उत्तराखंडचमोलीटिहरी गढ़वालदेहरादूनस्वास्थ्य

Uttarakhand News: आनन्द बर्द्धन ने अर्न्तविभागीय समीक्षा बैठक में प्रतिभाग किया

Uttarakhand News: सभी जिले एवं विभाग बेस्ट प्रैक्टिस अपनाते हुए ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में जल स्रोतों के संरक्षण हेतु लघु एवं दीर्घ कालीन नीतियों पर कार्य करें।

Uttarakhand News: देहरादून । अपर मुख्य सचिव  आनन्द बर्द्धन ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्राकृतिक जल स्रोतों, नौलों- धारो और नदियों के संरक्षण एवं उन्हें पुनर्जीवित करने के लिए बेहतर एवं प्रभावी कार्य योजनाएं बनाकर शासन को भेजें। सभी जिले एवं विभाग बेस्ट प्रैक्टिस अपनाते हुए ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में जल स्रोतों के संरक्षण हेतु लघु एवं दीर्घ कालीन नीतियों पर कार्य करें। उन्होंने कहा संबंधित क्षेत्र के अत्यधिक महत्वपूर्ण, जल स्रोतों का संरक्षण एवं पुनर्जीवीकरण को शीर्ष प्राथमिकता में रखते हुए कार्य किए जाएं। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि चिन्हित किए गए जल स्रोतों एवं नदियों का जिओ-हाइड्रोलॉजिकल अध्ययन करवा कर उसकी नियमित समीक्षा की जाए।

Uttarakhand News: दिक्कत आने पर तुरंत शासन में संबंधित विभाग को अवगत करवाया जाए

उन्होंने सभी जिला अधिकारियों को जिलों के विभिन्न स्थानों पर बनाए गए अमृत सरोवर के ग्राउंड वेरिफिकेशन कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा सारा से संबंधित कार्य योजनाओं में किसी तरह की दिक्कत आने पर तुरंत शासन में संबंधित विभाग को अवगत करवाया जाए। सभी संबंधित विभाग आपसी सहयोग से जल संरक्षण के कार्य को करें। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि सारा के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की जियो – टैगिंग अनिवार्य रूप की जाए। उन्होंने कहा सूखाग्रस्त क्षेत्रों में भू-जल रिचार्ज के दृष्टिगत प्रस्तावित कार्यों को तेज़ी से अमल में लाया जाए । वर्षा आधारित सहायक नदियों/धाराओं की उपचार योजनाओं का निरूपण वैज्ञानिक विधि से किया जाए।

Uttarakhand News: लगभग 2.38 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी को रिचार्ज कर लिया गया है

उन्होंने कहा ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित जल स्रोतों का सतत् रूप से अनुरक्षण सामुदायिक सहभागिता से सुनिश्चित किया जाए। अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी  SARRA श्रीमती नीना ग्रेवाल ने बैठक में बताया कि राज्य में ग्राम स्तर पर 5421 जल स्रोतों, विकासखण्ड स्तर पर 929 क्रिटिकल सूख रहे जल स्रोत, एवं जनपद स्तर पर 292 सहायक नदियों / धाराओं की उपचार गतिविधियां संचालित हैं। इस प्रकार कुल 6350 चिन्हित जल स्रोत का उपचार कार्य गतिमान है। उन्होंने बताया कि जल संरक्षण अभियान 2024 के अंतर्गत 2.51 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी को रिचार्ज करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसके सापेक्ष लगभग 2.38 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी को रिचार्ज कर लिया गया है। अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि जिला समिति द्वारा निरूपित योजनाओं में 50 प्रतिशत SARRA   द्वारा प्रदत्त अंश के रूप में दिया जायेगा व शेष 50 प्रतिशत सम्बन्धित कार्यदायी संस्था/ विभागों द्वारा कन्वर्जेंस के माध्यम से वित्त पोषण से किया जायेगा।

Uttarakhand News: आवश्यक धनराशि विभागों को उपलब्ध करायी जायेगी

क्रिटिकल जल स्रोतों का रिचार्ज जोन/ क्षेत्र, जियो- हाइड्रोलॉजिकल अध्ययन उपरांत ही निर्धारित किया जायेगा।  उन्होंने बताया कि क्रिटिकल जल स्रोतों के चिन्नीकरण एवं उसके उपचार हेतु सारा द्वारा पेयजल निगम, जल संस्थान,  सिंचाई , लघु सिंचाई, वन विभाग एवं ग्रामीण विकास विभाग के साथ मिलकर कार्य किया जा रहा है। अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि जल संस्थान एवं जल निगम द्वारा  पेयजल आपूर्ति हेतु महत्वपूर्ण चिन्हित लगभग 500  जल स्रोतों, जिनमे  विगत वर्षों में जल प्रवाह 50 प्रतिशत से भी कम हो चुका है, ऐसे जल स्रोतों के उपचार हेतु  स्प्रिंग सैड विकास के कार्य, वैज्ञानिक अवधारणा के अनुरूप किए जाने हेतु जल निगम, जल संस्थान एवं वन विभाग को निर्देश दिए गए हैं। इस हेतु SARRA  द्वारा भी  convergence हेतु आवश्यक धनराशि विभागों को उपलब्ध करायी जायेगी. इस अवसर पर अपर सचिव नमामि बंसल, अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान, वर्चुअल माध्यम से विभिन्न जिलों के जिला अधिकारी एवं अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

ये भी पढ़ेंः https://voiceofuttarakhand.com/tehri-news-chief-minister-participated-in-the-restoration-awakening-ceremony/

 

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button