Category: देहरादून

  • मुख्यमंत्री धामी ने विशेष केन्द्रीय सहायता के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताया

    मुख्यमंत्री धामी ने विशेष केन्द्रीय सहायता के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताया

    देहरादून। भारत सरकार द्वारा विशेष पूंजीगत सहायता के तौर पर उत्तराखंड के लिए रू. 615 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है। जिसकी पहली किश्त में रू. 380.201 करोड़ की धनराशि भी राज्य को जारी कर दी गई है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने विशेष केन्द्रीय सहायता मंजूर किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इस हेतु प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दशक को उत्तराखंड के विकास का दशक बनाने की प्रधानमंत्री की संकल्पना को पूरा करने के लिए राज्य सरकार पूरी तत्परता एवं प्रतिबद्धता से जुटी है। इस दिशा में केन्द्र सरकार द्वारा उत्तराखंड को भरपूर सहयोग मिल रहा है।

    केन्द्र सरकार की पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता (एसएएससीआई) योजना के अंतर्गत उत्तराखंड सरकार द्वारा चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में 37 योजनाओं के लिए रू. 619.42 करोड़ रुपये की विशेष सहायता उपलब्ध कराए जाने की मॉंग की गई थी। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा केन्द्र सरकार के समक्ष इन प्रस्तावों की प्रभावी पैरवी करते हुए शीघ्र मंजूरी दिए जाने का आग्रह किया गया था।

    वित्त मंत्रालय भारत सरकार ने इस संबंध में राज्य सरकार को एक पत्र भेजकर एसएएससीआई योजना के तहत उत्तराखंड को 37 योजनाओं के लिए रू. 615.00 करोड़ की धनराशि मंजूर किए जाने की जानकारी दी है।

    विशेष पूंजीगत सहायता के तौर पर जारी स्वीकृति के अनुसार राज्य के राजकीय मेडिकल कॉलेजों के निर्माण कार्यों हेतु रू. 218.45 करोड़ और सौंग बांध पेयजल परियोजना हेतु रू. 70 करोड़ की धनराशि स्वीकृति की गई है। विभिन्न स्थानों पर घाटों, नहर पर बाईपास सड़क निर्माण एवं ड्रेनेज के निर्माण की परियोजनाओं हेतु रू. 36.18 करोड़, 06 पुलिस थानों एवं 14 रिपोर्टिंग पुलिस चौकियों के प्रशासनिक भवनों के निर्माण हेतु रू. 10.00 करोड़,  स्टार्टअप की सुविधा एवं प्रोत्साहन हेतु यू-हब स्टार्ट अप प्लेस का निर्माण हेतु रू. 10.00 करोड़, जलापूर्ति व्यवस्था एवं सीवरेज प्रबंधन की योजनाओं हेतु रू. 35.00 करोड़ और विद्युत पारेषण लाईनों को निर्माण कार्य हेतु रू. 47.33 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है। उच्च शिक्षा तथा तकनीकी शिक्षा संस्थानों के निर्माण कार्यों हेतु रू. 82.74 करोड़, आईएसबीटी और आधुनिक कार्यशाला निर्माण की तीन योजनाओं हेतु रू. 25.00 करोड, डाकपत्थर बैराज एवं इच्छाड़ी बांध के पहुंच मार्ग आदि के कार्यों हेतु रू. 34.72 करोड़ की योजनाओं की भी स्वीकृति मिली है। इसी तरह ऋषिकेश में तिलक रोड के पास मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण, देहरादून में आढ़त बाज़ार पुनर्विकास की परियोजना और विद्युत वितरण नेटवर्क को भूमिगत करने के कार्यों हेतु रू. 45.58 करोड़ की धनराशि की योजना स्वीकृत की गई है।

  • प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 20वीं किश्त 2 अगस्त को वितरित की जाएगी

    प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 20वीं किश्त 2 अगस्त को वितरित की जाएगी

    देहरादून । कृषि मंत्री गणेश जोशी ने मीडिया को अवगत कराया कि  प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 20वीं किश्त बनारस, उत्तर प्रदेश के बनोली गाँव से दिनांक 02-08-2025 शनिवार (पूर्वान्ह 10 से 12 बजे तक) को वितरित की जायेगी।
    20वीं किश्त के रूप में उत्तराखण्ड के कुल 8,28,787 लाभार्थियों को कुल 184.25 करोड़ रुपए की धनराशि से लाभान्वित किया जायेगा।
    उत्तराखण्ड को 19 किश्तों में कुल 3111.49 करोड़ की धनराशि अभी तक वितरित की जा चुकी है।
    इस संबंध में राज्य में दिनांक 02-08-2025 को राज्य स्तरीय कार्यक्रम श्री हरवंश कपूर मेमोरियल हॉल, गढ़ी कैंट, देहरादून से आयोजित किया जायेगा।
    यह कार्यक्रम प्रदेश स्तर, ब्लॉक स्तर, वी०एन०ओ०/ग्राम स्तर तथा के०वी०के०, केन्द्रीय कृषि संस्थानों में  भी आयोजित किया जायेगा।
    आयोजन स्थलों पर टू-वे वीडियो कनेक्शन की सुविधा होगी, जिससे किसान माननीय प्रधानमंत्री जी से सीधा संवाद कर सकें।
    कार्यकम का प्रचार-प्रसार फेसबुक, ट्विटर तथा अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म से किया जायेगा।
    इस कार्यक्रम में किसानों की बाइट्स, वीडियो, फिल्म तथा फोटोग्राफ पोर्टल पर अपलोड किये जायेंगे।
    कार्यक्रम में मा.  मंत्रीगण, विधायक गण, मा.  मुख्यमंत्री जी एवं केन्द्रीय मंत्रीगण प्रतिभाग करेगें।
    उन्होंने सभी किसानों से अपील की है कि आप अपने नजदीकी स्थान से जुड़कर मा प्रधानमंत्री जी को सुनने का कष्ट करेंगे।

    ‘‘मैं तो कार्यक्रम में भाग लेने जा रहा हूँ। क्या आप भी जा रहे हैं।’’
    कृषि विभाग द्वारा देय सुविधायें भी इस अवसर पर कृषकों में वितरित की जायेंगी।
    इस कार्यक्रम का सजीव प्रसारण डीडी किसान पर किया जायेगा।
    इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण  https@pmindiawebcast&nic&in  पद पर किया जायेगा।

    20वीं किश्त से सम्बन्धित विवरण-प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पी०एम०-किसान) योजनान्तर्गत राज्य के 8.29 लाख लाभार्थियों को लगभग 184 करोड़ धनराशि वितरित की जानी है।

    जनपद अल्मोड़ा के 1,05,088 लाभार्थियों को 23.62 करोड़ रुपए की धनराशि, बागेश्वर के 40,982 लाभार्थियों को 8.68 करोड़,  चमोली के 47,262 लाभार्थियों को 9.77 करोड़, चंपावत के 37,699 लाभार्थियों को 8.21 करोड़, देहरादून के 44,873 लाभार्थियों को 12.07 करोड़, हरिद्वार के 1,03,062 लाभार्थियों को 23.03 करोड़, नैनीताल के 54,849 लाभार्थियों को 12.06 करोड़, पौड़ी गढ़वाल के 58,532 लाभार्थियों को 12.94 करोड़,  पिथौरागढ़ के 60,822 लाभार्थियों को 13.27 करोड़, रुद्रप्रयाग के 39,987 लाभार्थियों को 9.01 करोड़,  टिहरी गढ़वाल के 1,09,570 लाभार्थियों को 24.26 करोड़, उधम सिंह नगर के 76,592 लाभार्थियों को 16.51 करोड़ तथा जनपद उत्तरकाशी के 49,469 लाभार्थियों को 10.83 करोड़ रुपए की धनराशि वितरित की जाएगी।
    इस अवसर पर सचिव एस एन पांडेय, महानिदेशक कृषि रणवीर सिंह सहित संबंधित उपस्थित थे।
  • औषधि विभाग की बड़ी कार्रवाई, मनः प्रभावी औषधियाँ जब्त कर फर्म को किया सील

    औषधि विभाग की बड़ी कार्रवाई, मनः प्रभावी औषधियाँ जब्त कर फर्म को किया सील

    देहरादून । माननीय मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी के “नशामुक्त उत्तराखंड” अभियान को सख्ती से लागू करते हुए खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने आज देहरादून में 5 थोक औषधि विक्रेताओं के परिसरों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान एक फर्म मौके पर बंद पाई गई, जिसे मकान मालिक की उपस्थिति में खोला गया। जांच के दौरान फर्म के भीतर मनः प्रभावी औषधियाँ (Psychotropic Medicines) अवैध रूप से भंडारित पाई गईं। चूंकि फर्म स्वामी मौके पर उपस्थित नहीं था, अतः नियमानुसार समस्त औषधियों को सील करते हुए क्रय-विक्रय पर रोक लगाई गई और फर्म को अग्रिम कार्रवाई हेतु सील कर दिया गया।

    स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन
    डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा माननीय मुख्यमंत्री जी की मंशा के अनुरूप राज्य को नशा मुक्त और औषधीय दुरुपयोग से मुक्त बनाना हमारी प्राथमिकता है। औषधि विभाग को निर्देशित किया गया है कि मियाद समाप्ति दवाओं, अवैध औषधि भंडारण और बिना लाइसेंस संचालन जैसे मामलों में बिल्कुल भी ढिलाई न बरती जाए। जो भी फर्में नियमों का उल्लंघन करती पाई जाएंगी, उनके विरुद्ध कठोर विधिक कार्रवाई की जाएगी। डॉ. आर. राजेश कुमार ने आगे कहा कि औषधि व्यापारियों को पहले भी मियाद समाप्त औषधियों के उचित निस्तारण के स्पष्ट निर्देश दिए जा चुके हैं, और विभाग इस दिशा में निरंतर कार्य कर रहा है।

    टर्नर रोड पर मियाद समाप्त औषधियां जब्त व नष्ट
    खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की औषधि निरीक्षकों की टीम ने सी-5 टर्नर रोड, देहरादून स्थित एक प्लॉट में मियाद समाप्त औषधियों के अवैध निस्तारण की सूचना पर छापेमारी की। मौके से फेंकी हुई औषधियाँ बरामद कर उन्हें तत्काल नष्ट किया गया, और इस कार्य में संलिप्त व्यक्ति/फर्म की पहचान की जा रही है। जैसे ही संलिप्त पक्ष की पुष्टि होगी, उनके विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।

    गुणवत्ता जांच हेतु तीन औषधियों के नमूने लिए गए
    निरीक्षण टीम द्वारा मौके से तीन औषधियों के गुणवत्ता परीक्षण हेतु नमूने भी लिए गए हैं, जिन्हें प्रयोगशाला भेजा गया है। रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक विधिक कार्रवाई की जाएगी। निरीक्षण दल में श्री मानेंद्र सिंह राणा, औषधि निरीक्षक, देहरादून (टीम लीडर), श्री विनोद जगूड़ी, औषधि निरीक्षक, श्रीमती निधि रतूड़ी, औषधि निरीक्षक शामिल रहे।

    साढ़े तीन लाख ट्रामाडोल टैबलेट्स ज़ब्त
    जनपद हरिद्वार में वरिष्ठ औषधि निरीक्षक अनीता भारती ने टीम के साथ छापामार कार्रवाई करते हुए लगभग साढ़े तीन लाख ट्रामाडोल टैबलेट्स के निर्माण से पहले ही उसकी ए.पी.आई. (API – सक्रिय औषधीय घटक) को जब्त कर लिया गया, जिससे एक बड़ी आपराधिक आपूर्ति श्रृंखला समय रहते रोकी जा सकी। इस सघन कार्रवाई के चलते पंजाब राज्य में सप्लाई हो रही ट्रामाडोल की बड़ी खेप भी जब्त की जा सकी। इसी क्रम में पंजाब पुलिस को अग्रिम सूचना देते हुए अनीता भारती द्वारा अपनी टीम के साथ हरिद्वार स्थित लुसेंट बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड (Lucent Biotech Pvt. Ltd.) में संयुक्त छापेमारी की गई। यह कार्रवाई उस महत्वपूर्ण सुराग के आधार पर की गई, जिसमें पंजाब में 70,000 ट्रामाडोल टैबलेट्स जब्त की गई थीं, जिनका निर्माण लूसेंट बायोटेक द्वारा किया गया था। उक्त टैबलेट्स से संबंधित जानकारियाँ एकत्र करने हेतु यह संयुक्त कार्रवाई अत्यंत आवश्यक थी।

    औषधि विभाग की सतत निगरानी जारी
    औषधि नियंत्रक उत्तराखंड के निर्देशन में राज्यभर में औषधि विक्रेताओं और विनिर्माताओं को मियाद समाप्त औषधियों का उचित और समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित करने के निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं। विभाग द्वारा समय-समय पर निरीक्षण व सतर्कता अभियान नियमित रूप से जारी रहेंगे।

  • मुख्य सचिव  ने ली कुंभ मेला से संबंधित कार्यों की समीक्षा बैठक

    मुख्य सचिव ने ली कुंभ मेला से संबंधित कार्यों की समीक्षा बैठक

    देहरादून। मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में कुंभ मेला से संबंधित कार्यों हेतु उच्च अधिकार प्राप्त समिति एवं व्यय वित्त समिति की बैठकें संपन्न हुई। बैठक में मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि घाटों के निर्माण में गुणवत्ता के साथ ही हरियाली का विशेष ध्यान रखा जाए। जहाँ जहाँ संभव हो हरियाली का प्रावधान रखा जाए।

    अगस्त माह के अंत तक पेश करें कुम्भ 2027 की सम्पूर्ण कार्ययोजनाः मुख्य सचिव
    मुख्य सचिव ने मेलाधिकारी को अगस्त माह के अंत तक कुम्भ 2027 की सम्पूर्ण कार्ययोजना प्रस्तुत किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्य जो प्रत्येक स्थिति में किए ही किए जाने हैं, उन कार्यों को सर्वाेच्च प्राथमिकता में रखते हुए स्थायी एवं अस्थायी प्रकृति के सभी प्रकार के कार्यों की एक व्यापक सूची सहित कार्ययोजना शीघ्र प्रस्तुत की जाए।

    कुम्भ क्षेत्र के सभी पुलों को तत्काल सुरक्षा ऑडिट करवा लिया जाए
    मुख्य सचिव ने कुम्भ क्षेत्र के पुलों की सुरक्षा जांच तत्काल अनिवार्य रूप से कराए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पूरे कुम्भ क्षेत्र का सर्क्यूलेशन प्लान भी अनिवार्य रूप से तैयार किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि विशेष पर्वों के दौरान श्रद्धालुओं की अधिकतम भीड़ के अनुरूप योजनाएं तैयार की जाएं। उन्होंने प्रत्येक बिन्दु पर प्रवेश एवं निकासी के लिए योजना तैयार किए जाने की बात कही।

    मुख्य सचिव कहा कि कुंभ क्षेत्र एवं आसपास के क्षेत्रों के रेलवे स्टेशनों की क्षमता विकास और सौंदर्यीकरण हेतु रेल मंत्रालय से संवाद किया जाए। उन्होंने कहा कि मेला क्षेत्र में अत्यधिक भीड़ के दौरान रेलवे स्टेशनों में होल्डिंग एरिया तैयार किया जाए। मुख्य सचिव ने कुम्भ क्षेत्र में नए पार्किंग एरिया चिन्हित कर अभी से तैयार किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कुम्भ के दौरान प्राइवेट भूमि पर पार्किंग स्थल किराए पर लिए जाने हेतु भी अभी से तैयारियां करते हुए भूमि के मालिकों से भी अभी से बातचीत कर ली जाए।

    मुख्य सचिव ने कहा कि घाटों के पास सीढ़ियों को मानक के अनुरूप रखा जाए ताकि श्रद्धालुओं को सीढ़ियाँ चढ़ने उतरने में परेशानी का सामना ना करना पड़े। उन्होंने घाटों के पास चेंजिंग रूम और बैठने के लिए बेंच आदि का प्रावधान भी रखा जाने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने घाटों के निर्माण को समयबद्ध तरीके से पूर्ण किए जाने हेतु आवश्यक कदम उठाए जाएं, ताकि नहरों के बंदीकरण के दौरान सभी कार्य समय से  पूर्ण किए जा सकें।

    व्यय वित्त समिति में निम्न प्रस्तावों को संस्तुति प्रदान की गई
    व्यय वित्त समिति में लोक निर्माण विभाग एवं सिंचाई विभाग के कार्यों को संस्तुति प्रदान की गयी, जिसमें जनपद हरिद्वार में बहादराबाद सिडकुल चार लेन मार्ग (भाईचारा ढाबा) से बीएचईएल बैरियर नं0-6 होते हुए शिवालिक नगर चौक (बीएचईएल मध्य मार्ग) तक मार्ग का चौड़ीकरण एवं सुदृढ़िकरण का कार्य, दिल्ली-हरिद्वार-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग सं0 334 पर पतंजलि योगपीठ से सहदेवपुर, दिनारपुर, सुभाषगढ होते हुए पुरकाजी-लक्सर-ज्वालापुर राष्ट्रीय राजमार्ग सं0 334ए पर फेरूपुर तक मार्ग का 1.50 लेन में चौडीकरण एवं सुदृढीकरण का कार्य सहित सिंचाई विभाग के कुल 02 कार्य जिसमें ऊपरी गंगा नहर के बाएँ किनारे पर अमरापुर घाट से ऋषिकुल पुल तक 600 मीटर घाट का निर्माण एवं ऋषिकुल पुल से साक्षी सतनाम घाट तक अपर गंग नहर के बांयें पार्श्व पर घाट निर्माण कार्य शामिल है।

    इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव श्री शैलेश बगौली, श्री नितेश कुमार झा, आईजी डॉ. नीलेश आनन्द भरणे, सचिव डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, डॉ. वी षणमुगम, आयुक्त गढ़वाल श्री विनय कुमार पाण्डेय एवं मेलाधिकारी श्रीमती सोनिका सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

  • मुख्यमंत्री ने किया पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय का  लोकार्पण

    मुख्यमंत्री ने किया पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय का  लोकार्पण

    देहरादून। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को खटीमा में अखिल भारतीय शिक्षा समागम के अन्तर्गत आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए ₹ 26.23 करोड़ की लागत से निर्मित केंद्रीय विद्यालय, खटीमा का लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने विद्यालय परिसर में पौधरोपण भी किया।

    मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह सभी के लिए हर्ष और गौरव के क्षण हैं। देश में शिक्षा के क्षेत्र में आई नई क्रांति के 5 वर्ष पूरे होने के ऐतिहासिक अवसर पर खटीमा में भी ज्ञान और विज्ञान के नए युग का आरंभ हो रहा है। मुख्यमंत्री ने खटीमा को केंद्रीय विद्यालय की सौगात देने के सभी खटीमा वासियों की ओर से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान का  आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा केंद्रीय विद्यालय की शिक्षा हमारी सेना, अर्धसैनिक बलों तथा उन तमाम कार्मिकों के बच्चों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी।

    मुख्यमंत्री ने कहा यदि मेरे छात्र जीवन के दौरान खटीमा में केंद्रीय विद्यालय होता, तो वो स्वयं भी केन्द्रीय विद्यालय के छात्र होते। उन्होंने कहा खटीमा के छात्र-छात्राओं को शिक्षा के लिए यहां से पलायन न करना पड़े, इसके लिए उन्होंने विधायक रहते हुए खटीमा में केंद्रीय विद्यालय की स्थापना के लिए हर संभव प्रयास किए और आज उसी विद्यालय को अपना भवन भी मिल गया है। उन्होंने कहा खटीमा क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय की स्थापना से यहाँ के बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलने और उनके समग्र विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में वर्ष 2020 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से देश की शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से बच्चों को रोजगारपरक शिक्षा के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने में भी सहायता मिल रही है। इसमें शोध और अनुसंधान को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे बच्चों और युवाओं में वैज्ञानिक सोच का विकास भी हो रहा है। उन्होंने कहा राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य है। जिसके अंतर्गत हमने प्रदेश के 5600 से अधिक आंगनवाड़ी केन्द्रों में बालवाटिका कक्षाओं की शुरुआत कर एक महत्वपूर्ण और दूरगामी शैक्षणिक पहल की है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि खटीमा उनका घर है और वहां के निवासी उनके परिवार के सदस्य। उन्होंने कहा खटीमा से ही उन्होंने जनसेवा की यात्रा प्रारंभ की थी। खटीमा की माटी और लोगों से उन्हें हमेशा ऊर्जा और प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा राज्य सरकार ने खटीमा में स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल से लेकर बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। खटीमा में हाईटेक बस स्टैंड, आधुनिक आईटीआई और पॉलीटेक्निक कॉलेज तथा 100 बेड के नए अस्पताल परिसर, राष्ट्रीय स्तर के अत्याधुनिक खेल स्टेडियम का निर्माण कर बुनियादी सुविधाओं को मजबूत किया है। क्षेत्र में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने हेतु गदरपुर और खटीमा बाईपास का निर्माण, नौसर में पुल निर्माण के साथ ही पूरे क्षेत्र में सड़कों का व्यापक नेटवर्क विकसित किया गया है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राजकीय महाविद्यालय खटीमा में एमकॉम और एमएससी की कक्षाएं शुरू करवाई हैं। जनजाति बाहुल्य क्षेत्र में एकलव्य विद्यालय का संचालन भी प्रारंभ किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के प्रत्येक वर्ग के कल्याण के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ निरंतर कार्य कर रही है। जिसके परिणाम स्वरूप एसडीजी इंडेक्स रिपोर्ट में सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में पूरे देश में हमारा राज्य प्रथम स्थान पर पहुंचा है। उन्होंने कहा कि बीते वर्ष में बेरोजगारी दर में रिकॉर्ड 4.4 प्रतिशत की कमी लाने में सफलता प्राप्त की गई है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में घृणित मानसिकताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। राज्य में सख्त दंगारोधी और धर्मांतरण विरोधी कानून को लागू किया गया है। राज्य में साढ़े छह हजार एकड़ से अधिक की सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है। 200 से अधिक अवैध मदरसों को सील करने के साथ 500 से अधिक अवैध संरचनाओं को भी हटाया है। प्रदेश में ऑपरेशन कालनेमि भी प्रारंभ किया है जिसके माध्यम से हम राज्य में सनातन धर्म को बदनाम करने वाले पाखंडियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहे हैं। राज्य में समान नागरिक संहिता कानून लागू किया गया है। इसके साथ राज्य के 23 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी देने का कार्य किया गया है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य से भ्रष्टाचार रूपी दीमक को जड़ से समाप्त करने के लिए ज़ीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कार्य किया जा रहा है।  इसी का परिणाम है कि पिछले तीन वर्षों में हमने भ्रष्टाचार में लिप्त आईएएस, पीसीएस सहित करीब 200 से अधिक लोगों को जेल की सलाखों के पीछे पहुँचाया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार देवभूमि उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के अपने विकल्प रहित संकल्प को पूर्ण करने हेतु निरंतर प्रयास कर रही है।

    इस दौरान कार्यक्रम में मेयर श्री विकास शर्मा, दर्जा मंत्री अनिल कपूर डब्बू, शंकर कोरंगा, नगर पालिका अध्यक्ष रमेश चंद जोशी, जिलाध्यक्ष भाजपा कमल जिंदल, पूर्व विधायक डॉ प्रेम सिंह राणा,  राजेश शुक्ला, जिलाधिकारी  नितिन सिंह भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा, एवं शिक्षक व छात्र-छात्राएं आदि मौजूद रहे।

  • मंडलायुक्त होंगे नोडल अधिकारीः मुख्य सचिव

    मंडलायुक्त होंगे नोडल अधिकारीः मुख्य सचिव

    देहरादून।मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने मंगलवार को सचिवालय स्थित अपने सभागार में प्रदेश के महत्त्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में श्रद्धालुओं की सुरक्षा, भीड़ प्रबन्धन आदि के सम्बन्ध में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्य सचिव ने कहा कि हरिद्वार के मनसा देवी में श्रद्धालुओं में हुई भगदड़ जैसी घटनाओं पर काबू पाने के लिए प्रदेश के ऐसे सभी धार्मिक स्थलों, जहाँ महत्त्वपूर्ण दिवसों में श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ के कारण भगदड़ जैसी घटनाओं की आशंका बनी रही है, को चिन्हित कर उन में अंशकालिक एवं दीर्घकालिक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।

    मुख्य सचिव ने कहा कि धार्मिक स्थलों के मार्गों में सार्वजनिक स्थलों को अतिक्रमण मुक्त कर मार्गों का चौड़ीकरण कराया जाए। मार्गों से अतिक्रमण हटाने के लिए लगातार अभियान चलाए जाएं। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों में भीड़ प्रबंधन के लिए तकनीक का प्रयोग भी किया जाए। कहा कि धार्मिक स्थलों में अत्यधिक भीड़ होने पर मार्गों में श्रद्धाओं को रोके जाने हेतु स्थल तैयार किए जाएँ।

    मुख्य सचिव ने कहा की प्रत्येक धार्मिक स्थल के लिए रूट और सर्कुलेशन प्लान तैयार किया जाए, ताकि धार्मिक स्थलों में अचानक भीड़ ना हो। भीड़ होने की संभावना को देखते हुए श्रद्धालुओं को रोके जाने के लिए पूर्वनिर्धारित स्थानों में रोका जाए। मुख्य सचिव ने श्रद्धालुओं की संख्या का आंकलन करने के लिए तकनीक का उपयोग करते हुए भीड़ प्रबंधन तंत्र तैयार किए जाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए सभी प्रकार की भौतिक एवं तकनीकी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।

    मुख्य सचिव ने अधिक महत्त्वपूर्ण मंदिरों को प्राथमिकता पर लेते हुए पहले चरण में मनसा देवी, चण्डी देवी, नीलकंठ, कैंचीधाम और पूर्णागिरि मंदिर का विशेषज्ञों के माध्यम से विश्लेषण करा लिया जाए। स्थानीय प्रशासन एवं धार्मिक स्थलों के हितधारकों को विशेषज्ञों की टीम को हर प्रकार की सहायता उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि यह विशेषज्ञों की टीम मंदिर क्षेत्र का विश्लेषण कर भीड़ प्रबंधन, निकासी योजना और बॉटल नेक एरिया के लिए सिविल इंजीनियरिंग और तकनीकी पहलुओं का परीक्षण कर विभिन्न जगहों पर रुकने के स्थान आदि के लिए एक प्रॉपर प्लान और प्रॉपर एसओपी तैयार करेगी।

    इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ, प्रमुख सचिव  आर के सुधांशु सचिव  शैलेश बगौली, धीराज सिंह गरब्याल, आईजी गढ़वाल  राजीव स्वरूप एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में माध्यम से कमिश्नर कुमायूँ  दीपक रावत सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

  • टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स में अग्निवीरों की होगी तैनाती : मुख्यमंत्री

    टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स में अग्निवीरों की होगी तैनाती : मुख्यमंत्री

    देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंतर्राष्ट्रीय टाइगर दिवस के अवसर पर घोषणा की है कि कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व में स्थापित की जा रही टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स में उत्तराखंड के अग्निवीरों को सीधी तैनाती दी जाएगी। टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स में 80 से अधिक युवाओं की भर्ती होगी। इस बल का प्राथमिक उद्देश्य बाघों और उनके आवास की सुरक्षा को मजबूत करना है। इससे न केवल बाघ संरक्षण प्रयासों को मजबूती मिलेगी बल्कि अग्निवीर योजना के तहत प्रशिक्षित युवाओं को भी रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।

    टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स का उद्देश्य

    मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा की इस फोर्स की स्थापना से वृहद बाघ संरक्षण के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी तथा अवैध शिकार पर रोक लगेगी टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स का मुख्य काम बाघों के अवैध शिकार को रोकना होगा। प्रशिक्षित जवान वन क्षेत्रों में गश्त करेंगे, खुफिया जानकारी इकट्ठा करेंगे और शिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। इससे वन्यजीव अपराधों पर नियंत्रण के साथ ही यह फोर्स वन और वन्यजीव से संबंधित अन्य अपराधों जैसे लकड़ी की तस्करी, अवैध खनन और अतिक्रमण पर भी नियंत्रण रखेगी।

    मानव-वन्यजीव संघर्ष के प्रबंधन में भी सहयोगी बनेगी यह फोर्स

    मुख्यमंत्री ने कहा कि बाघों के प्राकृतिक आवास का संरक्षण भी महत्वपूर्ण है। यह फोर्स वनों की कटाई और उनके आवास को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों को रोकने में मदद करेगी तथा मानव-वन्यजीव संघर्ष का प्रबंधन में भी सहयोगी बनेगी, उन्होंने कहा कि कई बार बाघ आबादी वाले क्षेत्रों में आ जाते हैं, जिससे मानव-वन्यजीव संघर्ष होता है। यह फोर्स ऐसी स्थितियों को संभालने और नियंत्रित करने में प्रशिक्षित होगी, ताकि दोनों पक्षों को नुकसान न हो। इस फोर्स को आधुनिक निगरानी तकनीकों, जैसे ड्रोन, थर्मल इमेजिंग और जीपीएस ट्रैकिंग से लैस किया जा सकता है, जिससे उनकी दक्षता बढ़ेगी।

    बाघ संरक्षण में भारतीय सेना (अग्निवीरों) की भागीदारी

    उत्तराखंड के अग्निवीरों की सीधी तैनाती बाघ संरक्षण में भारतीय सेना (या सेना से प्रशिक्षित कर्मियों) की भागीदारी का एक अनूठा उदाहरण है। अग्निवीर भारतीय सेना द्वारा कठोर अनुशासन और प्रशिक्षण से गुजर चुके होते हैं। यह प्रशिक्षण उन्हें शारीरिक रूप से फिट, मानसिक रूप से मजबूत और किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार करता है। यह गुण उन्हें वन गश्त और वन्यजीव अपराधों से निपटने में अत्यधिक प्रभावी बनाएंगे।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि सेना के जवान रणनीतिक योजना और त्वरित निर्णय लेने में निपुण होते हैं। अग्निवीरों को अक्सर आधुनिक हथियारों और संचार प्रणालियों के उपयोग का ज्ञान होता है, जो उन्हें वन्यजीव संरक्षण के लिए उन्नत तकनीकों का उपयोग करने में सक्षम बनाएगा। अग्निवीर राष्ट्र सेवा की भावना से ओत-प्रोत होते हैं। वन्यजीव संरक्षण भी एक प्रकार की राष्ट्र सेवा है, और यह भावना उन्हें अपने कर्तव्य के प्रति अधिक समर्पित बनाएगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देने से उन्हें क्षेत्र के भूगोल, मौसम और स्थानीय चुनौतियों की बेहतर समझ होगी, जिससे उनका काम और प्रभावी होगा।

    यह पहल वृहद बाघ संरक्षण के प्रयासों को देगी मजबूती

    मुख्यमंत्री ने कहा कि कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व, जो भारत में बाघों के सबसे महत्वपूर्ण आवासों में से एक है, को अब एक अत्यधिक प्रशिक्षित और समर्पित बल की सुरक्षा मिलेगी। इससे अवैध शिकार की घटनाओं में कमी आने की उम्मीद है। अग्निवीरों की भर्ती से स्थानीय समुदाय भी संरक्षण प्रयासों में शामिल होगा, जिससे एक सकारात्मक माहौल बनेगा। उन्होंने कहा कि यदि यह मॉडल सफल होता है, तो इसे देश के अन्य बाघ अभयारण्यों और संरक्षित क्षेत्रों में भी दोहराया जा सकता है, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर बाघ संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।

    मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी की यह घोषणा बाघ संरक्षण के प्रति एक मजबूत प्रतिबद्धता दर्शाती है यह कदम कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व और उत्तराखंड में बाघों के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

  • धार्मिक स्थलों का मास्टर प्लान बनाने के आदेश जारी

    धार्मिक स्थलों का मास्टर प्लान बनाने के आदेश जारी

    देहरादून । मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में प्रमुख सचिव, आरके सुधांशु ने सचिव पर्यटन को सभी धार्मिक स्थलों पर भीड़ नियंत्रण, प्रवेश- निकास व्यवस्था सहित अन्य जरूरी सुविधाएं जुटाने के लिए मास्टर प्लान तैयार करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
    गत 27 जुलाई को हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर में हुई दुखद दुर्घटना के तत्काल बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मौका मुआयना कर, स्थिति का जायजा लिया था। इसके बाद  मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को उत्तराखंड के प्रमुख तीर्थ स्थलों पर आने वाले यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए विस्तृत मास्टर प्लान बनाने के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में मंगलवार को प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री आरके सुधांशु ने सचिव पर्यटन को आदेश जारी करते हुए, जल्द से जल्द इस दिशा में कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए हैँ। इसमें खासकर ऐसे तीर्थ स्थलों को शामिल किया जाएगा, जहां ज्यादा तीर्थयात्री आते हैं। मास्टर प्लान के निर्माण और इसके क्रियान्वयन में दोनों मंडलों के मंडलायुक्तों का विशेष तौर पर सहयोग लेने के लिए कहा गया है। साथ ही स्पष्ट आदेश दिए गए हैं कि यदि तीर्थ स्थलों के मार्गों पर अवैध अतिक्रमण हुआ है तो उन्हें प्राथमिकता के आधार पर हटाया जाए।
    मास्टर प्लान में शामिल होगा
    भीड़ नियंत्रण व्यवस्था
    धारण क्षमता का विकास
    पृथक प्रवेश एवं निकास मार्ग
    प्रतीक्षा के लिए अतिरिक्त स्थान
    आपातकालीन निकासी व्यवस्था
    स्वच्छ पेयजल, शौचालय, प्राथमिक उपचार
    सुगठित सूचना एवं मार्गदर्शन प्रणाली
    पार्किंग व्यवस्था
    पर्याप्त सुरक्षा बलों की तैनाती

    उत्तराखंड में प्रति वर्ष करोड़ों तीर्थ यात्री आते हैं। इसलिए तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए सभी तीर्थ स्थलों का मास्टर प्लान बनाया जाएगा। तीर्थ स्थलों के आस पास जनसुविधाएं विकसित करते हुए, यात्रा को ज्यादा सुव्यवस्थित किया जाएगा।
    पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड

  • मुख्यमंत्री से श्री नंदा देवी राजजात समिति के अध्यक्ष ने की भेंट

    मुख्यमंत्री से श्री नंदा देवी राजजात समिति के अध्यक्ष ने की भेंट

    देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में श्री नंदा देवी राजजात समिति के अध्यक्ष डॉ राकेश कुंवर के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने भेंट की। मुख्यमंत्री श्री धामी एवं प्रतिनिधिमंडल के मध्य वर्ष 2026 में आयोजित होने वाली मां नंदा देवी राजजात यात्रा की तैयारियों एवं  कुशल प्रबंधन से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा हुई।

    मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वर्ष 2026 में आयोजित होने वाली मां नंदा देवी राजजात यात्रा के सकुशल व सफल संचालन तथा इसे भव्य बनाने को लेकर शासन स्तर पर वरिष्ठ अधिकारियों को विभिन्न निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियो को प्रभावी समेकित कार्ययोजना तैयार कर वर्ष 2025 के अंत तक सभी तैयारियां पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि यह यात्रा उत्तराखण्ड की समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपरा का प्रतीक है। इसके गरिमामय आयोजन हेतु सभी विभागों को परस्पर समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। यात्रा से अधिकाधिक स्थानीय लोक कलाकारों, ग्राम पंचायतों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं को जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।

  • मुख्यमंत्री ने किया वृक्षारोपण

    मुख्यमंत्री ने किया वृक्षारोपण

    देहरादून। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को हल्द्वानी स्थित एफटीआई परिसर में आयोजित ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के अंतर्गत वृक्षारोपण कार्यक्रम में पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण और जनसहभागिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चलाए जा रहे इस अभियान को पर्यावरण संरक्षण में सहभागी बनने का प्रेरणादायक संदेश दिया।

    प्रकृति संरक्षण हमारा संकल्प, हरेला पर्व पर रोपे गये 8 लाख से अधिक पौधे।


    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान की शुरुआत गत वर्ष की गई थी, और इस वर्ष भी यह अभियान पूरे देश में उत्साहपूर्वक चलाया जा रहा है। उत्तराखंड में इस अभियान का विधिवत शुभारंभ हरेला पर्व के अवसर पर किया गया, जिसमें पहले ही दिन रिकॉर्ड 8,13,000 लोगों ने पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी सहभागिता दर्ज की। मुख्यमंत्री ने कहा कि “प्रकृति संरक्षण हमारा संकल्प है” और देवभूमि उत्तराखंड में यह अभियान पूरे एक माह तक जारी रहेगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि इस पवित्र सावन मास में ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अवश्य लगाएं और प्रकृति संरक्षण में अपना योगदान दें।

    मनसा देवी हादसे पर की संवेदना व्यक्त।


    मुख्यमंत्री ने हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर में हाल ही में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना को अत्यंत दुखद बताते हुए गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा तत्परता से आवश्यक निर्णय लिए गए हैं। प्रदेश के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलोंकृजहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु और तीर्थयात्री दर्शन हेतु आते हैंकृवहां व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है। इनमें श्रद्धालुओं की केयरिंग कैपेसिटी के अनुसार प्रवेश, स्थान का संभावित विस्तार, पार्किंग एवं ट्रैफिक प्रबंधन, और सुरक्षा मानकों के पालन को प्राथमिकता दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि मनसा देवी मंदिर सहित प्रदेश के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों पर यह व्यवस्थाएं सख्ती से लागू की जाएंगी।

    शहरी क्षेत्रों में अवैध अतिक्रमण पर कार्रवाई के निर्देश


    मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में अवैध अतिक्रमण को लेकर प्रशासन द्वारा सख्ती बरती जा रही है। संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गये हैं कि वे अवैध कब्जों की पहचान कर उन्हें तत्काल हटाने की कार्रवाई सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कदम न केवल सार्वजनिक परिसंपत्तियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है, बल्कि विकास परियोजनाओं की गति बनाए रखने और नागरिकों को सुचारु सुविधाएं उपलब्ध कराने की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

    इस अवसर पर विधायक बंशीधर भगत, दायित्व धारी दिनेश आर्य, दीपक मेहरा, जिला अध्यक्ष भाजपा प्रताप बिष्ट, डॉ. जोगेन्दर पाल सिंह रौतेला, मजहर नईम नवाब, हुकुम सिंह कुंवर, आयुक्त/सचिव मा. मुख्यमंत्री दीपक रावत, आईजी रिद्धिम अग्रवाल, जिलाधिकारी वंदना सिंह, निदेशक एफटीआई तेजस्विनी अरविंद पाटिल के साथ ही अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।