप्त किए हैं, तथा ऐसे कार्ड बनाने में संलिप्त व्यक्तियों पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए। साथ ही, जनपदों में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही भी नियमित रूप से की जाए। ‘ऑपरेशन कालनेमी’ के अंतर्गत भी आस्था की आड़ में जनता को गुमराह करने वालों पर नियमित कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।

    मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने जनपदों के शासकीय अस्पतालों का नियमित निरीक्षण करें। इसमें दवाओं की उपलब्धता, चिकित्सकों की उपस्थिति, उपकरणों की स्थिति और स्वच्छता व्यवस्था जैसे विषय सम्मिलित हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं भी समय-समय पर अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर विभिन्न व्यवस्थाओं का जायज़ा लेंगे।

    मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि बारिश के बाद अवस्थापना विकास से संबंधित कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाया जाए। सड़कों, पुलों, नालियों एवं अन्य निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और समयबद्धता पर विशेष ध्यान दिया जाए। साथ ही राज्य और केंद्र सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं की नियमित समीक्षा की जाए।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों में स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता दी जाए। साथ ही आमजन को भी स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग के लिए प्रेरित किया जाए। इसके लिए जनजागरूकता अभियानों का संचालन किया जाए। ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ की दिशा में नियमित प्रयास किए जाएं।

    मुख्यमंत्री ने प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव प्रक्रिया को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग और निर्वाचन प्रक्रिया में लगे समस्त अधिकारियों, कर्मचारियों एवं सुरक्षा कर्मियों को भी इस अवसर पर धन्यवाद ज्ञापित किया है। उन्होंने कहा कि सभी की कर्तव्यनिष्ठा एवं सहयोग से पंचायत चुनाव शांतिपूर्ण एवं लोकतांत्रिक वातावरण में संपन्न हुए हैं।

    बैठक में प्रमुख सचिव  आर.के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव  शैलेश बगोली,  विनय शंकर पांडेय, अपर पुलिस महानिदेशक  ए.पी. अंशुमन, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, अपर सचिव बंशीधर तिवारी, वर्चुअल माध्यम से सचिव डॉ. पंकज कुमार पांडेय, आयुक्त कुमाऊँ दीपक रावत एवं सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।

  • मुख्यमंत्री धामी से भारतीय सेना की जनरल ऑफिसर अनिन्द्य सेनगुप्ता ने शिष्टाचार भेंट की

    मुख्यमंत्री धामी से भारतीय सेना की जनरल ऑफिसर अनिन्द्य सेनगुप्ता ने शिष्टाचार भेंट की

    देहरादून। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी से शुक्रवार को  मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में भारतीय सेना की मध्य कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अनिन्द्य सेनगुप्ता (UYSM, AVSM, YSM) ने शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में सैन्य एवं नागरिक प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने को लेकर विचार-विमर्श हुआ।

    इस अवसर पर मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भारतीय सेना न केवल देश की एकता, संप्रभुता और अखंडता की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, बल्कि नागरिक समाज के साथ समन्वय स्थापित कर विकासात्मक कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता कर रही है। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती राज्य उत्तराखंड में सेना द्वारा स्थानीय समुदायों की सहायता हेतु विभिन्न सामाजिक उत्तरदायित्वों का सफलतापूर्वक निर्वहन किया जा रहा है। इसके साथ ही, प्राकृतिक आपदाओं के समय सेना द्वारा राहत एवं बचाव कार्यों में जो सराहनीय सहयोग प्रदान किया जाता है, वह अत्यंत प्रशंसनीय है।

    मुख्यमंत्री ने भारतीय सेना के योगदान के प्रति आभार व्यक्त करते हुए आश्वस्त किया कि राज्य सरकार, सेना की सभी महत्वपूर्ण पहलों में पूर्ण सहयोग प्रदान करती रहेगी।

    लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता ने मुख्यमंत्री को सीमांत क्षेत्रों के समग्र विकास हेतु मध्य कमान द्वारा संचालित कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारतीय सेना, सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ सामाजिक विकास हेतु भी पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि सीमांत क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास, सामुदायिक सहभागिता, युवाओं के साथ संवाद और अग्रिम क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की गई हैं।

    इस अवसर पर प्रमुख सचिव  आर.के. सुधांशु, सचिव दीपेंद्र चौधरी,  विनोद कुमार सुमन और अन्य सैन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।

  • धामी सरकार के श्नशा मुक्त उत्तराखंड अभियानश् को मिल रहा जनसमर्थन

    धामी सरकार के श्नशा मुक्त उत्तराखंड अभियानश् को मिल रहा जनसमर्थन

    देहरादून।माननीय मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेशभर में श्नशा मुक्त उत्तराखंड अभियानश् प्रारंभ किया गया है। इस अभियान के अंतर्गत राज्य के सरकारी और गैर-सरकारी विद्यालयों को सक्रिय रूप से जोड़ा जा रहा है, ताकि बच्चों को प्रारंभिक अवस्था से ही नशे के दुष्परिणामों के बारे में जानकारी दी जा सके और समाज में दीर्घकालिक बदलाव की नींव रखी जा सके। सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के माध्यम से प्रदेशभर में स्कूली छात्रों को केंद्र में रखकर जन-जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। सरकार की मंशा स्पष्ट है हम एक ऐसा उत्तराखंड बनाना चाहते हैं, जहाँ युवा पीढ़ी नशे से मुक्त, जागरूक और सशक्त हो। स्कूली छात्रों को केंद्र में रखकर शुरू किया गया यह जागरूकता अभियान इस दिशा में एक मजबूत कदम है।

    इंडियन अकैडमी स्कूल में छात्रों के लिए विशेष व्याख्यान सत्र
    इसी क्रम में आज देहरादून के नेहरू ग्राम स्थित इंडियन अकैडमी पब्लिक स्कूल में विशेष व्याख्यान सत्र का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण, उत्तराखंड के सहायक निदेशक डॉ. पंकज सिंह ने छात्रों को नशे के दुष्प्रभावों, लत लगने के जोखिमों तथा इससे बचाव के व्यावहारिक तरीकों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि किशोरावस्था एक संवेदनशील दौर होता है और इस उम्र में नशे की ओर झुकाव जल्दी होता है। ऐसे में छात्रों को समय रहते जागरूक करना बेहद जरूरी है। डॉ. पंकज सिंह ने बताया कि नशे की लत केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि पारिवारिक और सामाजिक स्तर पर भी गंभीर असर डालती है।

    छात्रों से ह्यूमन चेन बनाने का आग्रह
    डॉ. पंकज सिंह ने छात्रों से आह्वान किया कि वे इस जानकारी को अपने मित्रों, परिवारजनों और समुदाय के अन्य लोगों तक भी पहुचाएं, ताकि यह एक “ह्यूमन चेन” की तरह समाज में सकारात्मक संदेश फैला सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह अभियान सिर्फ एक दिन का कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक निरंतर चलने वाली पहल है, जिसका उद्देश्य युवाओं में नशे के प्रति जागरूकता बढ़ाकर एक नशामुक्त उत्तराखंड की परिकल्पना को साकार करना है।

    विद्यालय की भूमिका और छात्रों की सहभागिता

    इस कार्यक्रम की सफलता में विद्यालय की निदेशक मुनेन्द्र खंडूरी की अहम भूमिका रही। प्रधानाचार्य नीलम शर्मा ने कहा माननीय मुख्यमंत्री जी की पहल से अब ज़मीनी बदलाव दिखाई देने लगे हैं। यदि स्कूलों से यह मुहिम शुरू होती है, तो इसका प्रभाव हर घर तक पहुंचेगा। हमारे छात्र ही समाज को नई दिशा दे सकते हैं।

    छात्रों की प्रतिक्रियाएं
    शिव थपलियाल (छात्र) ने कहा इस मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल सराहनीय है। हमें नशे से दूर रहना चाहिए ताकि भविष्य सुरक्षित रह सके।

    नियती उनियाल (छात्रा) ने कहा इस कार्यशाला से बहुत महत्वपूर्ण जानकारियाँ मिलीं। हमें इस अभियान से जुड़कर अपने आसपास के लोगों को भी जागरूक करना चाहिए।

    युवा पीढ़ी नशे से मुक्त, जागरूक और सशक्त हो
    सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार ने इस अवसर पर कहा हमारा प्रयास रहेगा कि यह मुहिम हर जिले, हर विद्यालय तक पहुंचे और एक जनांदोलन का रूप ले। उन्होंने आगे कहा इस अभियान में मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों, शिक्षकों और अभिभावकों की सहभागिता से ही दीर्घकालिक सकारात्मक परिणाम सुनिश्चित किए जा सकते हैं। शिक्षकों को चाहिए कि वे छात्रों में संवेदनशीलता एवं आत्मबल बढ़ाने वाले संवादों को प्रोत्साहित करें।

  • बागेश्वर-टनकपुर रेल लाइन का सर्वे पूरा

    बागेश्वर-टनकपुर रेल लाइन का सर्वे पूरा

    देहरादून: रेल नेटवर्क के लिहाज से उत्तराखंड के लिए एक और अच्छी खबर आई है. बागेश्वर से टनकपुर के बीच 170 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के सर्वेक्षण का काम पूरा हो चुका है. अब अगले चरण में इस परियोजना पर राज्य सरकार से चर्चा होनी है. काम शुरू करने से पहले केंद्र सरकार ने राज्य से औपचारिक सहमति मांगी है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव को जल्द ही औपचारिकताएं पूरी करके इस दिशा में कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

    जल्द शुरू होगा टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन का काम: उम्मीद की जा रही है कि अब टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन पर जल्द काम शुरु हो सकता है. केंद्र सरकार ने इस परियोजना पर काम शुरु करने के लिए राज्य सरकार से औपचारिक तौर पर सहमति देने को कहा है. राज्य सरकार जल्द इस दिशा में अधिकारिक पत्र केंद्र सरकार को भेजने जा रही है.
    उत्तराखंड में मजबूत होगा रेल नेटवर्क: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बागेश्वर-टनकपुर रेल लाइन पर काम शुरु करने के लिए समस्त औपचारिकताएं तेजी से पूरी की जा रही हैं. इसी तरह ऋषिकेश-उत्तरकाशी और देहरादून-सहारनपुर रेलवे लाइनों की भी फाइनल डीपीआर तैयार की जा रही है. केंद्र सरकार, उत्तराखंड में रेल नेटवर्क को मजबूत करने में पूरा सहयोग प्रदान कर रही है.

    गेम चेंजर प्रोजेक्ट: प्रस्तावित टनकपुर-बागेश्वर रेललाइन को कुमाऊं क्षेत्र में रेल नेटवर्क विस्तार की दिशा में गेम चेंजर प्रोजेक्ट के रूप में देखा जा रहा है. करीब 170 किमी लंबी इस परियोजना के लिए फाइनल सर्वे का काम पूरा हो चुका है. अब अगले चरण में परियोजना पर राज्य सरकार से विचार विमर्श होना है.

    ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का काम युद्ध स्तर पर जारी: उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में रेल नेटवर्क विकसित करने पर तेजी से काम हो रहा है. इसी क्रम में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का युद्ध स्तर पर काम चल रहा है. सामरिक महत्व की इस परियोजना का काम 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है. इसी तरह टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन बन जाने के बाद कर्णप्रयाग-बागेश्वर जैसे दो पर्वतीय शहरों को रेल नेटवर्क से जोड़कर, गढ़वाल-कुमांऊ के बीच रेल सम्पर्क स्थापित किया जा सकता है.

    देहरादून-सहारनपुर रेलवे लाइन प्रोजेक्ट: प्रदेश सरकार के अनुरोध पर केंद्र सरकार ऋषिकेश-उत्तरकाशी और देहरादून-सहारनपुर रेलवे लाइनों की डीपीआर भी तैयार कर रही है. 81 किमी लंबी देहरादून-सहारनपुर रेलवे लाइन शाकुंभरी देवी मंदिर के रास्ते से होकर गुजरेगी. यह रेललाइन सहारनपुर से देहरादून के हर्रावाला रेलवे स्टेशन तक बिछेगीय इसमें 11 किमी लंबी सुरंग भी शामिल है.

  • मुख्य सचिव ने राजस्व अभिवृद्धि के सम्बन्ध में महत्त्वपूर्ण विभागों के साथ बैठक ली

    मुख्य सचिव ने राजस्व अभिवृद्धि के सम्बन्ध में महत्त्वपूर्ण विभागों के साथ बैठक ली

    देहरादून। मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने गुरुवार को सचिवालय स्थित अपने सभागार में राजस्व अभिवृद्धि के सम्बन्ध में महत्त्वपूर्ण विभागों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को राजस्व बढ़ाये जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने राजस्व बढ़ाए जाने के लिए नवाचार एवं तकनीक के प्रयोग को बढ़ाए जाने की बात कही।

    मुख्य सचिव ने वन विभाग को राजस्व बढ़ाए जाने के लिए नए श्रोत जोड़े जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जड़ी बूटी वन विभाग के राजस्व का एक बड़ा स्रोत हो सकता है। इसके साथ ही उन्होंने कार्बन क्रेडिट और ईको टूरिज्म को बड़ा श्रोत बनाने की दिशा में काम किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जड़ी बूटी के क्षेत्र में संभावनाओं का परीक्षण कराते हुए अपने सभी डिविजन को लक्ष्य दिया जाए। कहा कि ईको टूरिज्म को प्रोत्साहन दे कर इसे बढ़ावा दिया जाना चाहिए, इस से राजस्व में बढ़ोत्तरी होगी। उन्होंने टिम्बर बिक्री की ऑनलाइन व्यवस्था शुरू किए जाने के निर्देश दिए, साथ ही वन निगम के वर्किंग प्लान में एक हज़ार मीटर से ऊपर के क्षेत्र को  सम्मिलित किए जाने के निर्देश दिए हैं।

    मुख्य सचिव ने वन विभाग को अपने खनन लक्ष्य पुनः निर्धारित करने के भी निर्देश दिए हैं। साथ ही खनन विभाग को लंबित लॉट्स को शीघ्र शुरू किए जाने के निर्देश दिए हैं। कहा कि लंबित पड़े 14 लोट्स को अक्टूबर से पहले शुरू कर लिया जाए। उन्होंने विभाग को नए लॉट्स लगातार चिह्नित किए जाने की भी बात कही। मुख्य सचिव ने पारदर्शिता लाने के लिए सर्विलांस सिस्टम शीघ्र शुरू किए जाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि तकनीक और सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक प्रयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि वन निगम, कुमाऊॅ मण्डल विकास निगम एवं गढ़वाल मण्डल विकास निगम को निर्देश दिये गये कि उनको आवंटित समस्त लॉटस् का शत प्रतिशत संचालन सुनिश्चित किया जाय।

    मुख्य सचिव ने कहा कि स्टेट जीएसटी का सेक्टर वार विश्लेषण कराया जाए, ताकि जीएसटी प्राप्त करने की स्थिति में सुधार किया जा सके। उन्होंने परिवहन विभाग की एएनपीआर प्रणाली का भी प्रभावी उपयोग किया जाये। परिवहन विभाग और वन विभाग को एएनपीआर और सर्विलांस सिस्टम को शीघ्र इंटीग्रेट किए जाने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने स्टेट जीएसटी को इस वर्ष लक्ष्य बढ़ाये जाने के भी निर्देश दिए हैं।

    इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, एल फैनाई, सचिव दिलीप जावलकर,  युगल किशोर पंत, वन विभाग से  कपिल लाल, अपर सचिव डॉ अहमद इकबाल,  हिमांशु खुराना एवं  सोनिका सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

  • मुख्यमंत्री से श्री नंदा देवी राजजात समिति के अध्यक्ष ने की भेंट

    मुख्यमंत्री से श्री नंदा देवी राजजात समिति के अध्यक्ष ने की भेंट

    देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में श्री नंदा देवी राजजात समिति के अध्यक्ष डॉ राकेश कुंवर के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने भेंट की। मुख्यमंत्री श्री धामी एवं प्रतिनिधिमंडल के मध्य वर्ष 2026 में आयोजित होने वाली मां नंदा देवी राजजात यात्रा की तैयारियों एवं  कुशल प्रबंधन से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा हुई।

    मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वर्ष 2026 में आयोजित होने वाली मां नंदा देवी राजजात यात्रा के सकुशल व सफल संचालन तथा इसे भव्य बनाने को लेकर शासन स्तर पर वरिष्ठ अधिकारियों को विभिन्न निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियो को प्रभावी समेकित कार्ययोजना तैयार कर वर्ष 2025 के अंत तक सभी तैयारियां पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि यह यात्रा उत्तराखण्ड की समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपरा का प्रतीक है। इसके गरिमामय आयोजन हेतु सभी विभागों को परस्पर समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। यात्रा से अधिकाधिक स्थानीय लोक कलाकारों, ग्राम पंचायतों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं को जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।