उत्तराखंड: सरकार की नई पहल, महिलाओं की मिनी गैस एजेंसी “ईंधन सखी”
स्वयं साहयता समूह से जुडी महिलाएं करेंगे मिनी गैस एजेंसी 'ईंधन सखी' का संचालन। गैस सिलेंडर में गैस रिलीफ के लम्बे इंतज़ार को खत्म करने के लिए राज्य सरकार ने शुरू की नई पहल।
अब राज्य के दूर-दराज क्षेत्रों में महिलाओं को रसोई गैस ख़त्म होने के बाद उसको दुबारा भरवाने या नया गैस खरीदने के लिए लम्बा इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा। राज्य सरकार अब महिलाओं की न सिर्फ रसोई गैस की दिक्क्त को दूर करने के लिए बल्कि महिलाओं के रोजगार को बढ़ावा देने के लिए एक नई पहल लेकर आयी है जिसका नाम है “ईंधन सखी”, इनका संचालन स्वयं साहयता समूह से जुडी महिलाएं ही करेंगी इसलिए इस योजना का नाम ‘सखी’ रखा गया है।
पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत प्रदेश के चार जिलों में यह योजना शुरू हो चुकी है जिसके लिए सरकार द्वारा HP कंपनी से करार शुरू किया गया है। वहीं आगे अन्य तेल कंपनियों से भी इस तरह के और भी करार किये जाएंगे।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत घर घर तक गैस तो पहुंच गयी है लेकिन गैस के खत्म हो जाने पर उसे दुबारा भरवाने के लिए खासकर दुरस्त क्षेत्रों की महिलाओं को लम्बा इंतज़ार करना पड़ता था। वहीं इस समस्या के उपाय हेतु ग्राम्य विकास विभाग ने मिनी गैस एजेंसी योजना शुरू की है।
इस योजना में महिलाओं के रोजगार को भी प्राथमिकता दी जाएगी। एसपी कंपनी की ओर से महिलाओं को मिनी गैस एजेंसी संचालन की ट्रेनिंग दी जाएगी। जानकारी अनुसार उत्तरकाशी में 40,टिहरी में 16 और हरिद्वार की 5 महिलाओं सहित कुल 61 ईंधन सखी तैयार हो चुकी है।
क्या होगा “ईंधन सखी” योजना के तहत
इस योजना के तहत मिनी गैस योजना में हर वक़्त 5 भरे हुए गैस सिलेंडर मौजूद रहेंगे। कम्पनी की ओर से हर सिलेंडर पर ईंधन सखी का 20 रूपए तक का कमीशन मिलेगा। बर्नर, चूल्हा, सर्विस, गैस पाइप, नए कनेक्शन आदि दिया जाएगा। साथ ही गांव-गांव में प्रचार-प्रसार करने पर एक हज़ार रूपए अलग से मिलेंगे।