उत्तकाशी में एक महिला ने सरकारी अस्पताल पर किडनी चोरी(Kidney stolen) करने का आरोप लगते हुए मुकदमा दर्ज कराया है। वर्ष 2014 में पथरी के कारण उठे दर्द के कारण सरकारी अस्पताल के चिकित्सक पर आपरेशन के दौरान किडनी चोरी(Kidney stolen) करने का आरोप लगाया है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजीएम) कोर्ट में इस मामले में मुकदमा दर्ज किया है।
यह था मामला
सुभानी देवी ने बताया कि मार्च, 2014 में पित्ताशय में पथरी होने के कारण उसकी तबीयत खराब हो गई, जिसके बाद जिला अस्पताल के सर्जन डा. अश्वनी कुमार चौबे की देखभाल में भर्ती रही। अल्ट्रासाउंड में दोनों किडनी सामान्य थीं। जिला अस्पताल में नौ अप्रैल 2014 को डा. अश्वनी कुमार चौबे ने फिर से भर्ती कराया और 11 अप्रैल को आपरेशन किया। उपचार के बाद वह घर आई।
कुछ दिनों पूर्व उसको फिर असहनीय दर्द हो उठा जिसके इलाज के लिए वह कोरोनेशन अस्पताल गई जहां अल्ट्रासाउंड में चिकित्सकों ने एक किडनी न होने की जानकारी दी गई।
इस बारे में जब आदिक जानकारी ली गयी तो उन्होंने बताया की महिला ने केवल पित्ताशय में पथरी का आपरेशन आरोपित चिकित्सक से कराया था। उसके अलावा कोई भी आपरेशन नहीं कराया है। उन्होंने आरोप लगाया कि उसकी एक किडनी पित्ताशय का आपरेशन करने वाले चिकित्सक ने गायब की है।
सुभानी देवी ने कहा कि उत्तराखंड का कोई भी अस्पताल उनकी किडनी का कलर डाप्लर अल्ट्रासाउंड व सीटी स्कैन कराने के लिए तैयार नहीं हुआ। जिसके बाद वह राय अस्पताल एंड मैटरनिटी सेंटर रोहडू शिमला हिमाचल प्रदेश गई।
रोहडू के चिकित्सकों ने बताया कि जो किडनी गायब हुई है, उस जगह पर घाव बना हुआ है। जिसका उपचार वही चिकित्सक कर सकता है जिसने आपरेशन किया।
जिला अस्पताल उत्तरकाशी में सूचना का अधिकार के तहत आपरेशन संबंधित जानकारी मांगी, परंतु जिला अस्पताल की ओर से सूचना नहीं दी गई।