राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की मंजूरी मिलने के बाद अगले शैक्षणिक सत्र 2024-25 से बीटेक प्रोग्राम में छात्रों के वार्षिक प्रवेश की संख्या को 180 से बढ़ाकर 200 कर दिया गया है, जिनमें जूनियर रिसर्च फेलोशिप और स्व-वित्तपोषित योजना के तहत पीएचडी प्रोग्राम में प्रवेश लेने वालों छात्रों की संख्या पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
वहीं पीएचडी प्रोग्राम के लिए इंस्टीट्यूट फेलोशिप के तहत सीटों की संख्या 40 से बढ़ाकर 60 कर दी गई है। एनआइटी श्रीनगर में सीटों की संख्या बढ़ने का लाभ उत्तराखंड के छात्रों को मिलेगा।
निदेशक प्रो. अवस्थी ने बताया कि संस्थान में फैकल्टी और अधिकारियों-कर्मचारियों के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया भी जारी है। बेसिक साइंसेज में स्नातकोत्तर प्रोग्राम शुरू करने की मंजूरी भी बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की तरफ से मिल गई है। उत्तराखंड राज्य के स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों और उनके अभिभावकों के लिए यह अच्छी खबर है।
आगामी शिक्षासत्र से स्ववित्त पोषित योजना के अंतर्गत गणित, भौतिकी, रसायन विज्ञान विषयों में पीजी कक्षाएं शुरू होंगी। हर विषय में पीजी की 20 सीटें संचालित होंगी।
संस्थान के कुलसचिव पद के लिए हुए साक्षात्कार में डॉ. हरि मौल आजाद को चयनित किया गया है। उन्होंने बताया कि कुलसचिव पद के लिए जारी विज्ञप्ति के सापेक्ष कुल प्राप्त 16 आवेदन में से 11 आवेदनों को योग्य पाया गया था, जिसमे से केवल पांच उम्मीदवार साक्षात्कार के लिए उपस्थित हुए थे। साक्षात्कार के उपरांत चयन समिति की सिफारिश के आधार पर बोर्ड ऑफ गवर्नर्स द्वारा डॉ. हरि मौल आजाद को एनआईटी उत्तराखंड के नए कुलसचिव के रूप में मंजूरी दे दी गई है।