उत्तराखंड का गंगाजल मिट्टी के बर्तनों में विदेश भेजा जाएगा
दरअसल, कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत को समूह व पीसीयू के पदाधिकारियों द्वारा आम की लकड़ी से बने काष्ठ आवरण और मिट्टी के पात्र दिखा दिए गए हैं। उनसे पास होने के बाद अब इसके प्रचार प्रसार की तैयारी है। गौरतलब है कि पीसीयू अब देश विदेश में गंगाजल भेजने के लिए आम के काष्ठ के आवरण में बंद मिट्टी के पात्र का भी इस्तेमाल करेगा।
इतना ही नहीं बल्कि नेचर महिला स्वयं सहायता समूह हरिद्वार के सहयोग से गंगा जल को घर-घर पहुंचाया जाएगा। इससे होगा यह कि गंगाजल छह महीने तक सुरक्षित रहेगा। जबकि प्लास्टिक के डिब्बों में दशा विपरीत हो जाती थी। यूनियन के प्रबंध निदेशक मान सिंह सैनी की मानें तो पूजा के दौरान हरि के ऊपर चढ़ाए गए पुष्प से निर्मित धूप भी गंगाजल के साथ भक्त जनों को दी जाएगी।
गंगाजल 251, 551, और 1100 रुपए की अलग अलग पैकेजिंग के साथ देश व विदेश में उपलब्ध कराया जा सकेगा। इधर, मंत्री डा. रावत ने का भी कहना है कि कांसेप्ट काफी अच्छा है। इसका व्यापक स्तर पर प्रचार और प्रसार करने की आवश्यकता है। ये तो हर कोई जानता है कि हिंदू धर्म में गंगाजल को काफी पवित्र माना जाता है। ऐसे में यह पहल वाकई अच्छी है।