उत्तराखंड: कलियर शरीफ दरगाह पर पहली बार हुआ ध्वजारोहण, भारत माता के लगे नारे
गणतंत्र दिवस के अवसर पर पहली बार कलियर शरीफ दरगाह पर ध्वजारोहण किया गया। भारत माता की जय के नारों के बीच उत्सव को धूमधाम से मनाया।
विश्व प्रसिद्ध मुस्लिम धर्मस्थल पिरान कलियर शरीफ चिश्ती संप्रदाय के सूफी संत अलाउद्दीन अली अहमद साबिर कल्यारी की 13वीं सदी की दरगाह है। उन्हें सरकार साबिर पाक और साबिर कलियारी के नाम से भी जाना जाता था।
आजादी के बाद पहली बार हरिद्वार जिले में रुड़की स्तिथ विश्व प्रसिद्ध मुस्लिम धर्मस्थल पिरान कलियर शरीफ में ध्वजारोहण किया गया। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने भारत माता की जय और मादरे वतन हिंदुस्तान जिंदाबाद जैसे नारों के बीच दरगाह पर तिरंगा फहराया। उन्होंने बताया बताया कि तिरंगे को यहां लहराने का शुभ अवसर मिला है जिससे मैं गदगद हूं और मां भारती को मैं अपना सलाम पेश करता हूं उन्होंने कहा देश के अंदर कोई जगह ऐसी नहीं रहनी चाहिए जहां तिरंगा फहराया जाए।
साथ ही उन्होंने कहा कि पिछले 75 वर्षों से दरगाह पर राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराया गया है। तो इस बार उन्होंने यह प्रथा शुरू कर और समाज को एक सकारात्मक संदेश दें सकें। गणतंत्र दिवस पर पिरान कलियर में राष्ट्रीय ध्वज फहराते हुए उन्हें बहुत खुशी महसूस हुई। वह भारत माता को नमन करते है और देश के शहीदों को श्रद्धांजलि देते है। उन्होंने कहा कि देश में कोई भी जगह ऐसी नहीं होनी चाहिए जहां पर तिरंगा न फहराया जाए क्योंकि उन्हें विश्वास करें कि राष्ट्र पहले आता है।