कोरोना के बाद चीन में अब बच्चों में तेज़ी से फ़ैल रहे निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी सभी देशों को अलर्ट जारी किया है। जिसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी देश के सभी राज्यों को निगरानी बढ़ाने के दिशा-निर्देश देने के साथ साथ सभी राज्य में सर्विलांस बढ़ाए जाने की बात कही है।
इसी क्रम में उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट मोड़ पर है। जिस तरह से कोरोना से बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्क था उसी तरह अब भी इस फैलते फ्लू को दखते हुए स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार ने गाइडलाइन जारी की है। उन्होंने कहा है की चीन में छोटे बच्चों में सांस से संबंधित बीमारी माइक्रो प्लाज्मा निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में राज्य में अगर बच्चों पर निमोनिआ, इन्फ्लूएंजा फ्लू के किसी भी प्रकार के लक्षण दिखाई दे तो उन्हें विशेष निगरानी में रखा जाएं।
फ़िलहाल उत्तराखंड में अभी तक इस तरह का कोई मामला नहीं है, लेकिन एहतियात के तौर पर सभी जिलों को भी अस्पतालों में विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य में अस्पतालों में आइसोलेशन बेड, वार्ड, ऑक्सीजन बेड, आईसीयू बेड, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर की पर्याप्त मात्रा में व्यवस्था हो, चिकित्सकों के साथ नर्सिंग स्टाफ की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाएं।
कोई भी अगर इस बीमारी से ग्रष्त जांच के लिए पहुचंता है तो उसके नाक और गले की जांच के सैंपल को नजदीकी मेडिकल कालेज में भेजा जाए। समुदाय स्तर पर यदि कहीं भी परेशानी सामने आती हैं, तो तत्काल जांच की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। तत्काल नियंत्रण, रोकथाम की कार्यवाही की जाए।
वहीं बीमारिया सबसे पहले बुजुर्गो और बच्चों पर होती है वजह है उनकी कमजोर इम्मुनिटी इसलिए इस समय बच्चों और बुजुर्गों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। छींकते, खांसते समय नाक और मुंह को ढकने को मास्क, रुमाल का इस्तेमाल किया जाए। साबुन-पानी से हाथों को बार-बार धोकर साफ रखा जाए।