World Anaesthesia Day 2023: दर्द की दवा ‘एनेस्थीसिया’ क्यों है ज़रूरी ?
एनेस्थीसिया एक बेहतर मेडिकल ट्रीटमेंट है जिससे मरीज़ को ऑपरेशन के दर्द से निजात मिलती है। मरीजों को सर्जरी आदि के दौरान दर्द महसूस करने से रोकने में भी मददगार साबित होता है। आपको जानकार हैरानी होगी की एनेस्थीसिया के आविष्कार से पहले ज्यादातर चिकिस्तक सर्जरी को टाल देते थे।
आप सभी यह बेहतर तरीके से जानते होंगे की एनेस्थीसिया(anaesthesia) का इस्तेमाल किस काम में किया जाता है। कोई भी ऑपरेशन करने से पहले डॉक्टर्स उस जगह को सुन्न करने से पहले एनेस्थीसिया का प्रयोग करते है ताकि लोगो को ज्यादा दर्द का अहसास न हो। आपको जानकार हैरानी जरूर होगी की एनेस्थीसिया के उपयोग में आने से पहले कई डॉक्टर्स ऑपरेशन(operation) को ताल दिया करते थे वजह है कि ऑपरेशन के वक़्त होने वाले दर्द से मरीज़ को कैसे सुरक्षित किया जाएगा।
क्या होता है एनेस्थीसिया ?
एनेस्थीसिया एक मेडिकल ट्रीटमेंट है, जो मरीजों को सर्जरी आदि के दौरान दर्द महसूस करने से रोकता है। यह लोगों को ऐसी प्रक्रियाएं अपनाने की अनुमति देता है, जिससे उन्हें स्वस्थ और लंबा जीवन मिलता है। एनेस्थीसिया(anaesthesia) करने के लिए, डॉक्टर एनेस्थेटिक्स नामक दवाओं का इस्तेमाल करते हैं। वहीं, क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार एनेस्थेटिक्स कुछ समय के लिए आपके सेंसरी सिग्नल्स को ब्लॉक कर देता है। आमतौर पर इसका इस्तेमाल मामूली प्रक्रियाओं में किया जा सकता है, जैसे कि दांत भरना साथ ही कई छोटी और बड़ी सर्जरी में भी इसका उपयोग किया जाता है।
कब हुई शुरुवात:
एनेस्थीसिया का उपयोग 19वीं सदी में लोगों के बीच पहचान में आया। पहले लोग दर्द ऑपरेशन(operation) के वक़्त होने वाले दर्द से बहुत डरते थे। जिस कारण कई डॉक्टर्स ज्यादातर केवल दांतों के ऑपरेशन के लिए तैयार होते थे क्योंकि इसमें काफी कम दर्द होता था। लेकिन एनेस्थीसिया की खोज के बाद सबसे पहली एनेस्थेटिक सर्जरी साल 1846 में हुआ, उस वक्त एक शख्स के गले से बिना किसी दर्द के ट्यूमर निकाला गया। इसके बाद डॉक्टरों ने लोगों को विश्वास दिलाया कि ये एक बेहतर तकनीक है जिसमें दर्द नहीं होता और आसानी से आपकी सर्जरी की जा सकती है।
क्यों जरुरी है एनेस्थीसिया:
चिकित्स्कों द्वारा ऑपरेशन किये जाने पर मरीज़ को ज्यादा दर्द न हो जिसके लिए उसको सर्जरी से पहले एनेस्थीसिया की दवा दी जाती है। एनेस्थीसिया शरीर में जाने के बाद ब्रेन के साथ गुजरने वाली नसों के संकेत को सुन्न कर देता है। एनेस्थीसिया की खुराक के बाद मरीज बेहोश हो जाता है और सर्जरी के दौरान उसे दर्द नहीं होता और ऑपरेशन बिना किसी दर्द के सफल हो जाता है।
कितने प्रकार के होते है एनेस्थीसिया:
हमेशा इस बात का ख्याल रखना भी जरूरी है कि मरीज को बेहोश किये जाने वाला एनेस्थेटिस्ट कैसा है। उसकी योग्यता पूरी है या नहीं। एनेस्थीसिया के जितने अच्छे रिजल्ट है अपने डॉक्टर से उनके खतरे के विकल्पों पर भी खुल कर बात करें। जिन मरीजों की हालत गंभीर होती है इनमें एनेस्थीसिया के रिएक्शन का खतरा भी रहता है।
एनेस्थीसिया तीन प्रकार के होते है –
लोकल एनेस्थीसिया: इसका इस्तेमाल शरीर के किसी खास हिस्से में मामूली सर्जरी के लिए किया जाता है.
जनरल एनेस्थीसिया: इसके उपयोग से रोगी की मांसपेशियों सुन्न हो जाता है.
रीजनल एनेस्थीसिया: रीजनल एनेस्थीसिया का इस्तेमाल पेट जैसे शरीर के बड़े हिस्से को सुन्न करने के लिए किया जाता है.
एनेस्थीसिया के दुष्प्रभाव:
जहा एक ओर एनेस्थीसिया के उपयोग से ऑपरेशन(operation) के वक़्त दर्द नहीं होता वही इसके कई साइड इफेक्ट्स भी है जैसे की पीठ दर्द, मांसपेशियों में दर्द, कम तापमान (हाइपोथर्मिया) के कारण ठंड लगना, पेशाब करने में कठिनाई होना, थकान, सिरदर्द, खुजली, उल्टी, इंजेक्शन स्थल पर दर्द,गले में खराश जैसे इफेक्ट्स आप पर हो सकते है।
Disclaimer: ऊपर लिखें लेख में दी हुई जानकारी केवल सहायता के रूप में है। किसी भी बात अमल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सवाल-जवाब ज़रूर करें।