Category: राजनीति

  • मौसम की चुनौतियों के बीच ग्राउंड जीरो पर पहुंचे मुख्यमंत्री

    मौसम की चुनौतियों के बीच ग्राउंड जीरो पर पहुंचे मुख्यमंत्री

    देहरादून । मौसम की तमाम चुनौतियों तथा विषम परिस्थितियों की परवाह न करते हुए माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार को धराली में ग्राउंड जीरो पर पहुंचे और प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर, हर संभव सहायता का भरोसा दिलाते हुए, राहत कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने मौके पर राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे कर्मियों से भी भेंट की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राहत सामग्री समयबद्ध तरीके से प्रभावितों तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि राहत कार्यों को गति देने के उद्देश्य से दो हेलीकॉप्टरों के माध्यम से आवश्यक खाद्य और राहत सामग्री धराली क्षेत्र में पहुंचाई गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता प्रत्येक प्रभावित व्यक्ति तक राहत पहुंचाते हुए, सामान्य स्थिति बहाल करना है।

    आपदा ग्रस्त धराली (उत्तरकाशी) में राहत एवं बचाव अभियान में केंद्र के साथ ही राज्य की एजेंसियां भी युद्धस्तर पर जुटी हुई हैं। माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मौसम की चुनौतियों के बावजूद, आपदा ग्रस्त क्षेत्र का दौरा कर पीड़ितों से मुलाकात की है। बुधवार को हेलीकॉप्टर की 07 सार्टी हुईं। सबसे पहली सार्टी में माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ग्राउंड जीरो पर पहुंचे और प्रभावित लोगों से मुलाकात कर उनका हाल जाना। घटना के बाद बुधवार को ग्राउंड जीरो पर पहुंचने वाले पहले व्यक्ति थे। माननीय मुख्यमंत्री के ग्राउंड जीरो पर पहुंचते ही प्रभावितों का दर्द और आंसू छलक उठे। कई लोग माननीय मुख्यमंत्री से लिपटकर रोने लगे। माननीय मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि वे इस कठिन समय में उनके साथ खड़े हैं और राज्य सरकार के स्तर पर राहत व बचाव कार्यों में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

    माननीय मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मुश्किल घड़ी में पूरी राज्य सरकार धराली के लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है। युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य संचालित किए जा रहे हैं। सभी महत्वपूर्ण विभागों के अधिकारियों को 24ग7 मोड पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में शासन वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा राहत और बचाव कार्यों की निगरानी की जा रही है। हर एक व्यक्ति की जान कीमती है और इस दिशा में राज्य सरकार द्वारा कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

    वहीं मा0 प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी बुधवार प्रातः मा0 मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बातचीत कर धराली क्षेत्र में हुई प्राकृतिक आपदा और इसके बाद चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली। माननीय मुख्यमंत्री ने मा0 प्रधानमंत्री को बताया कि राज्य सरकार राहत और बचाव कार्यों में पूरी तत्परता के साथ जुटी हुई है। लगातार हो रही भारी वर्षा के कारण कुछ क्षेत्रों में कठिनाइयां आ रही हैं, लेकिन सभी संबंधित एजेंसियां समन्वय के साथ कार्य कर रही हैं ताकि प्रभावित लोगों को त्वरित सहायता मिल सके। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने केंद्र सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।

    यूकाडा के हेलीकॉप्टर निभा रहे महत्वपूर्ण भूमिका, रेस्क्यू टीमें पहुंची धराली
    देहरादून। इस पूरे रेस्क्यू अभियान में यूकाडा के हेलीकॉप्टर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। मौसम की चुनौतियों के बीच बुधवार को यूकाडा के हेलीकॉप्टरों की कुल 07 सार्टी हुईं। इनमें से पहली सार्टी में माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ग्राउंड जीरो पर पहुंचे। दूसरी सार्टी के जरिये जिलाधिकारी उत्तरकाशी तथा एसपी उत्तरकाशी घटनास्थल पर पहुंचे। वहीं अन्य सार्टी में जिला प्रशासन की टीम, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के कुल 22 लोग ग्राउंड जीरो पर पहुंचे। एनडीआरएफ के 28 जवान भी 02 सेटेलाइट फोन के साथ यूकाडा के हेलीकॉप्टरों के जरिये धराली पहुंच चुके हैं। वहीं यूकाडा के हेलीकॉप्टरों ने सेना के ले. कर्नल समेत 10 जवानों का धराली से रेस्क्यू किया है। सेना के 02 घायलों को हेलीकॉप्टर से हायर सेंटर भेजा गया है, दो अन्य को सड़क मार्ग से एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस से एम्स ऋषिकेश भेजा जा रहा है। शेष अन्य का उपचार मातली तथा जिला चिकित्सालय में किया जा रहा है। साथ ही 03 अन्य नागरिकों का रेस्क्यू किया गया। इन्हें उपचार के लिए जिला चिकित्सालय उत्तरकाशी में भर्ती कराया गया है।

    मार्ग खोलने के लिए युद्धस्तर पर किए जा रहे प्रयास-सुधांशु
    देहरादून। मा0 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र उत्तरकाशी से राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा करते हुए रेस्क्यू अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए। जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र से उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में उपस्थित शासन के वरिष्ठ अधिकारी गणों के साथ राहत और बचाव कार्यों को लेकर विस्तार से चर्चा की तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

    प्रभारी मुख्य सचिव श्री आरके सुधांशु ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी को किए जा रहे रेस्क्यू अभियान के साथ ही मौके पर भेजे जा रहे मानव संसाधन तथा उपकरणों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मार्ग बंद होने के कारण बचाव दल अलग-अलग स्थानों पर फंसे हैं। मार्ग खोलने के लिए बीआरओ तथा लोक निर्माण विभाग द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। मौसम खराब होने की वजह से हवाई रेस्क्यू में बाधा उत्पन्न हो रही है, मौसम साफ होते ही हेली सेवाओं द्वारा बचाव दलों के साथ ही मलबा हटाने के लिए भारी मशीनरी को एयर ड्रॉप किया जाएगा। बुधवार शाम को भी श्री आरके सुधांशु राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचे और जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र से रेस्क्यू अभियान की जानकारी ली। सचिव श्री शैलेश बगौली राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में बुधवार सुबह से ही उपस्थित हैं और राहत और बचाव कार्यों की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
    इस अवसर पर मा0 उपाध्यक्ष, राज्य सलाहकार समिति, आपदा प्रबंधन विभाग श्री विनय कुमार रुहेला, सचिव श्री शैलेश बगोली, डीजीपी श्री दीपम सेठ, जीओसी उत्तराखण्ड सब एरिया मेजर जनरल एमपीएस गिल, एडीजी श्री एपी अंशुमन, प्रमुख सचिव श्री आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, सचिव श्री नितेश कुमार झा, सचिव डॉ. आर राजेश कुमार, सचिव श्री चंद्रेश यादव, श्री सचिन कुर्वे, आईजी फायर श्री मुख्तार मोहसिन, एसीईओ प्रशासन श्री आनंद स्वरूप, एसीईओ क्रियान्वयन डीआईजी श्री राजकुमार नेगी, जेसीईओ मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी आदि मौजूद थे।

    02 लोगों के शव बरामद, 15 के लापता होने की सूचना
    देहरादून। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने बताया कि धराली आपदा में लगभग 15 लोगों के लापता होने की सूचना प्राप्त हुई है। दो लोगों के शव बरामद हुए हैं। मा0 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा-निर्देशन में युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य संचालित किए जा रहे हैं। सड़कों को खोलने के लिए लगातार मौके पर टीमें कार्य कर रही हैं। खराब मौसम के कारण राहत और बचाव कार्य संचालित करने के साथ ही बचाव दलों तथा उपकरणों को आवश्यक स्थानों तक पहुंचाने में मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद धराली में वहां पर मौजूद बचाव दलों द्वारा राहत और बचाव कार्य मंगलवार को ही प्रारंभ कर दिए गए थे।

    राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में बनी रेस्क्यू अभियान की रणनीति
    देहरादून। प्रभारी मुख्य सचिव श्री आरके सुधांशु, सचिव श्री शैलेश बगोली, डीजीपी श्री दीपम सेठ, जीओसी सब एरिया मेजर जनरल एमपीएस गिल, सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन के साथ ही विभिन्न विभागों के सचिव तथा वरिष्ठ अधिकारीगण प्रातः साढ़े आठ बजे राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचे और राहत एवं बचाव कार्यों के संचालन को लेकर रणनीति बनाई। सड़कों को खोलने के लिए बीआरओ तथा लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा करते हुए सभी विकल्पों पर विचार किया गया। खराब मौसम के बीच हेली सेवाओं का उपयोग किस प्रकार किया जाए, किन हेलीपैडो का उपयोग किया जाए, मार्ग बाधित होने के कारण उत्पन्न चुनौतियों के बीच उपकरणों को किस प्रकार ग्राउंड जीरो पर भेजा जाए, विभिन्न स्थानों पर फंसी रेस्क्यू टीमों को किस प्रकार आगे बढ़ाया जाए, इस पर मंथन किया गया। मौसम विभाग से आने वाले दिनों में मौसम की स्थिति को लेकर भी जानकारी ली गई।

    चिनूक पहुंचा जौलीग्रांट, बड़ी संख्या में हेलीकॉप्टर तैयार
    देहरादून। मा0 प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा केंद्र सरकार के स्तर पर हर संभव मदद का आश्वासन दिया गया है। वे लगातार माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से रेस्क्यू अभियान की अपडेट ले रहे हैं। भारत सरकार द्वारा त्वरित गति से वायु सहायता उपलब्ध कराई गई है। 02 चिनूक हेलीकॉप्टर जौलीग्रांट पहुंच चुके हैं। इसमें एनडीआरएफ के 50 जवानों तथा उनके उपकरणों को ग्राउंड जीरो के लिए भेजे जाने की कार्यवाही की जा रही है। एक एमआई 17 खराब मौसम के कारण जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर लैंड नहीं कर पाया और उसे वापस सरसावा बेस लौटना पड़ा। मौसम साफ होते ही एमआई 17 के पुनः लैंडिंग के प्रयास किए जाएंगे। वहीं 115 स्पेशल फोर्सेज के साथ सेना के 05 एएन-32 हेलीकॉप्टर जौलीग्रांट पहुंच चुके हैं।

    युद्धस्तर पर कार्य कर रहे राहत और बचाव दल
    देहरादून। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने बताया कि राहत और बचाव दल युद्धस्तर पर रेस्क्यू अभियान में डटे हैं। मार्ग बंद होने के कारण विभिन्न बचाव दल विभिन्न स्थानों में फंसे हैं। बंद सड़कों को खोलने का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। मार्ग खुलते ही सभी दल ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर रेस्क्यू अभियान प्रारंभ करेंगे। भटवाड़ी में बंद सड़क को खोलने की कार्यवाही गतिमान है। हर्षिल तथा पापड़गाड़ में मार्ग बंद है। उत्तरकाशी तक सड़क खोल दी गई है। गंगनानी तथा लिंचा ब्रिज क्षतिग्रस्त हुए हैं। बैली ब्रिज बनाकर यहां यातायात सुचारू करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

    मानव संसाधनों का विवरण निम्नानुसार है

    • वर्तमान में राजपुताना रायफल्स के 150 जवान तथा घातक बटालियन के 12 जवान ग्राउंड जीरो में मौजूद हैं तथा राहत व बचाव कार्य कर रहे हैं।
    • आईटीबीपी के 100 कार्मिक जिनमें अधिकारी, डाक्टर व जवान शामिल हैं, मौके पर राहत और बचाव कार्यों को संचालित कर रहे हैं।
    • एसडीआरएफ के 06 जवान भी मंगलवार से ही धराली में ग्राउंड जीरो पर मौजूद हैं और  उनके द्वारा राहत और बचाव कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है।
    • सेना के 40 जवान नेलांग से पैदल रवाना की गई है। वहीं 50 जवानों की मेडिकल टीम टेकला तक पहुंच गई है।
    • आईटीबीपी के 130 अतिरिक्त जवान घटनास्थल के लिए रवाना किए गए हैं।
    एसडीआरएफ के 10 जवान सेटेलाइट फोन के साथ भटवाड़ी पहुंच गए हैं। 07 जवान लाटा पहुंच गए हैं। 07 जवान सेटेलाइट फोन के साथ गंगोत्री में मौजूद हैं। उजैली में ढालवाला तथा बटालियन से 20 जवानों को भेजा गया है। 08 जवानों को सहस्त्रधारा हेलीपैड में रिजर्व में रखा गया है। डॉक स्क्वायड की 06 टीमें उजैली पहुंच चुकी हैं।
    एनडीआरएफ के 79 जवान पापड़गाड़ में फंसे हैं, हालांकि 15 को यहां से आगे भेजने में सफलता मिली है। 07 जवान गौचर से उत्तरकाशी रवाना किए गए हैं। 50 तथा 24 सदस्यीय 02 टीमें जौलीग्रांट एयरपोर्ट में स्टैंडबाई में हैं। 15 जवानों को सहस्त्रधारा हेलीपैड में स्टैंडबाई में रखा गया है।
    फायर सर्विस यूनिट गंगोत्री के 04 जवान घटनास्थल पर मौजूद हैं। उत्तरकाशी फायर स्टेशन में अन्य जनपदों से भेजी गई 03 टीमों को एलर्ट मोड पर रखा गया है। एफएसएसओ उत्तरकाशी मार्ग बंद होने के कारण रास्ते में फंसे हैं।
    जिला चिकित्सालय उत्तरकाशी से एक मेडिकल टीम घटनास्थल के लिए रवाना हो गई है। दून मेडिकल कॉलेज से 11 विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम, स्वास्थ्य विभाग के 05 विशेषज्ञों की टीम भी रवाना कर दी गई है। 10 डॉक्टरों की टीम को पोस्टमार्टम के लिए स्टैंडबाई में रखा गया है। मनोचिकित्सकों की टीम भी बनाई गई है, जिसे घटनास्थल के लिए रवाना किया जा रहा है। 25 एम्बुलेंस तैयार हैं। 10 को स्टैंडबाई में रखा गया है। सीएचसी भटवाडी, चिन्यालीसौंड़, जिला चिकित्सालय उत्तरकाशी, जिला चिकित्सालय देहरादून, दून मेडिकल कॉलेज तथा एम्स ऋषिकेश में 65 आईसीयू बैड तथा 270 जनरल बैड आरक्षित किए गए हैं।
    शाम को करीब पांच बजे चार सदस्यीय एक मेडिकल टीम हर्षिल पहुंच गई है, जिसमें सर्जन, गायनेकोलॉजिस्ट, एनेस्थेटिस्ट व एक सीनियर डाक्टर हैं, जो स्थानीय निवासी हैं।
  • विनाशकारी तबाही की सामने आई वजह; इसलिए एक नहीं दो बार तेजी से नीचे आया पानी संग मलबा

    विनाशकारी तबाही की सामने आई वजह; इसलिए एक नहीं दो बार तेजी से नीचे आया पानी संग मलबा

    उत्तरकाशी। उत्तरकाशी में जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर धराली गांव के ऊपर खीरगंगा में मंगलवार दोपहर बादल फटने से खीरगंगा नदी में सैलाब आ गया। सैलाब में चार लोगों के मरने की पुष्टि की है। जबकि करीब 70 लोग लापता बताए जा रहे हैं।
    उत्तरकाशी के धराली में खीर गंगा में कई बार जलस्तर बढ़ने के कारण वहां पर बाजार और आसपास के क्षेत्रों में नुकसान हुआ था। वहां पर नदी का जलग्रहण क्षेत्र कम होने और तेज ढाल की वजह से पानी तेजी से नीचे की ओर आता है। इसीलिए मंगलवार को बादल फटने के बाद मलबा और पानी तेजी से धराली बाजार तक पहुंचा, जिससे किसी को संभलने का मौका नहीं मिला।
    धराली में खीर गंगा में यह पहली बार नहीं हुआ कि उसका जलस्तर बढ़ने के कारण आसपास के क्षेत्र को नुकसान हुआ है। इसके बाद भी स्थानीय लोग नहीं चेते और न ही शासन प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम किए गए। हालांकि वर्ष 2023 में खीर गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण वहां पर कई दिनों तक गंगोत्री हाईवे भी बंद रहा था।
    साथ ही दुकानों और होटलों को भी नुकसान हुआ था। उसके बाद वहां पर सुरक्षात्मक कार्य तो हुए लेकिन नदी का स्पैन कम होने के कारण वह विनाशकारी आपदा को नहीं रोक पाया।
    इससे पूर्व वर्ष 2017-18 में भी खीरगंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण होटलों, दुकानों और कई घरों में मलबा घुसा था। उस समय भी आपदा से उभरने में लोगों को करीब एक वर्ष का समय लग गया था। हालांकि उस समय किसी प्रकार की जिंदगी को नुकसान नहीं हुआ था।
    उत्तरकाशी में जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर धराली गांव के ऊपर खीरगंगा में मंगलवार दोपहर बादल फटने से खीरगंगा नदी में सैलाब आ गया। तेजी से आए मलबे और पानी की चपेट में आने से धराली का मुख्य बाजार पूरी तरह तबाह हो गया। साथ ही प्रसिद्ध कल्प केदार मंदिर भी पूरी तरह मलबे में बह गया है।
    जिला प्रशासन ने बताया कि देर शाम तक 130 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका था। चार लोगों के मरने की पुष्टि की है। जबकि करीब 70 लोग लापता बताए जा रहे हैं। साथ ही 30 होटल-दुकान-घर मलबे में बहने के कयास लगाए जा रहे हैं। हर्षिल घाटी में मंगलवार को तीन जगह बादल फटे।
    खीर गंगा में बादल फटने से सबसे ज्यादा तबाही धराली में मची। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मंगलवार दोपहर करीब 1.50 बजे गांव के ऊपर बादल फटा। इसके बाद महज 20 सेकंड के भीतर खीरगंगा नदी का पानी और मलबा मुख्य बाजार की ओर मुड़ गया।


    लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर दौड़ रहे थे, लेकिन इससे पहले कि वह सुरक्षित जगह पर पहुंच पाते सैलाब ने सब कुछ तबाह कर दिया। वहां मौजूद कई होटल, रिसॉर्ट, दुकानें, घर और सेब के बगीचे जमींदोज हो गए। वहां चीख-पुकार मच गई।
    देखते ही देखते पूरा बाजार मलबे के ढेर में तब्दील हो गया। सूचना मिलते ही जिला प्रशासन तुरंत हरकत में आया और एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, सेना और पुलिस की टीमें मौके पर भेजी गई। बचाव दल ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया और होटल में फंसे कई लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।
    प्रदेश सरकार की तरफ से केंद्र सरकार व वायु सेना से रेस्क्यू अभियान के लिए दो एमआई और एक चिनूक मांगा गया है। लगातार बारिश के कारण हेलिकॉप्टरों की उड़ान में बाधा आ रही है। यूकाडा ने भी बचाव कार्यों के लिए दो निजी हेलिकॉप्टर तैयार रखे हैं। मौसम साफ होते ही वायु सेना हेलिकॉप्टर से राहत पहुंचाएगी।
    लोगों का कहना है कि अगर नदी का बहाव सीधे आगे बढ़ता तो गांव की बस्ती को भी भारी नुकसान हो सकता था लेकिन पानी बाजार की ओर मुड़ जाने से सबसे ज्यादा नुकसान व्यावसायिक इमारतों को हुआ है। एक बार पानी के साथ मलबा आया व उसके बाद कुछ देर के लिए रुक गया। कुछ देर बाद दोबारा मलबा आया।
    सीएम धामी ने बताया कि जिला प्रशासन, भारतीय सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ समेत अन्य एजेंसियां राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। प्राथमिकता के आधार पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। स्थिति की लगातार निगरानी की जा रही है। प्रभावितों की हर संभव मदद के निर्देश दिए गए हैं।
    घटना की जानकारी मिलते ही डीएम प्रशांत आर्य और एसपी सरिता डोवाल मौके के लिए रवाना हो गए हैं। प्रशासन ने हर्षिल में राहत शिविर भी स्थापित किए हैं। डीएम ने बताया कि नुकसान का पूरा आकलन मौके पर पहुंचकर किया जाएगा।

    बुधवार को भी बारिश जारी रहेगी। मौसम विज्ञान केंद्र ने उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और ऊधमसिंह नगर जिले के कुछ इलाकों में भारी से भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
    जबकि देहरादून, नैनीताल, चम्पावत और पौड़ी जिले के कुछ हिस्सों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया। इसके अलावा अन्य जिलों में भी तेज दौर की बारिश होने की संभावना है।ॉ

  • गलत तरीके से राशन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर कार्ड, आयुष्मान कार्ड बनाने वालों पर हो कठोर कार्यवाही

    गलत तरीके से राशन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर कार्ड, आयुष्मान कार्ड बनाने वालों पर हो कठोर कार्यवाही

    देहरादून। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी द्वारा सभी जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि प्रदेश में जिन लोगों ने गलत तरीके से राशन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर कार्ड, आयुष्मान कार्ड और अन्य दस्तावेज प्राप्त किए हैं, तथा ऐसे कार्ड बनाने में संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाए।

    मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में जिलाधिकारियों द्वारा इस संबंध में कार्यवाही की जा रही है। अब तक जिलाधिकारी पौड़ी, बागेश्वर एवं देहरादून द्वारा निरस्त किए गए अपात्र राशन कार्डों का विवरण उपलब्ध कराया गया है। जिसमें जनपद पौड़ी में राशन कार्ड सत्यापन के अंतर्गत 961 अपात्र कार्डधारकों के राशन कार्ड निरस्त किए गए हैं। जनपद बागेश्वर में 5307 तथा देहरादून में 3332 राशन कार्ड निरस्त किए गए हैं।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में राशन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर कार्ड एवं आयुष्मान कार्ड आदि धारकों की सही पहचान करना जरूरी है, ताकि पात्र व्यक्तियों को ही योजनाओं का लाभ अनुमन्य हो सके। इससे प्रदेश में योजनाओं के सफल क्रियान्वयन में मदद मिलेगी तथा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जन सुविधायें प्राप्त करने वालों की पहचान हो सकेगी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी जिलाधिकारियों द्वारा जनपद स्तर पर राशन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर कार्ड एवं आयुष्मान कार्ड का सत्यापन अभियान सघनता से संचालित किया जा रहा है।

  • समाज को सेवा, सत्य और भक्ति के मार्ग पर चलने के लिए लोगों को प्रेरित किया

    समाज को सेवा, सत्य और भक्ति के मार्ग पर चलने के लिए लोगों को प्रेरित किया

    देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को श्री ब्रह्म निवास आश्रम, सप्तसरोवर रोड, भूपतवाला  में 50वाँ निर्वाण दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि पूज्य सतगुरु लाल दास महाराज ने अपने जीवन में आध्यात्मिकता को प्राथमिकता देते हुए समाज को सेवा, सत्य और भक्ति के मार्ग पर चलने के लिए लोगों को प्रेरित किया। उन्होंने भक्ति को जन जन तक पहुँचाया है। उनकी वाणी में अद्भुत शक्ति थी और दृष्टि में भगवान बुद्ध के समान असीम करुणा थी। पूज्य सतगुरु ने समाज को जोड़ने का काम किया। उन्होंने जीवन भर यही सिखाया कि सेवा सबसे बड़ा धर्म है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सनातन संस्कृति का संपूर्ण विश्व में व्यापक प्रचार प्रसार हो रहा है। दुनिया हमारी प्राचीन संस्कृति और दर्शन से परिचित हो रही है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार देवभूमि की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने बताया राज्य में ऋषिकेश-हरिद्वार कॉरिडोर का निर्माण कराया जाना भी प्रस्तावित है। कॉरिडोर के निर्माण के पश्चात धर्मनगरी हरिद्वार भी काशी और अयोध्या की भांति अपने भव्य स्वरूप में नजर आएगी।

    मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार उत्तराखंड के सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने के प्रति पूर्ण रूप से संकल्पबद्ध है। प्रदेश में घृणित मानसिकताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है। प्रदेश में सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून भी लागू किया गया है। सभी के लिए समान अधिकार एवं न्याय सुनिश्चित करने के लिए देश में सबसे पहले समान नागरिक संहिता कानून को भी राज्य में लागू किया गया है।

    मुख्यमंत्री ने कहा राज्य में सनातन की आड़ में वेश बदलकर आम लोगों को ठगने वालों के खिलाफ  ऑपरेशन कालनेमि चलाया जा रहा है। इस ऑपरेशन के द्वारा ऐसे ढोंगियों और विधर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, जो वेश बदलकर हमारे सनातन हिंदू धर्म को बदनाम करने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि  विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को श्रीमद्भागवत गीता के बारे में भी बताया जाएगा।  इसके साथ दून विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर हिन्दू स्टडीज की स्थापना भी की गई है।

    इस अवसर महंत ललितानंद गिरी महाराज, पंजाब विधानसभा उपाध्यक्ष जय कृष्ण सिंह, हरियाणा के राज्यमंत्री राजेश नागर, स्थानीय विधायक मदन कौशिक, मेयर रुड़की अनीता देवी, दर्जा राज्यमंत्री शोभाराम प्रजापति, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोबाल, उपाध्यक्ष एचआरडीए अंशुल सिंह, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

  • मुख्यमंत्री ने सारकोट की नव निर्वाचित युवा प्रधान प्रियंका को दी बधाई

    मुख्यमंत्री ने सारकोट की नव निर्वाचित युवा प्रधान प्रियंका को दी बधाई

    देहरादून । मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने चमोली जिले में गैरसैंण के निकट सारकोट ग्राम पंचायत की नवनिर्वाचित प्रधान 21 वर्षीय प्रियंका नेगी को बधाई दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार सारकोट को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित कर रही है, अन्य जिलों में भी इसी तरह आदर्श ग्राम बनाए जाएंगे। जल्द ही सभी मुख्य विकास अधिकारी सारकोट का अध्ययन करने के लिए आएंगे।

    मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को फोन पर प्रियंका नेगी को बधाई देते हुए कहा कि, जिस तरह सारकोट के ग्रामीणों ने एक पढ़ी लिखी युवा लड़की को अपना प्रधान चुना है, उसके लिए सभी ग्रामीण बधाई के पात्र हैं।

    मुख्यमंत्री  ने प्रियंका से कहा कि अब हमें सारकोट को और विकसित करना है, गांव में कृषि, पशुपालन के साथ ही महिला स्वरोजगार से जुड़े सभी कार्य तेजी से आगे बढ़ाए जाएंगे। सरकार सारकोट को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित कर रही है। इसी की तर्ज पर अन्य जिलों में भी आदर्श ग्राम विकसित किए जाएंगे। जल्द सभी सीडीओ सारकोट के दौरे पर आएंगे। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रियंका को देहरादून आने का भी निमंत्रण देते हुए, गांव के विकास पर मंथन करने का भी आश्वासन दिया। प्रियंका नेगी ने सारकोट को गोद लिए जाने के लिए का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि, आदर्श ग्राम सारकोट में पहले के मुकाबले अब सभी जन सुविधाएं उपलब्ध हैं, गांव में कई विकास कार्य सम्पन्न हुए हैं। वो सरकार के सहयोग से गांव के विकास में योगदान देंगी।

    सारकोट को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित किया जा रहा है। हम सभी जिलों में ऐसे आदर्श ग्राम विकसित करेंगे। जहां रोजगार, स्वरोजगार के अवसरों साथ ही सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हों। इस बार के पंचायत चुनाव में कई युवा और पढ़े लिखे प्रतिनिधि निर्वाचित हुए हैं, जो त्रिस्तरीय पंचायतों के लिए एक शुभ संकेत है, सरकार पंचायतों को पूरा सहयोग प्रदान करेगी।

     
    पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड
  • विधानसभा क्षेत्रों की विभिन्न जन समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारी विधायकगणों से निरंतर संवाद करें

    विधानसभा क्षेत्रों की विभिन्न जन समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारी विधायकगणों से निरंतर संवाद करें

    देहरादून। विधानसभा क्षेत्रों की विभिन्न जन समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारी विधायकगणों से निरंतर संवाद करें। विधायकगणों द्वारा दिए गए शीर्ष प्राथमिकताओं के कार्यों में तेजी लाई जाए। यदि किसी कार्य में कोई समस्या आ रही है, तो संबंधित क्षेत्र के विधायकगणों से सचिव एवं विभागाध्यक्ष वार्ता कर समस्या का समाधान करें। राज्य की सभी 70 विधानसभाओं के अंतर्गत की गई घोषणाओं और अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए शासन-प्रशासन और विधानसभा क्षेत्र के बीच सेतु की भूमिका में कार्य करने के लिए नोडल अधिकारी के रूप में अपर सचिव स्तर के अधिकारियों को जिम्मेदारी जल्द दी जाए। हर विधानसभा में अपनी सांस्कृतिक परंपराओं और विरासत को उजागर करते हुए कुछ नवाचार किए जाएं। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली विधानसभाओं की मुख्यमंत्री घोषणाओं और अन्य कार्यों की समीक्षा के दौरान ये निर्देश अधिकारियों को दिए।

    बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि हरिद्वार में जल भराव की समस्या के स्थायी समाधान के लिए विस्तृत योजना बनाई जाए। इसका सर्वे जल्द पूरा कर प्रस्ताव बनाया जाए। ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट में स्थायी पानी की व्यवस्था के लिए एक माह में डीपीआर तैयार की जाए। संजय झील को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की कार्यवाही में तेजी लाई जाए। कांवड़ यात्रा के दौरान लोगों को आवागमन और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों के लिए परेशानी न हो, इसके लिए वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था के लिए सुनियोजित प्लान पर कार्य किया जाए। शहरी क्षेत्रों में ड्रेनेज सिस्टम को मजबूत बनाया जाए। पार्कों के निर्माण और सौंदर्यीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए।

    मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मानसून के बाद निर्माण कार्यों में तेजी लाई जाए। बरसात के बाद सड़कों को गड्ढा मुक्त कराने के लिए अभियान चलाया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि एम्स ऋषिकेश और किच्छा में बनने वाले एम्स के सेटेलाइट सेंटर के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए। हर जिले में दो-दो गांव आदर्श गांव के रूप में विकसित किए जाएं।

    बैठक के दौरान विधायकगणों द्वारा जलभराव की समस्या, पार्किंग और सौंदर्यीकरण के कार्यों, ड्रेनेज व सीवरेज की समस्या, नालों के निर्माण कार्य, यातायात प्रबंधन एवं अन्य समस्याएं रखी गईं। मुख्यमंत्री ने विधायकगणों द्वारा रखी गई समस्याओं के शीघ्र निस्तारण के निर्देश अधिकारियों को दिए।

    बैठक में विधायक  विनोद चमोली,प्रेमचंद अग्रवाल,  मदन कौशिक, श्री बृज भूषण गैरोला,  प्रदीप बत्रा, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव  आर.के. सुधांशु,  एल.एल. फैनई, डॉ. आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिवगण, अपर सचिव गण, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष एवं वर्चुअल माध्यम से संबंधित जिलाधिकारी उपस्थित थे।

  • मुख्यमंत्री ने  किया ग्राम्य विकास भवन का शिलान्यास

    मुख्यमंत्री ने किया ग्राम्य विकास भवन का शिलान्यास

    देहरादून । मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को डांडा नूरीवाला सहस्रधारा रोड, देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए ₹58.32 करोड़ लागत से बनने वाले ग्राम्य विकास भवन का शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने परिसर में पौधारोपण भी किया। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने ग्रामीण विकास विभाग के एकीकृत भवन के शिलान्यास पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह भवन ग्रामीण विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण साबित होगा। उन्होंने कहा कि लगभग 58 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित इस भवन में विभाग की प्रमुख फ्लैगशिप योजनाएं एक ही परिसर में संचालित होंगी।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार एक जनपद, दो उत्पाद योजना के माध्यम से स्थानीय आजीविका को बढ़ावा देने के साथ हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड के माध्यम से अपने पारंपरिक उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिला रही है। उन्होंने बताया कि विश्व के प्रमुख देशों में भी राज्य के उत्पादों के निर्यात की योजना पर कार्य किया जा रहा है। सरकार का लक्ष्य वर्ष 2027 तक 25 करोड़ रुपये के कारोबार को प्राप्त करना है, जिससे राज्य के हज़ारों युवाओं, महिलाओं एवं स्वयं सहायता समूहों को स्थायी आजीविका से जोड़ा जा सके।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टेट मिलेट मिशन, फार्म मशीनरी बैंक, एप्पल मिशन, नई पर्यटन नीति, नई फिल्म नीति, होम स्टे, वेड इन उत्तराखंड और सौर स्वरोजगार योजना जैसी पहलों के माध्यम से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। होम स्टे योजना के माध्यम से राज्य के दूरस्थ गांव भी अपनी विशिष्ट पहचान बना रहे हैं। लखपति दीदी योजना से प्रदेश की लाखों महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा रहा है। रूरल बिजनेस इनक्यूबेटर सेंटर योजना द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा दिया गया है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने धार्मिक, साहसिक, ईको-टूरिज्म, वेलनेस टूरिज्म, एग्रो टूरिज्म और फिल्म पर्यटन जैसे विभिन्न क्षेत्रों को विकसित किया है। उन्होंने बताया कि राज्य को योग की वैश्विक राजधानी के रूप में स्थापित करने के लिए देश की पहली योग नीति शुरू की गई है। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की ओर से राज्य के चार गांवों – जखोल, हर्षिल, गूंजी और सूपी – को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में ग्रामीण विकास क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, मनरेगा, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छता अभियान जैसी अनेक योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों को सामाजिक और आर्थिक रूप से मजबूत किया गया है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और अधिक सशक्त बना रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के सारकोट गांव को आदर्श गांव बनाने के लिए गोद लिया था, जिसमें राज्य सरकार सफल हुई है। सारकोट के लोग पशुपालन, मशरूम उत्पादन, होम स्टे, मिलेट उत्पादन के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनावों के परिणामों में राज्य की सबसे युवा प्रतिनिधि के रूप में सारकोट की 21 वर्षीय प्रियंका नेगी प्रधान चुनी गई हैं। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही वे प्रियंका नेगी को आमंत्रित करेंगे और सारकोट सहित प्रदेश के अन्य गांवों के विकास के संबंध में चर्चा करेंगे।

    कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार जिन योजनाओं का शिलान्यास करती है, उनका लोकार्पण भी करती है। उन्होंने कहा कि निश्चित ही जल्द इस भवन का लोकार्पण भी कर लिया जाएगा। यह भवन पहाड़ी शैली में बन रहा है। साथ ही इस नए भवन में सौर ऊर्जा की संपूर्ण व्यवस्था होगी। उन्होंने बताया कि लखपति दीदी योजना में अब तक राज्य में 1 लाख 65 हजार लखपति दीदी बनाई गई हैं। दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना अंतर्गत 30,678 लोगों को प्रशिक्षित किया गया है, जिसमें से करीब 19,600 लोगों को रोजगार मिला है।

    इस अवसर पर विधायक उमेश शर्मा काऊ, सचिव  राधिका झा, अपर सचिव  अभिषेक रोहेला,  अनुराधा पाल,  झरना कमठान एवं ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

  • मुख्यमंत्री धामी से भारतीय सेना की जनरल ऑफिसर अनिन्द्य सेनगुप्ता ने शिष्टाचार भेंट की

    मुख्यमंत्री धामी से भारतीय सेना की जनरल ऑफिसर अनिन्द्य सेनगुप्ता ने शिष्टाचार भेंट की

    देहरादून। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी से शुक्रवार को  मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में भारतीय सेना की मध्य कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अनिन्द्य सेनगुप्ता (UYSM, AVSM, YSM) ने शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में सैन्य एवं नागरिक प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने को लेकर विचार-विमर्श हुआ।

    इस अवसर पर मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भारतीय सेना न केवल देश की एकता, संप्रभुता और अखंडता की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, बल्कि नागरिक समाज के साथ समन्वय स्थापित कर विकासात्मक कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता कर रही है। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती राज्य उत्तराखंड में सेना द्वारा स्थानीय समुदायों की सहायता हेतु विभिन्न सामाजिक उत्तरदायित्वों का सफलतापूर्वक निर्वहन किया जा रहा है। इसके साथ ही, प्राकृतिक आपदाओं के समय सेना द्वारा राहत एवं बचाव कार्यों में जो सराहनीय सहयोग प्रदान किया जाता है, वह अत्यंत प्रशंसनीय है।

    मुख्यमंत्री ने भारतीय सेना के योगदान के प्रति आभार व्यक्त करते हुए आश्वस्त किया कि राज्य सरकार, सेना की सभी महत्वपूर्ण पहलों में पूर्ण सहयोग प्रदान करती रहेगी।

    लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता ने मुख्यमंत्री को सीमांत क्षेत्रों के समग्र विकास हेतु मध्य कमान द्वारा संचालित कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारतीय सेना, सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ सामाजिक विकास हेतु भी पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि सीमांत क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास, सामुदायिक सहभागिता, युवाओं के साथ संवाद और अग्रिम क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की गई हैं।

    इस अवसर पर प्रमुख सचिव  आर.के. सुधांशु, सचिव दीपेंद्र चौधरी,  विनोद कुमार सुमन और अन्य सैन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।

  • धामी सरकार के श्नशा मुक्त उत्तराखंड अभियानश् को मिल रहा जनसमर्थन

    धामी सरकार के श्नशा मुक्त उत्तराखंड अभियानश् को मिल रहा जनसमर्थन

    देहरादून।माननीय मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेशभर में श्नशा मुक्त उत्तराखंड अभियानश् प्रारंभ किया गया है। इस अभियान के अंतर्गत राज्य के सरकारी और गैर-सरकारी विद्यालयों को सक्रिय रूप से जोड़ा जा रहा है, ताकि बच्चों को प्रारंभिक अवस्था से ही नशे के दुष्परिणामों के बारे में जानकारी दी जा सके और समाज में दीर्घकालिक बदलाव की नींव रखी जा सके। सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के माध्यम से प्रदेशभर में स्कूली छात्रों को केंद्र में रखकर जन-जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। सरकार की मंशा स्पष्ट है हम एक ऐसा उत्तराखंड बनाना चाहते हैं, जहाँ युवा पीढ़ी नशे से मुक्त, जागरूक और सशक्त हो। स्कूली छात्रों को केंद्र में रखकर शुरू किया गया यह जागरूकता अभियान इस दिशा में एक मजबूत कदम है।

    इंडियन अकैडमी स्कूल में छात्रों के लिए विशेष व्याख्यान सत्र
    इसी क्रम में आज देहरादून के नेहरू ग्राम स्थित इंडियन अकैडमी पब्लिक स्कूल में विशेष व्याख्यान सत्र का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण, उत्तराखंड के सहायक निदेशक डॉ. पंकज सिंह ने छात्रों को नशे के दुष्प्रभावों, लत लगने के जोखिमों तथा इससे बचाव के व्यावहारिक तरीकों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि किशोरावस्था एक संवेदनशील दौर होता है और इस उम्र में नशे की ओर झुकाव जल्दी होता है। ऐसे में छात्रों को समय रहते जागरूक करना बेहद जरूरी है। डॉ. पंकज सिंह ने बताया कि नशे की लत केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि पारिवारिक और सामाजिक स्तर पर भी गंभीर असर डालती है।

    छात्रों से ह्यूमन चेन बनाने का आग्रह
    डॉ. पंकज सिंह ने छात्रों से आह्वान किया कि वे इस जानकारी को अपने मित्रों, परिवारजनों और समुदाय के अन्य लोगों तक भी पहुचाएं, ताकि यह एक “ह्यूमन चेन” की तरह समाज में सकारात्मक संदेश फैला सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह अभियान सिर्फ एक दिन का कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक निरंतर चलने वाली पहल है, जिसका उद्देश्य युवाओं में नशे के प्रति जागरूकता बढ़ाकर एक नशामुक्त उत्तराखंड की परिकल्पना को साकार करना है।

    विद्यालय की भूमिका और छात्रों की सहभागिता

    इस कार्यक्रम की सफलता में विद्यालय की निदेशक मुनेन्द्र खंडूरी की अहम भूमिका रही। प्रधानाचार्य नीलम शर्मा ने कहा माननीय मुख्यमंत्री जी की पहल से अब ज़मीनी बदलाव दिखाई देने लगे हैं। यदि स्कूलों से यह मुहिम शुरू होती है, तो इसका प्रभाव हर घर तक पहुंचेगा। हमारे छात्र ही समाज को नई दिशा दे सकते हैं।

    छात्रों की प्रतिक्रियाएं
    शिव थपलियाल (छात्र) ने कहा इस मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल सराहनीय है। हमें नशे से दूर रहना चाहिए ताकि भविष्य सुरक्षित रह सके।

    नियती उनियाल (छात्रा) ने कहा इस कार्यशाला से बहुत महत्वपूर्ण जानकारियाँ मिलीं। हमें इस अभियान से जुड़कर अपने आसपास के लोगों को भी जागरूक करना चाहिए।

    युवा पीढ़ी नशे से मुक्त, जागरूक और सशक्त हो
    सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार ने इस अवसर पर कहा हमारा प्रयास रहेगा कि यह मुहिम हर जिले, हर विद्यालय तक पहुंचे और एक जनांदोलन का रूप ले। उन्होंने आगे कहा इस अभियान में मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों, शिक्षकों और अभिभावकों की सहभागिता से ही दीर्घकालिक सकारात्मक परिणाम सुनिश्चित किए जा सकते हैं। शिक्षकों को चाहिए कि वे छात्रों में संवेदनशीलता एवं आत्मबल बढ़ाने वाले संवादों को प्रोत्साहित करें।

  • सचिवालय में राज्य गंगा समिति की 18वीं बैठक संपन्न हुई

    सचिवालय में राज्य गंगा समिति की 18वीं बैठक संपन्न हुई

    देहरादून। मुख्य सचिव  आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में राज्य गंगा समिति की 18वीं बैठक संपन्न हुई। मुख्य सचिव ने कहा कि गंगा के संरक्षण और कायाकल्प के लिए किए जा रहे सभी कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूर्ण किया जाए। कहा कि लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट आदि कार्यों के लिए कार्यदायी संस्थाओं को गंभीरता से कार्य किए जाने की आवश्यकता है। मुख्य सचिव ने कहा कि जिला गंगा समितियों की बैठकें भी ससमय अनिवार्य रूप से करवा ली जाएं।

    मुख्य सचिव ने कहा कि जल निगम के अंतर्गत तैयार किए जा रहे सीवेज मैनेजमेंट प्लांट्स का निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण किया जाए। उन्होंने कहा कि नई सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की बनाने जाने से पहले इसके लिए गठित समिति की संस्तुति अनिवार्य रूप से ले ली जाए। उन्होंने कोटद्वार पौड़ी गढ़वाल एवं रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड तिलवाड़ा एसटीपी निर्माण में हो रही देरी के लिए संबंधित जनपदों के जिलाधिकारियों को भूमि हस्तांतरण आदि कार्यों एक माह में निस्तारित कर कार्य पूर्ण कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेशभर में सीवेज मैनेजमेंट का अंतर विश्लेषण (Gap Analysis) करवाये जाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने गंगा की विभिन्न सहायक नदियों की फ्लड प्लेन ज़ोनिंग और हाइड्रोलॉजिकल सर्वे कार्यों में भी तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।

    मुख्य सचिव ने मॉनिटरिंग सिस्टम को ऑनलाइन किए जाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि बाय प्रोडक्ट (Sludge) के लिए स्लज मैनेजमेंट प्लान अनिवार्य रूप से तैयार किया जाए। उन्होंने लेगेसी वेस्ट की बाकी बची ३७ साइट्स को शीघ्र क्लियर किए जाने हेतु कार्य योजना प्रस्तुत किए जाने की बात कही।

    इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु,  आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव  शैलेश बगौली,  नितेश कुमार झा, सीसीएफ़  पराग मधुकर धकाते, सदस्य सचिव यूपीसीबी  एस पी सुबुद्धि, उपाध्यक्ष एमडीडीए एवं डीजी सूचना बंशीधर तिवारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।