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चंद्रबाबू नायडू ने कौशल विकास निगम की फाइल पर हस्ताक्षर भी नहीं किए थे : लोकेश

राजामुंदरी (आंध्र प्रदेश), 14 सितंबर (आईएएनएस)। तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के महासचिव नारा लोकेश ने कहा कि पार्टी सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू को कथित कौशल विकास निगम घोटाले में गिरफ्तार किया गया और हिरासत में भेज दिया गया, हालांकि प्रासंगिक फ़ाइल में न तो उनका नाम है और न ही हस्ताक्षर।

लोकेश ने मीडियाकर्मियों से कहा कि उनके पिता चंद्रबाबू नायडू सिर्फ नीति-निर्माता थे और अनुवर्ती कार्रवाई के लिए जिम्मेदार नहीं थे।

तेदेपा नेता ने कहा कि कौशल विकास निगम के प्रबंध निदेशक के रूप में प्रेमचंद्र रेड्डी ने धन जारी करने का आदेश दिया।

लोकेश ने बताया कि 2021 में दर्ज की गई एफआईआर में चंद्रबाबू नायडू का नाम नहीं था। उनका मानना है कि पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, क्योंकि लोग सत्तारूढ़ सरकार के खिलाफ विद्रोह कर रहे हैं और जगन सरकार को डर है कि वह सत्ता खोने जा रही है।

इससे पहले दिन में लोकेश ने अपने ससुर, तेदेपा विधायक और अभिनेता एन. बालकृष्ण और जन सेना पार्टी (जेएसपी) नेता और अभिनेता पवन कल्याण के साथ राजमुंदरी सेंट्रल जेल में नायडू से मुलाकात की।

उन्होंने नायडू को पिंजरे में बंद शेर कहा।

लोकेश ने कहा कि नायडू उनके द्वारा बनाई गई जेल में बंद हैं।

उन्होंने अपनी मां नारा भुवनेश्‍वरी के राजनीति में आने की संभावना से इनकार किया। लोकेश ने कहा कि जल्द ही तेदेपा और जेएसपी की ओर से एक संयुक्त समिति बनाकर एक संयुक्त कार्य योजना की घोषणा की जाएगी।

लोकेश ने आरोप लगाया कि नायडू के नेतृत्व वाली तेदेपा शासन के विपरीत जगन मोहन रेड्डी के शासन में भूमि, शराब और रेत माफिया हावी हैं।

लोकेश ने टिप्पणी की, “इस मनोचिकित्सक की गहरी इच्छा किसी भी तरह पूर्व मुख्यमंत्री श्री चंद्रबाबू नायडू को रिमांड में भेजने की थी।”

उन्होंने आरोप लगाया कि सार्वजनिक मुद्दों पर लड़ने वाले तेदेपा और जनसेना नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज किए जा रहे हैं, जबकि अन्य दलों के नेताओं को भी परेशान किया जा रहा है।

लोकेश ने कहा, “इस सरकार ने मेरे खिलाफ हत्या के प्रयास सहित कम से कम 20 मामले दर्ज किए हैं।”

–आईएएनएस

एसजीके

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