उत्तराखंड में इन दिनों गुलदारों के हमलों से आमजन में दहशत बढ़ गई है। ज्यादातर जंगलों के आस पास बसे इलाकों में वहां रह रहे लोगों में खौफ का माहौल बना हुआ है। राज्य के कई क्षेत्रों में गुलदारों का आंतक इतना बढ़ गया है कि अँधेरा होते ही लोग घरों में दुबकने पर मजबूर हो जाते है। वहीं देहरादून में भी पिछले 2 महीनों में दो मासूम बच्चों को अपना निवाला बना चूका है।
पिछले कुछ दिनों में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में वन्यजीवों विशेषकर गुलदार के हमलों में तेजी आई है। इससे संबंधित क्षेत्रों में लोगों के बीच भय का माहौल है।
गुलदारों के बढ़ते मामलों की खबर प्रदेश के मुख्य सीएम पुष्कर सिंह धामी को भी लगातार पहुंच रही है लेकिन वन विभाग के अधिकारियों द्वारा कोई भी ठोस कदम न उठाये जाने पर सीएम धामी ने कड़ा रुख अपनाया है। रविवार को देहरादून के गलज्वाड़ी में गुलदार के हमले में 10 वर्षीय बच्चे की मौत की घटना के बाद मुख्यमंत्री धामी ने सोमवार को वन विभाग के अधिकारियों को विधानसभा भवन स्थित कार्यालय में तलब किया और उन्हें कड़ी फटकार लगाई।
सीएम धामी ने मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को फील्ड में जाने और जल्द ही कोई सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए है। मुख्यमंत्री ने वन विभाग के अधिकारियों के विदेश दौरों पर भी रोक लगाने के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव वन को गुलदार समेत दूसरे वन्यजीवों के हमलों की घटनाओं की दैनिक रूप से मानीटरिंग करने के निर्देश दिए।
सभी आवश्यक कदम हैं, उन्हें उठाए जाएं। साथ ही जनता को जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि मानव वन्यजीव संघर्ष को देखते हुए वन विभाग 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहे। साथ ही सीएम धामी ने प्रभावित क्षेत्रों में प्रशिक्षित क्विक रिस्पांस टीमें भेजने को निर्देशित किया।