उत्तराखंड

Uttarakhand : ढोल बजाने से मना करने पर अनुसूचित जाति के युवक पर लगाया जुर्माना,28 लोगों पर मुकदमा दर्ज

Uttarakhand : एक अनुसूचित जाति के ढोल वादक द्वारा बैसाखी के पर्व पर आयोजित धार्मिक आयोजन में ढोल न बजाने पर सवर्ण जाति के लोगो द्वारा पंचायत बैठाकर ढोल वादक पर जुर्माना लगा दिया गया।

Uttarakhand : राज्य से एक बहुत ही शर्मनाक मामला सामने आया हैं। बता दें कि एक अनुसूचित जाति के युवक पर ग्राम पंचायत ने इसलिए जुर्माना लगा दिया क्योंकि उसने बैसाखी के पर्व पर आयोजित धार्मिक आयोजन में ढोल बजाने से मना कर दिया। यह मामला चमोली के जोशीमठ प्रखंड स्थित सुभाई चांचड़ी गाँव का हैं।

जहां एक अनुसूचित जाति के ढोल वादक द्वारा बैसाखी के पर्व पर आयोजित धार्मिक आयोजन में ढोल न बजाने पर सवर्ण जाति के लोगो द्वारा पंचायत बैठाकर ढोल वादक पर जुर्माना लगा दिया गया। हालांकि अब मामला थाने पहुंचा तो स्वर्ण जाति के 28 लोगो के ख़िलाफ़ पुलिस ने एससी-एएसटी एक्ट में मुक़दमा दर्ज कर लिया।

Uttarakhand : पुष्कर लाल के ख़िलाफ़ 5000 हज़ार रुपये का जुर्माना लगा दिया

चाँचडी गाँव के अनुसूचित जाति के ग्रामीणों ने कोतवाली जोशीमठ में आकर पुलिस को बताया कि बीती मई में गांव में बैसाखी मेला था, जिसमें उनकी जाति के ढोल वादक पुष्कर लाल को ढोल बजाने की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन स्वास्थ्य खराब होने के कारण वह ढोल नहीं बजा पाए । जिससे नाराज गांव के सवर्णों ने पंचायत बुलाकर पुष्कर लाल के ख़िलाफ़ 5000 हज़ार रुपये का जुर्माना लगा दिया ।

इसके बाद पुष्कर लाल के द्वारा पंचायत में जुर्माना जमा भी करवा दिया गया। लेकिन पंचायत के द्वारा पुष्कर लाल को उनके हक़हकूको सहित पानी के धारें से भी वंचित रखने की बात कही गई।

Uttarakhand : 28 सवर्ण लोगों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट में नामजद मुकदमा दर्ज

इस मामले पर जोशीमठ कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक राकेश भट्ट ने बताया कि चांचड़ी गांव के 28 सवर्ण लोगों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट में नामजद मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

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इस पूरे मामले में सवर्ण जाति के ग्रामीणों का कहना है कि गांव में होने वाले मेले में शराब पीकर आने वाले शरारती तत्वों को रोकने के लिए पंचायत हर साल मेले में नियम क़ानून तोड़ने वाले व्यक्ति पर जुर्माना तय करती हैं।सालों से चली आ रही व्यवस्था के तहत पुष्कर लाल के ऊपर भी जुर्माना लगाया था । हालांकि हक़ हकूको से वंचित रखने वाली बात ग़लत हैं।

 

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