पहाड़ दरकने से विकासनगर-त्यूणी मोटरमार्ग अवरुद्ध

उत्तराखंड़ में लगातार पहाड़ दरकने की घटनाएं बढ़ती जा रही है। पहले जोशीमठ और अब विकासनगर त्यूनी में भी पहाड़ दरकने का मामला सामने आया है। जेपीआरआर मोटर मार्ग पर अचानक पहाड़ दरककर गिरने से खलबली मच गई। सड़क पर खड़ी बाइक और पुलिस का बैरियर मलबे के साथ टौंस नदी में जा गिरा। गनीमत रही कि घटना के समय कोई वाहन वहाँ से नहीं गुजर रहा था, वरना कोई बड़ा हादसा हो सकता था। वहीं, मलबा आने से सड़क बंद हो गई। जिससे सैकड़ों वाहन देर रात तक यहाँ फंसे रहे। मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया गया है। वहीं, राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों ने भूस्खलन की जांच करके कार्रवाई की बात कही है।

दरआसल, त्यूनी पुल के पास सड़क चौड़ीकरण के कार्य के लिए पहाड़ की कटिंग की जा रही है। रविवार दोपहर को पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा दरककर सड़क पर आ गिरा। अचानक आए मलबे के कारण आसपास के लोगों में खलबली मच गई। मलबा इतना ज्यादा था कि सड़क पर खड़ी एक बाइक और पुलिस का बैरिकेड उसके साथ टौंस नदी में समा गया।

सहायक अभियंता, राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण खंड, अनिल बिष्ट ने कहा कि, त्यूनी में सड़क पर भारी मलबा आने की सूचना मिली है। अधिकारियों को मौके पर रवाना किया गया है। मलबा आने के कारणों की जांच करके लापरवाही बरतने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

वहीं, सड़क बंद होने के कारण दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। आपको बता दें कि, 707-बी राष्ट्रीय राजमार्ग त्यूनी, हनोल, मोरी और उत्तरकाशी का मुख्य मार्ग है। इसके अलावा विकासनगर, देहरादून और हिमाचल प्रदेश के शिमला, रोहडू, हाटकोटि आदि जाने वाले वाहन भी इसी मार्ग से गुजरते हैं।

ऐसे में बड़ी संख्या में वाहन देर रात तक फंसे रहे। राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण खंड ने करीब तीन बजे मलबा हटाने का कार्य शुरू कर दिया था। लेकिन, मलबा हटाने की गति धीमी होने और मौके पर किसी अधिकारी के मौजूद नहीं होने से मार्ग के देर रात तक खुलने की संभावना नजर आ रही थी।

त्यूनी पुल के आसपास सड़क को चौड़ा करने के लिए पहाड़ की कटिंग का कार्य तीन दिन पहले तक जारी था। बताया जा रहा है कि तीन दिन पहले ठेकेदार और विभाग को इस बात का एहसास हो गया था कि पहाड़ के एक बड़े हिस्से में दरार आ चुकी है और वह कभी भी खिसक सकता है। इसलिए कटिंग बंद कर दी गई। लेकिन, क्षेत्र में सावधानी के लिए न तो बोर्ड लगाए गए और न ही कोई अन्य सुरक्षा इंतजाम किए गए।

यही नहीं, इतनी बड़ी घटना के बाद भी देर शाम तक भी कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा था। विभाग में मेट पद पर कार्य करने वाले स्थानीय निवासी एक व्यक्ति के दिशा-निर्देशन में ही मलबा हटाने का कार्य चलता रहा।

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