Category: नैनीताल

  • विधानसभा क्षेत्रों की विभिन्न जन समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारी विधायकगणों से निरंतर संवाद करें

    विधानसभा क्षेत्रों की विभिन्न जन समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारी विधायकगणों से निरंतर संवाद करें

    देहरादून। विधानसभा क्षेत्रों की विभिन्न जन समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारी विधायकगणों से निरंतर संवाद करें। विधायकगणों द्वारा दिए गए शीर्ष प्राथमिकताओं के कार्यों में तेजी लाई जाए। यदि किसी कार्य में कोई समस्या आ रही है, तो संबंधित क्षेत्र के विधायकगणों से सचिव एवं विभागाध्यक्ष वार्ता कर समस्या का समाधान करें। राज्य की सभी 70 विधानसभाओं के अंतर्गत की गई घोषणाओं और अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए शासन-प्रशासन और विधानसभा क्षेत्र के बीच सेतु की भूमिका में कार्य करने के लिए नोडल अधिकारी के रूप में अपर सचिव स्तर के अधिकारियों को जिम्मेदारी जल्द दी जाए। हर विधानसभा में अपनी सांस्कृतिक परंपराओं और विरासत को उजागर करते हुए कुछ नवाचार किए जाएं। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली विधानसभाओं की मुख्यमंत्री घोषणाओं और अन्य कार्यों की समीक्षा के दौरान ये निर्देश अधिकारियों को दिए।

    बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि हरिद्वार में जल भराव की समस्या के स्थायी समाधान के लिए विस्तृत योजना बनाई जाए। इसका सर्वे जल्द पूरा कर प्रस्ताव बनाया जाए। ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट में स्थायी पानी की व्यवस्था के लिए एक माह में डीपीआर तैयार की जाए। संजय झील को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की कार्यवाही में तेजी लाई जाए। कांवड़ यात्रा के दौरान लोगों को आवागमन और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों के लिए परेशानी न हो, इसके लिए वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था के लिए सुनियोजित प्लान पर कार्य किया जाए। शहरी क्षेत्रों में ड्रेनेज सिस्टम को मजबूत बनाया जाए। पार्कों के निर्माण और सौंदर्यीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए।

    मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मानसून के बाद निर्माण कार्यों में तेजी लाई जाए। बरसात के बाद सड़कों को गड्ढा मुक्त कराने के लिए अभियान चलाया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि एम्स ऋषिकेश और किच्छा में बनने वाले एम्स के सेटेलाइट सेंटर के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए। हर जिले में दो-दो गांव आदर्श गांव के रूप में विकसित किए जाएं।

    बैठक के दौरान विधायकगणों द्वारा जलभराव की समस्या, पार्किंग और सौंदर्यीकरण के कार्यों, ड्रेनेज व सीवरेज की समस्या, नालों के निर्माण कार्य, यातायात प्रबंधन एवं अन्य समस्याएं रखी गईं। मुख्यमंत्री ने विधायकगणों द्वारा रखी गई समस्याओं के शीघ्र निस्तारण के निर्देश अधिकारियों को दिए।

    बैठक में विधायक  विनोद चमोली,प्रेमचंद अग्रवाल,  मदन कौशिक, श्री बृज भूषण गैरोला,  प्रदीप बत्रा, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव  आर.के. सुधांशु,  एल.एल. फैनई, डॉ. आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिवगण, अपर सचिव गण, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष एवं वर्चुअल माध्यम से संबंधित जिलाधिकारी उपस्थित थे।

  • मुख्यमंत्री ने  किया ग्राम्य विकास भवन का शिलान्यास

    मुख्यमंत्री ने किया ग्राम्य विकास भवन का शिलान्यास

    देहरादून । मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को डांडा नूरीवाला सहस्रधारा रोड, देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए ₹58.32 करोड़ लागत से बनने वाले ग्राम्य विकास भवन का शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने परिसर में पौधारोपण भी किया। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने ग्रामीण विकास विभाग के एकीकृत भवन के शिलान्यास पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह भवन ग्रामीण विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण साबित होगा। उन्होंने कहा कि लगभग 58 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित इस भवन में विभाग की प्रमुख फ्लैगशिप योजनाएं एक ही परिसर में संचालित होंगी।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार एक जनपद, दो उत्पाद योजना के माध्यम से स्थानीय आजीविका को बढ़ावा देने के साथ हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड के माध्यम से अपने पारंपरिक उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिला रही है। उन्होंने बताया कि विश्व के प्रमुख देशों में भी राज्य के उत्पादों के निर्यात की योजना पर कार्य किया जा रहा है। सरकार का लक्ष्य वर्ष 2027 तक 25 करोड़ रुपये के कारोबार को प्राप्त करना है, जिससे राज्य के हज़ारों युवाओं, महिलाओं एवं स्वयं सहायता समूहों को स्थायी आजीविका से जोड़ा जा सके।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टेट मिलेट मिशन, फार्म मशीनरी बैंक, एप्पल मिशन, नई पर्यटन नीति, नई फिल्म नीति, होम स्टे, वेड इन उत्तराखंड और सौर स्वरोजगार योजना जैसी पहलों के माध्यम से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। होम स्टे योजना के माध्यम से राज्य के दूरस्थ गांव भी अपनी विशिष्ट पहचान बना रहे हैं। लखपति दीदी योजना से प्रदेश की लाखों महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा रहा है। रूरल बिजनेस इनक्यूबेटर सेंटर योजना द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा दिया गया है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने धार्मिक, साहसिक, ईको-टूरिज्म, वेलनेस टूरिज्म, एग्रो टूरिज्म और फिल्म पर्यटन जैसे विभिन्न क्षेत्रों को विकसित किया है। उन्होंने बताया कि राज्य को योग की वैश्विक राजधानी के रूप में स्थापित करने के लिए देश की पहली योग नीति शुरू की गई है। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की ओर से राज्य के चार गांवों – जखोल, हर्षिल, गूंजी और सूपी – को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में ग्रामीण विकास क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, मनरेगा, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छता अभियान जैसी अनेक योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों को सामाजिक और आर्थिक रूप से मजबूत किया गया है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और अधिक सशक्त बना रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के सारकोट गांव को आदर्श गांव बनाने के लिए गोद लिया था, जिसमें राज्य सरकार सफल हुई है। सारकोट के लोग पशुपालन, मशरूम उत्पादन, होम स्टे, मिलेट उत्पादन के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनावों के परिणामों में राज्य की सबसे युवा प्रतिनिधि के रूप में सारकोट की 21 वर्षीय प्रियंका नेगी प्रधान चुनी गई हैं। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही वे प्रियंका नेगी को आमंत्रित करेंगे और सारकोट सहित प्रदेश के अन्य गांवों के विकास के संबंध में चर्चा करेंगे।

    कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार जिन योजनाओं का शिलान्यास करती है, उनका लोकार्पण भी करती है। उन्होंने कहा कि निश्चित ही जल्द इस भवन का लोकार्पण भी कर लिया जाएगा। यह भवन पहाड़ी शैली में बन रहा है। साथ ही इस नए भवन में सौर ऊर्जा की संपूर्ण व्यवस्था होगी। उन्होंने बताया कि लखपति दीदी योजना में अब तक राज्य में 1 लाख 65 हजार लखपति दीदी बनाई गई हैं। दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना अंतर्गत 30,678 लोगों को प्रशिक्षित किया गया है, जिसमें से करीब 19,600 लोगों को रोजगार मिला है।

    इस अवसर पर विधायक उमेश शर्मा काऊ, सचिव  राधिका झा, अपर सचिव  अभिषेक रोहेला,  अनुराधा पाल,  झरना कमठान एवं ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

  • मुख्यमंत्री धामी से भारतीय सेना की जनरल ऑफिसर अनिन्द्य सेनगुप्ता ने शिष्टाचार भेंट की

    मुख्यमंत्री धामी से भारतीय सेना की जनरल ऑफिसर अनिन्द्य सेनगुप्ता ने शिष्टाचार भेंट की

    देहरादून। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी से शुक्रवार को  मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में भारतीय सेना की मध्य कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अनिन्द्य सेनगुप्ता (UYSM, AVSM, YSM) ने शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में सैन्य एवं नागरिक प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने को लेकर विचार-विमर्श हुआ।

    इस अवसर पर मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भारतीय सेना न केवल देश की एकता, संप्रभुता और अखंडता की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, बल्कि नागरिक समाज के साथ समन्वय स्थापित कर विकासात्मक कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता कर रही है। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती राज्य उत्तराखंड में सेना द्वारा स्थानीय समुदायों की सहायता हेतु विभिन्न सामाजिक उत्तरदायित्वों का सफलतापूर्वक निर्वहन किया जा रहा है। इसके साथ ही, प्राकृतिक आपदाओं के समय सेना द्वारा राहत एवं बचाव कार्यों में जो सराहनीय सहयोग प्रदान किया जाता है, वह अत्यंत प्रशंसनीय है।

    मुख्यमंत्री ने भारतीय सेना के योगदान के प्रति आभार व्यक्त करते हुए आश्वस्त किया कि राज्य सरकार, सेना की सभी महत्वपूर्ण पहलों में पूर्ण सहयोग प्रदान करती रहेगी।

    लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता ने मुख्यमंत्री को सीमांत क्षेत्रों के समग्र विकास हेतु मध्य कमान द्वारा संचालित कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारतीय सेना, सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ सामाजिक विकास हेतु भी पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि सीमांत क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास, सामुदायिक सहभागिता, युवाओं के साथ संवाद और अग्रिम क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की गई हैं।

    इस अवसर पर प्रमुख सचिव  आर.के. सुधांशु, सचिव दीपेंद्र चौधरी,  विनोद कुमार सुमन और अन्य सैन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।

  • बागेश्वर-टनकपुर रेल लाइन का सर्वे पूरा

    बागेश्वर-टनकपुर रेल लाइन का सर्वे पूरा

    देहरादून: रेल नेटवर्क के लिहाज से उत्तराखंड के लिए एक और अच्छी खबर आई है. बागेश्वर से टनकपुर के बीच 170 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के सर्वेक्षण का काम पूरा हो चुका है. अब अगले चरण में इस परियोजना पर राज्य सरकार से चर्चा होनी है. काम शुरू करने से पहले केंद्र सरकार ने राज्य से औपचारिक सहमति मांगी है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव को जल्द ही औपचारिकताएं पूरी करके इस दिशा में कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

    जल्द शुरू होगा टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन का काम: उम्मीद की जा रही है कि अब टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन पर जल्द काम शुरु हो सकता है. केंद्र सरकार ने इस परियोजना पर काम शुरु करने के लिए राज्य सरकार से औपचारिक तौर पर सहमति देने को कहा है. राज्य सरकार जल्द इस दिशा में अधिकारिक पत्र केंद्र सरकार को भेजने जा रही है.
    उत्तराखंड में मजबूत होगा रेल नेटवर्क: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बागेश्वर-टनकपुर रेल लाइन पर काम शुरु करने के लिए समस्त औपचारिकताएं तेजी से पूरी की जा रही हैं. इसी तरह ऋषिकेश-उत्तरकाशी और देहरादून-सहारनपुर रेलवे लाइनों की भी फाइनल डीपीआर तैयार की जा रही है. केंद्र सरकार, उत्तराखंड में रेल नेटवर्क को मजबूत करने में पूरा सहयोग प्रदान कर रही है.

    गेम चेंजर प्रोजेक्ट: प्रस्तावित टनकपुर-बागेश्वर रेललाइन को कुमाऊं क्षेत्र में रेल नेटवर्क विस्तार की दिशा में गेम चेंजर प्रोजेक्ट के रूप में देखा जा रहा है. करीब 170 किमी लंबी इस परियोजना के लिए फाइनल सर्वे का काम पूरा हो चुका है. अब अगले चरण में परियोजना पर राज्य सरकार से विचार विमर्श होना है.

    ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का काम युद्ध स्तर पर जारी: उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में रेल नेटवर्क विकसित करने पर तेजी से काम हो रहा है. इसी क्रम में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का युद्ध स्तर पर काम चल रहा है. सामरिक महत्व की इस परियोजना का काम 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है. इसी तरह टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन बन जाने के बाद कर्णप्रयाग-बागेश्वर जैसे दो पर्वतीय शहरों को रेल नेटवर्क से जोड़कर, गढ़वाल-कुमांऊ के बीच रेल सम्पर्क स्थापित किया जा सकता है.

    देहरादून-सहारनपुर रेलवे लाइन प्रोजेक्ट: प्रदेश सरकार के अनुरोध पर केंद्र सरकार ऋषिकेश-उत्तरकाशी और देहरादून-सहारनपुर रेलवे लाइनों की डीपीआर भी तैयार कर रही है. 81 किमी लंबी देहरादून-सहारनपुर रेलवे लाइन शाकुंभरी देवी मंदिर के रास्ते से होकर गुजरेगी. यह रेललाइन सहारनपुर से देहरादून के हर्रावाला रेलवे स्टेशन तक बिछेगीय इसमें 11 किमी लंबी सुरंग भी शामिल है.

  • टनकपुर – बागेश्वर रेल लाइन पर केंद्र ने मांगी राज्य की सहमति

    टनकपुर – बागेश्वर रेल लाइन पर केंद्र ने मांगी राज्य की सहमति

    देहरादून । टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन पर जल्द काम शुरू हो सकता है। केंद्र सरकार ने इस परियोजना पर काम शुरू करने के लिए राज्य सरकार से औपचारिक तौर पर सहमति देने को कहा है। राज्य सरकार जल्द इस दिशा में अधिकारिक पत्र केंद्र सरकार को भेजने जा रही है।
    प्रस्तावित टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन को कुमाऊं क्षेत्र में रेल नेटवर्क विस्तार की दिशा में गेम चेंजर प्रोजेक्ट के रूप में देखा रहा है। करीब 170 किमी लंबी इस परियोजना के लिए फाइनल सर्वे का काम पूरा हो चुका है। अब अगले चरण में परियोजना पर राज्य सरकार से विचार विमर्श होना है। काम शुरू करने से पहले केंद्र सरकार ने राज्य से औपचारिक सहमति प्रदान करने को कहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव को इस दिशा में शीघ्र औपचारिकताएं पूरी करते हुए कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। इस तरह टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन का धरातल पर उतरने का रास्ता साफ हो रहा है।
    कर्णप्रयाग रेल लाइन 2026 तक तैयार होगी

    उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में रेल नेटवर्क विकसित करने पर तेजी से काम हो रहा है। इसी क्रम में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाइन पर युद्धस्तर पर काम चल रहा है, सामरिक महत्व की इस परियोजना का काम 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है। इसी तरह टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन बन जाने के बाद, कर्णप्रयाग-बागेश्वर जैसे दो पर्वतीय शहरों को रेल नेटवर्क से जोड़कर, गढ़वाल-कुमांऊ के बीच रेल सम्पर्क स्थापित किया जा सकता है। साथ ही प्रदेश सरकार के अनुरोध पर केंद्र सरकार ऋषिकेश-उत्तरकाशी और देहरादून-सहारनपुर रेलवे लाइनों की डीपीआर भी तैयार कर रही है। 81 किमी लंबी देहरादून-सहारनपुर शाकुंभरी देवी मंदिर के रास्ते से होकर गुजरेगी। यह रेल लाइन सहारनपुर से देहरादून के हर्रावाला रेलवे स्टेशन तक बिछेगी। इसमें 11 किमी लंबी सुरंग भी शामिल है।
    बागेश्वर-टनकपुर रेल लाइन पर काम शुरू करने के लिए समस्त औपचारिकताएं तेजी से पूरी की जा रही है। इसी तरह ऋषिकेश-उत्तरकाशी और देहरादून-सहारनपुर रेलवे लाइनों की भी फाइनल डीपीआर तैयार की जा रही है। केंद्र सरकार उत्तराखंड में रेल नेटवर्क को मजबूत करने में पूरा सहयोग प्रदान कर रही है।
    पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड
  • गांवों के विकास से ही प्रदेश और देश का विकास संभव है : सीएम धामी

    गांवों के विकास से ही प्रदेश और देश का विकास संभव है : सीएम धामी

    देहरादून। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को सचिवालय में पंचायती राज विभाग की बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि नव-निर्वाचित ग्राम प्रधानों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों एवं जिला पंचायत सदस्यों को आधुनिक तकनीकी, वित्तीय प्रबंधन और शासन प्रणाली पर प्रशिक्षण दिया जाए। उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को पूर्ण करने की दिशा में सबको समेकित प्रयास करने होंगे। गांवों के विकास से ही प्रदेश और देश का विकास संभव है।

    मुख्यमंत्री ने राज्य में ‘एकीकृत पंचायत भवनों’ का निर्माण कराने के निर्देश दिए। इन एकीकृत पंचायत भवनों में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, पटवारी, आशा आदि के लिए एक स्थान पर ही व्यवस्था होगी। इनके वहां एक साथ बैठने के लिए रोस्टर भी बनाया जाए। इससे लोगों को सभी सुविधाएं एक ही स्थान पर मिल जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों एवं जिला पंचायतों में बजट नियोजन को और बेहतर बनाया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी ग्राम पंचायतों का सुनियोजित विकास हो। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पंचायतीराज विभाग यह भी आकलन करे कि आगामी 15 वर्षों में कितना ग्रामीण क्षेत्र शहरी क्षेत्र में परिवर्तित होगा। यह आकलन राज्य के समग्र विकास की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम सभाओं के स्थापना दिवस उत्सव के रूप में मनाए जाने के लिए ग्राम वासियों से संवाद किया जाए। इसके लिए नियमित कैलेंडर बनाया जाए। ग्राम स्तर पर होने वाले मेले, मिलन कार्यक्रम, प्रबुद्धजनों की जयंती एवं अन्य विशेष दिनों में भी यह स्थापना दिवस मनाया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र एवं जिला पंचायत में समेकित एवं संतुलित विकास किया जाए। इसका ध्यान रखा जाए कि कोई क्षेत्र या व्यक्ति विकास योजनाओं से वंचित न रहे।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत स्तर पर सभी योजनाओं की रीयल टाइम मॉनिटरिंग हो। पंचायतों में ई-गवर्नेंस को बढ़ावा दिया जाए। सभी पंचायतों के कार्यों का ऑडिट हो और सार्वजनिक पोर्टल पर उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में आम जनता की राय एवं भागीदारी को प्राथमिकता दी जाए। प्रत्येक पंचायत स्तर पर शिकायत दर्ज करने और समाधान का एक निश्चित समयबद्ध ढांचा तैयार किया जाए।

    इस अवसर पर अवस्थापना अनुश्रवण परिषद उपाध्यक्ष  विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु,  आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव  चंद्रेश कुमार यादव, अपर सचिव  बंशीधर तिवारी, निदेशक पंचायती राज निधि यादव उपस्थित थे।

  • मुख्य सचिव ने राजस्व अभिवृद्धि के सम्बन्ध में महत्त्वपूर्ण विभागों के साथ बैठक ली

    मुख्य सचिव ने राजस्व अभिवृद्धि के सम्बन्ध में महत्त्वपूर्ण विभागों के साथ बैठक ली

    देहरादून। मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने गुरुवार को सचिवालय स्थित अपने सभागार में राजस्व अभिवृद्धि के सम्बन्ध में महत्त्वपूर्ण विभागों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को राजस्व बढ़ाये जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने राजस्व बढ़ाए जाने के लिए नवाचार एवं तकनीक के प्रयोग को बढ़ाए जाने की बात कही।

    मुख्य सचिव ने वन विभाग को राजस्व बढ़ाए जाने के लिए नए श्रोत जोड़े जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जड़ी बूटी वन विभाग के राजस्व का एक बड़ा स्रोत हो सकता है। इसके साथ ही उन्होंने कार्बन क्रेडिट और ईको टूरिज्म को बड़ा श्रोत बनाने की दिशा में काम किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जड़ी बूटी के क्षेत्र में संभावनाओं का परीक्षण कराते हुए अपने सभी डिविजन को लक्ष्य दिया जाए। कहा कि ईको टूरिज्म को प्रोत्साहन दे कर इसे बढ़ावा दिया जाना चाहिए, इस से राजस्व में बढ़ोत्तरी होगी। उन्होंने टिम्बर बिक्री की ऑनलाइन व्यवस्था शुरू किए जाने के निर्देश दिए, साथ ही वन निगम के वर्किंग प्लान में एक हज़ार मीटर से ऊपर के क्षेत्र को  सम्मिलित किए जाने के निर्देश दिए हैं।

    मुख्य सचिव ने वन विभाग को अपने खनन लक्ष्य पुनः निर्धारित करने के भी निर्देश दिए हैं। साथ ही खनन विभाग को लंबित लॉट्स को शीघ्र शुरू किए जाने के निर्देश दिए हैं। कहा कि लंबित पड़े 14 लोट्स को अक्टूबर से पहले शुरू कर लिया जाए। उन्होंने विभाग को नए लॉट्स लगातार चिह्नित किए जाने की भी बात कही। मुख्य सचिव ने पारदर्शिता लाने के लिए सर्विलांस सिस्टम शीघ्र शुरू किए जाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि तकनीक और सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक प्रयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि वन निगम, कुमाऊॅ मण्डल विकास निगम एवं गढ़वाल मण्डल विकास निगम को निर्देश दिये गये कि उनको आवंटित समस्त लॉटस् का शत प्रतिशत संचालन सुनिश्चित किया जाय।

    मुख्य सचिव ने कहा कि स्टेट जीएसटी का सेक्टर वार विश्लेषण कराया जाए, ताकि जीएसटी प्राप्त करने की स्थिति में सुधार किया जा सके। उन्होंने परिवहन विभाग की एएनपीआर प्रणाली का भी प्रभावी उपयोग किया जाये। परिवहन विभाग और वन विभाग को एएनपीआर और सर्विलांस सिस्टम को शीघ्र इंटीग्रेट किए जाने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने स्टेट जीएसटी को इस वर्ष लक्ष्य बढ़ाये जाने के भी निर्देश दिए हैं।

    इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, एल फैनाई, सचिव दिलीप जावलकर,  युगल किशोर पंत, वन विभाग से  कपिल लाल, अपर सचिव डॉ अहमद इकबाल,  हिमांशु खुराना एवं  सोनिका सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

  • मुख्यमंत्री धामी ने विशेष केन्द्रीय सहायता के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताया

    मुख्यमंत्री धामी ने विशेष केन्द्रीय सहायता के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताया

    देहरादून। भारत सरकार द्वारा विशेष पूंजीगत सहायता के तौर पर उत्तराखंड के लिए रू. 615 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है। जिसकी पहली किश्त में रू. 380.201 करोड़ की धनराशि भी राज्य को जारी कर दी गई है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने विशेष केन्द्रीय सहायता मंजूर किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इस हेतु प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दशक को उत्तराखंड के विकास का दशक बनाने की प्रधानमंत्री की संकल्पना को पूरा करने के लिए राज्य सरकार पूरी तत्परता एवं प्रतिबद्धता से जुटी है। इस दिशा में केन्द्र सरकार द्वारा उत्तराखंड को भरपूर सहयोग मिल रहा है।

    केन्द्र सरकार की पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता (एसएएससीआई) योजना के अंतर्गत उत्तराखंड सरकार द्वारा चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में 37 योजनाओं के लिए रू. 619.42 करोड़ रुपये की विशेष सहायता उपलब्ध कराए जाने की मॉंग की गई थी। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा केन्द्र सरकार के समक्ष इन प्रस्तावों की प्रभावी पैरवी करते हुए शीघ्र मंजूरी दिए जाने का आग्रह किया गया था।

    वित्त मंत्रालय भारत सरकार ने इस संबंध में राज्य सरकार को एक पत्र भेजकर एसएएससीआई योजना के तहत उत्तराखंड को 37 योजनाओं के लिए रू. 615.00 करोड़ की धनराशि मंजूर किए जाने की जानकारी दी है।

    विशेष पूंजीगत सहायता के तौर पर जारी स्वीकृति के अनुसार राज्य के राजकीय मेडिकल कॉलेजों के निर्माण कार्यों हेतु रू. 218.45 करोड़ और सौंग बांध पेयजल परियोजना हेतु रू. 70 करोड़ की धनराशि स्वीकृति की गई है। विभिन्न स्थानों पर घाटों, नहर पर बाईपास सड़क निर्माण एवं ड्रेनेज के निर्माण की परियोजनाओं हेतु रू. 36.18 करोड़, 06 पुलिस थानों एवं 14 रिपोर्टिंग पुलिस चौकियों के प्रशासनिक भवनों के निर्माण हेतु रू. 10.00 करोड़,  स्टार्टअप की सुविधा एवं प्रोत्साहन हेतु यू-हब स्टार्ट अप प्लेस का निर्माण हेतु रू. 10.00 करोड़, जलापूर्ति व्यवस्था एवं सीवरेज प्रबंधन की योजनाओं हेतु रू. 35.00 करोड़ और विद्युत पारेषण लाईनों को निर्माण कार्य हेतु रू. 47.33 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है। उच्च शिक्षा तथा तकनीकी शिक्षा संस्थानों के निर्माण कार्यों हेतु रू. 82.74 करोड़, आईएसबीटी और आधुनिक कार्यशाला निर्माण की तीन योजनाओं हेतु रू. 25.00 करोड, डाकपत्थर बैराज एवं इच्छाड़ी बांध के पहुंच मार्ग आदि के कार्यों हेतु रू. 34.72 करोड़ की योजनाओं की भी स्वीकृति मिली है। इसी तरह ऋषिकेश में तिलक रोड के पास मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण, देहरादून में आढ़त बाज़ार पुनर्विकास की परियोजना और विद्युत वितरण नेटवर्क को भूमिगत करने के कार्यों हेतु रू. 45.58 करोड़ की धनराशि की योजना स्वीकृत की गई है।

  • मुख्यमंत्री ने किया पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय का  लोकार्पण

    मुख्यमंत्री ने किया पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय का  लोकार्पण

    देहरादून। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को खटीमा में अखिल भारतीय शिक्षा समागम के अन्तर्गत आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए ₹ 26.23 करोड़ की लागत से निर्मित केंद्रीय विद्यालय, खटीमा का लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने विद्यालय परिसर में पौधरोपण भी किया।

    मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह सभी के लिए हर्ष और गौरव के क्षण हैं। देश में शिक्षा के क्षेत्र में आई नई क्रांति के 5 वर्ष पूरे होने के ऐतिहासिक अवसर पर खटीमा में भी ज्ञान और विज्ञान के नए युग का आरंभ हो रहा है। मुख्यमंत्री ने खटीमा को केंद्रीय विद्यालय की सौगात देने के सभी खटीमा वासियों की ओर से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान का  आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा केंद्रीय विद्यालय की शिक्षा हमारी सेना, अर्धसैनिक बलों तथा उन तमाम कार्मिकों के बच्चों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी।

    मुख्यमंत्री ने कहा यदि मेरे छात्र जीवन के दौरान खटीमा में केंद्रीय विद्यालय होता, तो वो स्वयं भी केन्द्रीय विद्यालय के छात्र होते। उन्होंने कहा खटीमा के छात्र-छात्राओं को शिक्षा के लिए यहां से पलायन न करना पड़े, इसके लिए उन्होंने विधायक रहते हुए खटीमा में केंद्रीय विद्यालय की स्थापना के लिए हर संभव प्रयास किए और आज उसी विद्यालय को अपना भवन भी मिल गया है। उन्होंने कहा खटीमा क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय की स्थापना से यहाँ के बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलने और उनके समग्र विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में वर्ष 2020 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से देश की शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से बच्चों को रोजगारपरक शिक्षा के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने में भी सहायता मिल रही है। इसमें शोध और अनुसंधान को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे बच्चों और युवाओं में वैज्ञानिक सोच का विकास भी हो रहा है। उन्होंने कहा राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य है। जिसके अंतर्गत हमने प्रदेश के 5600 से अधिक आंगनवाड़ी केन्द्रों में बालवाटिका कक्षाओं की शुरुआत कर एक महत्वपूर्ण और दूरगामी शैक्षणिक पहल की है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि खटीमा उनका घर है और वहां के निवासी उनके परिवार के सदस्य। उन्होंने कहा खटीमा से ही उन्होंने जनसेवा की यात्रा प्रारंभ की थी। खटीमा की माटी और लोगों से उन्हें हमेशा ऊर्जा और प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा राज्य सरकार ने खटीमा में स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल से लेकर बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। खटीमा में हाईटेक बस स्टैंड, आधुनिक आईटीआई और पॉलीटेक्निक कॉलेज तथा 100 बेड के नए अस्पताल परिसर, राष्ट्रीय स्तर के अत्याधुनिक खेल स्टेडियम का निर्माण कर बुनियादी सुविधाओं को मजबूत किया है। क्षेत्र में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने हेतु गदरपुर और खटीमा बाईपास का निर्माण, नौसर में पुल निर्माण के साथ ही पूरे क्षेत्र में सड़कों का व्यापक नेटवर्क विकसित किया गया है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राजकीय महाविद्यालय खटीमा में एमकॉम और एमएससी की कक्षाएं शुरू करवाई हैं। जनजाति बाहुल्य क्षेत्र में एकलव्य विद्यालय का संचालन भी प्रारंभ किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के प्रत्येक वर्ग के कल्याण के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ निरंतर कार्य कर रही है। जिसके परिणाम स्वरूप एसडीजी इंडेक्स रिपोर्ट में सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में पूरे देश में हमारा राज्य प्रथम स्थान पर पहुंचा है। उन्होंने कहा कि बीते वर्ष में बेरोजगारी दर में रिकॉर्ड 4.4 प्रतिशत की कमी लाने में सफलता प्राप्त की गई है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में घृणित मानसिकताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। राज्य में सख्त दंगारोधी और धर्मांतरण विरोधी कानून को लागू किया गया है। राज्य में साढ़े छह हजार एकड़ से अधिक की सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है। 200 से अधिक अवैध मदरसों को सील करने के साथ 500 से अधिक अवैध संरचनाओं को भी हटाया है। प्रदेश में ऑपरेशन कालनेमि भी प्रारंभ किया है जिसके माध्यम से हम राज्य में सनातन धर्म को बदनाम करने वाले पाखंडियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहे हैं। राज्य में समान नागरिक संहिता कानून लागू किया गया है। इसके साथ राज्य के 23 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी देने का कार्य किया गया है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य से भ्रष्टाचार रूपी दीमक को जड़ से समाप्त करने के लिए ज़ीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कार्य किया जा रहा है।  इसी का परिणाम है कि पिछले तीन वर्षों में हमने भ्रष्टाचार में लिप्त आईएएस, पीसीएस सहित करीब 200 से अधिक लोगों को जेल की सलाखों के पीछे पहुँचाया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार देवभूमि उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के अपने विकल्प रहित संकल्प को पूर्ण करने हेतु निरंतर प्रयास कर रही है।

    इस दौरान कार्यक्रम में मेयर श्री विकास शर्मा, दर्जा मंत्री अनिल कपूर डब्बू, शंकर कोरंगा, नगर पालिका अध्यक्ष रमेश चंद जोशी, जिलाध्यक्ष भाजपा कमल जिंदल, पूर्व विधायक डॉ प्रेम सिंह राणा,  राजेश शुक्ला, जिलाधिकारी  नितिन सिंह भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा, एवं शिक्षक व छात्र-छात्राएं आदि मौजूद रहे।

  • मंडलायुक्त होंगे नोडल अधिकारीः मुख्य सचिव

    मंडलायुक्त होंगे नोडल अधिकारीः मुख्य सचिव

    देहरादून।मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने मंगलवार को सचिवालय स्थित अपने सभागार में प्रदेश के महत्त्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में श्रद्धालुओं की सुरक्षा, भीड़ प्रबन्धन आदि के सम्बन्ध में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्य सचिव ने कहा कि हरिद्वार के मनसा देवी में श्रद्धालुओं में हुई भगदड़ जैसी घटनाओं पर काबू पाने के लिए प्रदेश के ऐसे सभी धार्मिक स्थलों, जहाँ महत्त्वपूर्ण दिवसों में श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ के कारण भगदड़ जैसी घटनाओं की आशंका बनी रही है, को चिन्हित कर उन में अंशकालिक एवं दीर्घकालिक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।

    मुख्य सचिव ने कहा कि धार्मिक स्थलों के मार्गों में सार्वजनिक स्थलों को अतिक्रमण मुक्त कर मार्गों का चौड़ीकरण कराया जाए। मार्गों से अतिक्रमण हटाने के लिए लगातार अभियान चलाए जाएं। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों में भीड़ प्रबंधन के लिए तकनीक का प्रयोग भी किया जाए। कहा कि धार्मिक स्थलों में अत्यधिक भीड़ होने पर मार्गों में श्रद्धाओं को रोके जाने हेतु स्थल तैयार किए जाएँ।

    मुख्य सचिव ने कहा की प्रत्येक धार्मिक स्थल के लिए रूट और सर्कुलेशन प्लान तैयार किया जाए, ताकि धार्मिक स्थलों में अचानक भीड़ ना हो। भीड़ होने की संभावना को देखते हुए श्रद्धालुओं को रोके जाने के लिए पूर्वनिर्धारित स्थानों में रोका जाए। मुख्य सचिव ने श्रद्धालुओं की संख्या का आंकलन करने के लिए तकनीक का उपयोग करते हुए भीड़ प्रबंधन तंत्र तैयार किए जाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए सभी प्रकार की भौतिक एवं तकनीकी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।

    मुख्य सचिव ने अधिक महत्त्वपूर्ण मंदिरों को प्राथमिकता पर लेते हुए पहले चरण में मनसा देवी, चण्डी देवी, नीलकंठ, कैंचीधाम और पूर्णागिरि मंदिर का विशेषज्ञों के माध्यम से विश्लेषण करा लिया जाए। स्थानीय प्रशासन एवं धार्मिक स्थलों के हितधारकों को विशेषज्ञों की टीम को हर प्रकार की सहायता उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि यह विशेषज्ञों की टीम मंदिर क्षेत्र का विश्लेषण कर भीड़ प्रबंधन, निकासी योजना और बॉटल नेक एरिया के लिए सिविल इंजीनियरिंग और तकनीकी पहलुओं का परीक्षण कर विभिन्न जगहों पर रुकने के स्थान आदि के लिए एक प्रॉपर प्लान और प्रॉपर एसओपी तैयार करेगी।

    इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ, प्रमुख सचिव  आर के सुधांशु सचिव  शैलेश बगौली, धीराज सिंह गरब्याल, आईजी गढ़वाल  राजीव स्वरूप एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में माध्यम से कमिश्नर कुमायूँ  दीपक रावत सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।