उत्तरकाशी जिले में आई आपदा ने धराली और हर्षिल दोनों ही क्षेत्रों में भारी नुकसान पहुंचाया है। धराली गांव में खीरगंगा नदी में आए सैलाब से लोगों की वर्षों की मेहनत से बनाई गई संपत्ति पल भर में मलबे के नीचे दब गई, वहीं हर्षिल में तेलगाड में बादल फटने से सेना का कैंप भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है।
धराली में आई बाढ़ से कई लोगों की पुश्तैनी संपत्तियां तबाह हो गईं। होटल और रेस्टोरेंट चलाने वाले लोगों की वर्षों की मेहनत मलबे में बह गई। कई लोग तो लीज पर होटल और रेस्टोरेंट चलाते थे। इसके अलावा ग्रामीणों के पुश्तैनी सेब के बागान भी कई हेक्टेयर में नष्ट हो गए। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शार्दुल गुसाईं के अनुसार वीडियो के आधार पर धराली में करीब 25 से 30 लोग लापता हैं और लगभग 20 से 25 होटल व दुकानें क्षतिग्रस्त हुई हैं।
हर्षिल में सेना के कैंप को भारी नुकसान
धराली के साथ-साथ हर्षिल में भी तेलगाड में बादल फटा है जिससे सेना के कैंप को बहुत नुकसान पहुंचा है। मलबे की चपेट में आने से सेना की चौकियां और कुछ बंकर दब गए हैं। हालांकि जवानों के हताहत होने की अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
बिजली आपूर्ति ठप
इस आपदा के कारण मनेरी से आगे की विद्युत लाइन भी क्षतिग्रस्त हो गई है। इसकी वजह से भटवाड़ी, हर्षिल और गंगोत्री क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई है। प्रशासन नुकसान का आकलन कर राहत और बचाव कार्यों में जुटा हुआ है।
Category: दुनिया
-
उत्तरकाशी में जलप्रलय: पल भर में बह गई वर्षों की मेहनत से बनाई संपत्ति
-
सचिवालय में राज्य गंगा समिति की 18वीं बैठक संपन्न हुई
देहरादून। मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में राज्य गंगा समिति की 18वीं बैठक संपन्न हुई। मुख्य सचिव ने कहा कि गंगा के संरक्षण और कायाकल्प के लिए किए जा रहे सभी कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूर्ण किया जाए। कहा कि लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट आदि कार्यों के लिए कार्यदायी संस्थाओं को गंभीरता से कार्य किए जाने की आवश्यकता है। मुख्य सचिव ने कहा कि जिला गंगा समितियों की बैठकें भी ससमय अनिवार्य रूप से करवा ली जाएं।
मुख्य सचिव ने कहा कि जल निगम के अंतर्गत तैयार किए जा रहे सीवेज मैनेजमेंट प्लांट्स का निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण किया जाए। उन्होंने कहा कि नई सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की बनाने जाने से पहले इसके लिए गठित समिति की संस्तुति अनिवार्य रूप से ले ली जाए। उन्होंने कोटद्वार पौड़ी गढ़वाल एवं रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड तिलवाड़ा एसटीपी निर्माण में हो रही देरी के लिए संबंधित जनपदों के जिलाधिकारियों को भूमि हस्तांतरण आदि कार्यों एक माह में निस्तारित कर कार्य पूर्ण कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेशभर में सीवेज मैनेजमेंट का अंतर विश्लेषण (Gap Analysis) करवाये जाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने गंगा की विभिन्न सहायक नदियों की फ्लड प्लेन ज़ोनिंग और हाइड्रोलॉजिकल सर्वे कार्यों में भी तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव ने मॉनिटरिंग सिस्टम को ऑनलाइन किए जाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि बाय प्रोडक्ट (Sludge) के लिए स्लज मैनेजमेंट प्लान अनिवार्य रूप से तैयार किया जाए। उन्होंने लेगेसी वेस्ट की बाकी बची ३७ साइट्स को शीघ्र क्लियर किए जाने हेतु कार्य योजना प्रस्तुत किए जाने की बात कही।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगौली, नितेश कुमार झा, सीसीएफ़ पराग मधुकर धकाते, सदस्य सचिव यूपीसीबी एस पी सुबुद्धि, उपाध्यक्ष एमडीडीए एवं डीजी सूचना बंशीधर तिवारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।