Category: नई टिहरी

  • गांवों के विकास से ही प्रदेश और देश का विकास संभव है : सीएम धामी

    गांवों के विकास से ही प्रदेश और देश का विकास संभव है : सीएम धामी

    देहरादून। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को सचिवालय में पंचायती राज विभाग की बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि नव-निर्वाचित ग्राम प्रधानों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों एवं जिला पंचायत सदस्यों को आधुनिक तकनीकी, वित्तीय प्रबंधन और शासन प्रणाली पर प्रशिक्षण दिया जाए। उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को पूर्ण करने की दिशा में सबको समेकित प्रयास करने होंगे। गांवों के विकास से ही प्रदेश और देश का विकास संभव है।

    मुख्यमंत्री ने राज्य में ‘एकीकृत पंचायत भवनों’ का निर्माण कराने के निर्देश दिए। इन एकीकृत पंचायत भवनों में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, पटवारी, आशा आदि के लिए एक स्थान पर ही व्यवस्था होगी। इनके वहां एक साथ बैठने के लिए रोस्टर भी बनाया जाए। इससे लोगों को सभी सुविधाएं एक ही स्थान पर मिल जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों एवं जिला पंचायतों में बजट नियोजन को और बेहतर बनाया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी ग्राम पंचायतों का सुनियोजित विकास हो। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पंचायतीराज विभाग यह भी आकलन करे कि आगामी 15 वर्षों में कितना ग्रामीण क्षेत्र शहरी क्षेत्र में परिवर्तित होगा। यह आकलन राज्य के समग्र विकास की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम सभाओं के स्थापना दिवस उत्सव के रूप में मनाए जाने के लिए ग्राम वासियों से संवाद किया जाए। इसके लिए नियमित कैलेंडर बनाया जाए। ग्राम स्तर पर होने वाले मेले, मिलन कार्यक्रम, प्रबुद्धजनों की जयंती एवं अन्य विशेष दिनों में भी यह स्थापना दिवस मनाया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र एवं जिला पंचायत में समेकित एवं संतुलित विकास किया जाए। इसका ध्यान रखा जाए कि कोई क्षेत्र या व्यक्ति विकास योजनाओं से वंचित न रहे।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत स्तर पर सभी योजनाओं की रीयल टाइम मॉनिटरिंग हो। पंचायतों में ई-गवर्नेंस को बढ़ावा दिया जाए। सभी पंचायतों के कार्यों का ऑडिट हो और सार्वजनिक पोर्टल पर उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में आम जनता की राय एवं भागीदारी को प्राथमिकता दी जाए। प्रत्येक पंचायत स्तर पर शिकायत दर्ज करने और समाधान का एक निश्चित समयबद्ध ढांचा तैयार किया जाए।

    इस अवसर पर अवस्थापना अनुश्रवण परिषद उपाध्यक्ष  विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु,  आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव  चंद्रेश कुमार यादव, अपर सचिव  बंशीधर तिवारी, निदेशक पंचायती राज निधि यादव उपस्थित थे।

  • ई-पूर्ति पोर्टल पर रियल टाइम ट्रांजैक्शन डेटा की निगरानी सुनिश्चित की जाए : मुख्यमंत्री 

    ई-पूर्ति पोर्टल पर रियल टाइम ट्रांजैक्शन डेटा की निगरानी सुनिश्चित की जाए : मुख्यमंत्री 

    देहरादून। मुख्यमंत्री अन्त्योदय निःशुल्क गैस रिफिल योजना के तहत लाभार्थियों को सिलेंडर भरने के लिए धनराशि डी.बी.टी. के माध्यम से दी जाएगी। खाद्य विभाग इसके लिए व्यवस्था बनाएगा कि इस धनराशि का उपयोग लाभार्थी केवल सिलेंडर भरने के लिए ही कर सके। राज्य में 01 लाख 84 हजार अन्त्योदय कार्डधारक परिवार इस योजना से जुड़े हैं, योजना का लाभ प्रदेश के लगभग 10 लाख लोग ले रहे हैं। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को सचिवालय में खाद्य विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए कि इस योजना का लाभ अन्त्योदय कार्डधारकों को शत-प्रतिशत मिले। मुख्यमंत्री अन्त्योदय निःशुल्क गैस रिफिल योजना लागू करने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है।

    मुख्यमंत्री ने बैठक में निर्देश दिए कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत सभी लाभार्थियों का डेटा अद्यतन किया जाए। वरिष्ठ नागरिकों एवं अन्य पात्र लोग बायोमैट्रिक कठिनाइयों के कारण राशन से वंचित न रहें, ऐसे सभी मामलों में ऑफलाइन प्रमाणीकरण या वैकल्पिक प्रणाली से राशन वितरण सुनिश्चित किया जाए। खाद्यान्न भंडारण की वर्तमान क्षमता और गोदामों की भौतिक स्थिति की समीक्षा कर संरक्षित और सुरक्षित भंडारण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि वन नेशन वन राशन कार्ड योजना को प्रभावी रूप से लागू किया जाए ताकि किसी भी स्थान से राशन प्राप्त करने में कोई बाधा न हो।

    मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ई-पूर्ति पोर्टल पर रियल टाइम ट्रांजैक्शन डेटा की निगरानी सुनिश्चित की जाए। आधार सीडिंग एवं मोबाइल ओटीपी आधारित वितरण प्रणाली को सशक्त बनाया जाए। फर्जी राशन कार्ड की पहचान कर संबंधित पर कार्रवाई की जाए। लापरवाही या अनियमितता बरतने वाले डीलरों और अधिकारियों को तत्काल निलंबित किया जाए। हर माह समय पर सभी कार्डधारकों को संपूर्ण राशन उपलब्ध कराया जाए। दूरस्थ एवं पर्वतीय क्षेत्रों में पूर्व-स्टॉकिंग की ठोस व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। राज्य गोदामों की स्थिति की समीक्षा कर आवश्यकतानुसार आधुनिकीकरण एवं विस्तार किया जाए। बफर स्टॉक की योजना हर जिले के लिए तैयार की जाए। मिड-डे मील एवं आंगनबाड़ी केंद्रों को समयबद्ध ढंग से खाद्यान्न की आपूर्ति सुनिश्चित हो। खाद्य शिकायत निवारण प्रणाली पर प्राप्त शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।

    बैठक में अवस्थापना अनुश्रवण परिषद उपाध्यक्ष  विश्वास डाबर, मुख्य सचिव  आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु,  एल. फैनई,  आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव  चंद्रेश कुमार यादव, अपर सचिव  बंशीधर तिवारी एवं खाद्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

  • मुख्य सचिव ने राजस्व अभिवृद्धि के सम्बन्ध में महत्त्वपूर्ण विभागों के साथ बैठक ली

    मुख्य सचिव ने राजस्व अभिवृद्धि के सम्बन्ध में महत्त्वपूर्ण विभागों के साथ बैठक ली

    देहरादून। मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने गुरुवार को सचिवालय स्थित अपने सभागार में राजस्व अभिवृद्धि के सम्बन्ध में महत्त्वपूर्ण विभागों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को राजस्व बढ़ाये जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने राजस्व बढ़ाए जाने के लिए नवाचार एवं तकनीक के प्रयोग को बढ़ाए जाने की बात कही।

    मुख्य सचिव ने वन विभाग को राजस्व बढ़ाए जाने के लिए नए श्रोत जोड़े जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जड़ी बूटी वन विभाग के राजस्व का एक बड़ा स्रोत हो सकता है। इसके साथ ही उन्होंने कार्बन क्रेडिट और ईको टूरिज्म को बड़ा श्रोत बनाने की दिशा में काम किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जड़ी बूटी के क्षेत्र में संभावनाओं का परीक्षण कराते हुए अपने सभी डिविजन को लक्ष्य दिया जाए। कहा कि ईको टूरिज्म को प्रोत्साहन दे कर इसे बढ़ावा दिया जाना चाहिए, इस से राजस्व में बढ़ोत्तरी होगी। उन्होंने टिम्बर बिक्री की ऑनलाइन व्यवस्था शुरू किए जाने के निर्देश दिए, साथ ही वन निगम के वर्किंग प्लान में एक हज़ार मीटर से ऊपर के क्षेत्र को  सम्मिलित किए जाने के निर्देश दिए हैं।

    मुख्य सचिव ने वन विभाग को अपने खनन लक्ष्य पुनः निर्धारित करने के भी निर्देश दिए हैं। साथ ही खनन विभाग को लंबित लॉट्स को शीघ्र शुरू किए जाने के निर्देश दिए हैं। कहा कि लंबित पड़े 14 लोट्स को अक्टूबर से पहले शुरू कर लिया जाए। उन्होंने विभाग को नए लॉट्स लगातार चिह्नित किए जाने की भी बात कही। मुख्य सचिव ने पारदर्शिता लाने के लिए सर्विलांस सिस्टम शीघ्र शुरू किए जाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि तकनीक और सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक प्रयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि वन निगम, कुमाऊॅ मण्डल विकास निगम एवं गढ़वाल मण्डल विकास निगम को निर्देश दिये गये कि उनको आवंटित समस्त लॉटस् का शत प्रतिशत संचालन सुनिश्चित किया जाय।

    मुख्य सचिव ने कहा कि स्टेट जीएसटी का सेक्टर वार विश्लेषण कराया जाए, ताकि जीएसटी प्राप्त करने की स्थिति में सुधार किया जा सके। उन्होंने परिवहन विभाग की एएनपीआर प्रणाली का भी प्रभावी उपयोग किया जाये। परिवहन विभाग और वन विभाग को एएनपीआर और सर्विलांस सिस्टम को शीघ्र इंटीग्रेट किए जाने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने स्टेट जीएसटी को इस वर्ष लक्ष्य बढ़ाये जाने के भी निर्देश दिए हैं।

    इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, एल फैनाई, सचिव दिलीप जावलकर,  युगल किशोर पंत, वन विभाग से  कपिल लाल, अपर सचिव डॉ अहमद इकबाल,  हिमांशु खुराना एवं  सोनिका सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

  • मुख्यमंत्री धामी ने विशेष केन्द्रीय सहायता के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताया

    मुख्यमंत्री धामी ने विशेष केन्द्रीय सहायता के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताया

    देहरादून। भारत सरकार द्वारा विशेष पूंजीगत सहायता के तौर पर उत्तराखंड के लिए रू. 615 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है। जिसकी पहली किश्त में रू. 380.201 करोड़ की धनराशि भी राज्य को जारी कर दी गई है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने विशेष केन्द्रीय सहायता मंजूर किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इस हेतु प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दशक को उत्तराखंड के विकास का दशक बनाने की प्रधानमंत्री की संकल्पना को पूरा करने के लिए राज्य सरकार पूरी तत्परता एवं प्रतिबद्धता से जुटी है। इस दिशा में केन्द्र सरकार द्वारा उत्तराखंड को भरपूर सहयोग मिल रहा है।

    केन्द्र सरकार की पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता (एसएएससीआई) योजना के अंतर्गत उत्तराखंड सरकार द्वारा चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में 37 योजनाओं के लिए रू. 619.42 करोड़ रुपये की विशेष सहायता उपलब्ध कराए जाने की मॉंग की गई थी। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा केन्द्र सरकार के समक्ष इन प्रस्तावों की प्रभावी पैरवी करते हुए शीघ्र मंजूरी दिए जाने का आग्रह किया गया था।

    वित्त मंत्रालय भारत सरकार ने इस संबंध में राज्य सरकार को एक पत्र भेजकर एसएएससीआई योजना के तहत उत्तराखंड को 37 योजनाओं के लिए रू. 615.00 करोड़ की धनराशि मंजूर किए जाने की जानकारी दी है।

    विशेष पूंजीगत सहायता के तौर पर जारी स्वीकृति के अनुसार राज्य के राजकीय मेडिकल कॉलेजों के निर्माण कार्यों हेतु रू. 218.45 करोड़ और सौंग बांध पेयजल परियोजना हेतु रू. 70 करोड़ की धनराशि स्वीकृति की गई है। विभिन्न स्थानों पर घाटों, नहर पर बाईपास सड़क निर्माण एवं ड्रेनेज के निर्माण की परियोजनाओं हेतु रू. 36.18 करोड़, 06 पुलिस थानों एवं 14 रिपोर्टिंग पुलिस चौकियों के प्रशासनिक भवनों के निर्माण हेतु रू. 10.00 करोड़,  स्टार्टअप की सुविधा एवं प्रोत्साहन हेतु यू-हब स्टार्ट अप प्लेस का निर्माण हेतु रू. 10.00 करोड़, जलापूर्ति व्यवस्था एवं सीवरेज प्रबंधन की योजनाओं हेतु रू. 35.00 करोड़ और विद्युत पारेषण लाईनों को निर्माण कार्य हेतु रू. 47.33 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है। उच्च शिक्षा तथा तकनीकी शिक्षा संस्थानों के निर्माण कार्यों हेतु रू. 82.74 करोड़, आईएसबीटी और आधुनिक कार्यशाला निर्माण की तीन योजनाओं हेतु रू. 25.00 करोड, डाकपत्थर बैराज एवं इच्छाड़ी बांध के पहुंच मार्ग आदि के कार्यों हेतु रू. 34.72 करोड़ की योजनाओं की भी स्वीकृति मिली है। इसी तरह ऋषिकेश में तिलक रोड के पास मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण, देहरादून में आढ़त बाज़ार पुनर्विकास की परियोजना और विद्युत वितरण नेटवर्क को भूमिगत करने के कार्यों हेतु रू. 45.58 करोड़ की धनराशि की योजना स्वीकृत की गई है।

  • प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 20वीं किश्त 2 अगस्त को वितरित की जाएगी

    प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 20वीं किश्त 2 अगस्त को वितरित की जाएगी

    देहरादून । कृषि मंत्री गणेश जोशी ने मीडिया को अवगत कराया कि  प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 20वीं किश्त बनारस, उत्तर प्रदेश के बनोली गाँव से दिनांक 02-08-2025 शनिवार (पूर्वान्ह 10 से 12 बजे तक) को वितरित की जायेगी।
    20वीं किश्त के रूप में उत्तराखण्ड के कुल 8,28,787 लाभार्थियों को कुल 184.25 करोड़ रुपए की धनराशि से लाभान्वित किया जायेगा।
    उत्तराखण्ड को 19 किश्तों में कुल 3111.49 करोड़ की धनराशि अभी तक वितरित की जा चुकी है।
    इस संबंध में राज्य में दिनांक 02-08-2025 को राज्य स्तरीय कार्यक्रम श्री हरवंश कपूर मेमोरियल हॉल, गढ़ी कैंट, देहरादून से आयोजित किया जायेगा।
    यह कार्यक्रम प्रदेश स्तर, ब्लॉक स्तर, वी०एन०ओ०/ग्राम स्तर तथा के०वी०के०, केन्द्रीय कृषि संस्थानों में  भी आयोजित किया जायेगा।
    आयोजन स्थलों पर टू-वे वीडियो कनेक्शन की सुविधा होगी, जिससे किसान माननीय प्रधानमंत्री जी से सीधा संवाद कर सकें।
    कार्यकम का प्रचार-प्रसार फेसबुक, ट्विटर तथा अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म से किया जायेगा।
    इस कार्यक्रम में किसानों की बाइट्स, वीडियो, फिल्म तथा फोटोग्राफ पोर्टल पर अपलोड किये जायेंगे।
    कार्यक्रम में मा.  मंत्रीगण, विधायक गण, मा.  मुख्यमंत्री जी एवं केन्द्रीय मंत्रीगण प्रतिभाग करेगें।
    उन्होंने सभी किसानों से अपील की है कि आप अपने नजदीकी स्थान से जुड़कर मा प्रधानमंत्री जी को सुनने का कष्ट करेंगे।

    ‘‘मैं तो कार्यक्रम में भाग लेने जा रहा हूँ। क्या आप भी जा रहे हैं।’’
    कृषि विभाग द्वारा देय सुविधायें भी इस अवसर पर कृषकों में वितरित की जायेंगी।
    इस कार्यक्रम का सजीव प्रसारण डीडी किसान पर किया जायेगा।
    इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण  https@pmindiawebcast&nic&in  पद पर किया जायेगा।

    20वीं किश्त से सम्बन्धित विवरण-प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पी०एम०-किसान) योजनान्तर्गत राज्य के 8.29 लाख लाभार्थियों को लगभग 184 करोड़ धनराशि वितरित की जानी है।

    जनपद अल्मोड़ा के 1,05,088 लाभार्थियों को 23.62 करोड़ रुपए की धनराशि, बागेश्वर के 40,982 लाभार्थियों को 8.68 करोड़,  चमोली के 47,262 लाभार्थियों को 9.77 करोड़, चंपावत के 37,699 लाभार्थियों को 8.21 करोड़, देहरादून के 44,873 लाभार्थियों को 12.07 करोड़, हरिद्वार के 1,03,062 लाभार्थियों को 23.03 करोड़, नैनीताल के 54,849 लाभार्थियों को 12.06 करोड़, पौड़ी गढ़वाल के 58,532 लाभार्थियों को 12.94 करोड़,  पिथौरागढ़ के 60,822 लाभार्थियों को 13.27 करोड़, रुद्रप्रयाग के 39,987 लाभार्थियों को 9.01 करोड़,  टिहरी गढ़वाल के 1,09,570 लाभार्थियों को 24.26 करोड़, उधम सिंह नगर के 76,592 लाभार्थियों को 16.51 करोड़ तथा जनपद उत्तरकाशी के 49,469 लाभार्थियों को 10.83 करोड़ रुपए की धनराशि वितरित की जाएगी।
    इस अवसर पर सचिव एस एन पांडेय, महानिदेशक कृषि रणवीर सिंह सहित संबंधित उपस्थित थे।
  • मंडलायुक्त होंगे नोडल अधिकारीः मुख्य सचिव

    मंडलायुक्त होंगे नोडल अधिकारीः मुख्य सचिव

    देहरादून।मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने मंगलवार को सचिवालय स्थित अपने सभागार में प्रदेश के महत्त्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में श्रद्धालुओं की सुरक्षा, भीड़ प्रबन्धन आदि के सम्बन्ध में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्य सचिव ने कहा कि हरिद्वार के मनसा देवी में श्रद्धालुओं में हुई भगदड़ जैसी घटनाओं पर काबू पाने के लिए प्रदेश के ऐसे सभी धार्मिक स्थलों, जहाँ महत्त्वपूर्ण दिवसों में श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ के कारण भगदड़ जैसी घटनाओं की आशंका बनी रही है, को चिन्हित कर उन में अंशकालिक एवं दीर्घकालिक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।

    मुख्य सचिव ने कहा कि धार्मिक स्थलों के मार्गों में सार्वजनिक स्थलों को अतिक्रमण मुक्त कर मार्गों का चौड़ीकरण कराया जाए। मार्गों से अतिक्रमण हटाने के लिए लगातार अभियान चलाए जाएं। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों में भीड़ प्रबंधन के लिए तकनीक का प्रयोग भी किया जाए। कहा कि धार्मिक स्थलों में अत्यधिक भीड़ होने पर मार्गों में श्रद्धाओं को रोके जाने हेतु स्थल तैयार किए जाएँ।

    मुख्य सचिव ने कहा की प्रत्येक धार्मिक स्थल के लिए रूट और सर्कुलेशन प्लान तैयार किया जाए, ताकि धार्मिक स्थलों में अचानक भीड़ ना हो। भीड़ होने की संभावना को देखते हुए श्रद्धालुओं को रोके जाने के लिए पूर्वनिर्धारित स्थानों में रोका जाए। मुख्य सचिव ने श्रद्धालुओं की संख्या का आंकलन करने के लिए तकनीक का उपयोग करते हुए भीड़ प्रबंधन तंत्र तैयार किए जाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए सभी प्रकार की भौतिक एवं तकनीकी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।

    मुख्य सचिव ने अधिक महत्त्वपूर्ण मंदिरों को प्राथमिकता पर लेते हुए पहले चरण में मनसा देवी, चण्डी देवी, नीलकंठ, कैंचीधाम और पूर्णागिरि मंदिर का विशेषज्ञों के माध्यम से विश्लेषण करा लिया जाए। स्थानीय प्रशासन एवं धार्मिक स्थलों के हितधारकों को विशेषज्ञों की टीम को हर प्रकार की सहायता उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि यह विशेषज्ञों की टीम मंदिर क्षेत्र का विश्लेषण कर भीड़ प्रबंधन, निकासी योजना और बॉटल नेक एरिया के लिए सिविल इंजीनियरिंग और तकनीकी पहलुओं का परीक्षण कर विभिन्न जगहों पर रुकने के स्थान आदि के लिए एक प्रॉपर प्लान और प्रॉपर एसओपी तैयार करेगी।

    इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ, प्रमुख सचिव  आर के सुधांशु सचिव  शैलेश बगौली, धीराज सिंह गरब्याल, आईजी गढ़वाल  राजीव स्वरूप एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में माध्यम से कमिश्नर कुमायूँ  दीपक रावत सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

  • टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स में अग्निवीरों की होगी तैनाती : मुख्यमंत्री

    टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स में अग्निवीरों की होगी तैनाती : मुख्यमंत्री

    देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंतर्राष्ट्रीय टाइगर दिवस के अवसर पर घोषणा की है कि कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व में स्थापित की जा रही टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स में उत्तराखंड के अग्निवीरों को सीधी तैनाती दी जाएगी। टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स में 80 से अधिक युवाओं की भर्ती होगी। इस बल का प्राथमिक उद्देश्य बाघों और उनके आवास की सुरक्षा को मजबूत करना है। इससे न केवल बाघ संरक्षण प्रयासों को मजबूती मिलेगी बल्कि अग्निवीर योजना के तहत प्रशिक्षित युवाओं को भी रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।

    टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स का उद्देश्य

    मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा की इस फोर्स की स्थापना से वृहद बाघ संरक्षण के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी तथा अवैध शिकार पर रोक लगेगी टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स का मुख्य काम बाघों के अवैध शिकार को रोकना होगा। प्रशिक्षित जवान वन क्षेत्रों में गश्त करेंगे, खुफिया जानकारी इकट्ठा करेंगे और शिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। इससे वन्यजीव अपराधों पर नियंत्रण के साथ ही यह फोर्स वन और वन्यजीव से संबंधित अन्य अपराधों जैसे लकड़ी की तस्करी, अवैध खनन और अतिक्रमण पर भी नियंत्रण रखेगी।

    मानव-वन्यजीव संघर्ष के प्रबंधन में भी सहयोगी बनेगी यह फोर्स

    मुख्यमंत्री ने कहा कि बाघों के प्राकृतिक आवास का संरक्षण भी महत्वपूर्ण है। यह फोर्स वनों की कटाई और उनके आवास को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों को रोकने में मदद करेगी तथा मानव-वन्यजीव संघर्ष का प्रबंधन में भी सहयोगी बनेगी, उन्होंने कहा कि कई बार बाघ आबादी वाले क्षेत्रों में आ जाते हैं, जिससे मानव-वन्यजीव संघर्ष होता है। यह फोर्स ऐसी स्थितियों को संभालने और नियंत्रित करने में प्रशिक्षित होगी, ताकि दोनों पक्षों को नुकसान न हो। इस फोर्स को आधुनिक निगरानी तकनीकों, जैसे ड्रोन, थर्मल इमेजिंग और जीपीएस ट्रैकिंग से लैस किया जा सकता है, जिससे उनकी दक्षता बढ़ेगी।

    बाघ संरक्षण में भारतीय सेना (अग्निवीरों) की भागीदारी

    उत्तराखंड के अग्निवीरों की सीधी तैनाती बाघ संरक्षण में भारतीय सेना (या सेना से प्रशिक्षित कर्मियों) की भागीदारी का एक अनूठा उदाहरण है। अग्निवीर भारतीय सेना द्वारा कठोर अनुशासन और प्रशिक्षण से गुजर चुके होते हैं। यह प्रशिक्षण उन्हें शारीरिक रूप से फिट, मानसिक रूप से मजबूत और किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार करता है। यह गुण उन्हें वन गश्त और वन्यजीव अपराधों से निपटने में अत्यधिक प्रभावी बनाएंगे।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि सेना के जवान रणनीतिक योजना और त्वरित निर्णय लेने में निपुण होते हैं। अग्निवीरों को अक्सर आधुनिक हथियारों और संचार प्रणालियों के उपयोग का ज्ञान होता है, जो उन्हें वन्यजीव संरक्षण के लिए उन्नत तकनीकों का उपयोग करने में सक्षम बनाएगा। अग्निवीर राष्ट्र सेवा की भावना से ओत-प्रोत होते हैं। वन्यजीव संरक्षण भी एक प्रकार की राष्ट्र सेवा है, और यह भावना उन्हें अपने कर्तव्य के प्रति अधिक समर्पित बनाएगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देने से उन्हें क्षेत्र के भूगोल, मौसम और स्थानीय चुनौतियों की बेहतर समझ होगी, जिससे उनका काम और प्रभावी होगा।

    यह पहल वृहद बाघ संरक्षण के प्रयासों को देगी मजबूती

    मुख्यमंत्री ने कहा कि कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व, जो भारत में बाघों के सबसे महत्वपूर्ण आवासों में से एक है, को अब एक अत्यधिक प्रशिक्षित और समर्पित बल की सुरक्षा मिलेगी। इससे अवैध शिकार की घटनाओं में कमी आने की उम्मीद है। अग्निवीरों की भर्ती से स्थानीय समुदाय भी संरक्षण प्रयासों में शामिल होगा, जिससे एक सकारात्मक माहौल बनेगा। उन्होंने कहा कि यदि यह मॉडल सफल होता है, तो इसे देश के अन्य बाघ अभयारण्यों और संरक्षित क्षेत्रों में भी दोहराया जा सकता है, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर बाघ संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।

    मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी की यह घोषणा बाघ संरक्षण के प्रति एक मजबूत प्रतिबद्धता दर्शाती है यह कदम कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व और उत्तराखंड में बाघों के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

  • धार्मिक स्थलों का मास्टर प्लान बनाने के आदेश जारी

    धार्मिक स्थलों का मास्टर प्लान बनाने के आदेश जारी

    देहरादून । मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में प्रमुख सचिव, आरके सुधांशु ने सचिव पर्यटन को सभी धार्मिक स्थलों पर भीड़ नियंत्रण, प्रवेश- निकास व्यवस्था सहित अन्य जरूरी सुविधाएं जुटाने के लिए मास्टर प्लान तैयार करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
    गत 27 जुलाई को हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर में हुई दुखद दुर्घटना के तत्काल बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मौका मुआयना कर, स्थिति का जायजा लिया था। इसके बाद  मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को उत्तराखंड के प्रमुख तीर्थ स्थलों पर आने वाले यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए विस्तृत मास्टर प्लान बनाने के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में मंगलवार को प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री आरके सुधांशु ने सचिव पर्यटन को आदेश जारी करते हुए, जल्द से जल्द इस दिशा में कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए हैँ। इसमें खासकर ऐसे तीर्थ स्थलों को शामिल किया जाएगा, जहां ज्यादा तीर्थयात्री आते हैं। मास्टर प्लान के निर्माण और इसके क्रियान्वयन में दोनों मंडलों के मंडलायुक्तों का विशेष तौर पर सहयोग लेने के लिए कहा गया है। साथ ही स्पष्ट आदेश दिए गए हैं कि यदि तीर्थ स्थलों के मार्गों पर अवैध अतिक्रमण हुआ है तो उन्हें प्राथमिकता के आधार पर हटाया जाए।
    मास्टर प्लान में शामिल होगा
    भीड़ नियंत्रण व्यवस्था
    धारण क्षमता का विकास
    पृथक प्रवेश एवं निकास मार्ग
    प्रतीक्षा के लिए अतिरिक्त स्थान
    आपातकालीन निकासी व्यवस्था
    स्वच्छ पेयजल, शौचालय, प्राथमिक उपचार
    सुगठित सूचना एवं मार्गदर्शन प्रणाली
    पार्किंग व्यवस्था
    पर्याप्त सुरक्षा बलों की तैनाती

    उत्तराखंड में प्रति वर्ष करोड़ों तीर्थ यात्री आते हैं। इसलिए तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए सभी तीर्थ स्थलों का मास्टर प्लान बनाया जाएगा। तीर्थ स्थलों के आस पास जनसुविधाएं विकसित करते हुए, यात्रा को ज्यादा सुव्यवस्थित किया जाएगा।
    पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड

  • मुख्यमंत्री से श्री नंदा देवी राजजात समिति के अध्यक्ष ने की भेंट

    मुख्यमंत्री से श्री नंदा देवी राजजात समिति के अध्यक्ष ने की भेंट

    देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में श्री नंदा देवी राजजात समिति के अध्यक्ष डॉ राकेश कुंवर के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने भेंट की। मुख्यमंत्री श्री धामी एवं प्रतिनिधिमंडल के मध्य वर्ष 2026 में आयोजित होने वाली मां नंदा देवी राजजात यात्रा की तैयारियों एवं  कुशल प्रबंधन से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा हुई।

    मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वर्ष 2026 में आयोजित होने वाली मां नंदा देवी राजजात यात्रा के सकुशल व सफल संचालन तथा इसे भव्य बनाने को लेकर शासन स्तर पर वरिष्ठ अधिकारियों को विभिन्न निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियो को प्रभावी समेकित कार्ययोजना तैयार कर वर्ष 2025 के अंत तक सभी तैयारियां पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि यह यात्रा उत्तराखण्ड की समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपरा का प्रतीक है। इसके गरिमामय आयोजन हेतु सभी विभागों को परस्पर समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। यात्रा से अधिकाधिक स्थानीय लोक कलाकारों, ग्राम पंचायतों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं को जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।