अमित शाह ने पकड़ लिया मध्यप्रदेश का मर्ज ?

भोपाल, 21 अगस्त (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश में इसी साल के अंत में होने वाला विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। इसकी वजह है जमीनी स्तर से आया फीडबैक, जो पार्टी की चिंता बढ़ाने वाला है। बीते कुछ दिनों से मध्य प्रदेश की सियासी नब्ज़ पर हाथ रखे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लगता है मर्ज पकड़ लिया है।

यही वजह है कि हाल के दिनों में मध्‍यप्रदेश का ताबड़तोड़ दौरा कर रहे अमित शाह ने ग्वालियर में हुई प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में नेताओं को सख्त हिदायत दी और कहें तो फटकार लगाने में भी हिचक नहीं दिखाई।

राज्य में भाजपा और कांग्रेस विधानसभा चुनाव से पहले एक-दूसरे पर तीखे और धारदार हमले करने में जुटी हुई है। एक तरफ जहां कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं की राज्य में सक्रियता बढ़ रही है, तो वहीं राज्य की चुनाव कमान पूरी तरह भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने संभाल ली है। एक तरफ जहां नियुक्तियां हुई हैं, जिम्मेदारी सौंपी गई है, वही केंद्रीय गृहमंत्री और भाजपा के रणनीतिकार अमित शाह के भी मध्यप्रदेश के दौरे लगातार बढ़ रहे हैं। भाजपा की ग्वालियर में हुई प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में उन्होंने ग्वालियर-चंबल संभाग के कई भाजपा जिलाध्यक्ष को आड़े हाथों तक लिया और यहां तक कह दिया कि अगर आपने अपने काम के अंदाज को नहीं बदला तो इस इलाके में पार्टी के लिए जीतना मुश्किल हो जाएगा।

कहा जा रहा है कि इस इलाके में कुछ दिग्गज नेताओं ने अपनी पसंद के जिला अध्यक्षों की नियुक्ति करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया था, मगर वह जिला अध्यक्ष संगठन के अनुरूप या पार्टी की जरूरत के मुताबिक काम करते नजर नहीं आ रहे हैं। यह फीडबैक अमित शाह तक भी पहुंच चुका है और यही कारण है कि उन्होंने सख्त लहजे में अपनी बात कही।

जानकारों का कहना है कि अमित शाह बीते कुछ समय से राज्य की सियासत की नब्ज टटोलने में लगे हुए हैं और लगता है कि अब मर्ज उनकी पकड़ में आ गया है और वह इसका इलाज भी करने में पीछे नहीं रहने वाले। इसकी वजह भी है, क्योंकि भाजपा की जीत और हार पार्टी के लिए बड़ी अहमियत वाली है।

–आईएएनएस

एसएनपी/एसजीके

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