उत्तराखंड

उत्तराखंड: अब खूंखार कुत्तों को पकड़ेगी डॉग स्क्वाॅड, 7 दिन रहेंगे निगरानी में

आवारा कुत्तों को पकड़ कर डॉग स्क्वाॅड द्वारा उन्हें एबीसी कैंपस में निगरानी के लिए रखा जाएगा। जहां निगरानी के बाद अगर कुत्ता उग्र नहीं रहा तो उसे वापिस उसी स्थान पर छोड़ दिया जाएगा।

उत्तराखंड में अब जल्द ही कुत्तों के काटने की शिकायतों पर संज्ञान लिया जाएगा। इसके तहत शहरी विकास निदेशालय ने एसओपी जारी कर दी है। इसके तहत हर नगर निकाय को एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) मॉनिटरिंग कमेटी का गठन करने के साथ ही डॉग स्क्वाॅड बनाना होगा। यह कमिटी खूंखार कुत्तों के काटने की शिकायतों का संज्ञान लेकर उनकी जांच करेगी।

इसके तहत जिस भी व्यक्ति को किसी कुत्ते ने काट लिया है तो उस शिकयतकर्ता के अनुसार यह डॉग स्क्वाॅड उस क्षेत्र में जा कर कुत्ते को पकड़ कर उसे करीब 7 दिनों की निगरानी में रखेगा। आवारा कुत्तों की हर दो माह में पशु चिकित्सक समीक्षा करेंगे। इस प्रक्रिया में पशु क्रूरता से बचाव रखा जाए। कई दिनों की निगरानी में रखने के बाद भी अगर ये साबित हुआ कि कुत्ता उग्र है, तो उसे मूल जगह पर वापस नहीं छोड़ा जाएगा। उसे फिर चिकित्सा की निगरानी में रखा जाएगा और अगर आवारा कुत्ते के खूंखार वाले व्यवहार में बदलाव आता है तो उसे वापस उसी स्थान पर छोड़ दिया जायगा।

शिकायतकर्ता का नाम, पता, फोन नंबर, कुत्ते के काटने की तिथि, समय, स्थान की जानकारी सहेजेगी। आवारा कुत्ते के काटने की पुष्टि होने पर डॉग स्क्वाॅड (डॉग वैन, ड्राइवर, दो डॉक कैचर) पकड़ लेगी। इसके बाद उसे एबीसी कैंपस में निगरानी के लिए रखा जाएगा।

बता दें कि पिछले कुछ समय से आवारा कुत्तो के काटने की खबरों में कुछ ज्यादा ही इज़ाफ़ा हुआ है जिसको देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।

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