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Uttarakhand Cabinet: दो गुना रायल्टी जमा कर मामले का होगा निस्तारण

Uttarakhand Cabinet: भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग अवैध खनन, भंडारण पकड़ने पर जुर्माना लगाता है।

Uttarakhand Cabinet:  देहरादून। कैबिनेट ने उत्तराखंड खनन (अवैध खनन परिवहन एवं भंडारण का निवारण) नियमावली-2024 के उपनियम में संशोधन करने के लिए एक मुश्त योजना को पुनरू लागू करने को मंजूरी प्रदान कर दी है। इससे भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग ने अवैध खनन आदि पर जुर्माने लगाया था और करीब 500 प्रकरण कई स्तरों पर चल रहे हैं, उनमें कई मामलों के निस्तारण होने की उम्मीद है। भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग अवैध खनन, भंडारण पकड़ने पर जुर्माना लगाता है। विभागीय अफसरों के अनुसार, जुर्माना रायल्टी का पांच गुना होता है। जिस व्यक्ति पर जुर्माना लगता था, वह जुर्माने के फैसले से संतुष्ट न होने की दशा में डीएम, कमिश्नर से लेकर शासन स्तर पर अपील करता है।

Uttarakhand Cabinet: वन टाइम सेटेलमेंट योजना लाई गई थी

कई लोग कोर्ट की शरण में भी जाते हैं। इस तरह के करीब पांच सौ मामले हैं, जो कई स्तरों पर चल रहे हैं। इन मामलों के निस्तारण के लिए मार्च-2024 में भी वन टाइम सेटेलमेंट योजना लाई गई थी। अब एक बार फिर ओटीएस स्कीम लागू की जा रही है। भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के निदेशक राजपाल लेघा कहते हैं कि करीब 250 करोड़ जुर्माना के मामले हैं। इसमें से 50 करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं। ओटीएस में रायल्टी का जुर्माना दो गुना जमा करने की व्यवस्था है, जबकि सामान्य तौर पर पांच गुना जमा करना होता है। ओटीएस के तहत सात मार्च-2024 के पहले प्रकरण ही आ सकेंगे।

Uttarakhand Cabinet: खनिकर्म खनिज पर्यवेक्षक सेवा नियमावली 2024 के प्रख्यापन को मंजूरी दी गई

कैबिनेट में उत्तराखंड भूतल एवं खनिकर्म खनिज पर्यवेक्षक सेवा नियमावली 2024 के प्रख्यापन को मंजूरी दी गई है। अभी तक भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग में पर्यवेक्षकों के प्रमोशन की व्यवस्था नहीं थी। अब पर्यवेक्षकों के वरिष्ठ पर्यवेक्षक जैसे पदों पर प्रमोशन हो सकेंगे। कैबिनेट में उत्तराखंड भू-तत्व एवं खनिकर्म अधीनस्थ प्राविधिक सेवा नियमावली 2024 के प्रख्यापन को मंजूरी दी है। राज्य में सैनिक और अर्धसैनिक, केंद्र सरकार के उपक्रम में सेवा देने वाले बाहरी लोगों के परिजन भी पुलिस दरोगा भर्ती में आवेदन कर सकते हैं। ये ऐसे नियमित कर्मचारी होंगे जो राज्य से बाहर नहीं जा सकते। वर्ष 2019 के कार्मिक विभाग के शासनादेश के प्रावधानों को उत्तराखंड पुलिस उप निरीक्षक और निरीक्षक सेवा संशोधन नियमावली में शामिल किया गया है। नए प्रस्तावों को शामिल करते हुए उत्तराखंड पुलिस उप निरीक्षक और निरीक्षक सेवा (संशोधन) नियमावली को कैबिनेट में मंजूरी मिल गई है।

Uttarakhand Cabinet: दरोगा भर्ती में आवेदन का अधकार होगा

इस नियमावली के लागू होने के बाद इंस्पेक्टरों की वरिष्ठता भी निर्धारित की गई है। वर्ष 2018 से पहले इंस्पेक्टर पद पर पदोन्नत हुए कार्मिकों को इससे पहले के प्रावधानों के अनुसार वरिष्ठता प्रदान की जाएगी।इसी के आधार पर उन्हें अगली पदोन्नति भी दी जाएगी, जबकि 2018 के बाद इंस्पेक्टर बने कार्मिकों को उत्तराखंड पुलिस उप निरीक्षक और निरीक्षक (नागरिक व अभिसूचना) सेवा नियमावली 2018 के प्रावधानों के आधार पर वरिष्ठता तय की जाएगी। इसके साथ ही अब एनसीसी के बी प्रमाणपत्र के साथ-साथ सी प्रमाणपत्र को अधिमानी अर्हता में रखा गया है।राज्य में सैनिक और अर्धसैनिक, केंद्र सरकार के उपक्रम में सेवा देने वाले बाहरी लोगों के परिजन भी पुलिस दरोगा भर्ती में आवेदन का अधकार होगा। इस संबंध में कार्मिक विभाग ने 2019 में एक शासनादेश जारी किया था। इसी के प्रावधानों को इस नियमावली में शामिल किया गया है।

Uttarakhand Cabinet: विस में आएगा लोक और निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक

लोक और निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश 2024 के तहत सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले से इसकी भरपाई और इसके सापेक्ष सजा का प्रावधान था, लेकिन पिछले दिनों इस संबंध में उत्तराखंड लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश 2024 लाया गया। उत्तराखंड लोक और निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश 2024 को अब विधेयक के रूप में विस के पटल पर रखा जाएगा, ताकि इस कानून को कड़ाई से लागू कर दंगाइयों पर नकेल कसी जा सके। मंगलवार को हुई कैबिनेट में मंजूरी प्रदान की गई है। अभी तक प्रदेश में पुराना लोक संपत्ति विरूपण अधिनियम लागू था। इसके तहत सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले से इसकी भरपाई और इसके सापेक्ष सजा का प्रावधान था, लेकिन पिछले दिनों इस संबंध में उत्तराखंड लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश 2024 लाया गया।

Uttarakhand Cabinet: दंगाइयों पर कसी जा सकेगी नकल

इसके तहत हड़ताल, दंगों, बंद और आंदोलनों में सरकारी के साथ-साथ निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों से इसकी वसूली करने का प्रावधान किया गया था। एक दावा अभिकरण का गठन किया जाएगा। इसमें कोई भी व्यक्ति और सरकारी संपत्तियों का प्राधिकारी इस दावा अभिकरण में अपना दावा पेश कर सकता है। इस दावे का निस्तारण भी निश्चित समय में किया जाएगा, ताकि जल्द से जल्द नुकसान की भरपाई नुकसान करने वालों से हो सके। यही नहीं यदि किसी आंदोलन, बंद आदि में संपत्तियों को नुकसान पहुंचता है तो इसकी भरपाई संबंधित बंद या आंदोलन का आह्वान करने वाले नेता से की जाएगी।

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