परीक्षाओं में घोटाओं से युवा आहत, सड़क पर उतरकर किया जोरदार प्रदर्शन
कर्णप्रयाग: उत्तराखंड को बने 22 साल पूरे हो गए हैं लेकिन पहाड़ के लोगों ने जिस उत्तराखंड का सपना देखा था वो शायद ही अभी तक साकार हो पाया है. उत्तर प्रदेश से अलग होकर इस राज्य की परिकल्पना इसलिए की गई थी कि युवाओं को रोजगार मिलेगा. पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी पहाड़ के काम आ सकेगी लेकिन एक के बाद एक आई सरकार ने सिर्फ जनता को लूटा. सपने दिखाए लेकिन वो पूरे नहीं हुए. पहाड़ का युवा नौकरी के लिए सालों तक मेहनत करता है और जब परिक्षाओं के परिणाम आते है तो पता चलता है कि घोटाला हो गया. बीते दिनों जिस तरह से परीक्षाओं में घोटालों और गड़बड़ी की खबरें सामने आई हैं उससे पहाड़ का युवा आहत है. जिसको लेकर कर्णप्रयाग में सैकड़ों की संख्या में बेरोजगार युवा सड़क पर उतरे और प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. युवाओं का कहना है कि जिस तरह से नौकरियां बेची जा रही है उससे तो गरीब का बेटा कभी रोज़गार हासिल नहीं कर सकता. आक्रोशित बेरोजगार युवाओं ने तहसील जाकर सरकारी नौकरियों के सौदागर हाकम सिंह रावत और उसके आकाओं का पुतला दहन किया साथ ही उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा।
भर्ती घोटालों से आहत बेरोजगार युवाओं के इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे आइसा के गढ़वाल सचिव इन्द्रेश मैखुरी के कहा राज्य स्थापना से अब तक की कोई भर्ती ऐसी नहीं है. जिसमें घोटाला न हुआ हो, महिलाओं का आरक्षण खत्म कर दिया गया, नौकरियां बेची जा रही है एसटीएफ जांच तो कर रही है लेकिन बड़े सफेद पोश अभी तक गिरफ्त से बाहर है।
सरकार की नाक के नीचे इतने बड़ा घोटाला हो गया और किसी को भनक तक नहीं लगी. इससे ये तो साफ है कि इन घोटालों में कई बड़े लोग शामिल हैं STF की जांच से लोग संतुष्ट भी है लेकिन इस बात में भी कोई दो राय नहीं कि STF बड़े सफेदपोशों के गिरेबान तक नहीं पहुंच पाई है और यही वजह है कि हर ओर से मांग उठ रही है कि घोटालों की जांच सीबीआई से कराई जाएं…जिससे प्रदेश के मेहनती युवाओं को इंसाफ मिल सके…