उत्तराखंड में बनेगा दुनिया का सबसे लंबा रोप-वे, सिर्फ 1 घंटे में पहुंचेंगे केदारनाथ
चारधाम यात्रा को सुरक्षित और आरामदेह बनाने के लिए बड़ी परियोजनाओं पर काम चल रहा है। इसी कड़ी में केदारनाथ धाम को रोप-वे सेवा से जोड़ने की तैयारी है।
समुद्र तल से 11,500 फीट की ऊंचाई पर 11.5 किलोमीटर लंबा रोप-वे उत्तराखंड के चार धामों में से एक केदारनाथ धाम में बनेगा, Sonprayag-Kedarnath Ropeway दुनिया का सबसे लंबा रोप-वे होगा। यह रोप-वे हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं को यात्रा करवाने में सक्षम होगा।
जिस यात्रा के लिए श्रद्धालुओं को पूरा दिन लगाना पड़ता था, वह अब सिर्फ एक घंटे में संपन्न हो सकेगी। इस प्रोजेक्ट को उत्तराखंड के विकास में काफी अहम माना जा रहा है। चलिए आपको प्रोजेक्ट की खास बातें बताते हैं। पहले इस रोप-वे को गौरीकुंड से केदारनाथ मंदिर तक बनाया जाना था, लेकिन बाद में इस प्रोजेक्ट को गौरीकुंड की जगह सोनप्रयाग से शुरू करने का फैसला किया गया, ताकि ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालु रोप-वे सेवा का लाभ उठा सकें।
फिलहाल गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक श्रद्धालुओं को 16 किलोमीटर का सफर करना होता है, जिसमें करीब पूरा दिन लग जाता है। धाम के लिए 16 किलोमीटर का ट्रेकिंग रूट गौरीकुंड से शुरू होता है। जबकि सोनप्रयाग से गौरीकुंड की दूरी वाहन से 8 किलोमीटर की है। सोनप्रयाग से केदारनाथ तक रोप-वे बनेगा तो ये सफर सिर्फ एक घंटे में तय होगा। रोप-वे प्रतिदिन 8 घंटे चलेगा। जिसमें दो हजार श्रद्धालु प्रति घंटे सफर कर सकेंगे।
यह रोप-वे सोनप्रयाग, गौरीकुंड, जंगलचट्टी, भीमबाली, रामबाड़ा, घिनूरपानी, गरूड़चट्टी, घोड़ा पांडव को कवर करते हुए केदारनाथ तक पहुंचेगा। प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 1000 करोड़ रुपये है, जो कि बढ़ सकती है।
रोप-वे से 11.5 किलोमीटर की दूरी 1 घंटे में तय होगी। बता दें कि दुनिया का सबसे लंबा रोप-वे मैक्सिको शहर में स्थित है। जिसे केबलबस 2 के नाम से जाना जाता है और इसकी लंबाई 10.55 किलोमीटर है।
केदारनाथ रोप-वे जब प्रोजेक्ट के अनुसार तैयार होगा, तो इससे करीब 1 किमी लंबा होगा। 5 नवंबर के अपने केदारनाथ दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि केदारनाथ और हेमकुंड साहिब में रोप-वे का काम जल्द शुरू होगा।
अब इसे लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उत्तराखंड पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर के मुताबिक Sonprayag-Kedarnath Ropeway प्रोजेक्ट को लेकर विस्तृत प्रोजेक्ट रिपेार्ट तैयार किए जाने की कवायद शुरू हो गई है और जल्द ही टेंडर भी निकाले जाएंगे।