जलते रोम को छोड़ चुनावी बांसुरी बजा रहे भारत के नीरो : राजीव महर्षि

देहरादून : यूक्रेन और रूस के बीच गोलाबारी में हुए भारतीय छात्र नवीन कुमार की मौत पर उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया प्रभारी राजीव महर्षि ने गहरा दुःख जताय I दुःख जताते हुए उन्होंने इस घटना के लिए भारत सरकार की विफ्लता करार दी I कहा कि भारत के प्रधानमंत्री के लिए उत्तर प्रदेश का चुनाव् प्रचार उनकी प्राथमिकता है जबकि यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्र स्वदेश वापसी के लिए मदद की गुहार लगाते लगाते निराश हो गए हैं। उन्होंने कहा कि हालिया घटना रोम के नीरो की तरह है जिसमे प्रधानमंत्री मोदी अपने नागरिकों को युद्ध क्षेत्र से सुरक्षित निकालने की कोशिश के ऊपर चुनाव को महत्व दे रहे हैं। राजीव महर्षि ने कहा कि चुनाव तो आते जाते रहेंगे लेकिन भारत के जिन नागरिकों का जीवन इस समय खतरे में है, उनकी जान बचाना इस समय सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए थी लेकिन प्रधानमंत्री को उत्तर प्रदेश की सत्ता ज्यादा जरूरी लग रही है। उन्होंने कहा कि अभी भी समय है, सरकार को इस समय पूरा फोकस यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों की सकुशल वापसी पर होना चाहिए, वरना जनता वक़्त आने पर नीरो को उसकी जगह दिखाने में देर नहीं करते। साथ ही उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में चुनाव् का महत्व होता है लेकिन युद्ध की स्थिति में नागरिकों का जीवन बचाना चुनाव से ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। वहीं यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों के जो वीडियो आ रहे हैं, वह बेहद कष्टदायक हैं, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। दूसरी तरफ राजीव महर्षि ने उत्तराखण्ड की धामी सरकार को भी निशाने पर लिया I उन्होंने कहा कि यहाँ सरकार जिलों से यूक्रेन में फंसे छात्रोंं का विवरण जुटा रही है जबकि सारा विवरण विदेश मंत्रालय की साईट पर उपलब्ध रहता हैI ऐसी निक्क्मी सरकार माफ़ी की भी हक़दार नहीं है, जिसने पूरा एक सप्ताह विवरण जुटाने में गँवा दिया। उन्होंने मांग की है कि अभी भी सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी पर ध्यान केंद्रित करें, वरना लोग इसे कभी माफ़ नहीं करेंगे।
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