Category: मौसम

  • समाज को सेवा, सत्य और भक्ति के मार्ग पर चलने के लिए लोगों को प्रेरित किया

    समाज को सेवा, सत्य और भक्ति के मार्ग पर चलने के लिए लोगों को प्रेरित किया

    देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को श्री ब्रह्म निवास आश्रम, सप्तसरोवर रोड, भूपतवाला  में 50वाँ निर्वाण दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि पूज्य सतगुरु लाल दास महाराज ने अपने जीवन में आध्यात्मिकता को प्राथमिकता देते हुए समाज को सेवा, सत्य और भक्ति के मार्ग पर चलने के लिए लोगों को प्रेरित किया। उन्होंने भक्ति को जन जन तक पहुँचाया है। उनकी वाणी में अद्भुत शक्ति थी और दृष्टि में भगवान बुद्ध के समान असीम करुणा थी। पूज्य सतगुरु ने समाज को जोड़ने का काम किया। उन्होंने जीवन भर यही सिखाया कि सेवा सबसे बड़ा धर्म है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सनातन संस्कृति का संपूर्ण विश्व में व्यापक प्रचार प्रसार हो रहा है। दुनिया हमारी प्राचीन संस्कृति और दर्शन से परिचित हो रही है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार देवभूमि की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने बताया राज्य में ऋषिकेश-हरिद्वार कॉरिडोर का निर्माण कराया जाना भी प्रस्तावित है। कॉरिडोर के निर्माण के पश्चात धर्मनगरी हरिद्वार भी काशी और अयोध्या की भांति अपने भव्य स्वरूप में नजर आएगी।

    मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार उत्तराखंड के सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने के प्रति पूर्ण रूप से संकल्पबद्ध है। प्रदेश में घृणित मानसिकताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है। प्रदेश में सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून भी लागू किया गया है। सभी के लिए समान अधिकार एवं न्याय सुनिश्चित करने के लिए देश में सबसे पहले समान नागरिक संहिता कानून को भी राज्य में लागू किया गया है।

    मुख्यमंत्री ने कहा राज्य में सनातन की आड़ में वेश बदलकर आम लोगों को ठगने वालों के खिलाफ  ऑपरेशन कालनेमि चलाया जा रहा है। इस ऑपरेशन के द्वारा ऐसे ढोंगियों और विधर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, जो वेश बदलकर हमारे सनातन हिंदू धर्म को बदनाम करने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि  विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को श्रीमद्भागवत गीता के बारे में भी बताया जाएगा।  इसके साथ दून विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर हिन्दू स्टडीज की स्थापना भी की गई है।

    इस अवसर महंत ललितानंद गिरी महाराज, पंजाब विधानसभा उपाध्यक्ष जय कृष्ण सिंह, हरियाणा के राज्यमंत्री राजेश नागर, स्थानीय विधायक मदन कौशिक, मेयर रुड़की अनीता देवी, दर्जा राज्यमंत्री शोभाराम प्रजापति, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोबाल, उपाध्यक्ष एचआरडीए अंशुल सिंह, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

  • सचिवालय में राज्य गंगा समिति की 18वीं बैठक संपन्न हुई

    सचिवालय में राज्य गंगा समिति की 18वीं बैठक संपन्न हुई

    देहरादून। मुख्य सचिव  आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में राज्य गंगा समिति की 18वीं बैठक संपन्न हुई। मुख्य सचिव ने कहा कि गंगा के संरक्षण और कायाकल्प के लिए किए जा रहे सभी कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूर्ण किया जाए। कहा कि लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट आदि कार्यों के लिए कार्यदायी संस्थाओं को गंभीरता से कार्य किए जाने की आवश्यकता है। मुख्य सचिव ने कहा कि जिला गंगा समितियों की बैठकें भी ससमय अनिवार्य रूप से करवा ली जाएं।

    मुख्य सचिव ने कहा कि जल निगम के अंतर्गत तैयार किए जा रहे सीवेज मैनेजमेंट प्लांट्स का निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण किया जाए। उन्होंने कहा कि नई सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की बनाने जाने से पहले इसके लिए गठित समिति की संस्तुति अनिवार्य रूप से ले ली जाए। उन्होंने कोटद्वार पौड़ी गढ़वाल एवं रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड तिलवाड़ा एसटीपी निर्माण में हो रही देरी के लिए संबंधित जनपदों के जिलाधिकारियों को भूमि हस्तांतरण आदि कार्यों एक माह में निस्तारित कर कार्य पूर्ण कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेशभर में सीवेज मैनेजमेंट का अंतर विश्लेषण (Gap Analysis) करवाये जाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने गंगा की विभिन्न सहायक नदियों की फ्लड प्लेन ज़ोनिंग और हाइड्रोलॉजिकल सर्वे कार्यों में भी तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।

    मुख्य सचिव ने मॉनिटरिंग सिस्टम को ऑनलाइन किए जाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि बाय प्रोडक्ट (Sludge) के लिए स्लज मैनेजमेंट प्लान अनिवार्य रूप से तैयार किया जाए। उन्होंने लेगेसी वेस्ट की बाकी बची ३७ साइट्स को शीघ्र क्लियर किए जाने हेतु कार्य योजना प्रस्तुत किए जाने की बात कही।

    इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु,  आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव  शैलेश बगौली,  नितेश कुमार झा, सीसीएफ़  पराग मधुकर धकाते, सदस्य सचिव यूपीसीबी  एस पी सुबुद्धि, उपाध्यक्ष एमडीडीए एवं डीजी सूचना बंशीधर तिवारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

  • टनकपुर – बागेश्वर रेल लाइन पर केंद्र ने मांगी राज्य की सहमति

    टनकपुर – बागेश्वर रेल लाइन पर केंद्र ने मांगी राज्य की सहमति

    देहरादून । टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन पर जल्द काम शुरू हो सकता है। केंद्र सरकार ने इस परियोजना पर काम शुरू करने के लिए राज्य सरकार से औपचारिक तौर पर सहमति देने को कहा है। राज्य सरकार जल्द इस दिशा में अधिकारिक पत्र केंद्र सरकार को भेजने जा रही है।
    प्रस्तावित टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन को कुमाऊं क्षेत्र में रेल नेटवर्क विस्तार की दिशा में गेम चेंजर प्रोजेक्ट के रूप में देखा रहा है। करीब 170 किमी लंबी इस परियोजना के लिए फाइनल सर्वे का काम पूरा हो चुका है। अब अगले चरण में परियोजना पर राज्य सरकार से विचार विमर्श होना है। काम शुरू करने से पहले केंद्र सरकार ने राज्य से औपचारिक सहमति प्रदान करने को कहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव को इस दिशा में शीघ्र औपचारिकताएं पूरी करते हुए कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। इस तरह टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन का धरातल पर उतरने का रास्ता साफ हो रहा है।
    कर्णप्रयाग रेल लाइन 2026 तक तैयार होगी

    उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में रेल नेटवर्क विकसित करने पर तेजी से काम हो रहा है। इसी क्रम में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाइन पर युद्धस्तर पर काम चल रहा है, सामरिक महत्व की इस परियोजना का काम 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है। इसी तरह टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन बन जाने के बाद, कर्णप्रयाग-बागेश्वर जैसे दो पर्वतीय शहरों को रेल नेटवर्क से जोड़कर, गढ़वाल-कुमांऊ के बीच रेल सम्पर्क स्थापित किया जा सकता है। साथ ही प्रदेश सरकार के अनुरोध पर केंद्र सरकार ऋषिकेश-उत्तरकाशी और देहरादून-सहारनपुर रेलवे लाइनों की डीपीआर भी तैयार कर रही है। 81 किमी लंबी देहरादून-सहारनपुर शाकुंभरी देवी मंदिर के रास्ते से होकर गुजरेगी। यह रेल लाइन सहारनपुर से देहरादून के हर्रावाला रेलवे स्टेशन तक बिछेगी। इसमें 11 किमी लंबी सुरंग भी शामिल है।
    बागेश्वर-टनकपुर रेल लाइन पर काम शुरू करने के लिए समस्त औपचारिकताएं तेजी से पूरी की जा रही है। इसी तरह ऋषिकेश-उत्तरकाशी और देहरादून-सहारनपुर रेलवे लाइनों की भी फाइनल डीपीआर तैयार की जा रही है। केंद्र सरकार उत्तराखंड में रेल नेटवर्क को मजबूत करने में पूरा सहयोग प्रदान कर रही है।
    पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड
  • मुख्यमंत्री ने किया वृक्षारोपण

    मुख्यमंत्री ने किया वृक्षारोपण

    देहरादून। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को हल्द्वानी स्थित एफटीआई परिसर में आयोजित ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के अंतर्गत वृक्षारोपण कार्यक्रम में पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण और जनसहभागिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चलाए जा रहे इस अभियान को पर्यावरण संरक्षण में सहभागी बनने का प्रेरणादायक संदेश दिया।

    प्रकृति संरक्षण हमारा संकल्प, हरेला पर्व पर रोपे गये 8 लाख से अधिक पौधे।


    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान की शुरुआत गत वर्ष की गई थी, और इस वर्ष भी यह अभियान पूरे देश में उत्साहपूर्वक चलाया जा रहा है। उत्तराखंड में इस अभियान का विधिवत शुभारंभ हरेला पर्व के अवसर पर किया गया, जिसमें पहले ही दिन रिकॉर्ड 8,13,000 लोगों ने पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी सहभागिता दर्ज की। मुख्यमंत्री ने कहा कि “प्रकृति संरक्षण हमारा संकल्प है” और देवभूमि उत्तराखंड में यह अभियान पूरे एक माह तक जारी रहेगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि इस पवित्र सावन मास में ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अवश्य लगाएं और प्रकृति संरक्षण में अपना योगदान दें।

    मनसा देवी हादसे पर की संवेदना व्यक्त।


    मुख्यमंत्री ने हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर में हाल ही में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना को अत्यंत दुखद बताते हुए गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा तत्परता से आवश्यक निर्णय लिए गए हैं। प्रदेश के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलोंकृजहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु और तीर्थयात्री दर्शन हेतु आते हैंकृवहां व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है। इनमें श्रद्धालुओं की केयरिंग कैपेसिटी के अनुसार प्रवेश, स्थान का संभावित विस्तार, पार्किंग एवं ट्रैफिक प्रबंधन, और सुरक्षा मानकों के पालन को प्राथमिकता दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि मनसा देवी मंदिर सहित प्रदेश के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों पर यह व्यवस्थाएं सख्ती से लागू की जाएंगी।

    शहरी क्षेत्रों में अवैध अतिक्रमण पर कार्रवाई के निर्देश


    मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में अवैध अतिक्रमण को लेकर प्रशासन द्वारा सख्ती बरती जा रही है। संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गये हैं कि वे अवैध कब्जों की पहचान कर उन्हें तत्काल हटाने की कार्रवाई सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कदम न केवल सार्वजनिक परिसंपत्तियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है, बल्कि विकास परियोजनाओं की गति बनाए रखने और नागरिकों को सुचारु सुविधाएं उपलब्ध कराने की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

    इस अवसर पर विधायक बंशीधर भगत, दायित्व धारी दिनेश आर्य, दीपक मेहरा, जिला अध्यक्ष भाजपा प्रताप बिष्ट, डॉ. जोगेन्दर पाल सिंह रौतेला, मजहर नईम नवाब, हुकुम सिंह कुंवर, आयुक्त/सचिव मा. मुख्यमंत्री दीपक रावत, आईजी रिद्धिम अग्रवाल, जिलाधिकारी वंदना सिंह, निदेशक एफटीआई तेजस्विनी अरविंद पाटिल के साथ ही अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

  • मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश पर प्रशासन सख्त

    मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश पर प्रशासन सख्त

    देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग और पुलिस प्रशासन अब गैर-पंजीकृत एवं मानकों से नीचे चल रहे नशा मुक्ति केंद्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की दिशा में एकजुट हो चुके हैं।

    प्रदेश भर में ऐसे कई नशा मुक्ति केंद्र संचालित हो रहे हैं जो न तो निर्धारित मानकों को पूरा करते हैं और न ही पंजीकरण की वैध प्रक्रिया का पालन करते हैं। परिणामस्वरूप इनमें भर्ती मरीजों की देखरेख, मानसिक स्वास्थ्य और पुनर्वास की प्रक्रिया सवालों के घेरे में रही है। अब यह सब नहीं चलेगा। राज्य सरकार की मंशा साफ है या तो मानक पूरे करो, या बंद हो जाओ। इसी क्रम में राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों और स्टेट टास्क फोर्स (एसटीएफ) के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री नवनीत सिंह के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें ऐसे अपंजीकृत और अवैध नशा मुक्ति केंद्रों की पहचान, जांच और बंदी की प्रक्रिया को लेकर विस्तृत रणनीति पर चर्चा हुई।

    सहयोग में एसटीएफ, हर जनपद में होगी निगरानी तेज

    राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण और जनपद स्तरीय निरीक्षण टीमों को अब एसटीएफ की टीमें सक्रिय सहयोग देंगी। आने वाले दिनों में सभी जनपदों में औचक निरीक्षण की गति और सघन की जाएगी।

    मानकहीन केंद्रों को नहीं मिलेगी छूट

    राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि बिना वैध पंजीकरण के चल रहे सभी केंद्रों की पहचान की जाए, ऐसे केंद्रों पर आर्थिक दंड और कानूनी कार्रवाई हो, तत्काल बंद करने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। यह पूरी प्रक्रिया मानसिक स्वास्थ्य देखरेख अधिनियम के तहत संचालित होगी। इस महत्वपूर्ण बैठक में राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से संयुक्त निदेशक डॉ. एस. डी. बर्मन एवं सहायक निदेशक डॉ. पंकज सिंह उपस्थित रहे। सभी संबंधित एजेंसियों के बीच सामंजस्य के साथ कार्रवाई सुनिश्चित करने पर सहमति बनी।

    गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं- डॉ. आर. राजेश कुमार

    स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि राज्य में संचालित सभी नशा मुक्ति केंद्रों की निरंतर निगरानी की जाए। जो भी केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मानकों को पूरा नहीं कर रहे, उन पर त्वरित और सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की मंशा साफ है मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं और पुनर्वास केंद्रों की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी नशा मुक्ति केंद्र “शेल्टर होम” मात्र न बनें, बल्कि पूर्ण पुनर्वास की दिशा में कार्य करें।

    धामी सरकार की प्रतिबद्धता स्पष्ट

    स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश को नशे के चंगुल से बाहर निकालने के लिए प्रशासन, स्वास्थ्य एवं पुलिस विभाग मिलकर आक्रामक रणनीति पर काम कर रहे हैं। सरकार की मंशा स्पष्ट है उत्तराखंड को नशामुक्त बनाना है तो नशा मुक्ति केंद्रों को मानकों के अनुसार सशक्त और जवाबदेह बनाना होगा। यह अभियान केवल निरीक्षण तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसमें जनहित में कठोर प्रशासनिक निर्णय लिए जाएंगे, ताकि नशा मुक्ति की आड़ में चल रही अनियमितताओं पर पूर्ण विराम लगाया जा सके।