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Delhi Air Pollution : दिल्ली में गंभीर वायु प्रदूषण के कारण स्कूलों में कल से शीतकालीन अवकाश

दिल्ली सरकार ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में गंभीर वायु प्रदूषण के स्तर के बीच 9 से 18 नवंबर तक स्कूलों में शीतकालीन अवकाश कि घोषणा की है । दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) बुधवार सुबह 'गंभीर' की श्रेणी में आ गया है ।

दिल्ली सरकार ने बुधवार को घोषणा की कि राष्ट्रीय राजधानी में गंभीर वायु प्रदूषण के स्तर के बीच 9 से 18 नवंबर तक स्कूलों में शीतकालीन अवकाश रहेगा । दिल्ली का प्रदूषण चिंताजनक स्थिति में पहुँच गया है। सरकार ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन अभी तक कोई खास राहत नहीं मिली है।

दिल्ली के शिक्षा निदेशालय द्वारा यह जानकारी दी गई । समाचार एजेंसी एएनआई ने अपने ट्विटर हैन्डल से यह जानकारी प्रकाशित की ।

दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) बुधवार सुबह फिर से ‘गंभीर’ की श्रेणी में आ गया है  जो पिछले दिन कई दिनों से ‘बहुत खराब’ की श्रेणी में था । दिल्ली की वायु गुणवत्ता शुक्रवार, 3 नवंबर तक लगातार ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही थी और फिर खराब होकर ‘गंभीर’ (AQI 400 से ऊपर) श्रेणी में पहुंच गई थी।

सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के आंकड़ों के अनुसार, पिछले कुछ दिनों में दिल्ली का AQI 400 (गंभीर श्रेणी) को पार करने के बाद यहाँ का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 395 दर्ज किया गया है।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत और राजस्व मंत्री आतिशी के साथ सभी संबंधित विभागों की बैठक की, ताकि प्रदूषण के संबंध में कल सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके।

देश भर में प्रदूषणकारी पटाखों पर प्रतिबंध, सिर्फ दिल्ली में नहीं: सुप्रीम कोर्ट

इससे पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था की प्रदूषणकारी पटाखों पर प्रतिबंध सिर्फ दिल्ली में ही नहीं बल्कि देश भर में लागू होगा । सुप्रीम कोर्ट एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें बेरियम साल्ट और अन्य प्रदूषणकारी रसायनों का उपयोग करने वाले पटाखों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के अदालत के आदेशों का पालन करने के लिए राजस्थान सरकार को निर्देश देने की मांग की गई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 2021 का उसका आदेश, जो केवल ग्रीन पटाखों के उपयोग की अनुमति देता है, सिर्फ दिल्ली-एनसीआर में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में लागू होगा। सुनवाई के दौरान, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस एमएम सुंदरेश की बेंच ने कहा था कि बच्चे “इन दिनों” पटाखे नहीं फोड़ते बल्कि वयस्क ज्यादा पटाखे फोड़ते हैं । कोर्ट ने यह भी कहा कि पर्यावरण की रक्षा करना हर किसी का कर्तव्य है।

इस बीच दिल्ली में कई निवासियों और यात्रियों ने सांस की समस्याओं की शिकायत की है । उन्होंने सरकार और संबंधित अधिकारियों से जल्द से जल्द बढ़ते वायु प्रदूषण को रोकने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया है ।

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