रहत: कोरोना की दूसरी लहर के मुकाबले इस बार ऑक्सिजन और आईसीयू बेड की जरूरत बहुत कम

-ठीक होने वालों की संख्या दो गुनी -वेंटिलेटर की जरूरत 95 प्रतिशत कम देहरादून: कोरोना ही तीसरी लहर ओमिक्रोन वेरिएंट आने के बाद देश दुनियां में दहशत भरे माहौल के बाद इसको लेकर राहत भरी खबर भी सामने आ रही है I देश के चार मेट्रो शहरों के आंकड़े देखने पर पता चलता है कि दूसरी लहर के मुकाबले इस बार ऑक्सिजन और आईसीयू बेड की जरूरत बहुत कम पड़ रही है। ओमिक्रोन वेरिएंट का संक्रमण जिस तेजी के साथ बढ़ रहा है, उस हिसाब से अस्पताल में मरीजों की संख्या नहीं बढ़ रही है। दिल्ली में दूसरी लहर के दौरान पिछले साल अप्रैल में सभी आईसीयू बेड भर गए थे। उस लिहाज से देखें तो अभी वेंटिलेटर की जरूरत 95 प्रतिशत कम है। वहीं, मुंबई में डेली कोरोना केस दूसरी लहर के मुकाबले दोगुने मिल रहे हैं, लेकिन वेंटिलेटर बेड की जरूरत आधे से भी कम पड़ रही है। चेन्नई में भी अभी हर दिन करीब पांच हजार केस आ रहे हैं। दूसरी लहर में जब रोज इतने केस आ रहे थे तब वहां ऑक्सिजन और आईसीयू बेड की जरूरत कई गुना अधिक थी। चौथे मेट्रो शहर बेंगलुरु में भी दूसरी लहर के दौरान जब अभी जितने ही केस आ रहे थे तब वेंटिलेटर और ऑक्सिजन बेड की कमी हो गई थी। अभी वहां करीब 7,500 केस आ रहे हैं, लेकिन आईसीयू और ऑक्सिजन बेड की जरूरत 8-10 मरीजों को ही पड़ रही है। ​राजधानी दिल्ली में कोविड से मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है, लेकिन हकीकत यह भी है कि ज्यादातर जान गंवाने वाले कोविड मरीजों को पहले से ही कोई न कोई गंभीर बीमारी थी। नए साल के 10 दिनों में यानी 1 से 10 जनवरी के बीच दिल्ली में 70 कोविड मरीजों की मौत हो गई। यह संख्या पिछले 5 महीनों में हुई मौतों के बराबर है। लेकिन, 5 से 9 जनवरी के बीच जिन 46 कोविड मरीजों ने दम तोड़ा, उनमें करीब 75 प्रतिशत पहले से ही गंभीर बीमारियों से ग्रस्त थे। उनमें सिर्फ 24 प्रतिशत ने ही कोरोना वैक्सीन लगवाई थी। कोरोना काल में महाराष्ट्र और खासकर मुंबई में सबसे ज्यादा केस मिलते रहे हैं। लेकिन अब, प्रदेश में महामारी से उबरने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। महाराष्ट्र में रविवार को 15,351 लोगों के मुकाबले सोमवार को 29,671 डिस्चार्ज हुए हैं। वहीं, पॉजिटिविटी रेट भी 22% से घटकर 19.26% हो गया। बात अगर, देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की करें तो सोमवार को 13,648 नए केस मिले जबकि 27,214 पुराने कोविड मरीज ठीक होकर घर चले गए। यानी, नए मरीजों की दोगुनी संख्या में मरीज ठीक हो गए। इतना ही नहीं, नए केस की संख्या भी उस दिन 20 हजार से नीचे रही जबकि बीते कुछ दिनों से वहां 20 हजार से ज्यादा नए मरीज मिल रहे थे। वहीं, रविवार की 7 के मुकाबले सोमवार को 5 मौतें हुईं।
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