नैनीताल के घोड़ाखाल मंदिर में गोलू देवता को चिट्ठियां लिखने से होती है सभी मुरादें पूरी

नैनीताल | उत्तराखंड के नैनीताल जिले को देवों की भूमि माना जाता है क्योंकि यहाँ के कोने-कोने में भगवानों के मंदिर स्थापित है। नैनीताल में कई स्थानों में भगवानों ने भ्रमण किया था जिनमें से एक है घोड़ाखाल मंदिर। घोड़ाखाल मंदिर शिव का अवतार कहे जाने वाले भगवान गोलू देवता (गोलज्यू भगवान) का एक प्राचीन और प्रसिद्द मंदिर है जहां हर दिन भगवान के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ लगी रहती है। ऐसा माना जाता है कि भगवान गोलू देवता भ्रमण के दौरान इस स्थान पर कुछ समय के लिए विश्राम करने रुक गए जिनसे प्रभावित होकर उनके भक्तों ने यहाँ विशाल मंदिर का निर्माण करवाया था।

गोलू देवता मंदिर (घोड़ाखाल)
गोलू देवता मंदिर (घोड़ाखाल)

गोलू देवता मंदिर (घोड़ाखाल मंदिर) जिस क्षेत्र में स्थित है उस क्षेत्र को घोड़ाखाल के नाम से जाना जाता है जो नैनीताल जिले के भवाली से लगभग 5 किमी की दूरी पर स्थित है। घोड़ाखाल मंदिर में गोलू देवता व सभी भगवान के सुंदर मंदिर है जिनके दर्शन करके भक्तों का मन अत्यंत प्रसन्न हो जाता है। घोड़ाखाल मंदिर में विवाह करना अत्यंत शुभ माना जाता है और कहा जाता है कि जो घोड़ाखाल मंदिर में विवाह करते है वे अपने जीवन में हमेशा खुश रहते है।

गोलू देवता मंदिर (नैनीताल)
गोलू देवता मंदिर (नैनीताल)

घोड़ाखाल मंदिर में भक्त चुनरी, घंटी आदि बांधकर अपनी मनोकानाएं पूरी करने की प्रार्थना करते है। गोलू भगवान को चिट्ठियां लिखकर भी कई भक्त अपनी मन की मुरादें पूरी करने की प्रार्थना भगवान से करते है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि भगवान लिखी गयी चिट्ठियों को पढ़ते है और भक्तों को अपना आशीर्वाद देते है। भक्त अपनी तरह-तरह की इच्छाएं चिट्ठी पर लिखते है और कहा जाता है कि जो चिट्ठी पर लिखा जाता है वो उसे जरुरी पूरा करते है यदि आप की कभी घोड़ाखाल मंदिर आएंगे तो अपनी मुरादें पूरी करने के लिए भगवान गोलू देवता को चिट्ठी जरूर लिखें।

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