स्वास्थ्य

World Osteoporosis Day 2023 : हड्डियों की मजबूती का ऐसे रखे ख्याल

हड्डियों का तंदुरस्त रहना हमारे जीवन के लिए अनमोल है और हड्डियों का संतुलन बिगड़ना या खराब हो जाना ऑस्टियोपोरोसिस का कारण बनता है।

रोज़ाना की इस दौड़ती-भागती ज़िंदगी में आप अपने सेहत का ध्यान रखना भूल जाते है। ऐसे में यह जरुरी है की बढ़ती उम्र के साथ हड्डियों में होते इस दर्द को आप अनदेखा ना करें। हर 20 अक्टूबर को मनाया जाने वाला विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस का मुख्य कारण यह है की हम अपनी हड्डियों की सेहत को कितनी तवज्जों देते है। और आज हम आपको बतायंगे कुछ बारीकियां ऑस्टियोपोरोसिस को लेकर :

क्या होता है ऑस्टियोपोरोसिस:

ऑस्टियोपोरोसिस एक तरह की हड्डियों पर होने वाला दर्द है जो की हड्डियों की कमजोरी को दर्शाता है। जिससे वे नाजुक हो जाती हैं और फ्रैक्चर होने की अधिक संभावना होती है। हड्डियों का तंदुरस्त रहना हमारे जीवन के लिए अनमोल है और हड्डियों का संतुलन बिगड़ना या खराब हो जाना ऑस्टियोपोरोसिस का कारण बनता है। ऑस्टियोपोरोसिस की प्रक्रिया तब अपनायी जाती है जब पुराने हड्डी के ऊतकों को हटा दिया जाता है, और नए हड्डी के ऊतकों का निर्माण किया जाता है।

ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण :

ऑस्टियोपोरोसिस के कुछ लक्षण शरीर में दिखने लगते है जो की आपको नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए :

हड्डियों की मजबूती के लिए डाइट पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। आपकी डाइट में अगर कैल्शियम, पोटैशियम और विटामिन-डी की कमी है तो आपको मांसपेशियों में ऐंठन और दर्द की समस्या होती है। और हड्डियों के कमज़ोर होने से पहले इनका समय में इनका इलाज बेहद जरुरी है।

कई बार चोट लगने के कारण फ्रैक्चर भी हो जाते हो , ज्यादातर कलाई, रीढ़ में फ्रैक्चर की समस्या उतपन्न होती है और आपकी हड्डिया और भी ज्यादा बेहद नाजुक हो जाती है। यह कमजोर हड्डियों का संकेत है, जिससे हड्डियों को नुकसान होता है।

आप में से कई लोगो को पीठ के नीचे के हिस्से में दर्द रहता है जिसे भूलकर भी नजरअंदाज न करें। यह कमजोर हड्डियों का संकेत हो सकता है।
ऑस्टियोपोरोसिस के सबसे आम लक्षणों में से पीठ दर्द एक है।

गलत पोजिशन में भी लगातार बैठे रहने से शरीर झुक जाता है और कई बार कमजोर हड्डियों के कारण रीढ़ की हड्डी झुक जाती है।

वही कई बार लोगों को देर तक खड़े रहने में दिक्क्त होती है जिसका कारण है मांसपेशियां कमजोर होना है।

ऑस्टियोपोरोसिस को लेकर अपने खान-पान पर भी दे ध्यान :

1. कैल्शियम वाले खाद्य पदार्थों को आहार में जरूर शामिल करें।
2. कैल्शियम को अवशोषित करने के लिए विटामिन-डी की जरूरत होती है। पूरक दवाओं का सेवन कर इस कमी को दूर कर सकते हैं।
3 .फलियों यानी बीन्स में कैल्शियम और मैग्निशियम के साथ फाइबर और फोलेट भी मिल जाता है।
4 .नींबू और संतरे का सेवन भी हड्डियों के लिए जरूरी है।
5 .अखरोट और बादाम के साथ सूरजमूखी के बीज में भी कैल्शियम, मैग्निशियम और जिंक बड़ी मात्रा में मौजूद होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाते हैं।

हड्डियों में कमजोरी होने की वजह :

जो लोग थायरॉयड की समस्या से भी हड्डियां भी कमज़ोर होना शुरू हो जाता हैं। खासतौर पर थायरॉयड के अधिक बढ़ जाने पर ऐसा होता है। जिसके लिए एक संतुलित डाइट पर जरुरी है।

इटिंग डिसऑर्डर से पीड़ित होते हैं, उनकी हड्डियां भी कमज़ोर होने लगती हैं। वक्त पर इलाज न मिलने से अर्थ्राइटिस या ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियां हो सकती हैं।

हड्डियों की कमजोरी की सबसे बड़ी वजह बनती है इनको संतुलित आहार न मिलना जिसके लिए जरुरी है आप सबसे पहले अपने खाने में प्रोटीन , विटामिन से भरपूर खाना शामिल करें।

ऑस्टियोपोरोसिस के लिए व्यायाम

1. ताई ची या योग जैसी गतिविधियाँ संतुलन और समन्वय में सुधार करती हैं, जिससे गिरने और फ्रैक्चर का खतरा कम हो सकता है।
2 . रीढ़ को सहारा देने वाली मांसपेशियों को लक्षित करने वाले व्यायाम मुद्रा को बेहतर बनाने और रीढ़ की विकृति के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं।
3 . प्लैंक, ब्रिज और पेट के व्यायाम कोर को मजबूत करने और रीढ़ को सहारा देने में मदद कर सकते हैं।
4 . चलना, जॉगिंग, नृत्य या सीढ़ियां चढ़ना जैसी गतिविधियां हड्डियों के घनत्व के निर्माण के लिए उत्कृष्ट हैं क्योंकि इनमें वजन शामिल होता है- पैरों और रीढ़ की हड्डी पर असर।

Disclaimer: लेख में दी हुई जानकारी केवल सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं। स्वास्थ्य से जुडी किसी भी दिक्क्त को लेकर हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

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