अमेरिका ‘विरोधाभासी व्यवहार’ छोड़ दे तो परमाणु समझौता ‘पहुंच के भीतर’: ईरानी विदेश मंत्री
तेहरान, 24 सितम्बर (आईएएनएस)। ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन ने कहा है कि 2015 के परमाणु समझौते के पुनरुद्धार पर एक समझौते पर पहुंचा जा सकता है, जिसे औपचारिक रूप से संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) के रूप में जाना जाता है, बशर्ते अमेरिका अपना “विरोधाभासी व्यवहार” छोड़ दे।
रिपोर्ट में शनिवार को कहा गया कि अमीर-अब्दुल्लाहियन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 78वें सत्र से इतर अपनी बैठकों के बारे में विस्तार से बताते हुए शुक्रवार को न्यूयॉर्क में संवाददाताओं के समक्ष यह टिप्पणी की।
रिपोर्ट में मंत्री के हवाले से कहा गया है, “हमारा मानना है कि इस सप्ताह की शुरुआत में ईरान और अमेरिका के बीच हुई कैदियों की अदला-बदली को देखते हुये, यदि अमेरिकी पक्ष अपने विरोधाभासी व्यवहार को छोड़ देता है और अपना वास्तविक इरादा दिखाता है, तो सभी पक्षों के लिए जेसीपीओए पर वापस लौटना और तेहरान पर लगाये गये प्रतिबंध हटाना ज्यादा दूर नहीं होगा।”
समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, अमीर-अब्दुल्लाहियन ने कहा कि उन्होंने द्विपक्षीय मुद्दों पर स्पष्ट रूप से चर्चा करने के लिए न्यूयॉर्क में एक अमेरिकी थिंक-टैंक के सदस्यों और कई पूर्व अमेरिकी अधिकारियों से मुलाकात की। इनमें से एक मुद्दा ईरान और जेसीपीओए के प्रति अमेरिका का “गलत” दृष्टिकोण भी है।
ईरान और अमेरिका ने सोमवार को कैदियों की अदला-बदली की, जिसमें प्रत्येक पक्ष ने कतर की मध्यस्थता में हुए समझौते के तहत पांच-पांच बंदियों को रिहा किया।
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने सोमवार को कहा कि ईरान संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर अमेरिका के साथ अप्रत्यक्ष परमाणु वार्ता के लिए तैयार है। महासभा की बैठक में एक उच्च रैंकिंग प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी भी शामिल हुये।
ईरान ने जुलाई 2015 में विश्व शक्तियों के साथ जेसीपीओए पर हस्ताक्षर किए थे। इसमें देश पर लगे प्रतिबंधों को हटाने के बदले में अपने परमाणु कार्यक्रम पर कुछ अंकुश लगाने पर सहमति व्यक्त की गई। हालाँकि, अमेरिका ने मई 2018 में समझौते से हाथ खींच लिया और तेहरान पर अपने एकतरफा प्रतिबंध फिर से लगा दिए। इससे ईरान ने भी मजबूरन अपनी कुछ परमाणु प्रतिबद्धताओं को छोड़ दिया।
जेसीपीओए के पुनरुद्धार पर वार्ता अप्रैल 2021 में ऑस्ट्रिया के वियना में शुरू हुई। कई दौर की बातचीत के बावजूद अगस्त 2022 में आखिरी दौर की समाप्ति के बाद से कोई महत्वपूर्ण सफलता नहीं मिली है।
–आईएएनएस
एकेजे