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Chhattisgarh में Hasdeo जंगल के बचाव के लिए धरातल पर उतरे ग्रामीण

छत्तीसगढ़ में हसदेव जंगल को बचाने के लिए पूरे राज्य में बड़ी मुहिम चल रही है। कोयला खनन के लिए हसदेव में बीते एक सप्ताह से भारी मात्रा में पेड़ कट रहे हैं। इसके चलते पूरे गांव के लोग सरकार के खिलाफ विरोध कर रहे हैं। आइए आगे पढ़ते है कि पूरा मामला क्या है?

नव वर्ष 2024 शुरू हो चुका है। नए साल की शुरुआत लोग अपने जीवन को लेकर बहुत से अहम फैसले लेकर करते है। सभी लोगों की यहीं कामना रहती है कि उनके लिए नया साल नए अवसर और खुशियां लेकर आए। हालांकि यह सबके साथ सामान्य नहीं हो पाता है। बता दे कि छत्तीसगढ़ के हसदेव जंगल(hasdeo forest) निवासी आदिवासी और गांव के लोगों के लिए नव वर्ष की शुरुआत परेशानियों और दुखों से हुई है। सभी लोग अपने जंगल जिसे वह अपनी धरोहर मानते है। उसके बचाव के लिए धरातल पर उतर आए है। 

क्या है पूरा मामला?

कोयला खनन के लिए दो सालों से हसदेव जंगल से पेड़ काटे जा रहे है। इसके विरोध में सभी गांव वाले लगातार प्रदर्शन कर रहे है। उनका कहना है कि पेड़ों की कटाई से पर्यावरण को भारी नुकसान होगा। वहां हसदेव जंगल और नदी पर 10 हजार से ज्यादा लोग और बहुत से जानवर भी आश्रित है। जंगल में हाथी के साथ-साथ 25 से ज्यादा जंगली जीव भी रहते है। ऐसे में अगर जंगल से पानी नहीं मिल पाएगा तो इंसान और जानवर दोनों को ही परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

छत्तीसगढ़ बचाव संगठन के प्रमुख आलोक शुक्ला ने किया ट्वीट

हसदेव अरण्य में जब पेड़ों की कटाई शुरू हुई तो पुलिस जवानों की तैनाती की गई थी। इसके अलावा जो पर्यावरण प्रेमी है उनके नजरबंद किया गया था। इसी में से एक छत्तीसगढ़ बचाव संगठन के प्रमुख आलोक शुक्ला ने ट्विटर पर हसदेव को बचाने के लिए अभियान चला रहे है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि ये विनाश सिर्फ एक पूंजीपति की जिद के लिए है, जो हसदेव से ही कोयला निकालकर मुनाफा कमाना चाहता है। जो हसदेव असंख्य जीव, जंतुओं का घर है, हमारी सांसें जिससे चलती हैं, उसका ऐसा विनाश, प्रकृति कभी माफ नहीं करेगी।

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