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नालंदा विश्वविद्यालय को मिला उदार अनुदान, पीएम को धन्यवाद दें नीतीश कुमार : सुशील मोदी

पटना, 14 सितंबर (आईएएनएस)। जी20 देशों के शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्राध्यक्षों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा दिये गये रात्रि भोज में बैक ड्रॉप में नालंदा के पुराने विश्वविद्यालय के धरोहर को चित्र के रुप में प्रदर्शित करने के बाद बिहार में सियासत शुरू हो गई।

दरअसल, जदयू ने बुधवार को नालंदा अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा था।

गुरुवार को बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि एनडीए सरकार के समय नालंदा अन्तरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय (एनआइयू) का विकास तेज हुआ और यहां बौद्घ दर्शन, अन्तरराष्ट्रीय संबंध सहित सभी 6 पाठ्यक्रमों की पढाई जारी है।

उन्होंने कहा कि यहां 30 देशों के छात्र हैं। न कोई पाठ्यक्रम बंद हुआ है, न किसी पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया है।

सुशील मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि एनडीए सरकार के 9 साल में नालंदा विश्वविद्यालय का पुनरुथान देख कर बख्तियार खिलजी को पुरखा मानने वालों की छाती फट रही है।

उन्होंने कहा कि नालंदा अन्तरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना जिस यूपीए सरकार के समय हुई थी, उसने इसे 2010-2014 तक मात्र 29.78 करोड़ रुपये का अनुदान दिया, जबकि एनडीए सरकार ने नौ साल (2014-2023) में अब तक 1744.90 करोड़ रुपये का अनुदान दिया।

उन्होंने कहा कि क्या अनुदान में भारी वृद्धि करना किसी की उपेक्षा का सूचक है? इतने उदार अनुदान के लिए तो नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करना चाहिए। इस विश्वविद्यालय में 223 छात्र ज्ञान के विभिन्न अनुशासन (स्कूल) में अध्ययनरत हैं। इनमें 157 अन्य देशों से आये हैं।

उन्होंने कहा कि बौद्घ दर्शन की पढाई के लिए नालंदा अन्तरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय दुनिया भर के छात्रों की पहली पसंद बन गया है। मोदी ने कहा कि विदेश मंत्रालय यहां पढने वाले विदेशियों के लिए छात्रवृत्ति में लगातार वृद्धि कर रहा है। विदेशी राजनयिक यहां अक्सर आते हैं।

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने जी20 सम्मेलन में नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष की प्रतिकृति लगवाकर दुनिया को भारत और बिहार की ज्ञान परम्परा का संदेश दिया, लेकिन विपक्ष को यह भी अच्छा नहीं लगा।

उल्लेखनीय है कि जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने केंद्र सरकार से सवाल किया है कि नालंदा विश्वविद्यालय के नए भवन को क्यों नहीं दिखाया गया। जी20 सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति द्वारा दिए गए डिनर पार्टी के दौरान बैकग्राउंड में नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहर को दिखाया गया था।

–आईएएनएस

एमएनपी

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