चिटहेरा गांव (ग्रेटर नोएडा)- वैध तरीके से जमीन खरीदने वाले क्यों हैं यूपी पुलिस के निशाने पर
देहरादून- उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के गांव चिटहेरा में अनुसूचित जाति के लोगों के पट्टों को वैधानिक रूप से खरीदने वाले खरीदारों यूपी पुलिस के निशाने पर हैं। दादरी पुलिस ने जिन लोगों को इस मामले में आरोपी बनाया है, उनमें से अधिकांश अनुसूचित जाति के हैं। कानूनी तौर पर यह लोग अनुसूचित जाति को आवंटित पट्टे की जमीन ले सकते हैं। भू घोटाले का मुख्य आरोपी यशपाल तोमर ने किस षड़यंत्र से जमीन एससी लोगों से हथियाई यह जांच का विषय है, लेकिन जमीन के उचित दाम देकर कानून रजिस्ट्री करवाने वाले खरीददार कैसे दोषी हो सकते हैं। अगर यह खरीद वैधानिक नहीं है तो ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के तत्कालीन अफसरों ने उसका अधिग्रहण किस आधार पर किया। ऐसे में तो उस दौरान वहां तैनात रहे अफसर भी आरोपी होने चाहिए, लेकिन दादरी पुलिस केवल खरीददारों को निशाना बना रही है। यूपी पुलिस ने ग्रेटर नोएडा के चिटहेरा गांव में अनुसूचित जाति को लोगों को आवंटित भूमि पट्टों के खरीद फरोख्त में बड़ा खेल होने का दावा कर दो मुकदमे दर्ज किये हैं। इसमें भू माफिया यशपाल तोमर के साथ उन जमीनों को वैधानिक तरीके से खरीदने वाले लोगों को ही आरोपी बना दिया। तोमर ने यह जमीन 1997 में हथियाना शुरू की थी जबकि बनाए गए आरोपियों ने यह जमीन किसी बिचौलिये से 2010 के बाद खरीदी। उत्तराखंड कैडर के दो आईएएस और एक आईपीएस के रिश्तेदार भी सहआरोपी बनाए गए हैं। यह सभी लोग अनुसूचित जाति से संबंध रखते हैं। इन लोगों ने जमीनों का उचित दाम अदा कर कानूनी तौर पर उन्हें खरीदा। इसके बाद ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने उन्हें अधिग्रहित किया। अगर भू खरीद में कोई गड़बड़ी थी तो तत्कालीन लेखपाल से लेकर तहसील दार और प्राधिकरण के अफसर क्या करते रहे। दादरी पुलिस को खरीददारों के साथ उनको भी आरोपी बनाना चाहिए था। चूंकि यूपी कैडर के बड़े अफसर इसकी जद में आते, ऐसे में पुलिस खरीदारों को निशाने पर लेकर बड़े अफसरों को बचाने का काम करती दिख रही है। अगर यह मामला कोर्ट में जाता है तो सबसे पहले यही सवाल खड़ा होगा कि यूपी पुलिस ने एकतरफा कार्रवाई करते हुए तत्कालीन अफसरों को क्यों मामले से अलग रखा। खैर, अभी पुलिस की जांच आगे बढ़ रही है संभव है कि आने वाले दिनों में इस मामले में कुछ नया मोड़ आए।
क्या है ग्रेटर नोएडा का चिटहेरा गांव भूमि घोटाला?
उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के चिटहेरा गांव का है। गांव में पट्टों की जमीन के क्रय-विक्रय में नियमों को ताक पर रखा गया था। अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) वंदिता श्रीवास्तव की जांच में इसका खुलासा हुआ है। जांच के आधार पर चिटहेरा गांव के लेखपाल शीतला प्रसाद ने भूमाफिया यशपाल तोमर समेत कुल नौ लोगों के खिलाफ शनिवार को दादरी कोतवाली में मामला दर्ज कराया। मामले में नामजद तीन लोग उत्तराखंड के तीन नौकरशाहों के परिवार से हैं। यह जमीने लंबा अरसे पहले खरीदी गई हैं। पुलिस इस बात की जांच में जुटी है कि यशपाल तोमर इन नौकरशाहों के संपर्क में कैसे आया।