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  • मुख्यमंत्री ने किया पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय का  लोकार्पण

    मुख्यमंत्री ने किया पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय का  लोकार्पण

    देहरादून। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को खटीमा में अखिल भारतीय शिक्षा समागम के अन्तर्गत आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए ₹ 26.23 करोड़ की लागत से निर्मित केंद्रीय विद्यालय, खटीमा का लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने विद्यालय परिसर में पौधरोपण भी किया।

    मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह सभी के लिए हर्ष और गौरव के क्षण हैं। देश में शिक्षा के क्षेत्र में आई नई क्रांति के 5 वर्ष पूरे होने के ऐतिहासिक अवसर पर खटीमा में भी ज्ञान और विज्ञान के नए युग का आरंभ हो रहा है। मुख्यमंत्री ने खटीमा को केंद्रीय विद्यालय की सौगात देने के सभी खटीमा वासियों की ओर से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान का  आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा केंद्रीय विद्यालय की शिक्षा हमारी सेना, अर्धसैनिक बलों तथा उन तमाम कार्मिकों के बच्चों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी।

    मुख्यमंत्री ने कहा यदि मेरे छात्र जीवन के दौरान खटीमा में केंद्रीय विद्यालय होता, तो वो स्वयं भी केन्द्रीय विद्यालय के छात्र होते। उन्होंने कहा खटीमा के छात्र-छात्राओं को शिक्षा के लिए यहां से पलायन न करना पड़े, इसके लिए उन्होंने विधायक रहते हुए खटीमा में केंद्रीय विद्यालय की स्थापना के लिए हर संभव प्रयास किए और आज उसी विद्यालय को अपना भवन भी मिल गया है। उन्होंने कहा खटीमा क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय की स्थापना से यहाँ के बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलने और उनके समग्र विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में वर्ष 2020 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से देश की शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से बच्चों को रोजगारपरक शिक्षा के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने में भी सहायता मिल रही है। इसमें शोध और अनुसंधान को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे बच्चों और युवाओं में वैज्ञानिक सोच का विकास भी हो रहा है। उन्होंने कहा राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य है। जिसके अंतर्गत हमने प्रदेश के 5600 से अधिक आंगनवाड़ी केन्द्रों में बालवाटिका कक्षाओं की शुरुआत कर एक महत्वपूर्ण और दूरगामी शैक्षणिक पहल की है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि खटीमा उनका घर है और वहां के निवासी उनके परिवार के सदस्य। उन्होंने कहा खटीमा से ही उन्होंने जनसेवा की यात्रा प्रारंभ की थी। खटीमा की माटी और लोगों से उन्हें हमेशा ऊर्जा और प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा राज्य सरकार ने खटीमा में स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल से लेकर बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। खटीमा में हाईटेक बस स्टैंड, आधुनिक आईटीआई और पॉलीटेक्निक कॉलेज तथा 100 बेड के नए अस्पताल परिसर, राष्ट्रीय स्तर के अत्याधुनिक खेल स्टेडियम का निर्माण कर बुनियादी सुविधाओं को मजबूत किया है। क्षेत्र में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने हेतु गदरपुर और खटीमा बाईपास का निर्माण, नौसर में पुल निर्माण के साथ ही पूरे क्षेत्र में सड़कों का व्यापक नेटवर्क विकसित किया गया है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राजकीय महाविद्यालय खटीमा में एमकॉम और एमएससी की कक्षाएं शुरू करवाई हैं। जनजाति बाहुल्य क्षेत्र में एकलव्य विद्यालय का संचालन भी प्रारंभ किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के प्रत्येक वर्ग के कल्याण के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ निरंतर कार्य कर रही है। जिसके परिणाम स्वरूप एसडीजी इंडेक्स रिपोर्ट में सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में पूरे देश में हमारा राज्य प्रथम स्थान पर पहुंचा है। उन्होंने कहा कि बीते वर्ष में बेरोजगारी दर में रिकॉर्ड 4.4 प्रतिशत की कमी लाने में सफलता प्राप्त की गई है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में घृणित मानसिकताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। राज्य में सख्त दंगारोधी और धर्मांतरण विरोधी कानून को लागू किया गया है। राज्य में साढ़े छह हजार एकड़ से अधिक की सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है। 200 से अधिक अवैध मदरसों को सील करने के साथ 500 से अधिक अवैध संरचनाओं को भी हटाया है। प्रदेश में ऑपरेशन कालनेमि भी प्रारंभ किया है जिसके माध्यम से हम राज्य में सनातन धर्म को बदनाम करने वाले पाखंडियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहे हैं। राज्य में समान नागरिक संहिता कानून लागू किया गया है। इसके साथ राज्य के 23 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी देने का कार्य किया गया है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य से भ्रष्टाचार रूपी दीमक को जड़ से समाप्त करने के लिए ज़ीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कार्य किया जा रहा है।  इसी का परिणाम है कि पिछले तीन वर्षों में हमने भ्रष्टाचार में लिप्त आईएएस, पीसीएस सहित करीब 200 से अधिक लोगों को जेल की सलाखों के पीछे पहुँचाया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार देवभूमि उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के अपने विकल्प रहित संकल्प को पूर्ण करने हेतु निरंतर प्रयास कर रही है।

    इस दौरान कार्यक्रम में मेयर श्री विकास शर्मा, दर्जा मंत्री अनिल कपूर डब्बू, शंकर कोरंगा, नगर पालिका अध्यक्ष रमेश चंद जोशी, जिलाध्यक्ष भाजपा कमल जिंदल, पूर्व विधायक डॉ प्रेम सिंह राणा,  राजेश शुक्ला, जिलाधिकारी  नितिन सिंह भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा, एवं शिक्षक व छात्र-छात्राएं आदि मौजूद रहे।

  • मंडलायुक्त होंगे नोडल अधिकारीः मुख्य सचिव

    मंडलायुक्त होंगे नोडल अधिकारीः मुख्य सचिव

    देहरादून।मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने मंगलवार को सचिवालय स्थित अपने सभागार में प्रदेश के महत्त्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में श्रद्धालुओं की सुरक्षा, भीड़ प्रबन्धन आदि के सम्बन्ध में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्य सचिव ने कहा कि हरिद्वार के मनसा देवी में श्रद्धालुओं में हुई भगदड़ जैसी घटनाओं पर काबू पाने के लिए प्रदेश के ऐसे सभी धार्मिक स्थलों, जहाँ महत्त्वपूर्ण दिवसों में श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ के कारण भगदड़ जैसी घटनाओं की आशंका बनी रही है, को चिन्हित कर उन में अंशकालिक एवं दीर्घकालिक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।

    मुख्य सचिव ने कहा कि धार्मिक स्थलों के मार्गों में सार्वजनिक स्थलों को अतिक्रमण मुक्त कर मार्गों का चौड़ीकरण कराया जाए। मार्गों से अतिक्रमण हटाने के लिए लगातार अभियान चलाए जाएं। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों में भीड़ प्रबंधन के लिए तकनीक का प्रयोग भी किया जाए। कहा कि धार्मिक स्थलों में अत्यधिक भीड़ होने पर मार्गों में श्रद्धाओं को रोके जाने हेतु स्थल तैयार किए जाएँ।

    मुख्य सचिव ने कहा की प्रत्येक धार्मिक स्थल के लिए रूट और सर्कुलेशन प्लान तैयार किया जाए, ताकि धार्मिक स्थलों में अचानक भीड़ ना हो। भीड़ होने की संभावना को देखते हुए श्रद्धालुओं को रोके जाने के लिए पूर्वनिर्धारित स्थानों में रोका जाए। मुख्य सचिव ने श्रद्धालुओं की संख्या का आंकलन करने के लिए तकनीक का उपयोग करते हुए भीड़ प्रबंधन तंत्र तैयार किए जाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए सभी प्रकार की भौतिक एवं तकनीकी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।

    मुख्य सचिव ने अधिक महत्त्वपूर्ण मंदिरों को प्राथमिकता पर लेते हुए पहले चरण में मनसा देवी, चण्डी देवी, नीलकंठ, कैंचीधाम और पूर्णागिरि मंदिर का विशेषज्ञों के माध्यम से विश्लेषण करा लिया जाए। स्थानीय प्रशासन एवं धार्मिक स्थलों के हितधारकों को विशेषज्ञों की टीम को हर प्रकार की सहायता उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि यह विशेषज्ञों की टीम मंदिर क्षेत्र का विश्लेषण कर भीड़ प्रबंधन, निकासी योजना और बॉटल नेक एरिया के लिए सिविल इंजीनियरिंग और तकनीकी पहलुओं का परीक्षण कर विभिन्न जगहों पर रुकने के स्थान आदि के लिए एक प्रॉपर प्लान और प्रॉपर एसओपी तैयार करेगी।

    इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ, प्रमुख सचिव  आर के सुधांशु सचिव  शैलेश बगौली, धीराज सिंह गरब्याल, आईजी गढ़वाल  राजीव स्वरूप एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में माध्यम से कमिश्नर कुमायूँ  दीपक रावत सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

  • टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स में अग्निवीरों की होगी तैनाती : मुख्यमंत्री

    टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स में अग्निवीरों की होगी तैनाती : मुख्यमंत्री

    देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंतर्राष्ट्रीय टाइगर दिवस के अवसर पर घोषणा की है कि कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व में स्थापित की जा रही टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स में उत्तराखंड के अग्निवीरों को सीधी तैनाती दी जाएगी। टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स में 80 से अधिक युवाओं की भर्ती होगी। इस बल का प्राथमिक उद्देश्य बाघों और उनके आवास की सुरक्षा को मजबूत करना है। इससे न केवल बाघ संरक्षण प्रयासों को मजबूती मिलेगी बल्कि अग्निवीर योजना के तहत प्रशिक्षित युवाओं को भी रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।

    टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स का उद्देश्य

    मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा की इस फोर्स की स्थापना से वृहद बाघ संरक्षण के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी तथा अवैध शिकार पर रोक लगेगी टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स का मुख्य काम बाघों के अवैध शिकार को रोकना होगा। प्रशिक्षित जवान वन क्षेत्रों में गश्त करेंगे, खुफिया जानकारी इकट्ठा करेंगे और शिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। इससे वन्यजीव अपराधों पर नियंत्रण के साथ ही यह फोर्स वन और वन्यजीव से संबंधित अन्य अपराधों जैसे लकड़ी की तस्करी, अवैध खनन और अतिक्रमण पर भी नियंत्रण रखेगी।

    मानव-वन्यजीव संघर्ष के प्रबंधन में भी सहयोगी बनेगी यह फोर्स

    मुख्यमंत्री ने कहा कि बाघों के प्राकृतिक आवास का संरक्षण भी महत्वपूर्ण है। यह फोर्स वनों की कटाई और उनके आवास को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों को रोकने में मदद करेगी तथा मानव-वन्यजीव संघर्ष का प्रबंधन में भी सहयोगी बनेगी, उन्होंने कहा कि कई बार बाघ आबादी वाले क्षेत्रों में आ जाते हैं, जिससे मानव-वन्यजीव संघर्ष होता है। यह फोर्स ऐसी स्थितियों को संभालने और नियंत्रित करने में प्रशिक्षित होगी, ताकि दोनों पक्षों को नुकसान न हो। इस फोर्स को आधुनिक निगरानी तकनीकों, जैसे ड्रोन, थर्मल इमेजिंग और जीपीएस ट्रैकिंग से लैस किया जा सकता है, जिससे उनकी दक्षता बढ़ेगी।

    बाघ संरक्षण में भारतीय सेना (अग्निवीरों) की भागीदारी

    उत्तराखंड के अग्निवीरों की सीधी तैनाती बाघ संरक्षण में भारतीय सेना (या सेना से प्रशिक्षित कर्मियों) की भागीदारी का एक अनूठा उदाहरण है। अग्निवीर भारतीय सेना द्वारा कठोर अनुशासन और प्रशिक्षण से गुजर चुके होते हैं। यह प्रशिक्षण उन्हें शारीरिक रूप से फिट, मानसिक रूप से मजबूत और किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार करता है। यह गुण उन्हें वन गश्त और वन्यजीव अपराधों से निपटने में अत्यधिक प्रभावी बनाएंगे।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि सेना के जवान रणनीतिक योजना और त्वरित निर्णय लेने में निपुण होते हैं। अग्निवीरों को अक्सर आधुनिक हथियारों और संचार प्रणालियों के उपयोग का ज्ञान होता है, जो उन्हें वन्यजीव संरक्षण के लिए उन्नत तकनीकों का उपयोग करने में सक्षम बनाएगा। अग्निवीर राष्ट्र सेवा की भावना से ओत-प्रोत होते हैं। वन्यजीव संरक्षण भी एक प्रकार की राष्ट्र सेवा है, और यह भावना उन्हें अपने कर्तव्य के प्रति अधिक समर्पित बनाएगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देने से उन्हें क्षेत्र के भूगोल, मौसम और स्थानीय चुनौतियों की बेहतर समझ होगी, जिससे उनका काम और प्रभावी होगा।

    यह पहल वृहद बाघ संरक्षण के प्रयासों को देगी मजबूती

    मुख्यमंत्री ने कहा कि कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व, जो भारत में बाघों के सबसे महत्वपूर्ण आवासों में से एक है, को अब एक अत्यधिक प्रशिक्षित और समर्पित बल की सुरक्षा मिलेगी। इससे अवैध शिकार की घटनाओं में कमी आने की उम्मीद है। अग्निवीरों की भर्ती से स्थानीय समुदाय भी संरक्षण प्रयासों में शामिल होगा, जिससे एक सकारात्मक माहौल बनेगा। उन्होंने कहा कि यदि यह मॉडल सफल होता है, तो इसे देश के अन्य बाघ अभयारण्यों और संरक्षित क्षेत्रों में भी दोहराया जा सकता है, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर बाघ संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।

    मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी की यह घोषणा बाघ संरक्षण के प्रति एक मजबूत प्रतिबद्धता दर्शाती है यह कदम कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व और उत्तराखंड में बाघों के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

  • धार्मिक स्थलों का मास्टर प्लान बनाने के आदेश जारी

    धार्मिक स्थलों का मास्टर प्लान बनाने के आदेश जारी

    देहरादून । मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में प्रमुख सचिव, आरके सुधांशु ने सचिव पर्यटन को सभी धार्मिक स्थलों पर भीड़ नियंत्रण, प्रवेश- निकास व्यवस्था सहित अन्य जरूरी सुविधाएं जुटाने के लिए मास्टर प्लान तैयार करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
    गत 27 जुलाई को हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर में हुई दुखद दुर्घटना के तत्काल बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मौका मुआयना कर, स्थिति का जायजा लिया था। इसके बाद  मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को उत्तराखंड के प्रमुख तीर्थ स्थलों पर आने वाले यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए विस्तृत मास्टर प्लान बनाने के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में मंगलवार को प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री आरके सुधांशु ने सचिव पर्यटन को आदेश जारी करते हुए, जल्द से जल्द इस दिशा में कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए हैँ। इसमें खासकर ऐसे तीर्थ स्थलों को शामिल किया जाएगा, जहां ज्यादा तीर्थयात्री आते हैं। मास्टर प्लान के निर्माण और इसके क्रियान्वयन में दोनों मंडलों के मंडलायुक्तों का विशेष तौर पर सहयोग लेने के लिए कहा गया है। साथ ही स्पष्ट आदेश दिए गए हैं कि यदि तीर्थ स्थलों के मार्गों पर अवैध अतिक्रमण हुआ है तो उन्हें प्राथमिकता के आधार पर हटाया जाए।
    मास्टर प्लान में शामिल होगा
    भीड़ नियंत्रण व्यवस्था
    धारण क्षमता का विकास
    पृथक प्रवेश एवं निकास मार्ग
    प्रतीक्षा के लिए अतिरिक्त स्थान
    आपातकालीन निकासी व्यवस्था
    स्वच्छ पेयजल, शौचालय, प्राथमिक उपचार
    सुगठित सूचना एवं मार्गदर्शन प्रणाली
    पार्किंग व्यवस्था
    पर्याप्त सुरक्षा बलों की तैनाती

    उत्तराखंड में प्रति वर्ष करोड़ों तीर्थ यात्री आते हैं। इसलिए तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए सभी तीर्थ स्थलों का मास्टर प्लान बनाया जाएगा। तीर्थ स्थलों के आस पास जनसुविधाएं विकसित करते हुए, यात्रा को ज्यादा सुव्यवस्थित किया जाएगा।
    पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड

  • मुख्यमंत्री से श्री नंदा देवी राजजात समिति के अध्यक्ष ने की भेंट

    मुख्यमंत्री से श्री नंदा देवी राजजात समिति के अध्यक्ष ने की भेंट

    देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में श्री नंदा देवी राजजात समिति के अध्यक्ष डॉ राकेश कुंवर के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने भेंट की। मुख्यमंत्री श्री धामी एवं प्रतिनिधिमंडल के मध्य वर्ष 2026 में आयोजित होने वाली मां नंदा देवी राजजात यात्रा की तैयारियों एवं  कुशल प्रबंधन से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा हुई।

    मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वर्ष 2026 में आयोजित होने वाली मां नंदा देवी राजजात यात्रा के सकुशल व सफल संचालन तथा इसे भव्य बनाने को लेकर शासन स्तर पर वरिष्ठ अधिकारियों को विभिन्न निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियो को प्रभावी समेकित कार्ययोजना तैयार कर वर्ष 2025 के अंत तक सभी तैयारियां पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि यह यात्रा उत्तराखण्ड की समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपरा का प्रतीक है। इसके गरिमामय आयोजन हेतु सभी विभागों को परस्पर समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। यात्रा से अधिकाधिक स्थानीय लोक कलाकारों, ग्राम पंचायतों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं को जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।

  • मुख्यमंत्री ने किया वृक्षारोपण

    मुख्यमंत्री ने किया वृक्षारोपण

    देहरादून। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को हल्द्वानी स्थित एफटीआई परिसर में आयोजित ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के अंतर्गत वृक्षारोपण कार्यक्रम में पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण और जनसहभागिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चलाए जा रहे इस अभियान को पर्यावरण संरक्षण में सहभागी बनने का प्रेरणादायक संदेश दिया।

    प्रकृति संरक्षण हमारा संकल्प, हरेला पर्व पर रोपे गये 8 लाख से अधिक पौधे।


    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान की शुरुआत गत वर्ष की गई थी, और इस वर्ष भी यह अभियान पूरे देश में उत्साहपूर्वक चलाया जा रहा है। उत्तराखंड में इस अभियान का विधिवत शुभारंभ हरेला पर्व के अवसर पर किया गया, जिसमें पहले ही दिन रिकॉर्ड 8,13,000 लोगों ने पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी सहभागिता दर्ज की। मुख्यमंत्री ने कहा कि “प्रकृति संरक्षण हमारा संकल्प है” और देवभूमि उत्तराखंड में यह अभियान पूरे एक माह तक जारी रहेगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि इस पवित्र सावन मास में ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अवश्य लगाएं और प्रकृति संरक्षण में अपना योगदान दें।

    मनसा देवी हादसे पर की संवेदना व्यक्त।


    मुख्यमंत्री ने हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर में हाल ही में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना को अत्यंत दुखद बताते हुए गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा तत्परता से आवश्यक निर्णय लिए गए हैं। प्रदेश के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलोंकृजहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु और तीर्थयात्री दर्शन हेतु आते हैंकृवहां व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है। इनमें श्रद्धालुओं की केयरिंग कैपेसिटी के अनुसार प्रवेश, स्थान का संभावित विस्तार, पार्किंग एवं ट्रैफिक प्रबंधन, और सुरक्षा मानकों के पालन को प्राथमिकता दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि मनसा देवी मंदिर सहित प्रदेश के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों पर यह व्यवस्थाएं सख्ती से लागू की जाएंगी।

    शहरी क्षेत्रों में अवैध अतिक्रमण पर कार्रवाई के निर्देश


    मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में अवैध अतिक्रमण को लेकर प्रशासन द्वारा सख्ती बरती जा रही है। संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गये हैं कि वे अवैध कब्जों की पहचान कर उन्हें तत्काल हटाने की कार्रवाई सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कदम न केवल सार्वजनिक परिसंपत्तियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है, बल्कि विकास परियोजनाओं की गति बनाए रखने और नागरिकों को सुचारु सुविधाएं उपलब्ध कराने की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

    इस अवसर पर विधायक बंशीधर भगत, दायित्व धारी दिनेश आर्य, दीपक मेहरा, जिला अध्यक्ष भाजपा प्रताप बिष्ट, डॉ. जोगेन्दर पाल सिंह रौतेला, मजहर नईम नवाब, हुकुम सिंह कुंवर, आयुक्त/सचिव मा. मुख्यमंत्री दीपक रावत, आईजी रिद्धिम अग्रवाल, जिलाधिकारी वंदना सिंह, निदेशक एफटीआई तेजस्विनी अरविंद पाटिल के साथ ही अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

  • उत्तराखंड को केन्द्र से मिलेगी और धनराशि

    उत्तराखंड को केन्द्र से मिलेगी और धनराशि

    देहरादून। केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं कृषि मंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी को पत्र भेजकर अवगत कराया है कि डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (डीआईएलआरएमपी) के क्रियान्वयन के लिए केन्द्र सरकार द्वारा उत्तराखंड को और धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी। श्री चौहान ने ग्रामीण भारत के सकारात्मक बदलाव के प्रयासों में केन्द्र सरकार के साथ उत्तराखंड की सक्रिय भागीदारी की सराहना करते हुए उम्मीद जताई है कि मुख्यमंत्री श्री धामी के कुशल नेतृत्व में उत्तराखंड राज्य में डीआईएलआरएमपी के क्रियान्वयन में नए कीर्तिमान स्थापित करेगा।

    उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र भेजकर ग्रामीण विकास मंत्रालय की केंद्रीय क्षेत्रीय योजना के तहत उत्तराखंड राज्य को 478.50 करोड़ रु. की विशेष सहायता राशि प्रदान करने का आग्रह किया गया था। डीआईएलआरएमपी के तहत राज्य के प्रयासों एवं जरूरतों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने लिडार जैसे आधुनिक सर्वेक्षण तकनीक के माध्यम से उत्तराखंड राज्य की सम्पूर्ण भूमि का सर्वेक्षण/पुनःसर्वेक्षण के लिए 350 करोड़ रु. की स्वीकृति दिए जाने और तहसील स्तर पर बनाए जा रहे आधुनिक अभिलेख कक्षों के निर्माण की बकाया धनराशि जारी किए जाने का भी अनुरोध किया गया था।

    इस संबंध में केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं कृषि मंत्री ने  मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर अवगत कराया है कि राज्य के पास उपलब्ध डीआईएलआरएमपी निधि से पांच गांवों में सर्वेक्षण/पुनः सर्वेक्षण के प्रयौगिक परीक्षण के कार्य में उत्तराखंड का पूर्ण सहयोग प्रदान किया जाएगा। प्रयोगिक परीक्षण के परिणाम के आधार पर कालांतर में सम्पूर्ण ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्ण सर्वेक्षण/पुनः सर्वेक्षण के कार्य के लिए राज्य को और निधि प्रदान की जाएगी। तहसील स्तर पर बनाए जा रहे आधुनिक अभिलेख कक्षों के निर्माण की बकाया धनराशि भी शीघ्र जारी कर दी जाएगी। केन्द्रीय मंत्री श्री चौहान ने कहा है कि एग्री स्टैक कार्यक्रम के तहत राज्य को वित्तीय सहायता प्रदान करने के मामले में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के स्तर पर कार्यवाही की जा रही है और वह स्वयं इस मामले को देख रहे हैं।
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    उत्तराखंड में सशक्त भू-कानून लागू करने के साथ ही राज्य सरकार द्वारा भू-अभिलेखों का डिजिटाईजेशन के महत्वपूर्ण कार्य को समयबद्ध ढंग से पूर्ण करने विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में डिजिटल भारत की परिकल्पना के अनुरूप आधुनिक और पारदर्शी भूमि प्रबंधन प्रणाली विकसित करने की राष्ट्रव्यापी मुहिम में उत्तराखंड राज्य अग्रणी भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रहा है। इस दिशा में केन्द्र सरकार के द्वारा प्रदान किया जा रहा सहयोग व समर्थन हमारे इन प्रयासों को और अधिक गति देगा। जिसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी तथा केन्द्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति राज्य सरकार आभारी है।
    पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड

  • मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश पर प्रशासन सख्त

    मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश पर प्रशासन सख्त

    देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग और पुलिस प्रशासन अब गैर-पंजीकृत एवं मानकों से नीचे चल रहे नशा मुक्ति केंद्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की दिशा में एकजुट हो चुके हैं।

    प्रदेश भर में ऐसे कई नशा मुक्ति केंद्र संचालित हो रहे हैं जो न तो निर्धारित मानकों को पूरा करते हैं और न ही पंजीकरण की वैध प्रक्रिया का पालन करते हैं। परिणामस्वरूप इनमें भर्ती मरीजों की देखरेख, मानसिक स्वास्थ्य और पुनर्वास की प्रक्रिया सवालों के घेरे में रही है। अब यह सब नहीं चलेगा। राज्य सरकार की मंशा साफ है या तो मानक पूरे करो, या बंद हो जाओ। इसी क्रम में राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों और स्टेट टास्क फोर्स (एसटीएफ) के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री नवनीत सिंह के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें ऐसे अपंजीकृत और अवैध नशा मुक्ति केंद्रों की पहचान, जांच और बंदी की प्रक्रिया को लेकर विस्तृत रणनीति पर चर्चा हुई।

    सहयोग में एसटीएफ, हर जनपद में होगी निगरानी तेज

    राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण और जनपद स्तरीय निरीक्षण टीमों को अब एसटीएफ की टीमें सक्रिय सहयोग देंगी। आने वाले दिनों में सभी जनपदों में औचक निरीक्षण की गति और सघन की जाएगी।

    मानकहीन केंद्रों को नहीं मिलेगी छूट

    राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि बिना वैध पंजीकरण के चल रहे सभी केंद्रों की पहचान की जाए, ऐसे केंद्रों पर आर्थिक दंड और कानूनी कार्रवाई हो, तत्काल बंद करने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। यह पूरी प्रक्रिया मानसिक स्वास्थ्य देखरेख अधिनियम के तहत संचालित होगी। इस महत्वपूर्ण बैठक में राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से संयुक्त निदेशक डॉ. एस. डी. बर्मन एवं सहायक निदेशक डॉ. पंकज सिंह उपस्थित रहे। सभी संबंधित एजेंसियों के बीच सामंजस्य के साथ कार्रवाई सुनिश्चित करने पर सहमति बनी।

    गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं- डॉ. आर. राजेश कुमार

    स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि राज्य में संचालित सभी नशा मुक्ति केंद्रों की निरंतर निगरानी की जाए। जो भी केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मानकों को पूरा नहीं कर रहे, उन पर त्वरित और सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की मंशा साफ है मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं और पुनर्वास केंद्रों की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी नशा मुक्ति केंद्र “शेल्टर होम” मात्र न बनें, बल्कि पूर्ण पुनर्वास की दिशा में कार्य करें।

    धामी सरकार की प्रतिबद्धता स्पष्ट

    स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश को नशे के चंगुल से बाहर निकालने के लिए प्रशासन, स्वास्थ्य एवं पुलिस विभाग मिलकर आक्रामक रणनीति पर काम कर रहे हैं। सरकार की मंशा स्पष्ट है उत्तराखंड को नशामुक्त बनाना है तो नशा मुक्ति केंद्रों को मानकों के अनुसार सशक्त और जवाबदेह बनाना होगा। यह अभियान केवल निरीक्षण तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसमें जनहित में कठोर प्रशासनिक निर्णय लिए जाएंगे, ताकि नशा मुक्ति की आड़ में चल रही अनियमितताओं पर पूर्ण विराम लगाया जा सके।

  • सचिवालय में हाउस ऑफ़ हिमालयाज की 5वीं बोर्ड बैठक सम्पन्न हुई

    सचिवालय में हाउस ऑफ़ हिमालयाज की 5वीं बोर्ड बैठक सम्पन्न हुई

    देहरादून। मुख्य सचिव  आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय में हाउस ऑफ़ हिमालयाज की 5वीं बोर्ड बैठक सम्पन्न हुई। बैठक के हाउस ऑफ़ हिमालयाज के नए उत्पादों की समीक्षा और वैश्विक विस्तार की रणनीति तय की गई।
    मुख्य सचिव ने कहा कि हाउस ऑफ़ हिमालयाज की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा जैविक उत्पादों पर फोकस करते हुए जैविक उत्पादों का सर्टिफिकेशन अनिवार्य रूप से प्राप्त किया जाना सुनिश्चित किया जाए। आमजन को इसकी जानकारी हो इसके लिए प्रचार प्रसार पर विशेष ध्यान दिया जाए।मुख्य सचिव ने उत्पादों की गुणवत्ता, ट्रेसेब्लिटी और ब्रांड स्टोरीटेलिंग को वैश्विक स्तर पर ब्रांड उत्तराखण्ड के निर्माण के लिए महत्त्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि हाउस ऑफ़ हिमालयाज को अपने उत्पादों में QR कोड के साथ ट्रेसिबिलिटी को शामिल करना होगा। बैठक की शुरुआत कंपनी की ब्रांड अवधारणा के साथ हुई — “ब्रांड उत्तराखंड को वैश्विक मंच पर हिमालयी कृषि एवं गैर-कृषि उत्पादों के प्रीमियम पोजिशनिंग के माध्यम से सशक्त बनाना।” दिसंबर 2023 में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च की गई हाउस ऑफ हिमालयाज ने कम समय में ₹2.1 करोड़ की बिक्री के साथ एक प्रेरणादायक ब्रांड के रूप में पहचान बनाई है। इससे 3,000 से अधिक महिलाओं को प्रत्यक्ष आजीविका भी मिली है।

    इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, सचिव  राधिका झा, दिलीप जावलकर, डॉ बी वी आर सी पुरुषोत्तम, डॉ वी षणमुगम, धीरज सिंह गरब्याल, पूर्व मुख्य सचिव इंदु कुमार पाण्डे, पूर्व निदेशक LBSNA श्री संजीव चोपड़ा, कुलपति UPSE  राम के शर्मा एवं एमडी हाउस ऑफ़ हिमालयाज  झरना कामठान सहित आया वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
    सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग

    🔹 मुख्य उपलब्धियाँ:
    कुल बिक्री: ₹2.1 करोड़ (आरंभ से अब तक), ई-कॉमर्स (Amazon, Blinkit, JioMart), मॉडर्न ट्रेड (Nature’s Basket) और 26 प्रीमियम स्थानों पर भौतिक उपस्थिति।
    उत्पाद पोर्टफोलियो: 50+ स्टॉक कीपिंग यूनिट्स जिनमें प्राकृतिक, हर्बल और जैविक उत्पाद शामिल हैं।
    महिला सशक्तिकरण: 40+ सामुदायिक संस्थाओं से संग्रहण, 3,000+ महिलाओं को सीधा लाभ।

    🔹 प्रमुख मील के पत्थर:
    जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर एक्सक्लूसिव ब्रांड आउटलेट का उद्घाटन मई 2025 में माननीय केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा किया गया।
    11 प्रीमियम होटलों व यात्रा स्थलों पर रिटेल कार्ट्स की स्थापना।
    13 FSUs (फ्लोर स्टैंडिंग यूनिट्स) चारधाम यात्रा मार्ग, एयरपोर्ट्स और प्रमुख संस्थानों जैसे LBSNAA में क्रियाशील।
    🔹 बोर्ड मीटिंग में चर्चा के केंद्र में:
    नए उत्पाद विकास (NPD) पर विशेष फोकस दिया गया, जिसमें निम्नलिखित 15+ नवीन उत्पाद शामिल हैं:एसेंशियल ऑयल्स: लेमनग्रास, रोज़मेरी, मिंट, लैवेंडर
    हर्बल इन्फ्यूजन: कैमोमाइल, बद्री तुलसी, सी-बकथॉर्न
    हिमालयी स्पेशलिटी उत्पाद: कनार घी, प्राकृतिक रंगों से तैयार ऊनी stole, सिंहाड़ा कुकीज, बासमती चावल, पहाड़ी अंजीर जैम आदि।

    🔹 भविष्य की योजना:
    घरेलू विस्तार: दिल्ली-NCR, महाराष्ट्र, कर्नाटक जैसे राज्यों में Reliance Freshpik, Le Marche, Food Square के माध्यम से।
    ऑनलाइन प्लेटफॉर्म: BigBasket और Zepto पर ऑनबोर्डिंग।

    वैश्विक रणनीति:
    अमेरिका में Apna Bazaar के माध्यम से लॉन्च
    Amazon Global (UAE, USA) पर उपस्थिति
    MEA के माध्यम से दूतावासों और उच्चायोगों से सहयोग
    Box of India के माध्यम से ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में प्रवेश
    लक्ष्य: FY 2025–26 तक ₹10 करोड़ और FY 2026–27 तक ₹25 करोड़ की बिक्री।
    🔹 शासन और संगठनात्मक मजबूती:
    अप्रैल 2024 में कंपनी का गठन और ₹10 करोड़ की पूंजी जुटाई गई।
    वित्तीय एवं प्रशासनिक नियमों को राज्य मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित किया गया।
    22 प्रमुख पदों की भर्ती हेतु संरचना तैयार, प्रक्रिया प्रगति पर।
    22 ट्रेडमार्क्स के लिए पंजीकरण कराया गया, जिनमें से 11 को स्वीकृति मिल चुकी है।
    हाउस ऑफ हिमालयाज अपने मजबूत गवर्नेंस, उद्योग विशेषज्ञों से परामर्श (McKinsey, Fab India, Organic India, APEDA) और बहु-चैनल बिक्री रणनीति के माध्यम से राज्य-नेतृत्व वाले उत्पाद ब्रांडिंग के क्षेत्र में देश का एक अनूठा मॉडल बनकर उभर रहा है।