विधानसभा भर्ती घोटाला : सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की हटाए गए कर्मचारियों की याचिका

प्रदेश की विधानसभा में हुए भर्ती घोटाले में हटाए गए कर्मचारियों को सुप्रीम कोर्टे ने बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने बर्खास्त कर्मचारियों द्वारा लगाई याचिका को खारिज कर दिया है। इस मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में न्यायाधीश संजीव खन्ना व न्यायाधीश सुंदरेश की खंडपीठ ने नैनीताल हाईकोर्ट की डबल बेंच के फैसले को बरकरार रखते हुए हटाए गए कर्मियों की याचिका को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के आज के इस फैसले के बाद 228 तदर्थ कर्मियों को बड़ा झटका लगा है।

उत्तराखंड विधानसभा की अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है।
उन्होंने कहा कि तदर्थ कर्मियों के मामले में विधानसभा अध्यक्ष के नाते उन्होंने जो निर्णय लिया था, उस पर आज सुप्रीम कोर्ट ने अपनी मुहर लगा दी है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से साफ हो गया है कि बतौर स्पीकर उन्होंने इस मामले में किसी भी प्रकार के पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर निर्णय नहीं लिया था। गौरतलब है कि बीते 24 नवंबर को हाईकोर्ट ने स्पीकर ऋतु खण्डूड़ी के 228 तदर्थ कर्मियों को हटाने सम्बन्धी फैसले को सही ठहराते हुए सिंगल बेंच द्वारा तदर्थ कर्मियों को दिए गए स्टे को खारिज कर दिया था।
इसके बाद तदर्थ कर्मियों ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी।

इन तदर्थ कर्मियों की नियुक्ति 2016 से 2021 के बीच हुई थी। पूर्व विस अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल के कार्यकाल में हुई 150 और प्रेम चंद अग्रवाल के कार्यकाल में हुई 78 भर्तियां शामिल हैं। इन नियुक्तियों को इस साल 23 सितंबर को विधासनभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिश पर रद्द कर दिया था।

नियुक्तियां रद्द किए जाने के सरकार के निर्णय के खिलाफ बर्खास्त कर्मी हाईकोर्ट पहुंचे थे जहां न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने उनकी बर्खास्तगी पर अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी थी। इस आदेश के खिलाफ सरकार डबल बेंच में गई थी। डबल बेंच ने विधानसभा स्पीकर ऋतु खंडूडी के फैसले को सही ठहराते हुए स्टे को खारिज कर दिया था जिसके बाद कर्मचारियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button