अब नहीं बच पाएंगे अपराधी, सीएम के सख्त आदेश: सत्यापन कराना होना अनिवार्य…

देहरादून। उत्तराखंड में अब बहारी राज्यों के लोगों के लिए छुपना आसान नहीं होगा। सीएम पुष्कर सिंह धामी की सख्ती के बाद पुलिस ने किरायेदार सत्यापन नियम काफी कड़े कर दिए हैं। जिसके तहत सत्यापन के लिए किरायेदार को अपने मूल जनपद थाने से चरित्र प्रमाण पत्र व सत्यापन की रिपोर्ट के साथ ही एक शपथपत्र भी देना होगा। पुलिस ने किरायेदार सत्यापन में नये नियामावली को लागू कर दिया है। उल्लंघन करने वालों पुलिस एक्ट तहत कार्रवाई की जायेगी। उत्तराखंड में अब तक किरायेदार के सत्यापन नियम काफी सरल थे। किरायेदार को सिर्फ एक प्रारूप भरकर उसके साथ अपना आधार कार्ड व अन्य दास्तां वेज लगाने कर पुलिस के पास जाम करने होते थे। पुलिस उसे जांच के लिए सम्बन्धित प्रदेश के थाने को भेज देती थी। पुलिस सूत्रों की मानें तो दूसरे राज्य की पुलिस उन दास्तां वेज को वापस ही नहीं लौटा रही थी। काफी संख्या में लोगों के फर्जी दस्तावेज लगाकर भी सत्यापन कराने की बात भी सामने आ रही थी। जिससे किरायदार सत्यापन का काम सिर्फ कागजी होकर रह गया था। पुलिस सत्यापन के इस सरल नियम का सबसे ज्यादा फायदा बहाली राज्यों के अपराधियों को मिल रहा था। अपराधी दूसरे राज्यों में अपराध करके यहां आसानी से रह रहे थे। बताते हैं पिछले दिनों सीएम पुष्कर सिंह धामी की सख्ती के बाद डीजीपी ने सत्यापन की नई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की है।जिसके तहत किरायेदार को अपने मूल थाने सत्यापन रिपोर्ट, चरित्र प्रमाण पत्र के साथ ही एक शपथपत्र देना होगा। पुलिस इसके लिए किरायेदार को कुछ समय भी देगा। स्थानीय पुलिस किरायेदार द्वारा उपलब्ध कराए ग्रे दास्तवेजो की आनलाइन पड़ताल करेगी। नियम का पालन न करने वाले मकान मालिक का पुलिस अधिनियम 2007 की धारा 83 के तहत कार्रवाई होगी। पुलिस के नये नियम लागू होने के बाद उत्तराखंड में अपराधियों का सिर छुपना आसान नहीं रहेगा।

 

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