उत्तराखंड में सीएम धामी ने जनवरी माह में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने के संकेत दिए है। यूसीसी के ड्राफ्ट तैयार करने के लिए गठित समिति जल्द ही अपनी रिपोर्ट धामी सरकार को सौंप सकती है। माना जा रहा है कि रिपोर्ट मिलने पर 22 जनवरी के बाद प्रदेश सरकार कभी भी विधानसभा का विशेष सत्र आहूत कर सकती है। साथ ही लोकसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री प्रदेश में यूसीसी लागू करने का वादा भी पूरा सकते हैं।
जानकारी अनुसार सर्वोच्च न्यायालय के रिटायर्ड जस्टिस रंजना देसाई की अध्य्क्षता में गठित पांच सदस्यों की टीम ने समान नागरिक संहिता की ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार कर ली है। वहीं 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्धघाटन के बाद ही मुख्यमंत्री धामी यूसीसी लागू करने की कवायद शुरू कर देंगे।
आपको बता दे की मुख्यमंत्री धामी 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश की जनता से प्रदेश में यूसीसी लागू करने का वादा किया था। और पहली कैबिनेट बैठक में ही सबसे पहला फैसला यूसीसी को लेकर किया। जिसके बाद 27 मई 2022 को विशेषज्ञ समिति बनी और कार्यकाल बढ़ाए जाने के बाद अब 27 जनवरी को समिति का कार्यकाल समाप्त हो रहा है।
यूसीसी में यह हो सकते है खास प्रावधान:
1. महिलाओं के लिए विवाह की आयु बढ़ाकर 21 वर्ष।
2. विवाह पंजीकरण अनिवार्य होगा।
3. जो व्यक्ति अपनी शादी का पंजीकरण नहीं कराएंगे वे सरकारी सुविधाओं के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे।
4. लिव-इन जोड़ों को अपने फैसले के बारे में अपने माता-पिता को सूचित करना होगा
5. हलाला और इद्दत की प्रथा बंद होगी। बहुविवाह (एक से अधिक पत्नियां रखने की प्रथा) भी गैरकानूनी होगा।
6. पति-पत्नी को तलाक लेने का समान हक दिया जाएगा।
7. मसौदे में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर भी सिफारिश हो सकती है।