जल्द उपचार से बच्चों के मोटापे को रोकने में मदद मिल सकती है: अध्ययन
लंदन, 18 सितंबर (आईएएनएस)। अध्ययन के अनुसार, बचपन में मोटापे का प्रारंभिक उपचार दीर्घकालिक और अल्पावधि दोनों में प्रभावी होता है।
द इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ओबेसिटी में प्रकाशित यह अध्ययन चार से छह साल की उम्र के 170 बच्चों और उनके माता-पिता पर किया गया है।
बच्चों और माता-पिता को तीन तरह के अलग-अलग उपचार दिये गये थे – मानक उपचार, माता-पिता सहायता समूह, या अनुवर्ती टेलीफोन सहायता के साथ माता-पिता सहायता समूह।
मानक उपचार समूह के प्रतिभागियों ने डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ के साथ आहार और व्यायाम पर ध्यान केंद्रित करने वाली बैठकें कीं। जबकि, अन्य दो अभिभावक सहायता समूहों में बच्चों को शामिल नहीं किया गया और इस बात पर ध्यान केंद्रित किया गया कि माता-पिता सकारात्मक तरीके से परिवार में स्वस्थ जीवन शैली को कैसे बढ़ावा दे सकते हैं।
अध्ययन की प्रमुख अन्वेषक पॉलिना नोविका ने कहा, “इस तरह की बातचीत इस बात पर केंद्रित हो सकती है कि सीमाएं कैसे तय की जाएं, बच्चों को नए व्यवहार कैसे सिखाएं और प्रीस्कूल, दादी, पड़ोसियों और बच्चों की दुनिया के अन्य वयस्कों के साथ कैसे संवाद किया जाए।”
नोविका स्वीडन के कारोलिंस्का इंस्टिट्यूट में क्लिनिकल साइंस, इंटरवेंशन एंड टेक्नोलॉजी विभाग में बाल विज्ञान की एसोसिएट प्रोफेसर हैं।
निष्कर्षों से पता चला कि सभी तीन समूहों के बच्चों ने अपने वजन की स्थिति में सुधार किया और उनके मोटापे की डिग्री में कमी देखी गई, लेकिन जिन बच्चों के माता-पिता को सलाह आदि दी गई थी, उनके परिणाम सबसे अच्छे थे, खासकर उन बच्चों के जिन्हें फॉलोअप के रूप में फोन कॉल भी प्राप्त हुए थे।
नोविका ने कहा, टीम ने यह भी पाया कि तीसरे समूह के अधिक बच्चों ने बेहतर उपापचच स्वास्थ्य के साथ अपने वजन की स्थिति में चिकित्सकीय रूप से प्रासंगिक सुधार दिखाया है, जिससे मेरा मतलब रक्त लिपिड और ग्लूकोज के बेहतर स्तर से है।
इसके साथ ही वैज्ञानिकों ने माता-पिता को दोपहर के भोजन के संबंध में घर पर एक स्पष्ट संरचना बनाने और पारिवारिक संबंधों को मजबूत करने, बच्चे को खाना पकाने में शामिल करने आदि जैसी चीजें करने का भी सुझाव दिया।
नोविका ने कहा, “किशोरावस्था में बच्चों का इलाज शुरू करने की तुलना में कम उम्र में बच्चों का इलाज करना अधिक प्रभावी होता है। कुछ किशोर संभावित बेरिएट्रिक सर्जरी पर विचार कर रहे हैं और हमें उम्मीद है कि पहले इलाज से इससे बचा जा सकता है।”
–आईएएनएस
एकेजे