उत्तराखंडधर्म-संस्कृति

उत्तराखंड: उत्तरायणी मेले का हुआ आगाज़, सीएम धामी ने दी शुभकानाएं

उत्तरायणी मेले के शुभारंभ के अवसर पर कार्यक्रम में सीएम धामी ने वर्चुवल रूप से जनता को संबोधित करते हुए राज्य को सर्वश्रेठ बनाने की अपील करी।

मुख्यमंत्री ने उत्तरायणी मेले के शुभारंभ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में वर्चुवल रूप से जनता को संबोधित किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि संस्कृति के संरक्षण में मेलों की महत्वपूर्ण भूमिका है। कुमाऊँ की काशी बागनाथ नगरी में लगने वाले उत्तरायणी मेले का संस्कृति व धार्मिक महत्व है। इससे पूर्व सांसद अजय टम्टा व जिपं अध्यक्ष बसंती देव, विधायक सुरेश गड़िया तथा पार्वती दास समेत जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने रिबन काटकर व दीप प्रज्ज्वलित करके मेले का शुभारंभ किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयास से राज्य में मानसखंड व केदारखंड को विश्व पटल पर लाया गया है। मुख्यमंत्री ने जनता को उत्तरायणी मेले की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस बार की मकर संक्रांति व माघ माह खास इसलिए है कि इस बार अयोध्या में बहुप्रतीक्षित राम विराजमान हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य कार्यक्रमों के पूर्व नियोजित होने व शासकीय कार्यों की व्यस्तता के चलते वे खुद मेले में पहुंच नहीं पाए। उनकी हार्दिक इच्छा थी कि वे मेले में स्वयं आएं। उन्होंने देवभूमि के लोकपर्व उत्तरायणी और मकर संक्रांति की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कुमाऊँ की काशी, बागेश्वर में बाबा बागनाथ के मंदिर की छांव तले, सरयू गोमती और अदृश्य सरस्वती नदी के संगम तट पर आयोजित होने वाले उत्तरायणी मेले की आप सभी को बधाई देता हूँ। उन्होंने कहा मकर संक्रांति एकमात्र पर्व है, जिसका आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही दृष्टियों से व्यापक महत्व है। कहा कि उत्तरायणी मेले ने लोगों को जोड़ने का कार्य किया है। मकर संक्राति के पावन अवसर पर पतित-पावनी सरयू नदी खासकर त्रिमाघी स्नान के साथ पौराणिक बागनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना का पौराणिक काल से ही विशेष धार्मिक महत्व रहा है। राष्ट्र और संस्कृति को प्रत्यक्ष रूप से जानने का अवसर प्रदान करने वाला यह सांस्कृतिक मेला, निश्चित रूप से हमारी आगामी पीढ़ी के लिए सामाजिक समरसता को प्रगाढ़ करने का कार्य करेगा। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी बद्री दत्त पांडे समेत कई सेनानियों को नमन करते हुए कहा कि उनकी प्रेरणा से कुली बेगार जैसी कुप्रथा का अंत हुआ। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड राज्य को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति का योगदान और स्वच्छता को संस्कार के रूप में अपनाने की भी जनता से अपील की।

सांसद अजय टम्टा ने कहा कि सरयू बगड़ की क्रांति का अलग महत्व है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश विश्व की ताकत बन रहा है। उन्होंने कहा कि इस बार राम मंदिर बनना देश के लिए गौरवपूर्ण क्षण है। इस दौरान सांसद ने राज्य में खेल की अलख जगाने के लिए बागेश्वर से निकली ध्वज रैली को ध्वज सौंपकर रवाना किया। साथ ही राज्य स्तरीय बैटमिंटन प्रतियोगिता के खिलाडियों को भी सम्मानित किया।

जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देव ने कहा कि मेले हमारी धरोहर है, इन्हे संजोए रखना हम सभी का दायित्व बनता है। उन्होंने कहा कि बागेश्वर का आजादी में बहुत बडा योगदान रहा है कुली बेगार प्रथा का समापन इसी बागनाथ की भूमि से सरयू गोमती के संगम पर हुआ था,इसलिए भी बागेश्वर का महत्व और भी बढ़ जाता है।

विधायक कपकोट सुरेश गढिया व विधायक पार्वती दास ने भी जनता को सम्बोधित किया। कहा कि यह मेला अपने आप में एक बहुत बड़ा धार्मिक और ऐतिहासिक व पौराणिक मेला है। उत्तरायणी मेला इस बार भव्य रूप से मनाया जा रहा है।

जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने जनपदवासियों को मकर संक्राति एवं उत्तरायणी मेले की शुभकामनाएं दी। तथा सभी अतिथियों को स्वागत किया। उन्होंने बाबा बागनाथ से सभी के सुख एवं समृद्धि की कामना की। कार्यक्रम में अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट के एकमात्र जीवित बचे स्वतंत्रता सेनानी आनंद सिंह बिष्ट और स्वतंत्रता सेनानी स्व.बद्री दत्त पांडे के पौत्र कर्नल रवि पांडे को सम्मानित किया। साथ ही उत्तरायणी पुस्तक का विमोचन किया।

इससे पूर्व तहसील परिसर से विभिन्न विद्यालयों के बच्चों तथा विभिन्न सांस्कृतिक दलों द्वारा आकर्षक सांस्कृतिक झांकी का प्रदर्शन किया गया जिसका शुभारम्भ महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल एवं पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड भगत सिंह कोश्यारी व राज्य मंत्री शिव सिंह बिष्ट समेत जिला पंचायत अध्यक्ष बंसती देव, विधायक कपकोट सुरेश गढिया, बागेश्वर पार्वती दास, जिलाधिकारी अनुराधा पाल आदि ने संयुक्त रूप से हरी झण्डी दिखाकर किया गया। सांस्कृतिक झॉकी तहसील परिसर से प्रारम्भ होकर शहर के विभिन्न मार्गाे से होते हुए नुर्माइश मैदान में समाप्त हुई।

कार्यक्रम का संचालन जयंत भाकुनी द्वारा किया गया। इससे पूर्व अतिथियों ने नुमाइश मैदान में लगे विभिन्न स्टालों का निरीक्षण किया। उत्तरायणी मेले में विभिन्न विभागों द्वारा अपने विभागीय स्टॉल स्थापित कर सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी मेलार्थियों को दी। तथा कई विभागों द्वारा जनपद में किए गए नवाचार कार्यों को भी प्रदर्शित किया गया।

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