कावेरी मामले पर कोई सुझाव नहीं दूंगा : पूर्व पीएम देवेगौड़ा
नई दिल्ली, 22 सितंबर (आईएएनएस)। पूर्व प्रधानमंत्री और जद (एस) अध्यक्ष एचडी. देवेगौड़ा ने कावेरी मुद्दे पर साफ तौर पर कहा कि वह इस समय कावेरी नदी जल बंटवारे के मुद्दे पर कोई सुझाव नहीं देंगे।
नई दिल्ली में पत्रकारों को संबोधित करते हुए देवेगौड़ा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु को पानी छोड़ने का आदेश दिया था।
उन्होंने कहा, “मैंने कहा है कि कावेरी मामले पर पूरा सहयोग दिया जाएगा।”
पूर्व प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “मैंने सदन के पटल पर बात की और कहा कि वहां पांच सदस्यों को भेजें जो तमिलनाडु या कर्नाटक से नहीं हैं। उन्हें वहां जाकर फसल की स्थिति भंडारण और परिस्थितियों का अध्ययन करने दें। लेकिन, अध्यक्ष ने कहा ‘नहीं’। “
पूर्व मुख्यमंत्री एचडी. कुमारस्वामी (उनके बेटे) ने एक बयान जारी कर कहा था कि तमिलनाडु को पानी छोड़ना सही नहीं है।
उन्होंने कहा, ”मैंने महिला आरक्षण विधेयक और कावेरी मामले पर अपनी आवाज उठाई है। 1996 में मैंने विधेयक का प्रस्ताव रखा था। मैं कावेरी मुद्दे पर सांसदों की बैठक में भाग नहीं ले सका, उन्होंने बताया कि पार्टी से सांसद प्रज्वल रेवन्ना (उनके पोते) ने बैठक में भाग लिया।”
कावेरी विवाद पर एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की चुप्पी के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर देवेगौड़ा ने कहा, ”मैंने कावेरी मुद्दे पर राज्यसभा में अकेले ही बात की थी। इस संबंध में मुझसे कोई बयान जारी कराने का प्रयास न करें।”
कांग्रेस सरकार की इस मांग पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कि केंद्र सरकार को कावेरी मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। देवेगौड़ा ने पूछा, “मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में राज्य से चार केंद्रीय मंत्री थे, तो फिर, क्या उन्होंने कावेरी मुद्दे पर बात की?”
जब उनसे कर्नाटक में भाजपा-जद (एस) गठबंधन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह दोनों पार्टियों के गठबंधन के बारे में कुछ नहीं बोलेंगे। उन्होंने कहा, ”मैंने पहले कहा है कि पूर्व सीएम कुमारस्वामी इस बारे में बात करेंगे।”
–आईएएनएस
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