Category: राजनीति

  • धार्मिक स्थलों का मास्टर प्लान बनाने के आदेश जारी

    धार्मिक स्थलों का मास्टर प्लान बनाने के आदेश जारी

    देहरादून । मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में प्रमुख सचिव, आरके सुधांशु ने सचिव पर्यटन को सभी धार्मिक स्थलों पर भीड़ नियंत्रण, प्रवेश- निकास व्यवस्था सहित अन्य जरूरी सुविधाएं जुटाने के लिए मास्टर प्लान तैयार करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
    गत 27 जुलाई को हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर में हुई दुखद दुर्घटना के तत्काल बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मौका मुआयना कर, स्थिति का जायजा लिया था। इसके बाद  मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को उत्तराखंड के प्रमुख तीर्थ स्थलों पर आने वाले यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए विस्तृत मास्टर प्लान बनाने के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में मंगलवार को प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री आरके सुधांशु ने सचिव पर्यटन को आदेश जारी करते हुए, जल्द से जल्द इस दिशा में कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए हैँ। इसमें खासकर ऐसे तीर्थ स्थलों को शामिल किया जाएगा, जहां ज्यादा तीर्थयात्री आते हैं। मास्टर प्लान के निर्माण और इसके क्रियान्वयन में दोनों मंडलों के मंडलायुक्तों का विशेष तौर पर सहयोग लेने के लिए कहा गया है। साथ ही स्पष्ट आदेश दिए गए हैं कि यदि तीर्थ स्थलों के मार्गों पर अवैध अतिक्रमण हुआ है तो उन्हें प्राथमिकता के आधार पर हटाया जाए।
    मास्टर प्लान में शामिल होगा
    भीड़ नियंत्रण व्यवस्था
    धारण क्षमता का विकास
    पृथक प्रवेश एवं निकास मार्ग
    प्रतीक्षा के लिए अतिरिक्त स्थान
    आपातकालीन निकासी व्यवस्था
    स्वच्छ पेयजल, शौचालय, प्राथमिक उपचार
    सुगठित सूचना एवं मार्गदर्शन प्रणाली
    पार्किंग व्यवस्था
    पर्याप्त सुरक्षा बलों की तैनाती

    उत्तराखंड में प्रति वर्ष करोड़ों तीर्थ यात्री आते हैं। इसलिए तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए सभी तीर्थ स्थलों का मास्टर प्लान बनाया जाएगा। तीर्थ स्थलों के आस पास जनसुविधाएं विकसित करते हुए, यात्रा को ज्यादा सुव्यवस्थित किया जाएगा।
    पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड

  • उत्तराखंड को केन्द्र से मिलेगी और धनराशि

    उत्तराखंड को केन्द्र से मिलेगी और धनराशि

    देहरादून। केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं कृषि मंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी को पत्र भेजकर अवगत कराया है कि डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (डीआईएलआरएमपी) के क्रियान्वयन के लिए केन्द्र सरकार द्वारा उत्तराखंड को और धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी। श्री चौहान ने ग्रामीण भारत के सकारात्मक बदलाव के प्रयासों में केन्द्र सरकार के साथ उत्तराखंड की सक्रिय भागीदारी की सराहना करते हुए उम्मीद जताई है कि मुख्यमंत्री श्री धामी के कुशल नेतृत्व में उत्तराखंड राज्य में डीआईएलआरएमपी के क्रियान्वयन में नए कीर्तिमान स्थापित करेगा।

    उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र भेजकर ग्रामीण विकास मंत्रालय की केंद्रीय क्षेत्रीय योजना के तहत उत्तराखंड राज्य को 478.50 करोड़ रु. की विशेष सहायता राशि प्रदान करने का आग्रह किया गया था। डीआईएलआरएमपी के तहत राज्य के प्रयासों एवं जरूरतों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने लिडार जैसे आधुनिक सर्वेक्षण तकनीक के माध्यम से उत्तराखंड राज्य की सम्पूर्ण भूमि का सर्वेक्षण/पुनःसर्वेक्षण के लिए 350 करोड़ रु. की स्वीकृति दिए जाने और तहसील स्तर पर बनाए जा रहे आधुनिक अभिलेख कक्षों के निर्माण की बकाया धनराशि जारी किए जाने का भी अनुरोध किया गया था।

    इस संबंध में केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं कृषि मंत्री ने  मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर अवगत कराया है कि राज्य के पास उपलब्ध डीआईएलआरएमपी निधि से पांच गांवों में सर्वेक्षण/पुनः सर्वेक्षण के प्रयौगिक परीक्षण के कार्य में उत्तराखंड का पूर्ण सहयोग प्रदान किया जाएगा। प्रयोगिक परीक्षण के परिणाम के आधार पर कालांतर में सम्पूर्ण ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्ण सर्वेक्षण/पुनः सर्वेक्षण के कार्य के लिए राज्य को और निधि प्रदान की जाएगी। तहसील स्तर पर बनाए जा रहे आधुनिक अभिलेख कक्षों के निर्माण की बकाया धनराशि भी शीघ्र जारी कर दी जाएगी। केन्द्रीय मंत्री श्री चौहान ने कहा है कि एग्री स्टैक कार्यक्रम के तहत राज्य को वित्तीय सहायता प्रदान करने के मामले में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के स्तर पर कार्यवाही की जा रही है और वह स्वयं इस मामले को देख रहे हैं।
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    उत्तराखंड में सशक्त भू-कानून लागू करने के साथ ही राज्य सरकार द्वारा भू-अभिलेखों का डिजिटाईजेशन के महत्वपूर्ण कार्य को समयबद्ध ढंग से पूर्ण करने विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में डिजिटल भारत की परिकल्पना के अनुरूप आधुनिक और पारदर्शी भूमि प्रबंधन प्रणाली विकसित करने की राष्ट्रव्यापी मुहिम में उत्तराखंड राज्य अग्रणी भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रहा है। इस दिशा में केन्द्र सरकार के द्वारा प्रदान किया जा रहा सहयोग व समर्थन हमारे इन प्रयासों को और अधिक गति देगा। जिसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी तथा केन्द्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति राज्य सरकार आभारी है।
    पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड

  • मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश पर प्रशासन सख्त

    मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश पर प्रशासन सख्त

    देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग और पुलिस प्रशासन अब गैर-पंजीकृत एवं मानकों से नीचे चल रहे नशा मुक्ति केंद्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की दिशा में एकजुट हो चुके हैं।

    प्रदेश भर में ऐसे कई नशा मुक्ति केंद्र संचालित हो रहे हैं जो न तो निर्धारित मानकों को पूरा करते हैं और न ही पंजीकरण की वैध प्रक्रिया का पालन करते हैं। परिणामस्वरूप इनमें भर्ती मरीजों की देखरेख, मानसिक स्वास्थ्य और पुनर्वास की प्रक्रिया सवालों के घेरे में रही है। अब यह सब नहीं चलेगा। राज्य सरकार की मंशा साफ है या तो मानक पूरे करो, या बंद हो जाओ। इसी क्रम में राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों और स्टेट टास्क फोर्स (एसटीएफ) के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री नवनीत सिंह के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें ऐसे अपंजीकृत और अवैध नशा मुक्ति केंद्रों की पहचान, जांच और बंदी की प्रक्रिया को लेकर विस्तृत रणनीति पर चर्चा हुई।

    सहयोग में एसटीएफ, हर जनपद में होगी निगरानी तेज

    राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण और जनपद स्तरीय निरीक्षण टीमों को अब एसटीएफ की टीमें सक्रिय सहयोग देंगी। आने वाले दिनों में सभी जनपदों में औचक निरीक्षण की गति और सघन की जाएगी।

    मानकहीन केंद्रों को नहीं मिलेगी छूट

    राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि बिना वैध पंजीकरण के चल रहे सभी केंद्रों की पहचान की जाए, ऐसे केंद्रों पर आर्थिक दंड और कानूनी कार्रवाई हो, तत्काल बंद करने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। यह पूरी प्रक्रिया मानसिक स्वास्थ्य देखरेख अधिनियम के तहत संचालित होगी। इस महत्वपूर्ण बैठक में राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से संयुक्त निदेशक डॉ. एस. डी. बर्मन एवं सहायक निदेशक डॉ. पंकज सिंह उपस्थित रहे। सभी संबंधित एजेंसियों के बीच सामंजस्य के साथ कार्रवाई सुनिश्चित करने पर सहमति बनी।

    गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं- डॉ. आर. राजेश कुमार

    स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि राज्य में संचालित सभी नशा मुक्ति केंद्रों की निरंतर निगरानी की जाए। जो भी केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मानकों को पूरा नहीं कर रहे, उन पर त्वरित और सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की मंशा साफ है मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं और पुनर्वास केंद्रों की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी नशा मुक्ति केंद्र “शेल्टर होम” मात्र न बनें, बल्कि पूर्ण पुनर्वास की दिशा में कार्य करें।

    धामी सरकार की प्रतिबद्धता स्पष्ट

    स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश को नशे के चंगुल से बाहर निकालने के लिए प्रशासन, स्वास्थ्य एवं पुलिस विभाग मिलकर आक्रामक रणनीति पर काम कर रहे हैं। सरकार की मंशा स्पष्ट है उत्तराखंड को नशामुक्त बनाना है तो नशा मुक्ति केंद्रों को मानकों के अनुसार सशक्त और जवाबदेह बनाना होगा। यह अभियान केवल निरीक्षण तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसमें जनहित में कठोर प्रशासनिक निर्णय लिए जाएंगे, ताकि नशा मुक्ति की आड़ में चल रही अनियमितताओं पर पूर्ण विराम लगाया जा सके।

  • सचिवालय में हाउस ऑफ़ हिमालयाज की 5वीं बोर्ड बैठक सम्पन्न हुई

    सचिवालय में हाउस ऑफ़ हिमालयाज की 5वीं बोर्ड बैठक सम्पन्न हुई

    देहरादून। मुख्य सचिव  आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय में हाउस ऑफ़ हिमालयाज की 5वीं बोर्ड बैठक सम्पन्न हुई। बैठक के हाउस ऑफ़ हिमालयाज के नए उत्पादों की समीक्षा और वैश्विक विस्तार की रणनीति तय की गई।
    मुख्य सचिव ने कहा कि हाउस ऑफ़ हिमालयाज की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा जैविक उत्पादों पर फोकस करते हुए जैविक उत्पादों का सर्टिफिकेशन अनिवार्य रूप से प्राप्त किया जाना सुनिश्चित किया जाए। आमजन को इसकी जानकारी हो इसके लिए प्रचार प्रसार पर विशेष ध्यान दिया जाए।मुख्य सचिव ने उत्पादों की गुणवत्ता, ट्रेसेब्लिटी और ब्रांड स्टोरीटेलिंग को वैश्विक स्तर पर ब्रांड उत्तराखण्ड के निर्माण के लिए महत्त्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि हाउस ऑफ़ हिमालयाज को अपने उत्पादों में QR कोड के साथ ट्रेसिबिलिटी को शामिल करना होगा। बैठक की शुरुआत कंपनी की ब्रांड अवधारणा के साथ हुई — “ब्रांड उत्तराखंड को वैश्विक मंच पर हिमालयी कृषि एवं गैर-कृषि उत्पादों के प्रीमियम पोजिशनिंग के माध्यम से सशक्त बनाना।” दिसंबर 2023 में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च की गई हाउस ऑफ हिमालयाज ने कम समय में ₹2.1 करोड़ की बिक्री के साथ एक प्रेरणादायक ब्रांड के रूप में पहचान बनाई है। इससे 3,000 से अधिक महिलाओं को प्रत्यक्ष आजीविका भी मिली है।

    इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, सचिव  राधिका झा, दिलीप जावलकर, डॉ बी वी आर सी पुरुषोत्तम, डॉ वी षणमुगम, धीरज सिंह गरब्याल, पूर्व मुख्य सचिव इंदु कुमार पाण्डे, पूर्व निदेशक LBSNA श्री संजीव चोपड़ा, कुलपति UPSE  राम के शर्मा एवं एमडी हाउस ऑफ़ हिमालयाज  झरना कामठान सहित आया वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
    सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग

    🔹 मुख्य उपलब्धियाँ:
    कुल बिक्री: ₹2.1 करोड़ (आरंभ से अब तक), ई-कॉमर्स (Amazon, Blinkit, JioMart), मॉडर्न ट्रेड (Nature’s Basket) और 26 प्रीमियम स्थानों पर भौतिक उपस्थिति।
    उत्पाद पोर्टफोलियो: 50+ स्टॉक कीपिंग यूनिट्स जिनमें प्राकृतिक, हर्बल और जैविक उत्पाद शामिल हैं।
    महिला सशक्तिकरण: 40+ सामुदायिक संस्थाओं से संग्रहण, 3,000+ महिलाओं को सीधा लाभ।

    🔹 प्रमुख मील के पत्थर:
    जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर एक्सक्लूसिव ब्रांड आउटलेट का उद्घाटन मई 2025 में माननीय केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा किया गया।
    11 प्रीमियम होटलों व यात्रा स्थलों पर रिटेल कार्ट्स की स्थापना।
    13 FSUs (फ्लोर स्टैंडिंग यूनिट्स) चारधाम यात्रा मार्ग, एयरपोर्ट्स और प्रमुख संस्थानों जैसे LBSNAA में क्रियाशील।
    🔹 बोर्ड मीटिंग में चर्चा के केंद्र में:
    नए उत्पाद विकास (NPD) पर विशेष फोकस दिया गया, जिसमें निम्नलिखित 15+ नवीन उत्पाद शामिल हैं:एसेंशियल ऑयल्स: लेमनग्रास, रोज़मेरी, मिंट, लैवेंडर
    हर्बल इन्फ्यूजन: कैमोमाइल, बद्री तुलसी, सी-बकथॉर्न
    हिमालयी स्पेशलिटी उत्पाद: कनार घी, प्राकृतिक रंगों से तैयार ऊनी stole, सिंहाड़ा कुकीज, बासमती चावल, पहाड़ी अंजीर जैम आदि।

    🔹 भविष्य की योजना:
    घरेलू विस्तार: दिल्ली-NCR, महाराष्ट्र, कर्नाटक जैसे राज्यों में Reliance Freshpik, Le Marche, Food Square के माध्यम से।
    ऑनलाइन प्लेटफॉर्म: BigBasket और Zepto पर ऑनबोर्डिंग।

    वैश्विक रणनीति:
    अमेरिका में Apna Bazaar के माध्यम से लॉन्च
    Amazon Global (UAE, USA) पर उपस्थिति
    MEA के माध्यम से दूतावासों और उच्चायोगों से सहयोग
    Box of India के माध्यम से ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में प्रवेश
    लक्ष्य: FY 2025–26 तक ₹10 करोड़ और FY 2026–27 तक ₹25 करोड़ की बिक्री।
    🔹 शासन और संगठनात्मक मजबूती:
    अप्रैल 2024 में कंपनी का गठन और ₹10 करोड़ की पूंजी जुटाई गई।
    वित्तीय एवं प्रशासनिक नियमों को राज्य मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित किया गया।
    22 प्रमुख पदों की भर्ती हेतु संरचना तैयार, प्रक्रिया प्रगति पर।
    22 ट्रेडमार्क्स के लिए पंजीकरण कराया गया, जिनमें से 11 को स्वीकृति मिल चुकी है।
    हाउस ऑफ हिमालयाज अपने मजबूत गवर्नेंस, उद्योग विशेषज्ञों से परामर्श (McKinsey, Fab India, Organic India, APEDA) और बहु-चैनल बिक्री रणनीति के माध्यम से राज्य-नेतृत्व वाले उत्पाद ब्रांडिंग के क्षेत्र में देश का एक अनूठा मॉडल बनकर उभर रहा है।