विवादित चाय बागान, सरकारी जमीन को चिन्हित करने को लेकर डीएम देहरादून ने गठित की विशेष टीम, जमीन की खरीद-फरोख्त पर लगायी रोक।
देहरादून – राजधानी से सटे रिंग रोड क्षेत्र में लाडपुर, नत्थनपुर, रायपुर में चाय बागान और सरकारी जमीन की खरीद-फरोख्त पर हाईकोर्ट के रोक लगाने और डीएम से विस्तृत रिपोर्ट तलब करने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गया है। हाईकोर्ट ने सरकार, कमिश्नर, डीएम से 11 सितंबर तक विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। इसके बाद डीएम डॉ. आर राजेश कुमार ने एडीएम (वित्त एवं राजस्व) की अगुवाई में टीम बनाते हुए विस्तृत जांच करने के साथ रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं।
डीएम का कहना है कि पूरे मामले की जांच कराई जा रही है। फिलहाल जमीन की खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी गई है। जांच पड़ताल कर इसकी रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपी जाएगी। डीएम ने बताया कि कोर्ट के फैसले के बाद टीम का गठन किया गया है, जो राजस्व अभिलेखों के मुताबिक न सिर्फ जमीन की पैमाइश करेगी, बल्कि विस्तृत रिपोर्ट भी सौंपेंगी, जिसे अदालत को सौंपा जाएगा।
डीएम ने बताया कि जिस जमीन को लेकर कोर्ट ने आदेश जारी किया है, उसमें दो खसरे की जमीन सरकारी है, जबकि एक की निजी व्यक्ति की है। यदि जमीन को बेचा जा रहा, तो ऐसे भूमाफिया को चिह्नित कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। डीएम का कहना है कि सरकारी जमीन को किसी भी सूरत में खुर्दबुर्द नहीं होने दिया जाएगा। इस मामले में यदि राजस्व विभाग के अफसरों, कर्मियों के शामिल होने की जानकारी मिलती है तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
राजस्व विभाग के पास दस्तावेज ही नहीं
जहां एक ओर कोर्ट ने विवादित जमीन की खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी है, वहीं आरटीआई में खुलासा हुआ है कि विवादित जमीन से जुड़े दस्तावेज तहसील में मुहैया ही नहीं है। याचिका दाखिल करने वाले वकील का दावा है कि जिस जमीन को लेकर विवाद है या सरकारी भूमि है, इसे निजी संपत्ति के तौर पर कुछ लोग बेच रहे हैं। कई लोगों को जमीन बेच भी दी गई है। आरटीआई में खुलासा हुआ कि तहसील में इस संबंध संपत्ति के दस्तावेज ही मौजूद नहीं है। अधिवक्ता विकेश नेगी के मुताबिक, तहसील में दस्तावेज न होने से साबित होता है कि यह जमीन सरकारी है और जमीन को भूमाफिया द्वारा खुर्दबुर्द किया जा रहा है।
ये था मामला
देहरादून निवासी अधिवक्ता विकेश नेगी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर बताया कि रायपुर, लाडपुर और नत्थनपुर क्षेत्र में 350 बीघा चाय बागान व सरकारी जमीन भूमाफिया खुर्द-बुर्द कर रहे हैं। याचिका में बताया गया कि इस जमीन को 1960 में ही सरकार में निहित किया जाना था, लेकिन लाडपुर, नत्थनपुर और रायपुर क्षेत्र में कई भूमाफिया द्वारा इस जमीन को गैरकानूनी तरीके से बेचा जा रहा है।