उत्तराखण्ड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने की प्रेस वार्ता, बताई दो वर्ष की उपलब्धियां
उत्तराखण्ड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डा० गीता खन्ना ने मीडिया सेंटर, सचिवालय परिसर देहरादून में पत्रकारों के साथ प्रेस वार्ता की । इस मौके पर उन्होंने आयोग की पिछले दो सालों की उपलब्धियां बताई ।
उत्तराखण्ड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने गुरूवार को मीडिया सेंटर, सचिवालय परिसर देहरादून में पत्रकारों के साथ प्रेस वार्ता का आयोजन किया। इस अवसर पर उन्होंने आयोग में अपने दो वर्ष के कार्यकाल में प्राप्त उपलब्धियों, चुनौतियों और अनुभवों को मीडिया के साथ साझा किया।
डॉ. गीता खन्ना ने बताया कि आयोग में उनके द्वारा लगभग दो वर्ष पूर्ण होने जा रहे हैं, और इस समय में उन्होंने बच्चों के हित और अधिकारों की सुरक्षा के लिए सक्रियता दिखाई है। उन्होंने बताया कि आयोग, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के साथ मिलकर बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा हेतु प्रयासरत रहा है और राष्ट्रीय स्तर पर भी आयोग ने उत्कृष्ट कार्य किया है।
इसके साथ ही, डॉ. गीता खन्ना ने बताया कि आयोग ने भारत सरकार, सुप्रीम कोर्ट, और अन्य शीर्ष द्वारा आयोजित बैठकों में भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित की है और उत्तराखण्ड हाईकोर्ट की जुविनाईल जस्टीस कमेटी में अपना संवाद स्थापित कर आयोग के अनुरोध पर एक स्टेट स्टेकहोल्डर मीट की है और लगातार आभासी बैठक के माध्यम से व प्रशासन और आयोग के मार्गदर्शन का कार्य रहा है।
डॉ. खन्ना ने बताया कि आयोग ने आपदा प्रबंधन, पुनर्वास हेतु तैयारियों के लिए बैठक का आयोजन किया है और उत्तराखण्ड हाईकोर्ट की जुविनाईल जस्टीस कमेटी में सहयोग करने के लिए बैठक की गई है। उन्होंने बताया कि आयोग ने बालश्रम एंव बालभिक्षावृति उन्मूलन पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया और अंतराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यशाला भी आयोजित की गई है।
आयोग ने ऑनलाइन बाल यौन शोषण पर कार्यशाला, नशे में लिप्त बच्चों के लिए पुर्नवास केन्द्र, और विधानसभा के साथ बाल विधानसभा के द्वितीय सत्र का आयोजन भी किया है। उन्होंने बताया कि आयोग ने सदस्यों के सहयोग से समय-समय पर निजी स्कूलों और कोचिंग संस्थानों का निरीक्षण किया है और उन्हें सुनवाई में बुलाया गया है।
आयोग द्वारा नशे बेचने वाले बच्चों के लिए पुर्नवास केन्द्र और रेस्क्यू किए गए बालश्रमिकों के लिए पुर्नवास केन्द्र की तैयारियों की शासन को संस्तुति की गई । आयोग ने महिला सशक्तिरण और बाल विकास विभाग के साथ मिलकर मिशिंग चिल्ड्रेन के लिए सुझाव शासन को प्रषित किये गये।
आगामी 20 नवम्बर को आयोग ने टिहरी जनपद में बाल दिवस का आयोजन करने का फैसला किया है, जिसमें विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को समर्थन और जागरूकता प्रदान की जाएगी।