‘हत्यारी’ नर्स को पकड़वने में मदद करने वाले ब्रिटिश भारतीय डॉक्टर ने कहा, ‘बच्चों को बचाया जा सकता था’

लंदन, 19 अगस्त (आईएएनएस)। सात बच्चों की हत्या की दोषी नर्स को पकड़वाने में मदद करने वाले इंग्लैंड में भारतीय मूल के एक बाल रोग विशेषज्ञ ने कहा कि अगर अस्पताल ने तेजी से काम किया होता, तो शिशुओं को बचाया जा सकता था।

चेस्टर में काउंटेस ऑफ चेस्टर अस्पताल के सलाहकार डॉ. रवि जयराम ने कहा कि उन्होंने शुक्रवार को मैनचेस्टर क्राउन कोर्ट द्वारा दोषी पाए जाने से पहले कई महीनों तक पूर्व सहकर्मी और नर्स लुसी लेटबी के बारे में बार-बार चिंता जताई थी।

फैसले के बाद जयराम ने आईटीवी न्यूज को बताया, “मैं वास्तव में मानता हूं कि चार या पांच बच्चे ऐसे हैं, जो अब स्कूल जा सकते हैं, लेकिन नहीं जा रहे हैं।”

33 वर्षीय लेटबी पर 22 आरोप लग। उस पर अस्पताल में सात शिशुओं की हत्या और 10 अन्य को मारने की कोशिश करने का आरोप है। उसे 21 अगस्त को मैनचेस्टर अदालत में सजा सुनाई जाएगी।

जयराम ने आईटीवी को बताया कि जून 2015 में तीन शिशुओं की मौत के बाद उन्होंने और अन्य डॉक्टरों ने चिंता जतानी शुरू कर दी थी, लेकिन उसे नजरंदाज किया गयाा।

जयराम ने दावा किया कि उन्हें परिणाम भुगतने की धमकी भी दी गई।

आखिरकार, अप्रैल 2017 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) ट्रस्ट ने डॉक्टरों को एक पुलिस अधिकारी से मिलने की अनुमति दी। इसके बाद जांच शुरू की गई और लेटबी को गिरफ्तार कर लिया गया।

चेशायर कांस्टेबुलरी में जासूस अधीक्षक पॉल ह्यूजेस ने आईटीवी न्यूज को बताया कि हत्यारे को पकड़वाने में जयराम और उनके सहयोगी स्टीफन ब्रेरी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने अदालत को बताया कि लेटबी ने बच्चों पर हमला करने के लिए विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल किया। इसमें उनके रक्तप्रवाह में हवा और इंसुलिन का इंजेक्शन शामिल था। उनके जठरांत्र संबंधी मार्ग में हवा का संचार, जबरदस्ती दूध या अन्‍य तरल पदार्थ की अधिक मात्रा देनाा आदि।

2018 में लेटबी की गिरफ्तारी के बाद, पुलिस को उसके घर से एक पोस्ट-इट नोट भी मिला, जिसमें लिखा था: “मैं दुष्ट हूं, मैंने यह किया” और “मैंने जानबूझकर उन्हें मार डाला, क्योंकि मैं बहुत अच्छी नहीं हूं। मैं एक भयानक दुष्ट व्यक्ति हूंं।”

काउंटेस ऑफ चेस्टर हॉस्पिटल एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट के पूर्व मुख्य कार्यकारी टोनी चेम्बर्स ने कहा: “इस अविश्वसनीय रूप से कठिन समय में मेरी सारी संवेदनाएं इस मामले के केंद्र में मौजूद बच्चों और उनके परिवारों और प्रियजनों के साथ हैं। सभी परिवारों पर जो कुछ गुजरा है, उसके लिए मैं माफी चाहता हूं।”

–आईएएनएस

सीबीटी

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