Category: पौड़ी गढ़वाल

  • केंद्र और राज्य सरकार ने राहत- बचाव अभियान में झोंकी ताकत

    केंद्र और राज्य सरकार ने राहत- बचाव अभियान में झोंकी ताकत

    देहरादून । आपदा ग्रस्त धराली (उत्तरकाशी) में राहत एवं बचाव अभियान में केंद्र के साथ ही राज्य की एजेंसियां भी युद़धस्तर पर जुटी हुई हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मौसम की चुनौतियों के बावजूद, आपदा ग्रस्त क्षेत्र का दौरा कर पीड़ितों से मुलाकात की है। सीएम ने बचाव और राहत अभियान में किसी तरह की कसर नहीं छोड़ने के निर्देश दिए हैं।

    प्रधानमंत्री ने लिया अपडेट
    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बुधवार प्रातः मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बातचीत कर धराली क्षेत्र में हुई प्राकृतिक आपदा और इसके बाद चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली। मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री को बताया कि राज्य सरकार राहत और बचाव कार्यों में पूरी तत्परता के साथ जुटी हुई है। लगातार हो रही भारी वर्षा के कारण कुछ क्षेत्रों में कठिनाइयां आ रही हैं, लेकिन सभी संबंधित एजेंसियां समन्वय के साथ कार्य कर रही हैं ताकि प्रभावित लोगों को त्वरित सहायता मिल सके। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने केंद्र सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।

    सीएम पहुंचे धराली
    सीएम पुष्कर सिंह धामी भी बुधवार सुबह प्रभावित क्षेत्र के लिए रवाना हुए। जहां उन्होंने प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर, हर संभव सहायता का भरोसा दिलाते हुए, राहत कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने मौके पर राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे कर्मियों से भी भेंट की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राहत सामग्री समयबद्ध तरीके से प्रभावितों तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि राहत कार्यों को गति देने के उद्देश्य से दो हेलीकॉप्टरों के माध्यम से आवश्यक खाद्य और राहत सामग्री धराली क्षेत्र में पहुंचाई गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता प्रत्येक प्रभावित व्यक्ति तक राहत पहुंचाते हुए, सामान्य स्थिति बहाल करना है।

    चिनूक, एमआई 17 तैनात
    इधर, राज्य सरकार की मांग पर केंद्र सरकार ने चंडीगढ़, सरसावा और आगरा से 02 चिनूक और 02 एमआई – 17 हेलीकॉप्टर, बुधवार तड़के ही जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर उपलब्ध करा दिए। सड़क यातायात बहाल करने के लिए चिनूक हेलीकॉप्टर से भारी मशीनरी भी पहुंचाई जा रही है। बचाव अभियान में सेना के 125 अधिकारी और जवान, आईटीबीपी के 83 अधिकारी और जवान भी लगे हुए हैं। इधर, बीआरओ के 06 अधिकारी, 100 से अधिक मजदूरों के साथ बाधित सड़कों को खोलने में जुटे हुए हैं।

    दून और ऋषिकेश एम्स में बेड आरक्षित
    स्वास्थ्य विभाग ने आपदा में घायलों को उपचार प्रदान करने के लिए दून मेडिकल कॉलेज, कोरोनेशन जिला अस्पताल और एम्स ऋषिकेश में बेड आरक्षित किए हैं, साथ ही विशेषज्ञ डॉक्टरों का भी उत्तरकाशी के लिए रवाना किया गया है। विशेष रूप से मनोचिकित्सक भी आपदाग्रस्त क्षेत्र में भेजे गए हैं।

    झाला – हर्षिल में राहत शिविर शुरु
    इस बीच मौके पर सेना, आईटीबीपी के साथ ही एसडीआरएफ, पुलिस, राजस्व विभाग की टीमें बचाव अभियान में जुटी हुई हैं। प्रशासन ने इंटर कॉलेज हर्षिल, जीएमवीएन और झाला में राहत शिविर प्रारंभ किए हैं। इसके साथ ही क्षेत्र में बिजली और संचार नेटवर्क को बहाल किए जाने के प्रयास भी युद्धस्तर पर किए जा रहे हैं। एनआईएम और एसडीआरएफ लिम्चागाड में अस्थायी पुल निर्माण में भी जुट गई है। राज्य सरकार मंगलवार शाम को ही तीन आईएएस अधिकारियों के साथ ही दो आईजी और तीन एसएसपी स्तर के आईपीएस को राहत एवं बचाव अभियान में समन्वय के लिए उत्तरकाशी रवाना कर चुकी है।

  • विनाशकारी तबाही की सामने आई वजह; इसलिए एक नहीं दो बार तेजी से नीचे आया पानी संग मलबा

    विनाशकारी तबाही की सामने आई वजह; इसलिए एक नहीं दो बार तेजी से नीचे आया पानी संग मलबा

    उत्तरकाशी। उत्तरकाशी में जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर धराली गांव के ऊपर खीरगंगा में मंगलवार दोपहर बादल फटने से खीरगंगा नदी में सैलाब आ गया। सैलाब में चार लोगों के मरने की पुष्टि की है। जबकि करीब 70 लोग लापता बताए जा रहे हैं।
    उत्तरकाशी के धराली में खीर गंगा में कई बार जलस्तर बढ़ने के कारण वहां पर बाजार और आसपास के क्षेत्रों में नुकसान हुआ था। वहां पर नदी का जलग्रहण क्षेत्र कम होने और तेज ढाल की वजह से पानी तेजी से नीचे की ओर आता है। इसीलिए मंगलवार को बादल फटने के बाद मलबा और पानी तेजी से धराली बाजार तक पहुंचा, जिससे किसी को संभलने का मौका नहीं मिला।
    धराली में खीर गंगा में यह पहली बार नहीं हुआ कि उसका जलस्तर बढ़ने के कारण आसपास के क्षेत्र को नुकसान हुआ है। इसके बाद भी स्थानीय लोग नहीं चेते और न ही शासन प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम किए गए। हालांकि वर्ष 2023 में खीर गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण वहां पर कई दिनों तक गंगोत्री हाईवे भी बंद रहा था।
    साथ ही दुकानों और होटलों को भी नुकसान हुआ था। उसके बाद वहां पर सुरक्षात्मक कार्य तो हुए लेकिन नदी का स्पैन कम होने के कारण वह विनाशकारी आपदा को नहीं रोक पाया।
    इससे पूर्व वर्ष 2017-18 में भी खीरगंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण होटलों, दुकानों और कई घरों में मलबा घुसा था। उस समय भी आपदा से उभरने में लोगों को करीब एक वर्ष का समय लग गया था। हालांकि उस समय किसी प्रकार की जिंदगी को नुकसान नहीं हुआ था।
    उत्तरकाशी में जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर धराली गांव के ऊपर खीरगंगा में मंगलवार दोपहर बादल फटने से खीरगंगा नदी में सैलाब आ गया। तेजी से आए मलबे और पानी की चपेट में आने से धराली का मुख्य बाजार पूरी तरह तबाह हो गया। साथ ही प्रसिद्ध कल्प केदार मंदिर भी पूरी तरह मलबे में बह गया है।
    जिला प्रशासन ने बताया कि देर शाम तक 130 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका था। चार लोगों के मरने की पुष्टि की है। जबकि करीब 70 लोग लापता बताए जा रहे हैं। साथ ही 30 होटल-दुकान-घर मलबे में बहने के कयास लगाए जा रहे हैं। हर्षिल घाटी में मंगलवार को तीन जगह बादल फटे।
    खीर गंगा में बादल फटने से सबसे ज्यादा तबाही धराली में मची। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मंगलवार दोपहर करीब 1.50 बजे गांव के ऊपर बादल फटा। इसके बाद महज 20 सेकंड के भीतर खीरगंगा नदी का पानी और मलबा मुख्य बाजार की ओर मुड़ गया।


    लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर दौड़ रहे थे, लेकिन इससे पहले कि वह सुरक्षित जगह पर पहुंच पाते सैलाब ने सब कुछ तबाह कर दिया। वहां मौजूद कई होटल, रिसॉर्ट, दुकानें, घर और सेब के बगीचे जमींदोज हो गए। वहां चीख-पुकार मच गई।
    देखते ही देखते पूरा बाजार मलबे के ढेर में तब्दील हो गया। सूचना मिलते ही जिला प्रशासन तुरंत हरकत में आया और एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, सेना और पुलिस की टीमें मौके पर भेजी गई। बचाव दल ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया और होटल में फंसे कई लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।
    प्रदेश सरकार की तरफ से केंद्र सरकार व वायु सेना से रेस्क्यू अभियान के लिए दो एमआई और एक चिनूक मांगा गया है। लगातार बारिश के कारण हेलिकॉप्टरों की उड़ान में बाधा आ रही है। यूकाडा ने भी बचाव कार्यों के लिए दो निजी हेलिकॉप्टर तैयार रखे हैं। मौसम साफ होते ही वायु सेना हेलिकॉप्टर से राहत पहुंचाएगी।
    लोगों का कहना है कि अगर नदी का बहाव सीधे आगे बढ़ता तो गांव की बस्ती को भी भारी नुकसान हो सकता था लेकिन पानी बाजार की ओर मुड़ जाने से सबसे ज्यादा नुकसान व्यावसायिक इमारतों को हुआ है। एक बार पानी के साथ मलबा आया व उसके बाद कुछ देर के लिए रुक गया। कुछ देर बाद दोबारा मलबा आया।
    सीएम धामी ने बताया कि जिला प्रशासन, भारतीय सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ समेत अन्य एजेंसियां राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। प्राथमिकता के आधार पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। स्थिति की लगातार निगरानी की जा रही है। प्रभावितों की हर संभव मदद के निर्देश दिए गए हैं।
    घटना की जानकारी मिलते ही डीएम प्रशांत आर्य और एसपी सरिता डोवाल मौके के लिए रवाना हो गए हैं। प्रशासन ने हर्षिल में राहत शिविर भी स्थापित किए हैं। डीएम ने बताया कि नुकसान का पूरा आकलन मौके पर पहुंचकर किया जाएगा।

    बुधवार को भी बारिश जारी रहेगी। मौसम विज्ञान केंद्र ने उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और ऊधमसिंह नगर जिले के कुछ इलाकों में भारी से भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
    जबकि देहरादून, नैनीताल, चम्पावत और पौड़ी जिले के कुछ हिस्सों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया। इसके अलावा अन्य जिलों में भी तेज दौर की बारिश होने की संभावना है।ॉ

  • मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी द्वारा उत्तरकाशी आपदा नियंत्रण कक्ष से राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा

    मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी द्वारा उत्तरकाशी आपदा नियंत्रण कक्ष से राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा

    देहरादून । उत्तरकाशी जनपद के धराली क्षेत्र में आई भीषण प्राकृतिक आपदा के दृष्टिगत मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी स्थित आपदा नियंत्रण कक्ष से राहत एवं बचाव कार्यों की गहन समीक्षा की।
    मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों एवं सेना के प्रतिनिधियों से स्थिति की वस्तुनिष्ठ जानकारी प्राप्त की और उन्हें राहत कार्यों को तीव्र गति से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए।
    उन्होंने बताया कि क्षेत्र में रेस्क्यू एवं मेडिकल कैंप्स की स्थापना कर दी गई है तथा प्रभावितों के लिए भोजन एवं आवश्यक सामग्री की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।
    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर प्रारम्भ कर दिए गए हैं।
    भारतीय वायुसेना के चिनूक व एमआई-17 हेलीकॉप्टर पूरी तरह से तैयार स्थिति में हैं, ताकि आवश्यकतानुसार शीघ्रतम कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
    प्रदेश सरकार राहत कार्यों को प्राथमिकता देते हुए प्रत्येक प्रभावित नागरिक तक सहायता पहुँचाने हेतु कटिबद्ध है।
  • सरकार के लिए एक-एक व्यक्ति की जान अमूल्य – मुख्यमंत्री

    सरकार के लिए एक-एक व्यक्ति की जान अमूल्य – मुख्यमंत्री

    देहरादून ।अपने आंध्र प्रदेश दौरे को बीच में ही तत्काल निरस्त करते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार शाम को सीधे देहरादून आईटी पार्क स्थित आपदा परिचालन केंद्र पहुंच कर  उत्तरकाशी जनपद के हर्षिल क्षेत्र के धराली गांव में बादल फटने की घटना से से प्रभावित क्षेत्र में चल रहे हैं रेस्क्यू ऑपरेशन का अपडेट लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के लिए एक-एक व्यक्ति की जान अमूल्य है।
    मुख्यमंत्री  ने  जिलाधिकारी उत्तरकाशी सहित सम्बंधित अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर संचालित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने मौके पर राहत एवं बचाव कार्य में जुटी सेना, SDRF, NDRF, जिला प्रशासन एवं अन्य संबंधित टीमों को प्रभावी समन्वय के साथ राहत कार्यों को तत्परता संपादित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने संबंधित सभी वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क किया तथा स्थिति की जानकारी लेते हुए आवश्यक निर्देश दिए।

    मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षा विभाग तथा जिलाधिकारी को प्रभावित क्षेत्र में आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी शैक्षणिक तथा अन्य संस्थान बंद करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने प्रभावित लोगों से संपर्क बनाए रखने के लिए जल्द से जल्द नेटवर्क व्यवस्था को बहाल करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने धराली एवं हर्षिल क्षेत्र में आपदा प्रभावितों तत्काल रेस्क्यू के बाद होटल, होमस्टे आदि में रहने, खाने तथा दवाइयां की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों से हर्षिल क्षेत्र में बन रही झील को जल्द से जल्द खुलवाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।

    मुख्यमंत्री ने प्रभावितों को एयरलिफ्ट करवाने तथा तत्काल भोजन, दवाइयां तथा कपड़े आदि भेजने के लिए वायु सेना के MI 17 का सहयोग लेने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जो लोग बेघर हो गए हैं उनके रहने के लिए अच्छी वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। यदि होटल आदि अधिग्रहित करना पड़े तो उसको तुरंत कर लिया जाए। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आपदा से प्रभावित लोगों को किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े इसका विशेष ध्यान रखा जाए। तत्काल आसपास के क्षेत्र में स्थित होटल तथा स्कूलों में राहत शिविरों की व्यवस्था की जाए। लोगों के लिए खाने-पीने की समुचित व्यवस्था की जाए। बिस्तर कंबल तथा कपड़ों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। खाने के पैकेट एयर ड्रॉप किए जाएं।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर किसी ने अपना परिवार खोया है तो सरकार उसके साथ खड़ी है। सरकार ऐसे सभी लोगों की संरक्षक है और उनके जीवन यापन का पूरा जिम्मा सरकार का है।
    मुख्यमंत्री ने उत्तरकाशी में जिलाधिकारी के रूप में सेवा दे चुके अपर सचिव डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट, श्री अभिषेक रोहिल्ला तथा गौरव कुमार को नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने अपर सचिव विनीत कुमार को नोडल अधिकारी की तत्काल तैनाती करते हुए जो उत्तरकाशी में ही रह कर कैंप करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने गढ़वाल कमिश्नर श्री विनय शंकर पांडे शासन स्तर से धराली  आपदा हेतु नोडल अधिकारी नामित करने की निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने यूपीसीएल के एमडी से बात कर मंगलवार रात को ही बिजली आपूर्ति बहाल करने के निर्देश दिए हैं।

    एसडीआरएफ आइटीबीपी तथा अन्य राहत एजेंसियों ने मिलकर लगभग 130 से अधिक लोगों का रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। उन्होंने संचार व्यवस्था को भी मंगलवार रात्रि ही बहाल करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि पीडब्ल्यूडी/जल संस्थान/ऊर्जा आदि विभाग के अधिकारी वहीं डटे रहें। डॉक्टर्स और दवाई की व्यवस्था की जाए। पोस्टमार्टम आदि की व्यवस्था वहीं मौके पर की जाए। मुख्यमंत्री ने मुआवजा वितरण की प्रक्रिया को जल्द से जल्द शुरू करने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि बुधवार सुबह ही विभिन्न विभागों के सचिवों की टीम भी धराली हर्षिल के लिए रवाना हो जाएगी।

    नेताला में अवरुद्ध मार्ग को रात्रि करीब आठ बजे खोल लिया गया है। मार्ग खुलते ही यहां फंसे जिलाधिकारी उत्तरकाशी और एसपी के साथ ही अन्य राहत और बचाव दल मौके के लिए रवाना हो गए हैं। खाद्य विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग की एक टीम बनाकर भी घटनास्थल के लिए रवाना की जा रही है।

    बैठक में प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, डी जीपी  दीपम सेठ, सचिव शैलेश बगौली,  पंकज पांडे, कमिश्नर गढ़वाल  विनय शंकर पांडे, सहित सभी संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

  • धराली में युद्धस्तर पर चल रहे राहत और बचाव कार्य

    धराली में युद्धस्तर पर चल रहे राहत और बचाव कार्य

    देहरादून । मंगलवार को बादल फटने से उत्तरकाशी के तहसील भटवाड़ी, थाना हर्षिल के अंतर्गत खीर गाढ़ में अपराह्न लगभग 1.50 बजे अत्यधिक जलस्तर बढ़ने से धराली बाजार क्षेत्र में भारी मलबा आने के कारण कई भवनों, होटल एवं दुकानों के क्षतिग्रस्त होने की सूचना पर त्वरित प्रतिक्रिया करते हुए एसडीआरएफ, अग्निशमन विभाग, सेना तथा स्थानीय प्रशासन/पुलिस व अन्य बचाव दलों द्वारा राहत और बचाव कार्य प्रारंभ कर दिए गए हैं। खोज, बचाव एवं राहत कार्यों में सहायता के लिए एस0डी0आर0एफ0/एन0डी0आर0एफ0/आर्मी/आईटीबीपी/ पुलिस के अतिरिक्त बलों को घटनास्थल के लिए रवाना कर दिया गया है। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक भी धराली के लिए रवाना हो गए। उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से घटनास्थल 80 किलोमीटर दूर है। निकटतम चिकित्सालय 05 किमी, जिला चिकित्सालय 88 किमी तथा एम्स देहरादून 246 किमी दूर है।
    इस बीच वायु सहायता के लिए एयरफोर्स से भी सम्पर्क किया गया है। निकटवर्ती राजकीय चिकित्सालयों व एम्स, देहरादून में भी बेड आरक्षित कर दिये गये हैं एवं पर्याप्त संख्या में एम्बुलेंस को क्रियाशील किया गया है। खतरे को देखते हुए स्थानीय निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर भेजे जाने की कार्यवाही की जा रही है।
    प्रभारी मुख्य सचिव श्री आरके सुधांशु ने प्रधानमंत्री कार्यालय तथा गृह मंत्रालय को घटना के संबंध में जानकारी दे दी है। श्री आरके सुधांशु ने बताया कि केंद्र सरकार ने राहत और बचाव कार्यों में हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी गणों के साथ लगातार समन्वय किया जा रहा है।
    राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र देहरादून ;एसईओ सिद्ध को घटना की सूचना मिलते ही जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र ;डीईओ सिद्ध तथा जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करते हुए त्वरित राहत और बचाव कार्य संचालित किए गए। घटना की जानकारी मिलते ही प्रभारी मुख्य सचिव श्री आरके सुधांशु, पुलिस महानिदेशक श्री दीपम सेठ, सचिव गृह श्री शैलेश बगौली, आयुक्त गढ़वाल श्री विनय शंकर पांडे, एडीजी श्री एपी अंशुमान तथा आईजी गढ़वाल श्री राजीव स्वरूप, आईजी एसडीआरएफ श्री अरुण मोहन जोशी के साथ ही अन्य अधिकारियों ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर राहत और बचाव कार्यों की जानकारी ली। सभी अधिकारीगण वर्तमान में एसईओसी में उपस्थित हैं और लगातार राहत और बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे हैं।
    अधिकारी गणों ने धराली के आसपास अस्पतालों, हेलीपैड, राहत शिविरों तथा आर्मी, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की जानकारी लेते हुए आसपास के क्षेत्रों से अतिरिक्त राहत और बचाव दलों को रवाना किया। इस दौरान जिलाधिकारी  उत्तरकाशी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जानकारी ली। बीआरओ तथा लोक निर्माण विभाग को जल्द मार्गों को खुलवाने के निर्देश दिए गए हैं।
    हर्षिल पीएचसी, भटवाड़ी पीएचसी, जिला अस्पताल उत्तरकाशी में घायलों के उपचार के लिए सभी आवश्यक तैयारियां कर ली गई हैं। एम्स ऋषिकेश और दून अस्पताल में भी अतिरिक्त बेड रिजर्व कर दिए गए हैं। एनडीआरएफ के 50 जवान दिल्ली से भेजे गए हैं। 15 जवान देहरादून से रवाना किए गए हैं। एसडीआरएफ के 30 जवान गंगोत्री से रवाना किए गए हैं, जबकि 45 जवान देहरादून से भेजे गए हैं। आईटीबीपी के 30 जवानों को राहत और बचाव कार्यों के लिए भेजा गया है।
    राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से 02 एमआई हेलीकॉप्टर तथा 01 चिनूक हेलीकॉप्टर के लिए वायु सेना को अनुरोध पत्र भेज दिया गया है। यूकाडा के 02 हेलीकॉप्टर भी राहत और बचाव कार्यों के लिए भेजे जाने हेतु तैयार हैं। मौसम अनुकूल होने पर वायु सहायता पहुंचाई जाएगी। सड़कों को खोलने के लिए सभी आवश्यक संसाधन भेजे गए हैं। जहां-जहां भी सड़क मार्ग बाधित हैं, उन्हें जल्द से जल्द खोलने के निर्देश राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से दिए गए हैं।
    मार्ग बाधित होने तथा मौसम खराब होने के कारण राहत और बचाव दलों को घटनास्थल पर पहुंचने में कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मार्गों को खोलने की कार्यवाही गतिमान है। मौसम के अनुकूल होते ही, राहत और बचाव दल हवाई तथा सड़क मार्ग से घटनास्थल पर पहुंच जाएंगे।
    वहीं दूसरी ओर एसडीआरएफ ने घटनास्थल के लिए विक्टिम लोकेशन कैमरा, थर्मल इमेजिंग कैमरा, आरआर शॉ, डायमंड चेन शॉ, कर्बाइड टिप्ड चेन शॉ, चिपिंग हैमर, ड्रोन, पैलिकन लाइट, ड्रैगन लाइट, मेडिकल संसाधन रवाना कर दिए हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से जिलाधिकारी तथा एसएसपी के साथ लगातार संपर्क बना हुआ है।
    अतिवृष्टि/बादल फटना, उत्तरकाशी उत्तराखण्ड में हुई घटना की जानकारी के लिए हेल्पलाइन नम्बर
    1- जिला आपातकालीन परिचालन केन्द्र, उत्तरकाशी में स्थापित हेल्पलाइन नम्बर।
    01374.222722, 7310913129, 7500737269
    टोल फ्री नं0-1077, ई0आर0एस0एस0 टोल फ्री नं0-112
    2-  राज्य आपातकालीन परिचालन केन्द्र,  देहरादून में स्थापित हेल्पलाइन नम्बर 0135.2710334, 2710335, 8218867005, 9058441404
    टॉल फ्री नं0-1070, ई0आर0एस0एस0 टॉल फ्री नं0-112
    घटना में मृतक/घायल के संबंध में उपरोक्त हेल्पलाईन नं0 पर संपर्क किया जा सकता है।
  • पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन

    पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन

    नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने मंगलवार को दिल्ली के आरएमएल अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे। उनका इलाज आरएमएल अस्पताल में चल रहा था। जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का मंगलवार को लंबी बीमारी के बाद 79 वर्ष की आयु में निधन हो गया। आज लगभग 1 बजे नई दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में उनका निधन हो गया, जहां उनका इलाज चल रहा था। मलिक ने अगस्त 2018 से अक्टूबर 2019 तक पूर्ववर्ती जम्मू और कश्मीर राज्य के 10वें और अंतिम राज्यपाल के रूप में कार्य किया और उनके कार्यकाल के दौरान ही 5 अगस्त 2019 को जम्मू और कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किया गया।
    बाद में, वे गोवा चले गए और 18वें राज्यपाल बने और अक्टूबर 2022 तक मेघालय के 21वें राज्यपाल के रूप में भी कार्य किया। राजनेता के रूप में उनका पहला प्रमुख कार्यकाल 1974-77 के दौरान उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य के रूप में रहा। उन्होंने 1980 से 1986 और 1986-89 तक राज्यसभा में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया। वे 1989 से 1991 तक जनता दल के सदस्य के रूप में अलीगढ़ से नौवीं लोकसभा के सदस्य रहे। वे अक्टूबर 2017 से अगस्त 2018 तक बिहार के राज्यपाल रहे। 21 मार्च 2018 को, उन्हें 28 मई 2018 तक ओडिशा के राज्यपाल के रूप में कार्य करने का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया। अगस्त 2018 में, उन्हें जम्मू और कश्मीर राज्य का राज्यपाल नियुक्त किया गया।
    मलिक का जन्म उत्तर प्रदेश के बागपत के हिसावदा गाँव में एक जाट परिवार में हुआ था। उन्होंने मेरठ विश्वविद्यालय से विज्ञान स्नातक और एलएलबी की डिग्री हासिल की। 1968-69 में, मलिक छात्र संघ अध्यक्ष चुने गए, जिससे उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई। मलिक पहली बार किसी सार्वजनिक पद के लिए बागपत से विधान सभा के सदस्य के रूप में चुने गए थे, जब उन्होंने चरण सिंह के भारतीय क्रांति दल के सदस्य के रूप में सफलतापूर्वक चुनाव लड़ा था।

  • गलत तरीके से राशन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर कार्ड, आयुष्मान कार्ड बनाने वालों पर हो कठोर कार्यवाही

    गलत तरीके से राशन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर कार्ड, आयुष्मान कार्ड बनाने वालों पर हो कठोर कार्यवाही

    देहरादून। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी द्वारा सभी जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि प्रदेश में जिन लोगों ने गलत तरीके से राशन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर कार्ड, आयुष्मान कार्ड और अन्य दस्तावेज प्राप्त किए हैं, तथा ऐसे कार्ड बनाने में संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाए।

    मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में जिलाधिकारियों द्वारा इस संबंध में कार्यवाही की जा रही है। अब तक जिलाधिकारी पौड़ी, बागेश्वर एवं देहरादून द्वारा निरस्त किए गए अपात्र राशन कार्डों का विवरण उपलब्ध कराया गया है। जिसमें जनपद पौड़ी में राशन कार्ड सत्यापन के अंतर्गत 961 अपात्र कार्डधारकों के राशन कार्ड निरस्त किए गए हैं। जनपद बागेश्वर में 5307 तथा देहरादून में 3332 राशन कार्ड निरस्त किए गए हैं।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में राशन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर कार्ड एवं आयुष्मान कार्ड आदि धारकों की सही पहचान करना जरूरी है, ताकि पात्र व्यक्तियों को ही योजनाओं का लाभ अनुमन्य हो सके। इससे प्रदेश में योजनाओं के सफल क्रियान्वयन में मदद मिलेगी तथा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जन सुविधायें प्राप्त करने वालों की पहचान हो सकेगी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी जिलाधिकारियों द्वारा जनपद स्तर पर राशन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर कार्ड एवं आयुष्मान कार्ड का सत्यापन अभियान सघनता से संचालित किया जा रहा है।

  • मातृशक्ति ही उत्तराखण्ड की आर्थिक व सामाजिक क्रान्ति की सबसे बड़ी संवाहक-मुख्यमंत्री  

    मातृशक्ति ही उत्तराखण्ड की आर्थिक व सामाजिक क्रान्ति की सबसे बड़ी संवाहक-मुख्यमंत्री  

    देहरादून। सीएम धामी ने राज्य के सभी सरकारी कार्यक्रमों व समारोहों में केवल महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए स्मृति चिन्ह, शॉल व भेंट आदि ही उपयोग में लाने के शासनादेश को जारी करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी सभी महिलाओं को ग्रोथ सेन्टर में प्रशिक्षण दिलवाने, महिला स्वयं सहायता समूहो द्वारा तैयार उत्पादों को राज्य के अम्बै्रला ब्राण्ड हॉउस ऑफ हिमालयाज से जोड़ने, सेल्फ हेल्प ग्रुप द्वारा बनाए गए उत्पादों की क्वालिटी कण्ट्रोल पर विशेष ध्यान देने तथा उत्पादों की बेहतरीन पैंकेजिंग व मार्केटिंग को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि शासन-प्रशासन को राज्य की महिलाओं को लखपति दीदी से करोड़पति दीदी बनाने के विजन के साथ मिशन मोड पर कार्य करना होगा। मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के बाद उत्तराखंड में दूसरी औद्योगिक क्रांति आई है जिसका लाभ महिला स्वयं सहायता समूह को भी उठाना चाहिए।

    मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय से राज्य के विभिन्न विकास खण्डों में महिला स्वयं सहायता समूहों से वर्चुअल संवाद किया।

    मुख्यमंत्री श्री धामी ने प्रत्येक जनपद की विभिन्न विकासखण्डों के बहुत से महिला स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं से संवाद करते हुए उनके स्वयं सहायता समूहों द्वारा कौन-कौन से उत्पाद बनाए जा रहे हैं, स्वयं सहायता समूहों को कितना लाभ हो रहा है, हर स्वयं सहायता समूहों से कितनी महिलाएं जुड़ी हैं, स्वयं सहायता समूहों से जुड़ने के बाद महिलाओं की आय में कितनी वृद्धि हुई, समूहों में कार्य करने से महिलाओं को क्या लाभ हुआ, महिलाओं द्वारा बनाएं गए उत्पादों की आपूर्ति की क्या स्थिति है, जैसी विस्तृत जानकारी ली।

    मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने महिला स्वयं सहायता समूहों से उनके उत्पादों की बिक्री हेतु डिजिटल प्लेटफ्रॉम के उपयोग पर भी चर्चा की। उन्होंने जिलाधिकारियों को इस सम्बन्ध में महिला स्वयं सहायता समूहों से सहयोग व सहायता करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में महिलाएं ही आर्थिक व सामाजिक क्रान्ति की सबसे बड़ी संवाहक हैं। मुख्यमंत्री श्री धामी ने महिला स्वयं सहायता समूहों से एसएचजी के और अधिक विस्तार व महिलाओं को स्वरोजगार में प्रोत्साहन के सम्बन्ध में सरकार को सुझाव देने हेतु भी आमंत्रित किया।

    उत्तराखंड में 68 हजार स्वयं सहायता समूहों (SHG) से लगभग 5 लाख से अधिक महिलाएँ जुड़ी

    मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने महिला स्वयं सहायता समूह को संबोधित करते हुए कहा कि  प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन और सहयोग से हमारी राज्य सरकार भी मातृशक्ति के कल्याण के लिए समर्पित होकर कार्य कर रही है। हमारी सरकार ने उत्तराखंड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत प्रदेश की महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों से जोड़कर उन्हें संगठित करने का काम किया है, ताकि उनके जीवन में आत्मविश्वास, आत्मनिर्भरता और गरिमा का नया अध्याय जुड़ सके। आज राज्य में 68 हजार स्वयं सहायता समूह (SHG) बनाकर लगभग 5 लाख महिलाएँ संगठित होकर अपना व्यवसाय कर रही हैं। आज 7 हजार से अधिक ग्राम्य संगठन और 500 से अधिक क्लस्टर संगठनों के माध्यम से राज्य की महिलाएं सामूहिक नेतृत्व की एक अद्वितीय मिसाल पेश कर रही हैं।

    मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना” ने राज्य में महिला आर्थिक सशक्तिकरण का लिखा नया इतिहास

    मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने वर्ष 2023 में रक्षाबंधन के पर्व पर स्वयं सहायता समूहों की हमारी बहनों द्वारा निर्मित उत्पादों को व्यापक पहचान दिलाने के उद्देश्य से “मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना” प्रारंभ की थी। जिसके माध्यम से हमारी बहनों ने विभिन्न आयोजनों में 27 हजार से अधिक स्टॉल लगाकर 7 करोड़ रुपये से अधिक के उत्पादों की बिक्री करने में सफलता प्राप्त की। इन उत्पादों के प्रभावी विपणन हेतु 13 जनपदों में 33 नैनो पैकेजिंग यूनिट्स, 17 सरस सेंटर, 3 राज्य स्तरीय विपणन केंद्र तथा 8 बेकरी यूनिट्स का भी संचालन किया जा रहा है। इसके साथ ही, चारधाम यात्रा मार्गों पर भी सैंकड़ों अस्थायी आउटलेट्स के माध्यम से महिला समूहों के उत्पादों की बिक्री की जा रही हैद्य इसके अतिरिक्त, केंद्र सरकार की श्वन स्टेशन, वन प्रोडक्टश् योजना के अंतर्गत देहरादून और हरिद्वार रेलवे स्टेशनों पर महिला स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की बिक्री हेतु विशेष केंद्र स्थापित किए गए हैं।  हमारी सरकार द्वारा जहां एक ओर हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड के माध्यम से हमारे पारम्परिक उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक पहचान दिलाने का काम भी किया जा रहा हैं।
    वहीं,  ‘Hilans’ ब्रांड के अंतर्गत हमारी बहनों द्वारा निर्मित उत्पाद प्रदेश में ही नहीं बल्कि प्रदेश के बाहर भी अपनी सशक्त पहचान बना रहे हैं।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की हमारी सभी माताओं और बहनों को आश्वस्त करना चाहता हूँ कि आपका ये भाई, आपका ये बेटा, आपके अधिकारों और सम्मान की रक्षा के लिए पूरी शक्ति, निष्ठा और समर्पण के साथ निरंतर कार्य करता रहेगा।

    मुख्यमंत्री धामी का स्वदेशी आग्रह

    मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी से ये आग्रह भी करना चाहता हूं, हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने देशवासियों से ये आह्वान किया कि वे स्वदेशी उत्पादों का अधिक से अधिक उपयोग करें, जिससे आत्मनिर्भर भारत की दिशा में हमारा संकल्प और भी सशक्त हो सके।

    बैठक में प्रमुख सचिव श्री आर के सुधांशु, अपर सचिव सुश्री झरना कमठान एवं वर्चुअल माध्यम से सभी जिलों के जिलाधिकारी एवं 95 विकासखण्डों से विभिन्न महिला स्वयं सहायता समूह उपस्थित थे।

  • 24 घंटे अलर्ट पर रहें क्विक रिस्पांस टीमें-सुमन

    24 घंटे अलर्ट पर रहें क्विक रिस्पांस टीमें-सुमन

    देहरादून । सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने सोमवार को राज्य में वर्तमान में हो रही वर्षा से उत्पन्न स्थिति का जायजा लिया तथा सभी जिला आपदा प्रबंधन अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मौसम विभाग द्वारा राज्य के अनेक जनपदों में अतिवृष्टि की चेतावनी जारी की गई है, इसलिए अलर्ट रहना आवश्यक है। वहीं मौमस विभाग द्वारा टिहरी, देहरादून, पौड़ी और बागेश्वर के लिए रेड अलर्ट तथा हरिद्वार, नैनीताल और चंपावत के लिए ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है। इस संबंध में राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से सभी जनपदों को पत्र जारी किया गया है।
    सचिव  विनोद कुमार सुमन ने जनपद स्तरीय सभी अधिकारियों व आपदा से जुड़ी क्विक रिस्पांस टीमों 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने क्विक रिस्पांस टीमों को जलभराव की स्थिति में तत्काल मौके पर भेजने और त्वरित जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
    उन्होंने कहा कि नदियों के जलस्तर की लगातार निगरानी की जाए। लोगों को नदी किनारे जाने से रोका जाए। राज्य में जहां कहीं भी निर्माण कार्य चल रहे हो, वहां काम कर रहे श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित किए जाएं ताकि कोई दुर्घटना न हो। वर्षा की तीव्रता व संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की नियमित निगरानी की जाए। यह भी विश्लेषण किया जाए कि किस स्तर की बारिश पर किन क्षेत्रों में बाढ़ या जलभराव की आशंका है, ताकि अग्रिम कार्ययोजना बनाई जा सके। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने कहा कि ऐसी सभी संरचनाएं जो पानी के बहाव को रोक रही हों, उन्हें अविलंब हटाया जाए।
    उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि जनता को राशन, दवा, पेयजल तथा अन्य आवश्यक सेवाओं की कोई कमी न हो। प्रभावित क्षेत्रों में इन सेवाओं की निरंतर आपूर्ति प्राथमिकता से की जाए। इस अवसर पर अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन श्री आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी डीआईजी श्री राजकुमार नेगी, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी, ड्यूटी अधिकारी अनु सचिव विकास कुमार श्रीवास्तव, यूएसडीएमए के विशेषज्ञ मौजूद थे।

    सड़क, हाईवे और आवागमन की स्थिति पर निरंतर अपडेट
    देहरादून। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास  विनोद कुमार सुमन ने प्रदेश में अवरुद्ध मार्गों की भी जानकारी ली। उन्होंने निर्देशित किया कि सभी अवरुद्ध मार्गों को जल्द से जल्द सुचारु किया जाए और जनता को सड़कों की स्थिति से अवगत कराया जाए ताकि लोग मार्गों की स्थिति के अनुसार ही आवागमन करें।

    पावर हाउस की विशेष निगरानी
    सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास  विनोद कुमार सुमन ने पावर हाउसों में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जहां-जहां पावर हाउस है, वहां यदि पानी भरने की आशंका हो तो बिजली आपूर्ति को समय रहते बंद कर दिया जाए ताकि जन और धन की हानि रोकी जा सके।

    यूएसडीएमए की राज्य के नागरिकों से अपील

    • मौसम विभाग द्वारा जारी चेतावनियों को पूरी गंभीरता से लें।
    • किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें और केवल प्रशासन द्वारा जारी आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करें।
    • नदी किनारे न जाएं, जलभराव वाले क्षेत्रों में ना रुकें, अनावश्यक यात्रा से बचें और आसपास किसी खतरे की आशंका हो तो तुरंत स्थानीय प्रशासन को सूचित करें।
    • भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में संभलकर वाहन चलाएं।
    • किसी आपात स्थिति में कॉल करें 112, 1070, 1077
    • मार्ग बंद होने पर सुरक्षित स्थान पर रुक जाएं और मार्ग खुलने पर ही आगे बढ़ें।
    • बरसाती नालों/रपटों में पानी के तेज बहाव के दौरान वाहन न चलाएं।
  • मुख्यमंत्री धामी ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए

    मुख्यमंत्री धामी ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए

    देहरादून। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को वर्चुअल माध्यम से जुड़े सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में लगातार हो रही वर्षा के दृष्टिगत वे अपनी पूरी टीम के साथ लगातार ग्राउंड ज़ीरो पर रहें।
    अतिवृष्टि के कारण सड़कों के बाधित होने की स्थिति में उन्हें शीघ्र सुचारु किया जाए। पेयजल और विद्युत की लाइनें क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में यथाशीघ्र व्यवस्थाएं सुचारु की जाएं। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि ग्रामीण संपर्क मार्ग बाधित होने की स्थिति में लोगों के आवागमन की वैकल्पिक व्यवस्था शीघ्र सुनिश्चित की जाए। जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए सभी तैयारियां पूर्व से की जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्षा के कारण फसलों को हुई क्षति का शीघ्र आकलन किया जाए।

    मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जिन लोगों ने गलत तरीके से राशन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर कार्ड, आयुष्मान कार्ड और अन्य दस्तावेज प्राप्त किए हैं, तथा ऐसे कार्ड बनाने में संलिप्त व्यक्तियों पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए। साथ ही, जनपदों में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही भी नियमित रूप से की जाए। ‘ऑपरेशन कालनेमी’ के अंतर्गत भी आस्था की आड़ में जनता को गुमराह करने वालों पर नियमित कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।

    मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने जनपदों के शासकीय अस्पतालों का नियमित निरीक्षण करें। इसमें दवाओं की उपलब्धता, चिकित्सकों की उपस्थिति, उपकरणों की स्थिति और स्वच्छता व्यवस्था जैसे विषय सम्मिलित हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं भी समय-समय पर अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर विभिन्न व्यवस्थाओं का जायज़ा लेंगे।

    मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि बारिश के बाद अवस्थापना विकास से संबंधित कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाया जाए। सड़कों, पुलों, नालियों एवं अन्य निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और समयबद्धता पर विशेष ध्यान दिया जाए। साथ ही राज्य और केंद्र सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं की नियमित समीक्षा की जाए।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों में स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता दी जाए। साथ ही आमजन को भी स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग के लिए प्रेरित किया जाए। इसके लिए जनजागरूकता अभियानों का संचालन किया जाए। ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ की दिशा में नियमित प्रयास किए जाएं।

    मुख्यमंत्री ने प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव प्रक्रिया को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग और निर्वाचन प्रक्रिया में लगे समस्त अधिकारियों, कर्मचारियों एवं सुरक्षा कर्मियों को भी इस अवसर पर धन्यवाद ज्ञापित किया है। उन्होंने कहा कि सभी की कर्तव्यनिष्ठा एवं सहयोग से पंचायत चुनाव शांतिपूर्ण एवं लोकतांत्रिक वातावरण में संपन्न हुए हैं।

    बैठक में प्रमुख सचिव  आर.के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव  शैलेश बगोली,  विनय शंकर पांडेय, अपर पुलिस महानिदेशक  ए.पी. अंशुमन, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, अपर सचिव बंशीधर तिवारी, वर्चुअल माध्यम से सचिव डॉ. पंकज कुमार पांडेय, आयुक्त कुमाऊँ दीपक रावत एवं सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।