उत्तराखंडउधम सिंह नगरचमोलीदेहरादूनपर्यटनपिथौरागढ़रुद्रप्रयाग

Uttarakhand News: विभागों को समयबद्धता से एक्शन प्लान बनाने के निर्देश दिए

उत्तराखण्ड में हॉर्टीकल्चर एवं जैविक खेती, आयुष एवं वेलनेस हब, पर्यटन, वन क्षेत्र, ऊर्जा , शिक्षा, स्वास्थ्य साबित होंगे ग्रोथ इंजन : मुख्य सचिव रतूड़ी

Uttarakhand News:देहरादून। विजन उत्तराखण्ड @2047 के सम्बन्ध में विभागों को राज्य में बेहतरीन संभावनाओं वाले क्षेत्रों की पहचान करते हुए उन्हें ग्रोथ इंजन के रूप में चिन्हित करने की हिदायत देते हुए मुख्य सचिव  राधा रतूड़ी ने सभी विभागों को समयबद्धता से इस सम्बन्ध में एक्शन प्लान बनाने के निर्देश दिए हैं। सचिवालय में विकसित भारत @2047 के तर्ज पर विकसित उत्तराखण्ड @2047  के तहत विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने के सम्बन्ध में बैठक लेते हुए मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने विकसित उत्तराखण्ड @2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने में बाधा बन रही सरकारी नीतियों की नई परिस्थितियों के अनुरूप समीक्षा पर बल दिया।
मुख्य सचिव  राधा रतूड़ी ने कहा कि उत्तराखण्ड में पर्वतीय कृषि में विशेषरूप से जैविक कृषि, एरोमेटिक व जड़ी-बूटियां, आयुष, रिन्युएबल एनर्जी, वन सम्पदा, पर्यटन तथा आईटी व एमएसएमई को पहले ही उत्तराखण्ड विजन 2030 के तहत ग्रोथ ड्राइवर के रूप में चिन्हित किया जा चुका है। इसके साथ ही सशक्त उत्तराखण्ड पहल के तहत राज्य की सकल घरेलू उत्पाद को दुगना करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य की पर्यावरणीय विरासत को संरक्षित करते हुए समावेशी विकास एवं रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए कार्य किया जा रहा है। बैठक में चर्चा के दौरान उत्तराखण्ड में हॉर्टीकल्चर एवं जैविक खेती, आयुष एवं वेलनेस हब, पर्यटन, वन क्षेत्र, ऊर्जा क्षेत्र, शिक्षा, स्वास्थ्य को मुख्य ग्रोथ ड्राइवर के रूप में विजन 2047 के डॉक्यूमेंट में महत्व देने पर चर्चा हुई।

Uttarakhand News:नीतियों की नई परिस्थितियों के अनुरूप समीक्षा, विकास की बाधाओं को खत्म किया जाए

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि मुख्य ग्रोथ इंजन के रूप में होर्टीकल्चर और आर्गेनिक फार्मिंग के तहत उच्च मूल्य वाली फसलें सुगंधित और औषधीय पौधों, पॉलीहाउस-खेती, बागवानी फसलों, केसर, सेब और कीवी फल, स्थानीय खट्टे फल और अखरोट की खेती को बढ़ावा देना होगा। कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करना, कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करने के लिए विकेन्द्रीकृत सौर ऊर्जा संचालित कोल्ड स्टोरेज और प्रसंस्करण इकाइयाँ स्थापित करना होगा । कृषि-पर्यटन के बागवानी को पर्यटन के साथ एकीकृत करना होगा । सेब मिशन, कीवी मिशन, 2023-2030 के तहत राज्य भर में फैली 12 परियोजनाओं के माध्यम से सेब उत्पादन को 10 गुना बढ़ाना और किसानों की आय को 10-15 गुना बढ़ाना है। जलवायु-लचीली कृषि रणनीति के हिस्से के रूप में किसानों को 50,00,00 पॉलीहाउस प्रदान करना है । खट्टे फल और अखरोट मिशन के तहत फसल क्षेत्र के अलावा बागवानी किसानों की आय बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभाएगी। जैविक राज्य के विजन के तहत राज्य को जैविक उच्च मूल्य वाले उत्पादों के रूप में विकसित करना, विशेष रूप से राज्य के पहाड़ी क्षेत्र में बाजरा मिशन, हर्बल मिशन और फूल मिशन सफल बनाना है।

Uttarakhand News:बेहतरीन संभावनाओं वाले क्षेत्रों को  ग्रोथ इंजन के रूप चिन्हित करने के निर्देश दिए

मुख्य सचिव  राधा रतूड़ी ने आयुष विभाग के अधिकारियों के हिदायत दी कि प्रमुख विकास चालक के रूप में आयुष और वेलनेस हब की अपार संभावनाएं हैं। उत्तराखंड आयुष नीति – 2023 के तहत उत्तराखंड को विश्व प्रसिद्ध आयुष गंतव्य में बदलना है। राज्य में दुर्लभ औषधीय पौधों की 1,000 से अधिक प्रजातियाँ मौजूद हैं। औषधीय पौधों की खेती, आयुष विनिर्माण, स्वास्थ्य सेवा, कल्याण, शिक्षा और अनुसंधान प्रमुख क्षेत्र हैं। राज्य में 900 हेक्टेयर क्षेत्र में 2500 मीट्रिक टन उत्पादनऔर 30 करोड़ रुपये का राजस्व के साथ इस क्षेत्र में 232 प्रमाणित आयुर्वेद, 8 होम्योपैथी और 2 यूनानी विनिर्माण इकाइयाँ हैं इस क्षेत्र का जीएसडीपी योगदान 4000-5000 करोड़ रुपये है।
20,000-25,000 लोग रोजगार में संलग्न हैं विजन 2047 के तहत उत्तराखंड को देश का प्रमुख आयुष गंतव्य बनाना है जड़ी-बूटियों और एमएपी उत्पादन राज्य बनाना, लगभग 40,000 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर किया जाएगा। राज्य के 100 गंतव्यों को वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित करना, 1000 आयुष गांव और योग ग्राम बनाना है।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि राज्य में ग्रोथ इंजन के रूप में  पर्यटन का अत्यंत महत्व है, यह जीएसडीपी में 10-12 प्रतिशत का योगदान देता है और 4 लाख लोगों को रोजगार प्रदान करता है। राज्य में मान्यता प्राप्त इको-टूरिज्म हॉटस्पॉट फूलों की घाटी (यूनेस्को विरासत स्थल), बिनसर वन्यजीव अभयारण्य और नंदा देवी बायोस्फीयर है। राज्य ने 59.6 मिलियन से अधिक घरेलू पर्यटकों और 1.5 लाख विदेशी पर्यटकों का स्वागत किया है। प्रमुख पर्यटक आकर्षण आध्यात्मिक, कल्याण, साहसिक, प्रकृति, वन्यजीव, खगोल-पर्यटन, इको-टूरिज्म स्थल है ।
इको-टूरिज्म जोन में शुद्ध-शून्य उत्सर्जन वाले मॉडल इको-टूरिज्म गांवों की स्थापना, स्थायी पर्यटन प्रथाओं को बढ़ावा देना (जैसे, अपशिष्ट से ऊर्जा संयंत्र, सौर ऊर्जा से चलने वाले आवास) विज़न में है । साहसिक और कल्याण पर्यटन के तहत योग, आयुर्वेद और आध्यात्मिक पर्यटन को एकीकृत करते हुए उत्तराखंड को साहसिक खेलों और कल्याण रिट्रीट के लिए वैश्विक केंद्र के रूप में ब्रांड करें। विजन 2047 के तहत सालाना 200 मिलियन पर्यटकों को आमंत्रित करने और पर्यटन के योगदान को जीएसडीपी के 20 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य है। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि ग्रोथ इंजन के रूप में राज्य में  ऊर्जा क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। राज्य का लक्ष्य आत्मनिर्भरता और निर्यात के लिए 100 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता प्राप्त करना है । जलविद्युत शक्ति का उपयोग करके हरित हाइड्रोजन उत्पादन में उत्तराखंड को भारत का अग्रणी राज्य बनाना है।
2047 तक शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन ऊर्जा क्षेत्र में परिवर्तन करना है। मुख्य फोकस क्षेत्र जलविद्युत विस्तार है, सूक्ष्म और लघु जलविद्युत सहित 26215 मेगावाट (वर्तमान 3355.02 मेगावाट) की पूरी क्षमता का दोहन करना है। ग्रिड स्थिरता और ऊर्जा भंडारण के लिए पंप स्टोरेज परियोजनाओं को प्राथमिकता देना है। नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण के तहत सौर और पवन हाइब्रिड प्रणालियों को बढ़ाना, विशेष रूप से जलाशयों (फ्लोटिंग सोलर) पर, पीक डिमांड प्रबंधन के लिए बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीईएसएस) विकसित करना है। हरित नवाचार के तहत औद्योगिक अनुप्रयोग और निर्यात बाजारों के लिए एक हरित हाइड्रोजन हब स्थापित करना, भूतापीय ऊर्जा का दोहन करना है। स्मार्ट-ऊर्जा अवसंरचना के तहत रियल टाइम मॉनिटरिंग और कंट्रोल के साथ राज्य-व्यापी स्मार्ट ग्रिड सिस्टम लागू करना व बढ़ी हुई ऊर्जा दक्षता और चोरी में कमी के लिए स्मार्ट-मीटरिंग परियोजनाओं का विस्तार करना है।
बैठक में अपर मुख्य सचिवआनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव  आर के सुधांशु सहित सभी विभागों के सचिव, अपर सचिव आदि मौजूद रहे।
———
विकसित उत्तराखंड /2047 के विज़न के तहत राज्य की अर्थव्यवस्था को एक समृद्ध, प्रगतिशील एवं स्वस्थ राज्य में परिवर्तित करना है ताकि राज्य के  लोग शिक्षित हो कर एक समतापूर्ण समाज में  लाभकारी रोजगार प्राप्त कर सकें, पर्यावरण और निवासियों के बीच तालमेल बढ़ सके तथा विकास प्रक्रिया सतत और समावेशी हो।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी
Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button