सड़क सुधारीकरण की मांग को लेकर खैनुरी के ग्रामीणों ने शुरू की आर-पार की लड़ाई
चमोली: सड़क सुधारीकरण की मांग को लेकर खैनुरी गांव के ग्रामवासी पिछले 02 महिनो से कर्मिक अनशन पर बैठे हुए हैं. ग्रामीणों की मांग है कि चमोली से खैनुरी गांव को जोड़ने वाले सड़क मार्ग की स्थिति लंबे समय से बदहाल बनी हुई है. शासन और प्रशासन के सामने बार-बार सड़क की स्थिति को लेकर पत्राचार किया गया है. लेकिन शासन और प्रशासन की ओर से सड़क के सुधारीकरण को लेकर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की गई है.
चमोली: सड़क सुधारीकरण की मांग को लेकर खैनुरी गांव के ग्रामवासी पिछले 02 महिनो से कर्मिक अनशन पर बैठे हुए हैं. ग्रामीणों की मांग है कि चमोली से खैनुरी गांव को जोड़ने वाले सड़क मार्ग की स्थिति लंबे समय से बदहाल बनी हुई है. शासन और प्रशासन के सामने बार-बार सड़क की स्थिति को लेकर पत्राचार किया गया है. लेकिन शासन और प्रशासन की ओर से सड़क के सुधारीकरण को लेकर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की गई है.
ग्रामीणों का कहना है कि बदहाल सड़क मार्ग के कारण ग्रामीणों को आवाजाही में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सड़क की स्थिति इतनी खतरनाक बनी हुई है कि कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. ग्रामीणों की सुरक्षा को देखते हुए आज उन्हें इस तरह से आंदोलन करने को मजबूत होना पड़ रहा है.
ग्राम प्रधान रेखा बिष्ट का कहना है कि सड़क मार्ग से दर्जनों गांव के करीब 1500 हजार से अधिक आबादी जुड़ी है. उन्होंने कहा कि सरकार जनता की समस्याओं के समाधान के लिए ‘सरकार जनता के द्वार’ कार्यक्रम चला रही है. लेकिन जिस तरह की समस्याएं खैनुरी गांव के लोगों को झेलनी पड़ रही है. उनके समाधान के लिए पिछले 02 दिनों से अनशनकारियों की सुध लेने कोई नहीं पहुंचा है. प्रशासन की अनदेखी से साबित होता है कि सरकार विकास के खोखले दावे कर रही है.
वहीं, आंदोलन में कई ग्रामीण मौजूद होकर आंदोलन को अपना समर्थन लगातार दे रहे हैं. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो आमरण अनशन, चक्का जाम के साथ उग्र आंदोलन करेंगे. वहीं, लोकसभा चुनाव का भी बहिष्कार किया जाएगा.
वही सड़क के सुधारीकरण को लेकर कलक्ट्रेट परिसर में गरजे खैनुरी गांव के ग्रामीण
अपर चमोली-खैनुरी (साढ़े नौ किमी) सड़क के सुधारीकरण की मांग को लेकर खैनुरी गांव के ग्रामीणों ने पिछले 2 महिनो से प्रतीक्षालय धरने पर बैठे ग्रामीणों का कहना कि अगर सुधारीकरण नही तो हुये तो लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेगे..
वही ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट परिसर में धरना प्रदर्शन दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने पीएमजीएसवाई के अधिशासी अभियंता (ईई) का घेराव किया। कहा कि सड़क बारिश से जगह-जगह क्षतिग्रस्त होने से यहां वाहन नहीं चल पा रहे हैं। ऐसे में ग्रामीणों को करीब 10 किमी पैदल चलना पड़ रहा है। यदि शीघ्र सड़क का सुधारीकरण नहीं किया गया तो अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया जाएगा।
खैनुरी गांव में मौजूदा समय में 250 से अधिक परिवार रहते हैं। गांव को यातायात से जोड़ने वाली सड़क बारिश के कारण करीब चार किलोमीटर तक भूस्खलन से क्षतिग्रस्त है। ग्रामीणों को करीब 10 किलोमीटर की पैदल दूरी तय करनी पड़ती है। इससे गुस्साए ग्रामीण
प्रधानपति विरन्द्र बिष्ट ने कहा कि वर्ष 2008 में सड़क का निर्माण हुआ था लेकिन सड़क मानकों के अनुरूप नहीं बनी है। यहां नाली नहीं बनाई गई जिससे बरसात में पानी सड़क पर आ रहा है और सड़क जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गई है। ऐसे में बीमार लोगों को अस्पताल तक पहुंचाने में दिक्कतें हो रही हैं। ग्रामीणों को कही बार आश्वासन दिया कि मौके पर जब भी सड़क बंद होगी तो सूचना मिलने पर सड़क को खोल दिया जाएगा।